Traas Khanan by Prabodh Kumar Govil

त्रास खनन by Prabodh Kumar Govil in Hindi Novels
"त्रास खनन" ऐसा लगता था जैसे वो अकेला ही नहीं बल्कि उसके साथ कमरे की दीवारें, पर्दे, खिड़कियां और छत भी थरथरा रहे हों। य...
त्रास खनन by Prabodh Kumar Govil in Hindi Novels
सुबह से लेकर रात तक वह उसके साथ बातों में लगा रहता। मानो कोई ऐसा साथी मिल गया जो इस एकांत वीराने में अपनों से भी बढ़ कर...
त्रास खनन by Prabodh Kumar Govil in Hindi Novels
शायद वो लड़का उसके एक लेखक होने के कारण उसकी ओर आकर्षित हो गया हो और उसे भी लिखने- पढ़ने का थोड़ा - बहुत चाव हो। कई बार...
त्रास खनन by Prabodh Kumar Govil in Hindi Novels
वह अब लड़के का फ़ोन उठाने से बचता। कई बार फ़ोन आने पर ही किसी मज़बूरी में उसे उठाता और जल्दी से जल्दी रख देने की फ़िराक़...