आर्यावर्त (अंधकार का अभ्युदय) by sunita maurya in Hindi Novels
एक वर्षा भरी शामबारिश की हल्की बूंदें दिल्ली की पत्थर लगी सड़कों पर पड़ रही थीं। हवा में भीनी-भीनी महक थी — गीली मिट्टी,...