पिशाचनी का श्राप by Ashutosh Moharana in Hindi Novels
गांव धवलपुर की हवा में एक अजीब सी सड़ांध फैली थी। ऐसा लग रहा था जैसे धरती के नीचे कोई पुराना जख्म सड़ रहा हो। हवा ठंडी न...
पिशाचनी का श्राप by Ashutosh Moharana in Hindi Novels
धवलपुर कभी एक ऐसा गाँव था, जिसका नाम सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते थे। वहाँ की अमावस्या की रातें किसी श्राप से कम नहीं थी...
पिशाचनी का श्राप by Ashutosh Moharana in Hindi Novels
शांता के मंदिर के द्वार पर गिरते ही मानो सारा समय ठहर गया। विद्या दौड़ती हुई आई और माँ को अपने सीने से लगा लिया। उसकी आँ...