अनकही मोहब्बत by Kabir in Hindi Novels
कक्षा 9वीं का लड़का आरव अपने मोहल्ले और परिवार के लिए एक सीधा-सादा बच्चा था। माँ उसे हमेशा कहतीं, बेटा, पढ़ाई में थोड़ा...
अनकही मोहब्बत by Kabir in Hindi Novels
खामोश तस्वीरकक्षा 11 का समय था।वेदांत एक साधारण-सा लड़का था—ना ज्यादा दोस्त, ना ज्यादा बातें। बस कोने की बेंच पर बैठकर ड...
अनकही मोहब्बत by Kabir in Hindi Novels
कभी-कभी रूहें वक़्त से नहीं, मोहब्बत से बंधी रहती हैं…और जब कोई जाता है, तो आधा दिल ज़िंदा रह जाता है।”राघव के जाने के ब...
अनकही मोहब्बत by Kabir in Hindi Novels
"जहाँ लोग भगवान और खुदा के बीच फर्क करते हैं, वहाँ दिल की बात अक्सर गुनाह बन जाती है..."गाँव का नाम था मोहम्मदपुर — एक छ...