अनकही मोहब्बत. by vikram kori in Hindi Novels
‎Part 1 — ‎‎सुबह के 6:30 बजे थे। हवा में हल्की ठंडक थी, सूरज अभी-अभी आसमान में उभर रहा था। सड़क पर कम गाड़ियाँ थीं और पक...
अनकही मोहब्बत. by vikram kori in Hindi Novels
‎‎Part 2 — ‎‎अगली सुबह सूरज अपनी रोशनी लेकर फिर आसमान में उभर आया था, पर आज ना हवा में वो ताजगी थी और ना ही रोहन के चेहर...
अनकही मोहब्बत. by vikram kori in Hindi Novels
‎Part 3 — पहली डेट… पहला एहसास ‎‎पहली मुलाक़ात के बाद दोनों के बीच बातों का सिलसिला और तेज़ हो गया था।‎अब सुबह उठते ही उ...