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सुधीर श्रीवास्तव दादा जी द्वारा सृजित हास्य व्यंग्य काव्य संग्रह "यमराज मेरा या...
Rani : हा तो वो जो लड़की फोन पर बात कर रही है वो दिखने में बहुत प्यारी होर मास...
अध्याय 1: धूल और हौसलेउत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव रामगढ़ की कच्ची गलियों में...
मीरा जब घर लौटी तो उसका चेहरा एकदम फीका पड़ चुका था। मन और शरीर दोनों थक चुके थे...
हिंदी सिनेमा का आगाज़ लगभग एक सदी पुराना है। एक सौ दस बरस के सेल्युलॉयड के इस सफ...
Hello Army Sorry Army study के कारण नहीं लिख पाई। Again sorry चलिए Army अब मैं आ...
बडा़ सा बंगला , पेड़ पौधो से घिरा हुआ ।एक बडा़ सा गेट जहा से एक लड़का , जिसकी उम...
It was the beginning of summer holidays. Schools had closed, and there was a lit...
अब इधर नीलिमा की आँखें खुलीं। उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे किसी ने उसके पैर पर हल्की ग...
“यह ग्रंथ समर्पित है भारत के उन संतों को, जिन्होंने भक्ति की समझ देकर सामान्य जन...
प्रस्तावना : 20वीं सदी की शुरुआत में हमारे जीवन का एक नया अध्याय शुरू हुआ। हॉस्टल लाइफ का अनुभव मेरे जीवन में नया था और मैं इसे लेकर बहुत उत्साहित था। मैंने Graduation किया और Post...
हम सब बहोत आम है बेहद आम दरअसल कहा जाए तो हम आम जनता हैकभी कभी तो आम खाने के भी लाले पड़ जाते हैं अरे बात बजट की आ जाती है और कभी कभी बिन बुलाए मेहमान भी आ जाते हैं जिसके चलते अपने...
"अरे नंदू… उठ के जरा देख घड़ी में कितना टाइम हो गया है " मिश्राइन ने चिल्ला कर कहा| "अरे मम्मी सोने भी नहीं देती सोने दो ना" नंदू अपनी दोनों बाहें और मुंह फैलाते हु...
रसोई से सुबह सुबह आती कचोरी और हलवे के घी की खुशबू किसी खास अवसर के होने की गवाही दे रही थी. चटोरों के शहर इंदौर के वैशाली नगर का ये घर जिसके बाहर नेमप्लेट पर ऊपर बड़े बड़े अक्षर में...
जो घर फूंके अपना 1 चीनी हमले से लुप्त हुई फ़ौजी जीवन की मीठास उन्नीस सौ बासठ में भारत पर चीनी आक्रमण के लिए भारतीय सेनायें कतई तैयार नहीं थीं. चीनी थलसेना ने भारतीय थलसेना पर एक-एक...
अखबार आते ही रोज़ की तरह दिन भर का भविष्य जानने के लिए,पेज पलटा।राशिफ़ल वाले कालम में अपनी राशि पर नज़र पड़ते ही आंखे फ़टी सी रह गई।कंही गलती से दूसरी राशि तो नही देख गए।यह भरम होते ही...
बस नमक ज़्यादा हो गया प्रदीप श्रीवास्तव भाग 1 उसके पेरेंट्स कभी नहीं चाहते थे कि वह स्कूल-कॉलेज या कहीं भी खेल में हिस्सा ले। लेकिन वह हिस्सा लेती, अच्छा परफॉर्म करके ट्रॉफी भी जीत...
आज जहाँ लोग-बाग बुलेट ट्रेन पर सफर करने का सपना लिये फिरते हैं। हवाई जहाज पर सफ़र करने का ख़्वाब देखते हैं । अब तो रॉकेट-यात्रा की बात भी की जाने लगी है । वहां ये, हमारे शौकीलाल जी,...
किस्सा उन दिनो का है जब बिल्ली के भाग से सिकहर टूटा था। कम्पनी के एक कर्मचारी को लम्बी अवधि के लिए अवकाश जाने के कारण रिक्त हुए स्थान पर छह महीने की अस्थायी नौकरी पर हमारे शौकीलाल...
शौकीलाल जी के बढ़ते कदम में मैंने बेड़ी डाल दी। ज्योंही वे मेरे क्वाटर के सामने से गुजरने लगे, मैं उन्हें घेर कर खड़ा हो गया। शाम के आठ बजने वाले थे। मैं फुर्सत में था...
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