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--- सपनों का सौदा (लेखक – विजय शर्मा एरी)रात का सन्नाटा पूरे शहर पर छाया हुआ था।...
... विवेक , मुझे बचाओ...."आखिर में इतना कहकर अदिति की आंखें बंद हो चुकी थी....अब...
अगले कुछ दिनों में सब कुछ सामान्य दिखने लगा — पर वो सामान्य था ही नहीं।Raj अपने...
दोस्तों मेरा नाम सरदार मल है और मैं पंजाब के एक छोटे से गांव कोठी का रहने वाला ह...
एपिसोड 2तन्हाईउम्र का अंतर भूलकर मन का कंपन सुबह की ठंडी हवा ऑफिस की इमारत के लॉ...
कृष्णा कैफ़े – भाग 1 (एक प्रेम कथा, जो आस्था और इंसानियत के संगम से जन्मी)---दृश...
( __/)( • . •)( > हे होए हाई यारों और उनकी पारो next ep पढ़ने के लिए सब पधारो,,,...
"माँ पर गीत" सबसे भावनात्मक और दिल को छूने वाला विषय है —नीचे आपको मैं एक पूरा म...
महाभारत की कहानी - भाग-१३८ पंचदश दिन के युद्ध में द्रुपद और विराट वध प्रस्तावन...
बारिश की हल्की बूँदें खिड़की के शीशे से टकरा रही थीं। हवा में मिट्टी की खुशबू घु...
आज मानव संवेदनाओं का यह दौर बड़ा ही भयावह है। इस समय मानव त्राशदी चरम सीमा पर चल रही है। मानवता की गमगीनता चारों तरफ बोल रहीं है जहां मानव चिंतन उस विगत परिवेश को तलासता दिख रहा है,...
नरेन्द्र उत्सुक एक ऐसे व्यक्तित्व का नाम है जिसे जीवन भर अदृश्य सत्ता से साक्षात्कार होता रहा। परमहंस सन्तों की जिन पर अपार कृपा रही। सोमवती 7 सितम्बर 1994 को मैं...
स्वतंत्र सक्सेना की कविता काव्य संग्रह सरल नहीं था यह काम स्वतंत्र कुमार सक्सेना सवित्री सेवा आश्...
कुछ रचनाऐं भाव के प्रवाह मेंं .... सोचने को मजबूर करेंगी । संवाद तब पूर्ण होगा जब पाठक पढ़ेगा और चिंतन करेगा।
"बेनाम शायरी"??? ?? ??? ?? ???क्रूर भी है, निष्ठुर भी है, वो खुदा मेरा मगरुर भी है।"बेनाम" हलक में बैठा वो खुदा मेरा गुरूर भी है।।??? ?? ??? ?? ???कोई लफ्ज...
इतनी कृपा दिखना राघव, कभी न हो अभिमान, मस्तक ऊँचा रहे मान से, ऐसे हों सब काम। रहें समर्पित, करें लोक हित, देना यह आशीष, विनत भाव से प्रभु चरणों में, झुका रहे यह शीष। कर...
सिर्फ तुम... यकीन नहीं होता कभी हम मिले थे कुछ तुम दर्द में थे, कुछ हमें भी गिले थे.. ये अधूरा इश्क़ कब पूरा सा हुआ, कब अधूरी सी ज़िन्दगी पूरी सी हुई.. ये बेदर्द सी खुशियां, इतनी हसी...
?????????????? अब हम भी इश्क दोबारा करेंगे उजड़े हुए दिल फिर से बसेंगेहम कभी तो फिर से मोहब्बत करेंगेमाना दिल में जख्म अभी ताजा हैकभी तो ये जख्म भी भरेंगेअब हम भी इश्क...
काव्य संकलन - समय का दौर वेदराम प्रजापति मनमस्त सम्पर्क सूत्र. गायत्री शक्ति...
1. हमारे प्रेम के अमरत्व का पल तुम्हारा स्वर सदा की तरह, आत्मीयता के चरम बिंदु सा कोमल था. आगे महाभारत है, अब वापस आना नहीं होगा. तुम मेरी शक्ति हो, तुम्हारे नयन सजल हुए, तो मैं...
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