Quotes by Deepak Bundela Arymoulik in Bitesapp read free

Deepak Bundela Arymoulik

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फॉलोअर्स की तालियाँ सुनते-सुनते
आप अपने दिल की आवाज़ दबा रहें हैं...

जी हां आज के समय इंसान समाज में रहते हुए भी अकेला हो चुका हैं लेकिन वो इसे इसलिए नहीं स्वीकारता हैं क्योंकि उसके पास सोशल मिडिया पर अपने निजी रिश्तों से ज्यादा लोगों की फौज जो हैं लेकिन क्या ये फौज उसके वास्तविक जीवन के करीब हैं...? नहीं यहां वास्तविक जीवन का कोई मोल नहीं हैं क्योंकि ये सोशल की दुनियां सिर्फ और सिर्फ झूठे दिखावे की सत्यता पर आपस में एक दूसरे से जुडी हैं... लेकिन जहां सत्यता हैं वहां कम लोग हैं लेकिन सुखी हैं. जो इस झूठ के मायाजाल में पहले तो औरो को फसाते हैं और एक समय ऐसा आता हैं जब वे स्वयं ही बर्वाद हो जाते हैं.... कुछ समहल जाते हैं तो कुछ दुनियां में रहते हुए भी गुमनाम हो जाते हैं...

एक सामाजिक जागरूकता की आस में एक कहानी जल्दी ही आपके समक्ष होंगी..

"फॉलोअर्स का साया"

दीपक बुंदेला "आर्यमौलिक"

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💠प्यार में वादा दिल का रिश्ता है।
💠रिश्तों में वादा विश्वास और कर्तव्य का रिश्ता है।
💠व्यापार में वादा नियम और लाभ का रिश्ता है।

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जय श्री कृष्ण

वो कहते तो बहुत हैं कि याद बहुत करते हैं मुझे
गर कोशिश करें वो मिलने की तो मिल भी जाऊं मैं

मिली जो नज़र से नज़र का ना मिला कोई किनारा हैं
ज़िन्दगी भर यादों में रहे यही तो बस इक वो सहारा हैं

-Deepak Bundela AryMoulik

जब मचल जाए ज़िन्दगी तो सम्हल जाना तुम
जैसे जैसे बदले ये ज़माना तो बदल जाना तुम

-Deepak Bundela AryMoulik

बीत जायेगी ये दौर-ए-ज़िन्दगी की दास्तां भी
बाद मरने के ही सबका सुकूं-ए-दौर आएगा...!!

हर रोज पीछा अपना करने को निकलता हूं
कहां जाता हूं कहां से लौट कर आ जाता हूं

-Deepak Bundela AryMoulik

https://merilekhani.in/

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लाशें कई मिली थी मुझको बोलती सी
वहां आने जाने वालों को टटोलती सी
राज वे-दर्द ज़माने के कुछ खोलती सी
मशीनी आदमियों के कानों बोलती सी
मरे तो हम हैं यहां तुम क्यों मरे हुए हो
देखी हैं लाशें ऐसी भी मैंने बोलती सी

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