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GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

@ganeshptewarigmail.com064906


परमधाम उसको मिले, कहे वचन जो सत्य। मुक्ति मिले जग कर्म से,
होता वह कृतकृत्य।। दोहा--172
(नैश के दोहे से उद्थृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

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धर्म नीति पर जो चला, मिला उसे सम्मान। किन्तु घुसा जो पाप में,
हुआ बहुत अपमान।।
(नैश के दोहे से उद्धृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

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नियम बनाकर स्वयं जब, वह देता है तो़ड़। नियम मानना अन्य भी, निश्चिच देता‌ छोड़।। दोहा--171
(नैश के दोहे से उद्धृत)
---गणेश तिवारी 'नैश'

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मानव जो संग्रह करे, होगा कभी विनाश। सदा‌ नहीं कुछ भी रहा, हुआ एक‌ दिन नाश।। दोहा--170
(नैश के दोहे से उद्धृत)
--गणेश तिवारी 'नैश'

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पराधीन नर जगत में, चले काल‌ की चाल। काल भगाता है उसे, रहता वह बेहाल।। दोहा--169
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----_गणेश तिवारी 'नैश'

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सूर्यास्त ‌को देखकर, हुआ हमें उल्लास। नहीं किए क्यों ध्यान मम ? आयु‌ हो गयी‌ नाश।। दोहा--168
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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मिलन नहीं होगा पुनः, बिछु़ड़ गए यदि आप। काठ मिलें ज्यों सिन्धु में, फिर हो नहीं मिलाप।।
(नैश के दोहे से उद्धृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

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मातु पिता की टहल‌ से, प्राप्त करे नर‌ स्वर्ग। मान दिया जिस मनुज ने, वह पाता अपवर्ग।।
‌‌‌ दोहा--166
(नैश के दोहे से उद्धृत)
---गणेश तिवारी 'नैश'

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प्रभु दर्शन होता उसे, जिसमें बढ़ती भक्ति। कर्मनाश होता स्वतः मिलती उसको मुक्ति।। दोहा--165
(नैश के दोहे से उद्धृत)
गणेश तिवारी 'नैश'

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मन संज्ञक जो व्याधि है, कैसे होगी ठीक ? अंकुश से वश में करो, स्वतः रहेगी ठीक।। दोहा--164
(नैश के दोहे से उद्धृत)
‌ ----गणेश तिवारी 'नैश'

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