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GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

@ganeshptewarigmail.com064906


पीछे पीछे प्रभु चलें. आगे चलता भक्त। भक्त चरण रज के लिए. ईश हुआ आसक्त।। दोहा--१२७
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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धन दौलत को छोड़कर. रखे ईश का भाव। सुख असीम उसको मिले. गद्गद रहे स्वभाव।। दोहा--126
(नैश के दोहे से उद्धृत)
--- गणेश तिवारी 'नैश'

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इंद्रिय को वश में किया. हुआ पूर्ण वह शान्त। ईश भजन के लिए वह. रहता सदा अशान्त।। दोहा--125
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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मिला. उसी में हो गया. जो मानव संतुष्ट। हर्ष शोक से परे वह. रहे सदा ही तुष्ट।। दोहा--124
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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इस जग में जो हो गया. राग द्वेष से मुक्त। संत पुरुष कहते उसे. रहे हर्ष से युक्त।। दोहा--123
(नैश के दोहे से उद्धृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

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करे रमण जो आत्म में. रहे आत्म में नित्य। नहीं कर्म उसके लिए. वह होता कृतकृत्य।। दोहा--122
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी नैश'

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जिसने जीता दम्भ को. उसको मिलती शान्ति। अरु जीता जो काम को. उसको नहीं अशान्ति। दोहा-121
(नैश के दोहे से उद्धृत)
--गणेश तिवारी 'नैश'

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वह दिल भी क्या धन्य है ? जिस दिल में प्रभु वास। जिस दिल में दो विहग हों. वह दिल वास सुवास।।
दोहा--120
( नैश के दोहे से उद्धृत)
गणेश तिवारी 'नैश'

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धर्म कर्म जिस दिन नहीं. वह दिन जाता व्यर्थ। नहीं बचा यदि शेष दिन . होगा पूर्ण अनर्थ।।दोहा--119
(नैश के दोहे से उद्धृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

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आज बुढ़ापा दूर है. करो आत्म कल्याण। कल कर सकते किस तरह ? नहीं रहेगा प्राण।। दोहा--118
(नैश के दोहे से उद्धृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

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