Quotes by bhagwat singh naruka in Bitesapp read free

bhagwat singh naruka

bhagwat singh naruka

@mystory021699

जन्म ओर मृत्यु तो उसके हाथ में, राम नाम सत्य है सत्य बोलो गत् है ,ये शब्द सब लोगो ने सुना होगा ,आज मेरे नाना श्री ने अपने शरीर को छोड़ दिया ,जब मै वहां गया तो आज बड़े गौर से दिल लगा कर मैने ये शब्द सुना । राम नाम सत्य है सत्य बोलो गत् है , बहुत सुकून वाला शब्द था , फिर मेरे मन में इस शब्द को गहराई से जानने की इच्छा उत्पन्न हुई, उसी भीड़ में एक महानुभाव मिले उन से इस शब्द के बारे जानने की तीव्रता हुई ,
(इतनी भीड़ थी इस शब्द को बोलने वाली लेकिन इस शब्द को बोलते सब है लेकिन उस पर अमल कोई नहीं करता है , लड़ाई झगड़े, झूठ, फरेब भाई भाई के खून का प्यासा आज कल पत्नी पति के खून की प्यासी है हर कोई पैसे संपति के चक्कर में बुड्ढे मा बाप को मार रहे है ,फिर कहते हम सब समझते है ) खैर इस का मतलब बताया
राम नाम सत्य है, सत्य बोलो गत्य है" का अर्थ है कि मृत्यु के समय केवल भगवान राम का नाम ही सत्य है, बाकी सब नश्वर और व्यर्थ है। यह नारा साथ चल रहे लोगों को यह याद दिलाने के लिए है कि जीवन की सारी मोह-माया, धन-दौलत और रिश्ते-नाते क्षणभंगुर हैं, जबकि भगवान का नाम ही एकमात्र शाश्वत सत्य है, जो आत्मा को सद्गति और मुक्ति दिलाता है। "सत्य बोलो गत्य है" का अर्थ है कि सत्य का मार्ग ही मुक्ति का मार्ग है, और राम के नाम का जाप करने से ही मनुष्य को सही रास्ता और शांति मिलती है।
राम नाम सत्य है": यह इस बात पर जोर देता है कि जन्म लेने वाले हर व्यक्ति की मृत्यु निश्चित है। मृत्यु एक अटल सत्य है, और भगवान राम का नाम इस सत्य का प्रतीक है। यह सांसारिक सुखों और भौतिक चीजों को नश्वर और असत्य मानता है।
इसका अर्थ है कि सच बोलकर और सत्य के मार्ग पर चलकर ही आत्मा को सद्गति या मुक्ति मिलती है। यह बताता है कि जो लोग जीवन भर सत्य बोलते और अच्छे कर्म करते हैं, वे मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त करते हैं।
यह वाक्य केवल मृतक के लिए नहीं, बल्कि शव यात्रा में साथ चल रहे परिजनों और मित्रों के लिए एक संदेश है। यह उन्हें याद दिलाता है कि वे जल्द ही इस संसार को छोड़ देंगे, और मृत्यु के बाद केवल उनका कर्म ही साथ जाएगा।

अगर आपको समझ आया तो गौर जरूर करे क्या जो हम कर रहे वो सही है ,अपने आस पास गौर से देखे ,।
कॉमेंट शेयर जरूर करें 🙏
_____________________
लेखक भगवत सिंह नरूका

Read More

मै चला था उस मंजिल की तरफ जहां मेरी सब को जरूरत थी ।लेकिन जब अपने ही मेरे दुश्मन बने तो वापिस कदम जन्म देने वाली मां की तरफ लौट आए, ।
करता भी क्या मै , जुल्म जो मेरी मेरी मां पर हो रहे थे ।इस लिए बड़े भाइयों ने कहा जा यहां हम है ना, जिसने 9 महीने पेट में रखा तुझे आज उस पर आंच आई है ।
मेरे पास शब्द नहीं थे उन मां के लालों के लिए जिन्होंने मुझे मां के आंचल में वापिस भेज दिया और खुद रह गए , तिरंगे की शान में ।

जय हिंद,

Read More