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इस ठंडी रात में यादों की अंगीठी फिर जल उठी, कोई पुराना एहसास चुपके से कंबल बनकर लिपट गया। - Nisha ankahi
चार-सू अँधेरा हो तो क्या, रौशनी बनने की ठान ले, जहाँ दुनिया रुक जाए, तू वहीं से नया आसमान ले। - Nisha ankahi
मुश्किलों की भी एक हद है, और यक़ीन मानो— तुम्हारी हिम्मत उस हद से आगे की कहानी लिखेगी। - Nisha ankahi
तू जो पास हो— तो रातें भी पनाह दे देती हैं, तेरे बग़ैर— चाँद भी बदल लेता है अपना पहलू। - Nisha ankahi
थोड़ी-सी मुस्कान, थोड़ा-सा हाल पूछ लेना— बस इतनी-सी पहल काफी है, दिलों की दूरियों को पिघलाने में कभी बड़े जतन नहीं लगते। - Nisha ankahi
रिश्ते वहीं चलते हैं जहाँ कोई एक दिल से पहल करता है, वरना खामोशियों की भीड़ में सब अपने-अपने घर लौट जाता है। - Nisha ankahi
तेरी मोहब्बत ने क्या किया— रंगरेज़ होकर मेरी हर उदासी को गुलाबी कर दिया। - Nisha ankahi
दिल को राहत, रूह को ठंडी छाँव मिल जाती है, जब तेरी आगोश में उम्र भर की थकान उतर जाती है। - Nisha ankahi
उलझनें कम नहीं होती, समझ बढ़ती जाती है, हर जवाब के पीछे कोई नई बात छुप जाती है। दिल अगर थक भी जाए सुलझाते-सुलझाते, ज़िंदगी फिर एक नया पेच दिखा जाती है। - Nisha ankahi
अब न पलट उस सफ़े को — जहाँ दर्द लिखा था, वक़्त ने नया पन्ना खोला है, जहाँ सुकून लिखा है। - Nisha ankahi
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