Quotes by khwahishh in Bitesapp read free

khwahishh

khwahishh

@poojaahirwar021932

आऊं जो तेरे रूबरू मैं अपनी पहचान पा लेती हूं।
तू मेरे हर रूप से वाकिफ है।
जो दुनिया से परे है वह तू देख पता है।
एक तू ही तो है जो मेरा हर रंग समझ पाता है।
तेरी सूरत तो नहीं देखी पर तू कुछ मुझसा ही लगता है।
मैं जिस हाल में आऊं तेरे सामने तू मुझे वैसा ही दिखता है।
यह तारीफ है तेरी कुछ मेरी बुराई है।
तू दर्पण है तेरी फितरत है औरो सा ढलना।
मैं तो इंसान हूं खुद को तुझसा कर नहीं पाती।
बस यही एक हुनर मैं तेरा हासिल कर नहीं पाती।

Read More

हर्फ़ भी हश्र पे मेरे खामोश हो गए, देखो! उनकी आंखों में हया का एक कतरा भी ना छलका।
- khwahishh

मिटा दिए हैं वह सारे निशान जो तुझ तक पहुँचने का रास्ता बनाते थे अब तेरी गली से दोबारा हम ना गुजरेंगे।
- khwahishh

Read More

यूँ लिख कर मिटा देते हैँ, ख्वाहिशों को पन्नों से,
जैसे कोई अरमान कभी दिल मैं जगा ही ना हो।
- khwahishh

मैं जख्मो के लिबास नहीं पहनता,
शायद इसलिए, कोई मेरी खैरियत नहीं पूंछता।
- 𝓴𝓱𝔀𝓪𝓱𝓲𝓼𝓱𝓱

कश्ती उतार दी है तूफानी लहरों मे अब खुदा जाने के क्या होगा, या तो डूबेंगे बिच भबर मे या सफर जिंदगी का पार होगा।
- khwahishh

Read More

"सुखी आँखों से रोना और बे बक्त हंसना,
ये दो बड़े अहम् निशां है, दीवानो के!"
- khwahishh