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ये भूल जाओ के जिंदगी आपके हिसाब से चलेगी नहीं चलती ये सच्चाई है । 2 3 घंटे की बॉलीवुड मूवी ने ओर bf gf वाले लफड़े ने सबका दिमाग खराब करके रखा है। हमेशा जो दिखता है वो सही हो वो खुश हो ऐसा जरूरी नहीं । कर्मा अपनी तरह काम करेगा वो किसी को दिखने के लिए काम नहीं करेगा । तो अगर खुद के साथ बहुत बुरा हो रहा है बाकी सब गलत करके भी खुश है तो उनसे कंपेयर करना ही बंद कर दो । क्यों किस लिए मत सोचो । ये कंपेयर करके ही जिंदगी जीने की अधि उम्मीद हम खो देते है क्योंकि हमें अपनी लाइफ अच्छी चाहिए उसी वक्त ही हमारी हिम्मत दूसरों के सुख देख कर टूट जाती है के यार इसका भी हो गया मेरा नहीं हुआ । पर क्या कही से भी किसी की जिंदगी आपस में रिलेट करती है ? नहीं करती ना! ये हमारी जिंदगी हमारे हिसाब से ही चलेगी किसी ओर जगह देखने से मतलब ही नहीं है। सुसाइडल thoughts अगर आते है तो तुम्हारे जाने से भी क्या ही जायेगा ये सोचो और एक नई तरह से जिंदगी जीने का सोचो सारे डर को अलग कर दो । मुझे पता है कैसा लगता है जब सब तरफ से गलत ही हो रहा हो तब भी सही बने रहना और जीने की कोशिश करना कितना मुश्किल होता है एक दिन काटने से ज्यादा आसान मरना लगता है पर ये खुद की जिदंगी के साथ सही नहीं है हमने जितना भी एफर्ट अब तक किया उसके साथ सही नहीं है । सूइसाइड करके हम खुद के साथ ही सबसे बुरा करते हैं ऐसा मत करो अगर सब खत्म हो गया है रियल में खत्म करके नई जगह नए लोगों से शुरुआत करो खुद को नयापन दो ये मत करो
जिन्दगी से मैने सीखा# * सब मिलता है पर उस समय नहीं जब आपको उसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो इसलिए जो जितना है उसे महसूस करने की कोशिश करो * दुख में याद रखो वक्त अपने हिसाब से चलता हमारे हिसाब से नहीं * जब ज्यादा दुख दर्द सताने लगे तो उस कारण को अपनाने की कोशिश करो * जब कुछ न हो पाए तो संतोष करो * जब प्यार करो तो उम्मीद न करो क्योंकि प्यार तब ही ज्यादा दर्द देता है जब हम उम्मीद करते है * और अच्छाई करने के बाद ये मत सोचो के आपके साथ अच्छा होगा । अच्छा आप अपने चरित्र के हिसाब से करो ना कि आगे फल अच्छा मिलेगा ये सोच कर या कोई क्रेडिट मिलेगा ऐसा सोच कर ।
ये बदला हुआ सा मौसम ये ठंडी भारी हवा ये बारिश की नमी मुझे याद दिलाता है तेरी ये रात का अंधेरा असमा में फैले तारे वो दूर चमकता चंदा मुझे याद दिलाता है तेरी
ये प्यार भी बड़ी अजीब चीज है दर्द भी इससे हैं और पल पल मरते भी इसी के लिए है
काश......कभी ऐसा दिन भी आए जब मुझे खुद को संभालना न पड़े, जब मुझे खुद को समझाना न पड़े। मुझे जिंदगी गिननी न पड़े । कोई तो ऐसा दिन आए जब में दिल से खुश हो जाऊ । हे मुरारी ,कोई तो हो जो मुझे संभाल ले ! क्या ऐसा हो पाएगा? या मेरा जीवन कल न रहे तो भी कोई शिकायत नहीं । बस ये लोहे सा भरी जिगर लेकर दिनभर गुजारना नहीं हो पाता।
वो संकुचित कर रहा है खुद को के कही और न उलझ जाऊ मैं उससे कही कोई दरारें दिख ना जाए उसकी मुझे मैं देखती हु उसका चेहरा मुस्कुरा देती हु दिल ए करार तुझे इतना तो जानती हु मैं अब इतना भी ना समझूं तो क्या ही उस मोहब्बत का वजूद मानूं
तू चरखे का धागा सजना मैं चरके की चाल चारों ओर घूम भी लू फिर भी तेरे पास उलझी सुलझी डोरी तेरी रोए रोए से ख्वाब मैं आगे बढ़ाऊं तुझे करूं कतरा कतरा साफ फिर बार बार तू आना हर बार तुझे सुलझा सुदृढ़ करूं न रखूं तिनका भी साथ फिर तैयार करूं उस धागे को उस डोरी को उस मौली को जो जोड़ ले हर सुख को हर उम्मीद को
बस यूं ही # tough तो बनाना होगा अकेले रहना है चिकनी चमेली बन के तो काम चलेगा नहीं
अब भी तेरा इंतेज़ार है सब खो जाने के बाद भी मालूम है दुनिया अलग है फिर भी भी चाह हैं कौन करता है ऐसा इश्क इस दौर में या तो मैं मासूम हु या मेरा दिमाग खराब है तेरे अलावा कुछ सोच ही नहीं पाती ना अब कोई भी चाहिए मुझे बस जब तेरे साथ का ख्वाब आता है तो एक सुकून मिल जाता है सोचती हु क्या कभी ऐसा हो पाएगा क्या मेरा इश्क इतना मजबूत है जो तुम्हे मेरे पास ला पाएगा जिंदगी भर खोया है मैने अपनों के लिए बहुत कुछ छोड़ा हैं मैने पर अब एक शांत सी पुकार निकलती हैं की एक दिन ये कामिल हो जाए मुझे वो सारे ख्वाब एक किताब में लिखे हो कही और हकीकत बन जाए कभी हर एक दिन साल सा लगता है कितनी दफे दिल ढूंढता है तुम्हे फिर भी एक आस सी रहती है सालों साल बस यू ही इंतेज़ार करने का मन करता है कभी तो मेरी पुकार सुनी जाएगी कभी तो मेरे ऊपर भी दया आएगी या ना भी हुआ तो क्या अब कही मन लगेगा कहा खुद को कहा फिर देख पाऊंगी कहा मैं फिर ऐसी ठहर पाऊंगी अकेला इंतेज़ार है तो यही सही
प्रेम की उन ऊंचाईयों से गिरने के बाद समझ आया दुनिया के डर यूंही बदनाम है हम जिससे डरते थे उसे भी पार कर आए अब तोड़ने के सारे औजार जंग पड़ गए है - rakhi jain
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