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Rushil Dodiya

Rushil Dodiya

@rushil.dodiya


#gulzar #Anand #1971

मैंने तेरे लिये ही सात रंग के सपने चुने
सपने सुरीले सपने
कुछ हँसते, कुछ ग़म के
तेरी आँखों के साए चुराए
रसीली यादों ने
मैंने तेरे लिये ...

छोटी बातें
छोटी छोटी बातों की है यादें बड़ी
भूले नहीं बीती हुई एक छोटी घड़ी
जनम जनम से आँखें बिछाईं
तेरे लिये इन राहों ने
मैंने तेरे लिये ...

भोले भाले
भोले भाले दिल को बहलाते रहे
तन्हाई में तेरे ख़यालों को सजाते रहे
कभी कभी तो आवाज़ देकर
मुझको जगाया ख़्वाबों ने
मैंने तेरे लिये ...

- गुलज़ार

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#gulzar #bonus

वो शाम कुछ अजीब थी,
ये शाम भी अजीब है
वो कल भी पास पास थी,
वो आज भी करीब है

- गुलज़ार

#khamoshi #1969

#gulzar #bonus

हमसफ़र मेरे हमसफ़र, पंख तुम परवाज़ हम
ज़िंदगी का साज़ हो तुम, साज़ की आवाज़ हम
हमसफ़र मेरे हमसफ़र, पंख तुम परवाज़ हम
ज़िंदगी का गीत हो तुम, गीत का अंदाज़ हम

- गुलज़ार

#purnima #1965

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#gulzar #DoDooniChaar #1968

हवाओं पे लिख दो हवाओं के नाम
हम अनजान परदेसियों का सलाम

ये किसके लिए है, बता किसके नाम
ओ पंछी तेरा ये सुरीला सलाम

शाख पर जब, धूप आई, हाथ छूने के लिये
छाँव छम से, नीचे कूदी, हँस के बोली आइये
यहाँ सुबह से खेला करती है शाम

चुलबुला ये, पानी अपनी, राह बहना भूलकर
लेटे लेटे, आइना चमका रहा है फूल पर
ये भोले से चेहरे हैं मासूम नाम

हवाओं पे लिख दो...

- गुलज़ार

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#gulzar #bandini #1963

मोरा गोरा अंग लई ले
मोहे शाम रंग दई दे
छुप जाऊँगी रात ही में
मोहे पी का संग दई दे

एक लाज रोके पैयाँ
एक मोह खींचे बैयाँ
जाऊँ किधर न जानूँ
हम का कोई बताई दे

बदरी हटा के चंदा
चुपके से झाँके चंदा
तोहे राहू लागे बैरी
मुस्काये जी जलाई के

कुछ खो दिया है पाई के
कुछ पा लिया गवाई के
कहाँ ले चला है मनवा
मोहे बाँवरी बनाई के

- गुलज़ार

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