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#gulzar #Anand #1971 मैंने तेरे लिये ही सात रंग के सपने चुने सपने सुरीले सपने कुछ हँसते, कुछ ग़म के तेरी आँखों के साए चुराए रसीली यादों ने मैंने तेरे लिये ... छोटी बातें छोटी छोटी बातों की है यादें बड़ी भूले नहीं बीती हुई एक छोटी घड़ी जनम जनम से आँखें बिछाईं तेरे लिये इन राहों ने मैंने तेरे लिये ... भोले भाले भोले भाले दिल को बहलाते रहे तन्हाई में तेरे ख़यालों को सजाते रहे कभी कभी तो आवाज़ देकर मुझको जगाया ख़्वाबों ने मैंने तेरे लिये ... - गुलज़ार
#gulzar #bonus वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है वो कल भी पास पास थी, वो आज भी करीब है - गुलज़ार #khamoshi #1969
#gulzar #bonus हमसफ़र मेरे हमसफ़र, पंख तुम परवाज़ हम ज़िंदगी का साज़ हो तुम, साज़ की आवाज़ हम हमसफ़र मेरे हमसफ़र, पंख तुम परवाज़ हम ज़िंदगी का गीत हो तुम, गीत का अंदाज़ हम - गुलज़ार #purnima #1965
#gulzar #DoDooniChaar #1968 हवाओं पे लिख दो हवाओं के नाम हम अनजान परदेसियों का सलाम ये किसके लिए है, बता किसके नाम ओ पंछी तेरा ये सुरीला सलाम शाख पर जब, धूप आई, हाथ छूने के लिये छाँव छम से, नीचे कूदी, हँस के बोली आइये यहाँ सुबह से खेला करती है शाम चुलबुला ये, पानी अपनी, राह बहना भूलकर लेटे लेटे, आइना चमका रहा है फूल पर ये भोले से चेहरे हैं मासूम नाम हवाओं पे लिख दो... - गुलज़ार
#gulzar #bandini #1963 मोरा गोरा अंग लई ले मोहे शाम रंग दई दे छुप जाऊँगी रात ही में मोहे पी का संग दई दे एक लाज रोके पैयाँ एक मोह खींचे बैयाँ जाऊँ किधर न जानूँ हम का कोई बताई दे बदरी हटा के चंदा चुपके से झाँके चंदा तोहे राहू लागे बैरी मुस्काये जी जलाई के कुछ खो दिया है पाई के कुछ पा लिया गवाई के कहाँ ले चला है मनवा मोहे बाँवरी बनाई के - गुलज़ार
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