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ज्यादा सहुलियतों के क्यों बनते हो गुलाम थोड़ा शरीर को भी कष्ट दिया कीजिए रोज करें योगा और थोड़ा पैदल भी चला कीजिए जीभ पर रख कंट्रोल, संतुलित आहार लिया कीजिए आपका थोड़ा सा यह कष्ट डाक्टर की फीस बचाएगा और आपके शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाएगा। सरोज ✍️ - Saroj Prajapati
कभी पहेली सी जिंदगी, कभी सहेली सी जिंदगी जितना इसे सुलझाओगे, उतना उलझते जाओगे रंगकर इसके रंग में,हर पल का आनंद ले पाओगे।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
चिंता,चिता समान फिर भी इसकी ज़द में आने से खुद को कहां रोक पाता इंसान। @sarojप्रजापति✍️ - Saroj Prajapati
सांसों की लय ताल पर नृत्य करते मन के भाव ज्यों जल की तरंगों संग नृत्य करती नाव।। @sarojप्रजापति✍️ - Saroj Prajapati
मत ढूंढिए कोई बहाना,मत ढूंढिए फुर्सत के लम्हे मत खीझिए उनके बार बार पुकारने, फोन करने पर बात बेबात बात करिए उनसे, जिएं उनके संग हर पल क्योंकि पिता रूपी मजबूत छत ने ही दुखों भरी आंधियों का सामना कर आपको सुख रूपी छांव में रखा हमेशा । उनसे ही आज दुनिया में आपका अस्तित्व व पहचान है। जीवन की इस सांझ में बिताएं उनके साथ कुछ वक्त दीजिए उन्हें अपने मजबूत कंधों का सहारा क्योंकि पिता जब एक बार चले जाते हैं ना..... दोस्तों फिर लौटकर नहीं आते। रह जाती है उनकी असीम यादें....... जो वक्त बेवक्त आपके सीने में टीस सी बनकर उठती है और आंखें नम कर जाती है। @sarojप्रजापति✍️..... - Saroj Prajapati
आज अभी जो है, बस वही एक सच है कल किसने देखा, वो तो बस एक छल है जो दिया रब ने उसका शुक्र मनाओ औरों से कहीं ज्यादा उसका तुझ पर करम है। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
लोगों की जलन महसूस करने की अभी हमें फुर्सत कहां आजकल हम तो ज़िदगी को जी भरकर जीने में मशरूफ हैं जरा। @sarojप्रजापति✍️ - Saroj Prajapati
Listen people ज़रा चेहरे पर मुस्कुराहट का झूठा मुखौटा पहनने से पहले आंखों को भी इसकी इतिला कर दिया करो वरना यह नादान, चुगली लगाने में देर नहीं करती। @sarojप्रजापति - Saroj Prajapati
सोचा था ऐ जिंदगी! मिलकर आज तुझसे, करूंगी मैं शिकायतें हजार लेकिन तू भी ना! पक्की सहेली सी है मिलते ही प्यार से, यूं तूने गले लगाया तेरी नेमतों के सिवा, मुझे फिर कुछ नजर ना आया। @sarojप्रजापति ✍️..... - Saroj Prajapati
शुक्रिया और शिकायत.... दोनों ही शब्द एक ही वर्ण से शुरू होते हैं लेकिन अंतर देखिए , जहां एक शब्द कहने और सुनने वाले को सुकून देता है वहीं दूसरा शब्द सुनने और सुनाने वाले दोनों का ही सुकून छीन लेता है। sarojप्रजापति✍️...... - Saroj Prajapati
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