hindi Best Book Reviews Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Book Reviews in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultu...Read More


Languages
Categories
Featured Books

उपन्यास हमारा शहर उस बरस - गीतांजलि श्री By राज बोहरे

साम्प्रदायिक विद्वेश का कच्चा चिटठा -हमारा शहर उस बरस राजनारायण बोहरे गीतांजलि श्री हिंदी की उन लेखिकाओं में से हैं जो कम लिखने के बाद भी खूब चर्चित हैं। इस चर्चा का कारण उनकी रचन...

Read Free

समाज का सच व्यंग्य गणिका -डॉ0 अवधेश चंसौलिया By ramgopal bhavuk

पुस्तक समीक्षा समाज का सच व्यंग्य गणिका पुस्तक : व्यंग्य गणिका काव्य-संकलन लेखक : रामगोपाल भावुक पृष्ठ : 104 मूल्य :125 /- प्रकाशक : रजनी प्रकाशन Delhi 110051 पुस्तक समीक्...

Read Free

‘मुखबिर‘ उपन्यास समीक्षा -राधा रमण वैद्य By राज बोहरे

व्यवस्था की बखिया उधेड़ता उपन्यास - मुखविर ई0एम0फास्टर अपनी किताब ‘पैसेज टू इंडिया‘में कहते हैं कि जब आप दुनिया के साथ जुड़ते हैं तो उसे समझ पाते हैं । ग्वालियर चंबल संभाग डाक...

Read Free

एक कप चाय और...तुम- सुनील पंवार By राजीव तनेजा

अमूमन ऐसा होता है कि जब मैं कोई किताब ऑनलाइन मँगवाता हूँ या फिर कोई मित्र स्नेहवश मुझे अपनी किताब उपहार स्वरूप पढ़ने के लिए भेजता है तो उस किताब पर सरसरी नज़र दौड़ाने के बाद मैं उसे क...

Read Free

विभोम.स्वर - समीक्षा By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

समीक्षा ‘‘हिन्दी चिंतन का विश्व व्यापी निनाँद’ प्रमुख संपादक सुधा ओम ढींगरा-पत्रिका ‘‘विभोम.स्वर’’-जनवरी मार्च2017...

Read Free

पारूल दी - दिनेश पाठक By राज बोहरे

पुस्तक समीक्षा पारूल दी - उम्दा कथाओं का गुलदस्ता- राजनारायण बोहरे पुस्तक - पारूल दी कथा संग्रह...

Read Free

मुट्ठी भर रोशनी By Yashvant Kothari

मुट्ठी भर रोशनी लेखक: दीप्ति कुलश्रेप्ठ प्रकाशक: भूमिका प्रकाशन, दिल्ली पृप्ठ: 579 मूल्य: 400 रु. हिन्दी साहित्य में प्रेमपरक उपन्यासों की बहुत अधिक रचना नहीं हुई है। सामाजिक सरोका...

Read Free

अक्षय आश्रय - अनंग पाल सिंह By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

अक्षय आश्रय उपन्यास अनंग पाल सिंह अनंग समीक्षा-वेदराम प्रजापति मनमस्त जीवन के अहाने है , बदले य...

Read Free

धूल पौधों पर- गोविंद मिश्र By राज बोहरे

उपन्यास धूल पौधों पर,- गोविंद मिश्ररोचक व विचारोत्तेजकगोविन्द मिश्र का दसवां उपन्यास ’धूल पौधों पर’ अपेक्षाकृत छोटे आकार का सधा हुआ उपन्यास है। इसमें मिश्रजी एक ऐसे क्षेत्र में कथा...

Read Free

आलोचना की अदालत समीक्षक वेदराम प्रजापति By राजनारायण बोहरे

कृति आलोचना की अदालत कथाकार श्री राजनारायण बोहरे जी सम्ंपादक के.बी.एल पाण्डेय जी उदीप्त प्रकाशन लखमीपुरा खीरी उ.प्र. समीक्षक वेदराम प्रजापति मनमस्त कृति आलोचना की अदालत...

Read Free

इदन्नमम लेखिका-मैत्रेयी पुष्पा By राज बोहरे

पुस्तक-इदन्नमम लेखिका-मैत्रेयी पुष्पा बुंदेलखण्ड के वर्तमान समाज और संघर्ष की तस्वीर-इदन्नमम मैत्रेयी पुष्पा हिन्दी कथा साहित्य में आंचलिकता की सोंधी सुगन्ध की सशक्त लेखिका...

Read Free

अपने-अपने रामः भगवानसिंह By राज बोहरे

उपन्यास अपने-अपने रामः भगवानसिंह कुछ और परिश्रम की जरूरत थी कुछ मिथक और चरित्र किसी जाति, कौम और धर्म की मिल्कियत बन जाते हैं, जबकि कुछ मिथक, चरित्र और धर्म सार्वजनिक होने क...

Read Free

माउथ ऑर्गन - सुशोभित By राजीव तनेजा

कई बार कुछ किताबों में समाए ज्ञान(?) को पढ़ कर तो कई बार कुछ लेखकों का लिखा पढ़ कर आप उनका इम्तिहान लेते हैं या लेने की सोचते हैं कि बंदे ने आखिर इसमें क्या और कैसा लिखा है? मगर कई ब...

Read Free

मेरी प्रिय कथाएं-राजबोहरे का कहानी संग्रह By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

राजनारायण बोहरे का कहानी संग्रह मेरी प्रिय कथाएं ज्योति प्रकाशन पर्व से प्रकाशित हुआ है, इसमें बौहरे जी की 10 कहानियां शामिल हैं ! दसवीं कहानी मुहिम एक लंबी कहानी है , जो बौहरे जी...

Read Free

सुनील चतुर्वेदी - उपन्यास- ‘गाफिल’ By राज बोहरे

सुनील चतुर्वेदी का उपन्यास ‘गाफिल’ राजनारायण बोहरे उपन्यास-गाफिल लेखक-सुनील चतुर्वेदी प्रकाशक-अन्तिका प्रकाशन दिल्ली सुनील चतुर्वेदी जब भी नया उपन्यास लेकर आते हैं उनके पास सर्वथा...

Read Free

अगन पाखी (उपन्यास) मैत्रेयी पुष्पा By राजनारायण बोहरे

पुस्तक समीक्षा- ग्रामीण स्त्री की महागाथा - अगनपाखी समीक्षक - राजनारायण बोहरे अगनपाखी उपन्यास कथा लेखिका का मैत्रैयी पुष्पा का नया उपन्यास है और इस उपन्यास को लेखिका के रचना...

Read Free

विरहिणी राधा-. राजा मीरेन्द सिंह By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

विरहिणी राधा-. राजा मीरेन्द सिंह ;मगरौरा. ग्वालियर चिंतन झरोखे से एक दृश्य वेदराम प्रजापति मनमस्त पृष्ठांकन सहित अस्सी पृ...

Read Free

बाजार में रामधन - कैलाश बनवासी By राज बोहरे

कैलाश वनवासी का कथा संग्रह भौंचक खडे रामधन और बाजार में बदलता समाज प...

Read Free

केशर कसूरी:शिवमूर्ति By राज बोहरे

कहानी संग्रह केशर कसूरी:शिवमूर्ति स्त्री विमर्श और आमजन की सशक्त कहानियां अपनी कम कहानियों के बूते पर ही आठवें दशक के कहानीकारों की पहली पंक्...

Read Free

आलोचना की अदालत-राजनारायण बोहरे By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

कृति आलोचना की अदालत कथाकार श्री राजनारायण बोहरे जी सम्ंपादक के.बी.एल पाण्डेय जी उदीप्त प्रकाशन लखमीपुरा खीरी उ.प्र. समीक्षक वेदराम...

Read Free

अटकन चटकन- वंदना अवस्थी दुबे By राजीव तनेजा

क़ुदरती तौर पर कुछ चीज़ें..कुछ बातें...कुछ रिश्ते केवल और केवल ऊपरवाले की मर्ज़ी से ही संतुलित एवं नियंत्रित होते हैं। उनमें चाह कर भी अपनी मर्ज़ी से हम कुछ भी फेरबदल नहीं कर सकते जैसे...

Read Free

स्वतंत्र सक्सेना-सरल नहीं था यह काम By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

समीक्षा के आईने में ’’सरल नहीं था यह काम और अन्य कविताएं’’ समीक्षक - वेदराम प्रजापति‘ मनमस्त’तटस्थ नीति के अध्येता ,चिंतन के सहपाठी और ईमानदारी की जमीन को तराशने में हमेशा निरत ,स्...

Read Free

उपन्यास महाकवि भवभूति- रामगोपाल भावुक By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

उपन्यास महाकवि भवभूति - समीक्षात्मक अध्ययन वेदराम प्रजापति ‘मनमस्त’ पद्मावती, पवाया पंचमहल डबरा भवभूति नगर का ए...

Read Free

भावुक’ के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का समीक्षात्मक अध्ययन By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

शोधग्रंथ रामगोपाल तिवारी‘ भावुक’ के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का समीक्षात्मक अध्ययन समीक्षक वेदराम प्रजापति ’बरिष्ठ कवि जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर...

Read Free

यूपी 65- निखिल सचान By राजीव तनेजा

कई बार पढ़ते वक्त कुछ किताबें आपके हाथ ऐसी लग जाती हैं कि पहले दो चार पन्नों को पढ़ते ही आपके मुँह से बस..."वाह" निकलता है और आपको लेखक की लेखनी से इश्क हो जाता है। यकीनन कुछ ना कुछ...

Read Free

रत्नावली रामगोपाल भावुक समीक्षा By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

रत्नावली रामगोपाल भावुक समीक्षा के आइने में- वेदराम प्रजापति ‘मनमस्त’ कभी- कभी, विनोद के लहजे में कही गई अटल सत्...

Read Free

नरोत्तमदास पाण्डेय ’’मधु’’ -भाषा और शिल्प By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

भाषा और शिल्प भाषा अभिव्यक्ति का सहज और प्रमुख माध्यम है। साहित्य के क्षेत्र में अनुभूति के रूप-विधान की सभी पद्धतियाँ भाषा पर ही आश्रित होती हैं। व...

Read Free

रावण-आर्यवर्त का शत्रु- अमीश त्रिपाठी By राजीव तनेजा

किसी को उनकी लेखनी दिलचस्प, बाँध लेने वाली तथा जानकारी से भरपूर नज़र आती है। तो कोई उन्हें भारत के महान कथाकारों में शुमार करता है। कोई उन्हें भारत का पहला साहित्यिक पॉपस्टार कहता ह...

Read Free

नरोत्तमदास पाण्डेय ‘मधु’ की वैचारिकता By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

नरोत्तमदास पाण्डेय ‘मधु’ की वैचारिकता काव्य में भाव-तत्त्व के साथ ही विचार-तत्त्व का भी काव्य में बहुत महत्त्व है। जीवन में अनेक स्थितियों का प्रभाव केवल हार्दिक उद्...

Read Free

नरोत्तमदास पाण्डेय ‘मधु’ का स्फुट काव्य By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

नरोत्तमदास पाण्डेय ‘मधु’ का स्फुट काव्य उपर्युक्त प्रबन्ध रचनाओं और मुक्तक कृतियों के अतिरिक्त ‘मधु’का प्रभूत काव्य स्फुट रूप में है। स्फुट काव्य में कहीं-कहीं क...

Read Free

पिघली हुई लड़की- आकांक्षा पारे By राजीव तनेजा

आम कहानियों की अपेक्षा अगर किसी कहानी में प्रभावी ढंग से समाज में पनप रही विद्रूपताओं का जिक्र हो तो मेरे ख्याल से उस कहानी की उम्र आम कहानियों की अपेक्षा ज़्यादा लंबी हो जाती है। अ...

Read Free

नरोत्तम दास पाणेय ‘‘मधु’’ की मुक्त कृतियां By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

नरोत्तम दास पाणेय ‘‘मधु’’ की मुक्त कृतियां काव्य के निर्बन्ध स्वरूप को मुक्तक कहा जाता है। ‘अग्निपुराण’ में ऐसे श्लोक को मुक्तक कहा गया है जो स्वयं में ही चमत्कारक्षम हो-...

Read Free

नरोत्तमदास पाण्डेय ‘‘मधु’’ की प्रबंध कृतियां By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

नरोत्तमदास पाण्डेय ‘‘मधु’’ की प्रबंध कृतियां ‘‘मधु’’ की प्रबंध कृतियाँ काव्य रूपों की दृष्टि से दो प्रकार की हैं। कुछ कृतियाँ खण्डकाव्य की कोटि की हैं...

Read Free

प्रकाशकान्त: मकतल By राज बोहरे

समीक्षा- मकतल: प्रकाशकान्त साजिशन सजा की दर्दगाथा अपनी सोच साफगोई और सकारात्मक दृष्टि के लिए मशहूर कथाकार प्रकाश कान्त का उ...

Read Free

The चिरकुट्स- आलोक कुमार By राजीव तनेजा

अगर अपवादों की बात ना करें तो आमतौर पर कॉलेज की दोस्ती ...कॉलेज के बाद भी किसी ना किसी माध्यम से हम सबके बीच, तब भी ज़िंदा एवं सक्रिय रहती है जब हम सब उज्ज्वल भविष्य की चाह में अलग...

Read Free

नरोत्तमदास पाण्डेय ‘‘मधु’ और छायावाद By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

ऽ सम सामयिक परिवेश ऽ उन्नीसवीं शताब्दी के अन्तिम दशकों और बीसवीं शताब्दी के प्रथमार्द्ध की परिस्थितियाँ भारतीय जिजीविषा का इतिहास हैं। राजनीतिक आकाश में राष्ट्रीयता की भावना के ऐसे...

Read Free

किस्सा लोकतंत्र: विभूतिनारायण राय By राज बोहरे

उपन्यास किस्सा लोकतंत्र: विभूतिनारायण राय लोकतंत्र का कच्चा चिट्ठा बताती एक उम्दा कहानी हिन्दी उपन्यास का वर्तमान काल उपन्या...

Read Free

पिताजी चुप रहते हैं: ज्ञानप्रकाश विवेक By राज बोहरे

कहानी संग्रह पिताजी चुप रहते हैं: ज्ञानप्रकाश विवेक कविता का मजा देती कहानियाँ कुछ आलोचक जो कविता और कहानी में गलत फहमिया पैदा करके दोनों की भाषा ,...

Read Free

गूंगे नहीं हैं शब्द हमारे-संपादन- सुभाष नीरव, डॉ. नीरज सुघांशु By राजीव तनेजा

पुरुषसत्तात्मक समाज होने के कारण आमतौर पर हमारे देश मे स्त्रियों की बात को..उनके विचारों..उनके जज़्बातों को..कभी अहमियत नहीं दी गयी। एक तरफ पुरुष को जहाँ स्वछंद प्रवृति का आज़ाद परिं...

Read Free

लोकाख्यान में जीवन की खोज: कही ईसुरी फाग By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

लोकाख्यान में जीवन की खोज: कही ईसुरी फाग इतिहास अथवा लोक प्रचलित आख्यान से किसी साहित्यिक कृति को यदि कथानक उपलब्ध हो जाने की सुविधा मिल जाती है तो वहाँ इ...

Read Free

अर्थतंत्र तथा अन्य कहानियां - रमेश उपाध्याय By राजनारायण बोहरे

अर्थतंत्र तथा अन्य कहानियां श्री रमेश उपाध्याय का कहानी संग्रह राजनारायण बोहरे श्री रमेश उपाध्याय का कहानी संग्रह “अर्थतंत्र तथा अन्य कहानियां “ उनका ग्यारहवां कहानी संग्रह हैं । व...

Read Free

सूर: वात्सल्य के विविध आयाम By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

सूर: वात्सल्य के विविध आयाम भक्ति की दार्शनिकता से पुष्ट और अलौकिक अनुग्रह की प्रार्थना के रूप में निर्वदित होते हुए भी सूर की कविता का परिवेश अधिक प्रत्यक्ष, लौकिक...

Read Free

सन्त कवियों की कविता में लोक एवं लोकोत्तर दर्शन By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

सन्त कवियों की कविता में लोक एवं लोकोत्तर दर्शन सन्त काव्य अथवा व्यापक भक्ति काव्य के सम्बन्ध में यह स्थापना आध्यात्मिक दर्शन के रूप में काफी समय तक सरलीकरण की तरह प्रचलित...

Read Free

छबीला रंगबाज़ का शहर By Amit Singh

"छबीला_रंगबाज़_का_शहर" : "जो है, वो नहीं है...और जो नहीं है, वही है।"*********************************छोटे शहर का एक बड़ा रंगबाज़ और हौव्वा है - छबीला सिंह। लेकिन असल में...

Read Free

क्रांति चेतना के कवि कबीर By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

क्रांति चेतना के कवि कबीर कबीर के अप्रतिम व्यक्तित्व और मूल्यप्रेरित काव्य का समग्र और सही विश्लेषण करने वाले विद्वान् हजारी प्रसाद द्विवेदी ने लिखा है कि हिन्दी साहित्य क...

Read Free

शहरीकरण के धब्बे By Neelam Kulshreshtha

शहरीकरण के धब्बे मैं कहानी का बहुत अच्छा पाठक नहीं हूं।कारण ये है कि हिन्दी कहाँनियों में संवेदना का समावेश बहुत ज्यादा रहता है विषय भी अक्सर वही वही रहते हैं।आज के बदले हुए युग मे...

Read Free

लिखी हुई इबारतें By Vinay Panwar

मेरी नज़र से ज्योत्स्ना कपिल साहित्य के क्षेत्र में एक सुपरिचित नाम है। इनके कहानी संग्रह, लघुकथा संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं साथ ही अनेकों संग्...

Read Free

जीवन में महाद्वीपीय विस्तार की कविता By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

जीवन में महाद्वीपीय विस्तार की कविता समकालीन, वर्तमान अथवा आज जैसे काल विभाजक शब्दों से समय की एक अवधि का बोध तो होता है पर ये शब्द समयके निश्चित...

Read Free

उपन्यास हमारा शहर उस बरस - गीतांजलि श्री By राज बोहरे

साम्प्रदायिक विद्वेश का कच्चा चिटठा -हमारा शहर उस बरस राजनारायण बोहरे गीतांजलि श्री हिंदी की उन लेखिकाओं में से हैं जो कम लिखने के बाद भी खूब चर्चित हैं। इस चर्चा का कारण उनकी रचन...

Read Free

समाज का सच व्यंग्य गणिका -डॉ0 अवधेश चंसौलिया By ramgopal bhavuk

पुस्तक समीक्षा समाज का सच व्यंग्य गणिका पुस्तक : व्यंग्य गणिका काव्य-संकलन लेखक : रामगोपाल भावुक पृष्ठ : 104 मूल्य :125 /- प्रकाशक : रजनी प्रकाशन Delhi 110051 पुस्तक समीक्...

Read Free

‘मुखबिर‘ उपन्यास समीक्षा -राधा रमण वैद्य By राज बोहरे

व्यवस्था की बखिया उधेड़ता उपन्यास - मुखविर ई0एम0फास्टर अपनी किताब ‘पैसेज टू इंडिया‘में कहते हैं कि जब आप दुनिया के साथ जुड़ते हैं तो उसे समझ पाते हैं । ग्वालियर चंबल संभाग डाक...

Read Free

एक कप चाय और...तुम- सुनील पंवार By राजीव तनेजा

अमूमन ऐसा होता है कि जब मैं कोई किताब ऑनलाइन मँगवाता हूँ या फिर कोई मित्र स्नेहवश मुझे अपनी किताब उपहार स्वरूप पढ़ने के लिए भेजता है तो उस किताब पर सरसरी नज़र दौड़ाने के बाद मैं उसे क...

Read Free

विभोम.स्वर - समीक्षा By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

समीक्षा ‘‘हिन्दी चिंतन का विश्व व्यापी निनाँद’ प्रमुख संपादक सुधा ओम ढींगरा-पत्रिका ‘‘विभोम.स्वर’’-जनवरी मार्च2017...

Read Free

पारूल दी - दिनेश पाठक By राज बोहरे

पुस्तक समीक्षा पारूल दी - उम्दा कथाओं का गुलदस्ता- राजनारायण बोहरे पुस्तक - पारूल दी कथा संग्रह...

Read Free

मुट्ठी भर रोशनी By Yashvant Kothari

मुट्ठी भर रोशनी लेखक: दीप्ति कुलश्रेप्ठ प्रकाशक: भूमिका प्रकाशन, दिल्ली पृप्ठ: 579 मूल्य: 400 रु. हिन्दी साहित्य में प्रेमपरक उपन्यासों की बहुत अधिक रचना नहीं हुई है। सामाजिक सरोका...

Read Free

अक्षय आश्रय - अनंग पाल सिंह By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

अक्षय आश्रय उपन्यास अनंग पाल सिंह अनंग समीक्षा-वेदराम प्रजापति मनमस्त जीवन के अहाने है , बदले य...

Read Free

धूल पौधों पर- गोविंद मिश्र By राज बोहरे

उपन्यास धूल पौधों पर,- गोविंद मिश्ररोचक व विचारोत्तेजकगोविन्द मिश्र का दसवां उपन्यास ’धूल पौधों पर’ अपेक्षाकृत छोटे आकार का सधा हुआ उपन्यास है। इसमें मिश्रजी एक ऐसे क्षेत्र में कथा...

Read Free

आलोचना की अदालत समीक्षक वेदराम प्रजापति By राजनारायण बोहरे

कृति आलोचना की अदालत कथाकार श्री राजनारायण बोहरे जी सम्ंपादक के.बी.एल पाण्डेय जी उदीप्त प्रकाशन लखमीपुरा खीरी उ.प्र. समीक्षक वेदराम प्रजापति मनमस्त कृति आलोचना की अदालत...

Read Free

इदन्नमम लेखिका-मैत्रेयी पुष्पा By राज बोहरे

पुस्तक-इदन्नमम लेखिका-मैत्रेयी पुष्पा बुंदेलखण्ड के वर्तमान समाज और संघर्ष की तस्वीर-इदन्नमम मैत्रेयी पुष्पा हिन्दी कथा साहित्य में आंचलिकता की सोंधी सुगन्ध की सशक्त लेखिका...

Read Free

अपने-अपने रामः भगवानसिंह By राज बोहरे

उपन्यास अपने-अपने रामः भगवानसिंह कुछ और परिश्रम की जरूरत थी कुछ मिथक और चरित्र किसी जाति, कौम और धर्म की मिल्कियत बन जाते हैं, जबकि कुछ मिथक, चरित्र और धर्म सार्वजनिक होने क...

Read Free

माउथ ऑर्गन - सुशोभित By राजीव तनेजा

कई बार कुछ किताबों में समाए ज्ञान(?) को पढ़ कर तो कई बार कुछ लेखकों का लिखा पढ़ कर आप उनका इम्तिहान लेते हैं या लेने की सोचते हैं कि बंदे ने आखिर इसमें क्या और कैसा लिखा है? मगर कई ब...

Read Free

मेरी प्रिय कथाएं-राजबोहरे का कहानी संग्रह By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

राजनारायण बोहरे का कहानी संग्रह मेरी प्रिय कथाएं ज्योति प्रकाशन पर्व से प्रकाशित हुआ है, इसमें बौहरे जी की 10 कहानियां शामिल हैं ! दसवीं कहानी मुहिम एक लंबी कहानी है , जो बौहरे जी...

Read Free

सुनील चतुर्वेदी - उपन्यास- ‘गाफिल’ By राज बोहरे

सुनील चतुर्वेदी का उपन्यास ‘गाफिल’ राजनारायण बोहरे उपन्यास-गाफिल लेखक-सुनील चतुर्वेदी प्रकाशक-अन्तिका प्रकाशन दिल्ली सुनील चतुर्वेदी जब भी नया उपन्यास लेकर आते हैं उनके पास सर्वथा...

Read Free

अगन पाखी (उपन्यास) मैत्रेयी पुष्पा By राजनारायण बोहरे

पुस्तक समीक्षा- ग्रामीण स्त्री की महागाथा - अगनपाखी समीक्षक - राजनारायण बोहरे अगनपाखी उपन्यास कथा लेखिका का मैत्रैयी पुष्पा का नया उपन्यास है और इस उपन्यास को लेखिका के रचना...

Read Free

विरहिणी राधा-. राजा मीरेन्द सिंह By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

विरहिणी राधा-. राजा मीरेन्द सिंह ;मगरौरा. ग्वालियर चिंतन झरोखे से एक दृश्य वेदराम प्रजापति मनमस्त पृष्ठांकन सहित अस्सी पृ...

Read Free

बाजार में रामधन - कैलाश बनवासी By राज बोहरे

कैलाश वनवासी का कथा संग्रह भौंचक खडे रामधन और बाजार में बदलता समाज प...

Read Free

केशर कसूरी:शिवमूर्ति By राज बोहरे

कहानी संग्रह केशर कसूरी:शिवमूर्ति स्त्री विमर्श और आमजन की सशक्त कहानियां अपनी कम कहानियों के बूते पर ही आठवें दशक के कहानीकारों की पहली पंक्...

Read Free

आलोचना की अदालत-राजनारायण बोहरे By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

कृति आलोचना की अदालत कथाकार श्री राजनारायण बोहरे जी सम्ंपादक के.बी.एल पाण्डेय जी उदीप्त प्रकाशन लखमीपुरा खीरी उ.प्र. समीक्षक वेदराम...

Read Free

अटकन चटकन- वंदना अवस्थी दुबे By राजीव तनेजा

क़ुदरती तौर पर कुछ चीज़ें..कुछ बातें...कुछ रिश्ते केवल और केवल ऊपरवाले की मर्ज़ी से ही संतुलित एवं नियंत्रित होते हैं। उनमें चाह कर भी अपनी मर्ज़ी से हम कुछ भी फेरबदल नहीं कर सकते जैसे...

Read Free

स्वतंत्र सक्सेना-सरल नहीं था यह काम By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

समीक्षा के आईने में ’’सरल नहीं था यह काम और अन्य कविताएं’’ समीक्षक - वेदराम प्रजापति‘ मनमस्त’तटस्थ नीति के अध्येता ,चिंतन के सहपाठी और ईमानदारी की जमीन को तराशने में हमेशा निरत ,स्...

Read Free

उपन्यास महाकवि भवभूति- रामगोपाल भावुक By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

उपन्यास महाकवि भवभूति - समीक्षात्मक अध्ययन वेदराम प्रजापति ‘मनमस्त’ पद्मावती, पवाया पंचमहल डबरा भवभूति नगर का ए...

Read Free

भावुक’ के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का समीक्षात्मक अध्ययन By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

शोधग्रंथ रामगोपाल तिवारी‘ भावुक’ के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का समीक्षात्मक अध्ययन समीक्षक वेदराम प्रजापति ’बरिष्ठ कवि जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर...

Read Free

यूपी 65- निखिल सचान By राजीव तनेजा

कई बार पढ़ते वक्त कुछ किताबें आपके हाथ ऐसी लग जाती हैं कि पहले दो चार पन्नों को पढ़ते ही आपके मुँह से बस..."वाह" निकलता है और आपको लेखक की लेखनी से इश्क हो जाता है। यकीनन कुछ ना कुछ...

Read Free

रत्नावली रामगोपाल भावुक समीक्षा By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

रत्नावली रामगोपाल भावुक समीक्षा के आइने में- वेदराम प्रजापति ‘मनमस्त’ कभी- कभी, विनोद के लहजे में कही गई अटल सत्...

Read Free

नरोत्तमदास पाण्डेय ’’मधु’’ -भाषा और शिल्प By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

भाषा और शिल्प भाषा अभिव्यक्ति का सहज और प्रमुख माध्यम है। साहित्य के क्षेत्र में अनुभूति के रूप-विधान की सभी पद्धतियाँ भाषा पर ही आश्रित होती हैं। व...

Read Free

रावण-आर्यवर्त का शत्रु- अमीश त्रिपाठी By राजीव तनेजा

किसी को उनकी लेखनी दिलचस्प, बाँध लेने वाली तथा जानकारी से भरपूर नज़र आती है। तो कोई उन्हें भारत के महान कथाकारों में शुमार करता है। कोई उन्हें भारत का पहला साहित्यिक पॉपस्टार कहता ह...

Read Free

नरोत्तमदास पाण्डेय ‘मधु’ की वैचारिकता By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

नरोत्तमदास पाण्डेय ‘मधु’ की वैचारिकता काव्य में भाव-तत्त्व के साथ ही विचार-तत्त्व का भी काव्य में बहुत महत्त्व है। जीवन में अनेक स्थितियों का प्रभाव केवल हार्दिक उद्...

Read Free

नरोत्तमदास पाण्डेय ‘मधु’ का स्फुट काव्य By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

नरोत्तमदास पाण्डेय ‘मधु’ का स्फुट काव्य उपर्युक्त प्रबन्ध रचनाओं और मुक्तक कृतियों के अतिरिक्त ‘मधु’का प्रभूत काव्य स्फुट रूप में है। स्फुट काव्य में कहीं-कहीं क...

Read Free

पिघली हुई लड़की- आकांक्षा पारे By राजीव तनेजा

आम कहानियों की अपेक्षा अगर किसी कहानी में प्रभावी ढंग से समाज में पनप रही विद्रूपताओं का जिक्र हो तो मेरे ख्याल से उस कहानी की उम्र आम कहानियों की अपेक्षा ज़्यादा लंबी हो जाती है। अ...

Read Free

नरोत्तम दास पाणेय ‘‘मधु’’ की मुक्त कृतियां By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

नरोत्तम दास पाणेय ‘‘मधु’’ की मुक्त कृतियां काव्य के निर्बन्ध स्वरूप को मुक्तक कहा जाता है। ‘अग्निपुराण’ में ऐसे श्लोक को मुक्तक कहा गया है जो स्वयं में ही चमत्कारक्षम हो-...

Read Free

नरोत्तमदास पाण्डेय ‘‘मधु’’ की प्रबंध कृतियां By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

नरोत्तमदास पाण्डेय ‘‘मधु’’ की प्रबंध कृतियां ‘‘मधु’’ की प्रबंध कृतियाँ काव्य रूपों की दृष्टि से दो प्रकार की हैं। कुछ कृतियाँ खण्डकाव्य की कोटि की हैं...

Read Free

प्रकाशकान्त: मकतल By राज बोहरे

समीक्षा- मकतल: प्रकाशकान्त साजिशन सजा की दर्दगाथा अपनी सोच साफगोई और सकारात्मक दृष्टि के लिए मशहूर कथाकार प्रकाश कान्त का उ...

Read Free

The चिरकुट्स- आलोक कुमार By राजीव तनेजा

अगर अपवादों की बात ना करें तो आमतौर पर कॉलेज की दोस्ती ...कॉलेज के बाद भी किसी ना किसी माध्यम से हम सबके बीच, तब भी ज़िंदा एवं सक्रिय रहती है जब हम सब उज्ज्वल भविष्य की चाह में अलग...

Read Free

नरोत्तमदास पाण्डेय ‘‘मधु’ और छायावाद By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

ऽ सम सामयिक परिवेश ऽ उन्नीसवीं शताब्दी के अन्तिम दशकों और बीसवीं शताब्दी के प्रथमार्द्ध की परिस्थितियाँ भारतीय जिजीविषा का इतिहास हैं। राजनीतिक आकाश में राष्ट्रीयता की भावना के ऐसे...

Read Free

किस्सा लोकतंत्र: विभूतिनारायण राय By राज बोहरे

उपन्यास किस्सा लोकतंत्र: विभूतिनारायण राय लोकतंत्र का कच्चा चिट्ठा बताती एक उम्दा कहानी हिन्दी उपन्यास का वर्तमान काल उपन्या...

Read Free

पिताजी चुप रहते हैं: ज्ञानप्रकाश विवेक By राज बोहरे

कहानी संग्रह पिताजी चुप रहते हैं: ज्ञानप्रकाश विवेक कविता का मजा देती कहानियाँ कुछ आलोचक जो कविता और कहानी में गलत फहमिया पैदा करके दोनों की भाषा ,...

Read Free

गूंगे नहीं हैं शब्द हमारे-संपादन- सुभाष नीरव, डॉ. नीरज सुघांशु By राजीव तनेजा

पुरुषसत्तात्मक समाज होने के कारण आमतौर पर हमारे देश मे स्त्रियों की बात को..उनके विचारों..उनके जज़्बातों को..कभी अहमियत नहीं दी गयी। एक तरफ पुरुष को जहाँ स्वछंद प्रवृति का आज़ाद परिं...

Read Free

लोकाख्यान में जीवन की खोज: कही ईसुरी फाग By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

लोकाख्यान में जीवन की खोज: कही ईसुरी फाग इतिहास अथवा लोक प्रचलित आख्यान से किसी साहित्यिक कृति को यदि कथानक उपलब्ध हो जाने की सुविधा मिल जाती है तो वहाँ इ...

Read Free

अर्थतंत्र तथा अन्य कहानियां - रमेश उपाध्याय By राजनारायण बोहरे

अर्थतंत्र तथा अन्य कहानियां श्री रमेश उपाध्याय का कहानी संग्रह राजनारायण बोहरे श्री रमेश उपाध्याय का कहानी संग्रह “अर्थतंत्र तथा अन्य कहानियां “ उनका ग्यारहवां कहानी संग्रह हैं । व...

Read Free

सूर: वात्सल्य के विविध आयाम By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

सूर: वात्सल्य के विविध आयाम भक्ति की दार्शनिकता से पुष्ट और अलौकिक अनुग्रह की प्रार्थना के रूप में निर्वदित होते हुए भी सूर की कविता का परिवेश अधिक प्रत्यक्ष, लौकिक...

Read Free

सन्त कवियों की कविता में लोक एवं लोकोत्तर दर्शन By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

सन्त कवियों की कविता में लोक एवं लोकोत्तर दर्शन सन्त काव्य अथवा व्यापक भक्ति काव्य के सम्बन्ध में यह स्थापना आध्यात्मिक दर्शन के रूप में काफी समय तक सरलीकरण की तरह प्रचलित...

Read Free

छबीला रंगबाज़ का शहर By Amit Singh

"छबीला_रंगबाज़_का_शहर" : "जो है, वो नहीं है...और जो नहीं है, वही है।"*********************************छोटे शहर का एक बड़ा रंगबाज़ और हौव्वा है - छबीला सिंह। लेकिन असल में...

Read Free

क्रांति चेतना के कवि कबीर By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

क्रांति चेतना के कवि कबीर कबीर के अप्रतिम व्यक्तित्व और मूल्यप्रेरित काव्य का समग्र और सही विश्लेषण करने वाले विद्वान् हजारी प्रसाद द्विवेदी ने लिखा है कि हिन्दी साहित्य क...

Read Free

शहरीकरण के धब्बे By Neelam Kulshreshtha

शहरीकरण के धब्बे मैं कहानी का बहुत अच्छा पाठक नहीं हूं।कारण ये है कि हिन्दी कहाँनियों में संवेदना का समावेश बहुत ज्यादा रहता है विषय भी अक्सर वही वही रहते हैं।आज के बदले हुए युग मे...

Read Free

लिखी हुई इबारतें By Vinay Panwar

मेरी नज़र से ज्योत्स्ना कपिल साहित्य के क्षेत्र में एक सुपरिचित नाम है। इनके कहानी संग्रह, लघुकथा संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं साथ ही अनेकों संग्...

Read Free

जीवन में महाद्वीपीय विस्तार की कविता By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

जीवन में महाद्वीपीय विस्तार की कविता समकालीन, वर्तमान अथवा आज जैसे काल विभाजक शब्दों से समय की एक अवधि का बोध तो होता है पर ये शब्द समयके निश्चित...

Read Free