hindi Best Human Science Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Human Science in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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नौकरानी की बेटी - 40 By RACHNA ROY

दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो गई ।और फिर सैर को निकल गई।। वापस आ कर तैयार हो गई आनंदी और उसने मोबाइल पर तारिख देख कर कहा अरे मुंबई में आए हुए आज छः महीने बीत गए।आनंदी ने कहा द...

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जीवन के उजाले - भविष्य में भूतकाल By राकेश सोहम्

भविष्य में भूतकालउपलब्ध साधनों के जरिए ही आपदाओं से निपटना पड़ता है । कई बार इनसे निपटने को साधन कम पड़ जाते हैं । कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पूरी दुनिया ने यह देखा । संसाधनों की...

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मन By amit kumar mall

सुरसतिया अपने माता पिता की चौथी संतान थी । चारो बच्चो में 3 लड़कियां थी और एक लड़का ।परिवार में कोई जमीन नही थी । मिट्टी के दीवार पर फूस का छप्पर था । भाई को छोड़कर घर के सभी लोग खेत...

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कलाकारों की दुनिया By Anand M Mishra

कलाकारों की अपनी ही दुनिया होती है। वे आम जनों की तरह पाना जीवन नहीं जीते हैं। मन में जो आ गया – सो आ गया। उसे बदलना आसान नहीं होता है। कितने कलाकारों के बारे में सुना है कि वे ट...

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मैकाले का दोष By Anand M Mishra

एक ज़माने में हमारा देश जगद्गुरु था। देश-विदेश से लोग शिक्षा पाने के लिए भारत आते थे। एक से बढ़कर एक शिक्षा संस्थानों से हमारा देश जगमग करता था। विक्रमशिला, नालंदा तथा तक्षशिला जैसे...

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जीवन सँध्या By Kamal Bhansali

मानव दुनिया में शक्तिशाली और अति बुद्धिमान प्राणी माना जाता है, परन्तु जब बात उम्र की आती, तो यह भी स्वीकार किया गया कि हर दिन क्षीण होती शक्ति, उसे कमजोरी का भी अहसास कराती है। ऊ...

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चित और तन यानी चिंतन By Kamal Bhansali

शीर्षक : चित और तन= चिंतनशरीर और आत्मा जीवन के प्रारम्भिक से अंतिम अवस्था के मुख्य तत्व है, दोनों के बिना जीवन का अस्तित्व दुर्लभ होता है। स्वभाविक अवस्था से जीने वाले जीवन को...

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स्वयं का मूल्यांकन आत्मा के संदर्भ में - भाग 1 By Kamal Bhansali

पंकेविर्ना सरो भाति सभा खलजनै विर्ना ।कटुवणैविर्ना काव्यं मानसं विशयैविर्ना "।।"यानी सरोवर कीचड़ रहित हो तो शोभा देता है, दुष्ट मानव न हो तो सभा, कटु वर्ण न हो तो काव्य और विषय न हो...

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जंगल मेरा मायका-गौरा देवी By राज बोहरे

जंगल मेरा मायका, पेड़ मेरे नातेदार बात छब्बीस मार्च सन उन्नीस सौ चौहततर की है। उत्तराखण्ड प्रा...

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परिवार, सुख का आकार - (भाग 4) - संयुक्त परिवार- फिर वक्त की जरुरत By Kamal Bhansali

आज का युग, साधारण आदमी के लिए कोई मायना नहीं रखता। शिष्टता की जगह विशिष्टता का महत्व बढ़ गया है। समय अपनी गति के साथ रंग बदलता रहता है, यह आदमी की मजबूरी है, कि समय के अनुरुप वो अपन...

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महामारी का प्रकोप By Anand M Mishra

जम्बू द्वीप में कोरोना फैला था। उसी द्वीप में एक शांत गाँव है। इस गाँव में बाहर के गांवों से लोगों का आना-जाना लगा रहता है। तो यह शांत गाँव महामारी के प्रकोप से कैसे बचता? सो इस गा...

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झूठ, मक्कारी और चोरी, तीन खूंखार शेर By Kamal Bhansali

शीर्षक: झूठ, मक्कारी और चोरी, तीन खूंखार शेरदुनिया एक सच है, परन्तु झूठ के रोग से भयंकर ग्रस्त है। कहीं भी जाये दूर दूर तक झूठ का साम्राज्य फल- फूल रहा है। अब तो नोबत यहां तक आ गई...

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राधारमण वैद्य-आधुनिक भारतीय शिक्षा की चुनौतियाँ - 6 - अंतिम भाग By राजनारायण बोहरे

स्कूली शिक्षा सम्बन्धी बैचेनियां, चिंताएं और उत्सुकताएं शिक्षा सामाजिक विकास की सतत चलने वाली प्रक्रिया है। स्वाधीनता दविस 2004 की पूर्व संध्या पर दिए गए राष्ट्रपति के...

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उम्र का अंतराल By Kamal Bhansali

शीर्षक : उम्र का अंतराल ( Generation Gap )यह तय है, मानव जीवन, युग की चेतना के अनुसार अपने स्वरुप को बदलता है। किसी एक मानव के लिए यह कतई संभव नहीं कि अपनी आवश्यकता अनुसार युग को ब...

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प्रेम और वासना - भाग 5 - प्रेम के रंग हजार, रिश्तों में By Kamal Bhansali

प्रेम" शब्द काफी मार्मक और भावुकता भरा होता है। नये, नये रुप में प्रयोग होने वाला शब्द इंसानी अहसास को इंद्रधनुषी रंगों से सजाता है,। प्रेम, प्यार, लव, जैसे शब्दों के बिना कोई भी स...

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संग विज्ञान का - रंग अध्यात्म का - 3 By Jitendra Patwari

नाड़ीतंत्र प्रथम दो लेखांक दौरान ओरा (Aura) और कुँडलिनी के बारे में चर्चा हुईl नाड़ि के बारे में प्राथमिक बात हुई कि जैसे बिजली, रेडियो या लेसर तरंगे अदृश्य होने के बावजूद भी अस्...

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ढलती उम्र में रहे बेखबर By Kamal Bhansali

Health is wealth" यानी स्वास्थ्य ही धन है। ये कथन जीवन का प्रमुख सत्य है। इस कथन का प्रयोग हम सभी कभी न कभी स्वास्थ्य के सन्दर्भ में जब-तब बात करते है, तो जरुर करते है। परन्तु यह भ...

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अधिकार और कर्तव्य By Kamal Bhansali

अधिकार" और "कर्तव्य" ऐसे शब्द है, जो एक दूसरे के पूरक है, एक के बिना दूसरे का चिंतन करना व्यर्थ है। फिर भी विडम्बना ही कहिये एक सर्व पसन्द है, दूसरा ज्यादातर सिर्फ चिंतन का विषय ही...

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दवा By amit kumar mall

पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक पिछड़े क्षेत्र होने के बाद भी , मेरे गांव में बाजार थी - साप्ताहिक नही परमानेंट । सोमवार और शुक्रवार को , साप्ताहिक बाजार लगती है । किन्तु , लगभग 5...

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नौकरानी की बेटी - 40 By RACHNA ROY

दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो गई ।और फिर सैर को निकल गई।। वापस आ कर तैयार हो गई आनंदी और उसने मोबाइल पर तारिख देख कर कहा अरे मुंबई में आए हुए आज छः महीने बीत गए।आनंदी ने कहा द...

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जीवन के उजाले - भविष्य में भूतकाल By राकेश सोहम्

भविष्य में भूतकालउपलब्ध साधनों के जरिए ही आपदाओं से निपटना पड़ता है । कई बार इनसे निपटने को साधन कम पड़ जाते हैं । कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पूरी दुनिया ने यह देखा । संसाधनों की...

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मन By amit kumar mall

सुरसतिया अपने माता पिता की चौथी संतान थी । चारो बच्चो में 3 लड़कियां थी और एक लड़का ।परिवार में कोई जमीन नही थी । मिट्टी के दीवार पर फूस का छप्पर था । भाई को छोड़कर घर के सभी लोग खेत...

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कलाकारों की दुनिया By Anand M Mishra

कलाकारों की अपनी ही दुनिया होती है। वे आम जनों की तरह पाना जीवन नहीं जीते हैं। मन में जो आ गया – सो आ गया। उसे बदलना आसान नहीं होता है। कितने कलाकारों के बारे में सुना है कि वे ट...

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मैकाले का दोष By Anand M Mishra

एक ज़माने में हमारा देश जगद्गुरु था। देश-विदेश से लोग शिक्षा पाने के लिए भारत आते थे। एक से बढ़कर एक शिक्षा संस्थानों से हमारा देश जगमग करता था। विक्रमशिला, नालंदा तथा तक्षशिला जैसे...

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जीवन सँध्या By Kamal Bhansali

मानव दुनिया में शक्तिशाली और अति बुद्धिमान प्राणी माना जाता है, परन्तु जब बात उम्र की आती, तो यह भी स्वीकार किया गया कि हर दिन क्षीण होती शक्ति, उसे कमजोरी का भी अहसास कराती है। ऊ...

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चित और तन यानी चिंतन By Kamal Bhansali

शीर्षक : चित और तन= चिंतनशरीर और आत्मा जीवन के प्रारम्भिक से अंतिम अवस्था के मुख्य तत्व है, दोनों के बिना जीवन का अस्तित्व दुर्लभ होता है। स्वभाविक अवस्था से जीने वाले जीवन को...

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स्वयं का मूल्यांकन आत्मा के संदर्भ में - भाग 1 By Kamal Bhansali

पंकेविर्ना सरो भाति सभा खलजनै विर्ना ।कटुवणैविर्ना काव्यं मानसं विशयैविर्ना "।।"यानी सरोवर कीचड़ रहित हो तो शोभा देता है, दुष्ट मानव न हो तो सभा, कटु वर्ण न हो तो काव्य और विषय न हो...

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जंगल मेरा मायका-गौरा देवी By राज बोहरे

जंगल मेरा मायका, पेड़ मेरे नातेदार बात छब्बीस मार्च सन उन्नीस सौ चौहततर की है। उत्तराखण्ड प्रा...

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परिवार, सुख का आकार - (भाग 4) - संयुक्त परिवार- फिर वक्त की जरुरत By Kamal Bhansali

आज का युग, साधारण आदमी के लिए कोई मायना नहीं रखता। शिष्टता की जगह विशिष्टता का महत्व बढ़ गया है। समय अपनी गति के साथ रंग बदलता रहता है, यह आदमी की मजबूरी है, कि समय के अनुरुप वो अपन...

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महामारी का प्रकोप By Anand M Mishra

जम्बू द्वीप में कोरोना फैला था। उसी द्वीप में एक शांत गाँव है। इस गाँव में बाहर के गांवों से लोगों का आना-जाना लगा रहता है। तो यह शांत गाँव महामारी के प्रकोप से कैसे बचता? सो इस गा...

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झूठ, मक्कारी और चोरी, तीन खूंखार शेर By Kamal Bhansali

शीर्षक: झूठ, मक्कारी और चोरी, तीन खूंखार शेरदुनिया एक सच है, परन्तु झूठ के रोग से भयंकर ग्रस्त है। कहीं भी जाये दूर दूर तक झूठ का साम्राज्य फल- फूल रहा है। अब तो नोबत यहां तक आ गई...

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राधारमण वैद्य-आधुनिक भारतीय शिक्षा की चुनौतियाँ - 6 - अंतिम भाग By राजनारायण बोहरे

स्कूली शिक्षा सम्बन्धी बैचेनियां, चिंताएं और उत्सुकताएं शिक्षा सामाजिक विकास की सतत चलने वाली प्रक्रिया है। स्वाधीनता दविस 2004 की पूर्व संध्या पर दिए गए राष्ट्रपति के...

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उम्र का अंतराल By Kamal Bhansali

शीर्षक : उम्र का अंतराल ( Generation Gap )यह तय है, मानव जीवन, युग की चेतना के अनुसार अपने स्वरुप को बदलता है। किसी एक मानव के लिए यह कतई संभव नहीं कि अपनी आवश्यकता अनुसार युग को ब...

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प्रेम और वासना - भाग 5 - प्रेम के रंग हजार, रिश्तों में By Kamal Bhansali

प्रेम" शब्द काफी मार्मक और भावुकता भरा होता है। नये, नये रुप में प्रयोग होने वाला शब्द इंसानी अहसास को इंद्रधनुषी रंगों से सजाता है,। प्रेम, प्यार, लव, जैसे शब्दों के बिना कोई भी स...

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संग विज्ञान का - रंग अध्यात्म का - 3 By Jitendra Patwari

नाड़ीतंत्र प्रथम दो लेखांक दौरान ओरा (Aura) और कुँडलिनी के बारे में चर्चा हुईl नाड़ि के बारे में प्राथमिक बात हुई कि जैसे बिजली, रेडियो या लेसर तरंगे अदृश्य होने के बावजूद भी अस्...

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अधिकार और कर्तव्य By Kamal Bhansali

अधिकार" और "कर्तव्य" ऐसे शब्द है, जो एक दूसरे के पूरक है, एक के बिना दूसरे का चिंतन करना व्यर्थ है। फिर भी विडम्बना ही कहिये एक सर्व पसन्द है, दूसरा ज्यादातर सिर्फ चिंतन का विषय ही...

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दवा By amit kumar mall

पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक पिछड़े क्षेत्र होने के बाद भी , मेरे गांव में बाजार थी - साप्ताहिक नही परमानेंट । सोमवार और शुक्रवार को , साप्ताहिक बाजार लगती है । किन्तु , लगभग 5...

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