hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • कुल का दिया

    मुझे रंजना दी के फोन से पता चला कि बुआ नहीं रहीं
    “मन्नो ने मार डाला, छोटी”
    ‘कब...

  • अधकढ़ा गुलाब

    “अरे, आप अँधेरे में क्या कर रही हो? कौन सा खजाना खोल कर बैठी हो, मम्मा, जो हमारी...

  • पछतावा...

    ऑर्डर...ऑर्डर ... तमाम सबूतों एवं गवाहों के मद्दे नज़र रखते हुए अदालत य...

अदृश्य हमसफ़र - 9 By Vinay Panwar

अनुराग के मुंह से उनके मन की बात सुनकर बाबा को दुख के साथ बेहद गर्व भी महसूस हो रहा था। उनका चयन गलत नही था। अनुराग सुशील और होनहार ही नही मर्यादा पालन के लिए किसी भी हद तक दर्द को...

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कुल का दिया By Asha Pandey Author

मुझे रंजना दी के फोन से पता चला कि बुआ नहीं रहीं
“मन्नो ने मार डाला, छोटी”
‘कब ? कैसे ?’ मैं चौंकी थी
‘कल शाम, ..चार बजे, ...मैं रात में ही यहाँ आ गई ....बाबू, मुन्ना, लता –स...

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पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग (पी0 टी0 एम0) By r k lal

पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग (पी0 टी0 एम0)आर 0 के 0 लाल "देखिए! मेरी बेटी के कितने नंबर आए हैं। आपने जो भी उत्तर क्लास में लिखवाया था, वही तो इसने लिखा था। अन्य सभी विषयों में अच्छे नंबर...

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असली आज़ादी वाली आज़ादी - (भाग-5) By devendra kushwaha

भाग-4 से आगे- सभी गांव वाले चौहान साहब के घर पहुंचे और सभी ने चौहान साहब को बाहर बुलाया। एक नौकर बाहर आके बोला- मालिक तो दिल्ली गए है और छोटे मालिक भी साथ गए है कल रात ही, अब दो दि...

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अधकढ़ा गुलाब By Seema Singh

“अरे, आप अँधेरे में क्या कर रही हो? कौन सा खजाना खोल कर बैठी हो, मम्मा, जो हमारी आवाज़ तक नहीं सुन पा रही हो?”
शैली की आवाज़ से विचारों मे डूबी मृदुला वर्तमान में वापस आई.
“नहीं बे...

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पछतावा... By Dhavalkumar Padariya Kalptaru

ऑर्डर...ऑर्डर ... तमाम सबूतों एवं गवाहों के मद्दे नज़र रखते हुए अदालत यह नतीजे पर पहुंची हैं कि मुजरिम रामु को को चोरी करने एवं मासूम लोगों को डराने धमकाने के आरोपसर दफा ३...

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छोटी बहू By Pushp Saini

कहानी [छोटी बहू ✍]******************मृणाल यह एक नाम जैसे ज़िन्दगी बन गया है ।पहले कभी वैसा महसूस ही नहीं किया जैसा उससे मिलने के बाद,वह जिस दिन हाँ कहेगी वह दिन मेरी ज़िंदगी का सबस...

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खोज By Asha Pandey Author

दुनिया चाहे कितनी भी भरी हो, पर अपना दिल खाली हो तो सब ओर खाली ही खाली लगता है शहर के सबसे व्यस्त होटल में, ग्राहकों की सेवा में एक टेबल से दूसरी टेबल तक दौड़ता-भागता छोटू अपनी उदास...

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आ लौट चलें By Ajay Kumar Awasthi

त्रिपाठी जी का बड़ा संयुक्त परिवार था सो आपस मे खटपट तो होती ही रहती थी । पर बात इतनी बढ़ जाएगी ये घर के किसी सदस्य ने नही सोचा था । दरअसल छोटी बहू को लगा कि उनका भाई और भाभी...

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सोलमेट्स By Seema Singh

भागती-दौड़ती कॉलेज के लिए तैयार होती संजना की एक नजर घड़ी पर लगातार बनी हुई थी, अगर बस छूट गई तो दिन बर्बाद!
“ प्रोफेसर भार्गव एक नम्बर के खडूस! किसी से नोट्स भी कॉपी नहीं करने देंग...

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फ़तह By Neelam Kulshreshtha

जिग्ना रोज़ की तरह बालकनी में सुबह की चाय पीने के बाद अख़बार पढ़ती है, ऎसे में आस पास के गमलों के छोटे पौधे व हरी भरी मनी प्लांट की बेल से लिपटकर तिरते हुए ताज़ी हवा के झोंकों का उसके...

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फिर फिर By Asha Pandey Author

स्वप्न इतना डरावना तो नही था, किन्तु न जाने कैसे वृन्दा पसीने से तर-ब-तर हो गई । गला सूख गया था उसका । आजकल अक्सर ऐसा होता है । स्वप्न देखना नही, स्वप्न से डरना । यद्यपि वह इन मान्...

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कहाँ गईं तुम नैना - 16 By Ashish Kumar Trivedi

            कहाँ गईं तुम नैना (16)संजय नैना को अपने मन की बात नहीं बता सका था। लेकिन औरतों को लेकर मन में जो कड़वाहट थी वह दूर हो चुकी थी। बांग्ला न्य...

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खुशी By નિમિષા દલાલ્

“रूपल निहार कहा है?’ घर में आते ही देवांग ने पूछा.“सो गया रोते रोते, आज आप उसे पटाखे लेने ले जाने वाले थे. आपका इंतजार करते करते सो गया. वो तो खाना भी नहीं खानेवाला था. पर बाबुजीने...

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अधूरा प्रायश्चित By Seema Singh

“ सर, इमरजेंसी है, जली हुई औरत है, एट्टी परसेंट जली हुई है.” जूनियर डॉक्टर ने चैम्बर में झांक कर थोड़े हडबडाए स्वर में बताया तो मैंने झटपट लैपटॉप बंद किया और अपना गाउन और मास्क उठा...

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अंतर्द्वन्द्व By Asha Pandey Author

आज उसे घर से निकलने में थोड़ी देर हो गई थी वह तेज कदमों से चलकर ठीक समय पर काम पर पहुँच जाना चाहता था सामने से आते साइकिल सवार से उसने समय पूछा उसके ‘साढ़े आठ’ कहते ही वह लगभग...

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पुनरागमन By Seema Singh

“ हांजी ! हमें पता है. सच में? अच्छा ठीक है कल बात करतें है. अरे काम है मुझे.. ठीक ठीक कल कल...”
बाय बोलते हुए अनुभा ने फोन काट दिया...
“बड़ा गहरा रोमांस चल रहा है.”
अचानक शशि की...

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ख़ब्त - 2 By Mangi

" आ जुबान रख, भरोसो कोनी के ? न मैं मुकरूँगा और ना मेरा विजया..." अरे, भानु कर दी न छोटी बात, बिस्वास है तेरी जुबां पे, "" और मुझपे, " और दोनों खिलखिलाहट हसने लगते है " ! भानुप्रता...

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सत्यम ब्रूयात By Asha Pandey Author

ट्रेन जब ‘विश्वनाथ गंज’ स्टेशन पर रुकी तो दीनानाथ ने अपना झोला कंधे पर टांगा और सूटकेस उठाकर नीचे उतर गए प्लेटफार्म पर ट्रेन से उतरने और चढ़ने वालों की कुछ भीड़ थी चाय-समोसा बेचन...

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भाभी माँ By Seema Singh

“क्या बना रही है रूपा”
बगल वाली चाची की आवाज़ सुन कर रुपाली ने सिर उठा कर ऊपर देखा और मुस्कराहट बिखेरते हुए कहा.
“आइये चाची जी ..बस धूप में बैठी थी तो सोचा कुछ काम ही कर लूँ. आप ब...

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गुरु मां By Amita Joshi

"मां आपने भईया को साइकिल लेकर दी उनके जन्मदिन पर और मुझे नहीं ",बेबी ने तुनक कर खाने की प्लेट नीचे फैंक दी ।"तुझे इस बार तेरे पापा ने कान की सोने की बाली लेकर दी है न , साईकिल दो...

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इंतज़ार By નિમિષા દલાલ્

ओह सात बज गए। वो आ गये होंगे तो फिर सुबह ख़राब होगी। रचना ब्रश किये बगैर ही किचन मे चली गई। आलाप मॉर्निंग वॉक करने जाते वहां से आने के बाद गरम पानी में शहद डालकर पीता। रचना ने गरम प...

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जब हम मुसलमान थे....! By vandana A dubey

टटक-डिडक...टटक-डिडक....टटक-डिडक......ट्रेन के पहियों की इन आवाज़ों के साथ-साथ गौतमी के दिल की धड़कनें भी बढ़ती जा रहीं थीं. बगल में बैठे उसके पतिदेव रामकुमार की भी लगभग यही हालत थी. ग...

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जजनी By Amita Joshi

दस साल की मिथिलेश को मां ने जब काम के लिए जज साहब के घर भेजा तब मां ने कठोर होकर बस इतना ही कहा"मन लगा कर काम करना और जज साहब और जजनी  का ध्यान रखना" ।बहुत बड़ी कोठी थी जज साह...

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प्यार के लम्हे By Ajay Kumar Awasthi

आज बसंत पंचमी है। इस बार बसंत पंचमी और 14 फरवरी वेलेंटाइन डे एक साथ हो गए हैं । बसंत पंचमी में माँ सरस्वती जी की पूजा के साथ साथ महाकवि, महाप्राण निराला जी याद किये जाते हैं । पर इ...

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डेरा उखड़ने से पहले By vandana A dubey

लगातार बजती फोन की घंटी से झुंझला गयी थीं आभा जी. अभी पूजा करने बैठी ही थीं, कि फोन बजने लगा. एक बार टाल गयीं, दो बार टाल गयीं लेकिन तीसरी बार उठना ही पड़ा. अब उठने –बैठने में दिक़्क...

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परिवार By Seema Singh

पूरे मोहल्ले के लिए पहेली था ये परिवार। परिवार भी क्या―एक करीब साठ-पैंसठ साल के वृद्ध, और एक सुदर्शन युवक। सब उनको ‘विनोद बाबू’ के नाम से जानते। और युवक...उसका नाम नहीं पता। घर बना...

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ममता की छांव By Sarita Sharma

स्कूल नहीं जाना है क्या? उठ जाओ बेटा! प्यार से सहलाते हुए मां मौली और बिन्नी को उठाने की कोशिश कर रही थी।मौली और बिन्नी दोनो आंखे मलते हुए बाहर मुंह धोने जाने लगे लेकिन बिन्नी बाहर...

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बेटे का सुख By Pammy Rajan

सरिता जी और अनुपम जी का बेटा कानपुर शहर  में किसी सरकारी बैंक में कार्यरत था।और  वे दोनों वही पास के गांव में रहते थे । लेकिन बूढ़े होते शरीर में अब बीमारियों ने दस्तक देन...

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अदृश्य हमसफ़र - 9 By Vinay Panwar

अनुराग के मुंह से उनके मन की बात सुनकर बाबा को दुख के साथ बेहद गर्व भी महसूस हो रहा था। उनका चयन गलत नही था। अनुराग सुशील और होनहार ही नही मर्यादा पालन के लिए किसी भी हद तक दर्द को...

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कुल का दिया By Asha Pandey Author

मुझे रंजना दी के फोन से पता चला कि बुआ नहीं रहीं
“मन्नो ने मार डाला, छोटी”
‘कब ? कैसे ?’ मैं चौंकी थी
‘कल शाम, ..चार बजे, ...मैं रात में ही यहाँ आ गई ....बाबू, मुन्ना, लता –स...

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पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग (पी0 टी0 एम0) By r k lal

पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग (पी0 टी0 एम0)आर 0 के 0 लाल "देखिए! मेरी बेटी के कितने नंबर आए हैं। आपने जो भी उत्तर क्लास में लिखवाया था, वही तो इसने लिखा था। अन्य सभी विषयों में अच्छे नंबर...

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असली आज़ादी वाली आज़ादी - (भाग-5) By devendra kushwaha

भाग-4 से आगे- सभी गांव वाले चौहान साहब के घर पहुंचे और सभी ने चौहान साहब को बाहर बुलाया। एक नौकर बाहर आके बोला- मालिक तो दिल्ली गए है और छोटे मालिक भी साथ गए है कल रात ही, अब दो दि...

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अधकढ़ा गुलाब By Seema Singh

“अरे, आप अँधेरे में क्या कर रही हो? कौन सा खजाना खोल कर बैठी हो, मम्मा, जो हमारी आवाज़ तक नहीं सुन पा रही हो?”
शैली की आवाज़ से विचारों मे डूबी मृदुला वर्तमान में वापस आई.
“नहीं बे...

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पछतावा... By Dhavalkumar Padariya Kalptaru

ऑर्डर...ऑर्डर ... तमाम सबूतों एवं गवाहों के मद्दे नज़र रखते हुए अदालत यह नतीजे पर पहुंची हैं कि मुजरिम रामु को को चोरी करने एवं मासूम लोगों को डराने धमकाने के आरोपसर दफा ३...

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छोटी बहू By Pushp Saini

कहानी [छोटी बहू ✍]******************मृणाल यह एक नाम जैसे ज़िन्दगी बन गया है ।पहले कभी वैसा महसूस ही नहीं किया जैसा उससे मिलने के बाद,वह जिस दिन हाँ कहेगी वह दिन मेरी ज़िंदगी का सबस...

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खोज By Asha Pandey Author

दुनिया चाहे कितनी भी भरी हो, पर अपना दिल खाली हो तो सब ओर खाली ही खाली लगता है शहर के सबसे व्यस्त होटल में, ग्राहकों की सेवा में एक टेबल से दूसरी टेबल तक दौड़ता-भागता छोटू अपनी उदास...

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आ लौट चलें By Ajay Kumar Awasthi

त्रिपाठी जी का बड़ा संयुक्त परिवार था सो आपस मे खटपट तो होती ही रहती थी । पर बात इतनी बढ़ जाएगी ये घर के किसी सदस्य ने नही सोचा था । दरअसल छोटी बहू को लगा कि उनका भाई और भाभी...

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सोलमेट्स By Seema Singh

भागती-दौड़ती कॉलेज के लिए तैयार होती संजना की एक नजर घड़ी पर लगातार बनी हुई थी, अगर बस छूट गई तो दिन बर्बाद!
“ प्रोफेसर भार्गव एक नम्बर के खडूस! किसी से नोट्स भी कॉपी नहीं करने देंग...

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फ़तह By Neelam Kulshreshtha

जिग्ना रोज़ की तरह बालकनी में सुबह की चाय पीने के बाद अख़बार पढ़ती है, ऎसे में आस पास के गमलों के छोटे पौधे व हरी भरी मनी प्लांट की बेल से लिपटकर तिरते हुए ताज़ी हवा के झोंकों का उसके...

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फिर फिर By Asha Pandey Author

स्वप्न इतना डरावना तो नही था, किन्तु न जाने कैसे वृन्दा पसीने से तर-ब-तर हो गई । गला सूख गया था उसका । आजकल अक्सर ऐसा होता है । स्वप्न देखना नही, स्वप्न से डरना । यद्यपि वह इन मान्...

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कहाँ गईं तुम नैना - 16 By Ashish Kumar Trivedi

            कहाँ गईं तुम नैना (16)संजय नैना को अपने मन की बात नहीं बता सका था। लेकिन औरतों को लेकर मन में जो कड़वाहट थी वह दूर हो चुकी थी। बांग्ला न्य...

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खुशी By નિમિષા દલાલ્

“रूपल निहार कहा है?’ घर में आते ही देवांग ने पूछा.“सो गया रोते रोते, आज आप उसे पटाखे लेने ले जाने वाले थे. आपका इंतजार करते करते सो गया. वो तो खाना भी नहीं खानेवाला था. पर बाबुजीने...

Read Free

अधूरा प्रायश्चित By Seema Singh

“ सर, इमरजेंसी है, जली हुई औरत है, एट्टी परसेंट जली हुई है.” जूनियर डॉक्टर ने चैम्बर में झांक कर थोड़े हडबडाए स्वर में बताया तो मैंने झटपट लैपटॉप बंद किया और अपना गाउन और मास्क उठा...

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अंतर्द्वन्द्व By Asha Pandey Author

आज उसे घर से निकलने में थोड़ी देर हो गई थी वह तेज कदमों से चलकर ठीक समय पर काम पर पहुँच जाना चाहता था सामने से आते साइकिल सवार से उसने समय पूछा उसके ‘साढ़े आठ’ कहते ही वह लगभग...

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पुनरागमन By Seema Singh

“ हांजी ! हमें पता है. सच में? अच्छा ठीक है कल बात करतें है. अरे काम है मुझे.. ठीक ठीक कल कल...”
बाय बोलते हुए अनुभा ने फोन काट दिया...
“बड़ा गहरा रोमांस चल रहा है.”
अचानक शशि की...

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ख़ब्त - 2 By Mangi

" आ जुबान रख, भरोसो कोनी के ? न मैं मुकरूँगा और ना मेरा विजया..." अरे, भानु कर दी न छोटी बात, बिस्वास है तेरी जुबां पे, "" और मुझपे, " और दोनों खिलखिलाहट हसने लगते है " ! भानुप्रता...

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सत्यम ब्रूयात By Asha Pandey Author

ट्रेन जब ‘विश्वनाथ गंज’ स्टेशन पर रुकी तो दीनानाथ ने अपना झोला कंधे पर टांगा और सूटकेस उठाकर नीचे उतर गए प्लेटफार्म पर ट्रेन से उतरने और चढ़ने वालों की कुछ भीड़ थी चाय-समोसा बेचन...

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भाभी माँ By Seema Singh

“क्या बना रही है रूपा”
बगल वाली चाची की आवाज़ सुन कर रुपाली ने सिर उठा कर ऊपर देखा और मुस्कराहट बिखेरते हुए कहा.
“आइये चाची जी ..बस धूप में बैठी थी तो सोचा कुछ काम ही कर लूँ. आप ब...

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गुरु मां By Amita Joshi

"मां आपने भईया को साइकिल लेकर दी उनके जन्मदिन पर और मुझे नहीं ",बेबी ने तुनक कर खाने की प्लेट नीचे फैंक दी ।"तुझे इस बार तेरे पापा ने कान की सोने की बाली लेकर दी है न , साईकिल दो...

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इंतज़ार By નિમિષા દલાલ્

ओह सात बज गए। वो आ गये होंगे तो फिर सुबह ख़राब होगी। रचना ब्रश किये बगैर ही किचन मे चली गई। आलाप मॉर्निंग वॉक करने जाते वहां से आने के बाद गरम पानी में शहद डालकर पीता। रचना ने गरम प...

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जब हम मुसलमान थे....! By vandana A dubey

टटक-डिडक...टटक-डिडक....टटक-डिडक......ट्रेन के पहियों की इन आवाज़ों के साथ-साथ गौतमी के दिल की धड़कनें भी बढ़ती जा रहीं थीं. बगल में बैठे उसके पतिदेव रामकुमार की भी लगभग यही हालत थी. ग...

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जजनी By Amita Joshi

दस साल की मिथिलेश को मां ने जब काम के लिए जज साहब के घर भेजा तब मां ने कठोर होकर बस इतना ही कहा"मन लगा कर काम करना और जज साहब और जजनी  का ध्यान रखना" ।बहुत बड़ी कोठी थी जज साह...

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प्यार के लम्हे By Ajay Kumar Awasthi

आज बसंत पंचमी है। इस बार बसंत पंचमी और 14 फरवरी वेलेंटाइन डे एक साथ हो गए हैं । बसंत पंचमी में माँ सरस्वती जी की पूजा के साथ साथ महाकवि, महाप्राण निराला जी याद किये जाते हैं । पर इ...

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डेरा उखड़ने से पहले By vandana A dubey

लगातार बजती फोन की घंटी से झुंझला गयी थीं आभा जी. अभी पूजा करने बैठी ही थीं, कि फोन बजने लगा. एक बार टाल गयीं, दो बार टाल गयीं लेकिन तीसरी बार उठना ही पड़ा. अब उठने –बैठने में दिक़्क...

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परिवार By Seema Singh

पूरे मोहल्ले के लिए पहेली था ये परिवार। परिवार भी क्या―एक करीब साठ-पैंसठ साल के वृद्ध, और एक सुदर्शन युवक। सब उनको ‘विनोद बाबू’ के नाम से जानते। और युवक...उसका नाम नहीं पता। घर बना...

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ममता की छांव By Sarita Sharma

स्कूल नहीं जाना है क्या? उठ जाओ बेटा! प्यार से सहलाते हुए मां मौली और बिन्नी को उठाने की कोशिश कर रही थी।मौली और बिन्नी दोनो आंखे मलते हुए बाहर मुंह धोने जाने लगे लेकिन बिन्नी बाहर...

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बेटे का सुख By Pammy Rajan

सरिता जी और अनुपम जी का बेटा कानपुर शहर  में किसी सरकारी बैंक में कार्यरत था।और  वे दोनों वही पास के गांव में रहते थे । लेकिन बूढ़े होते शरीर में अब बीमारियों ने दस्तक देन...

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