hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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गाय की बछिया By Rajesh Rajesh

रणधीर का संयुक्त परिवार गांव में सबसे बड़ा था। उसके परिवार में माता पिता अपनी छोटी बहन के अलावा दादा दादी ताऊ ताई उनके दो बेटे चाचा चाची उनका एक बेटा था। इतना बड़ा परिवार गांव के म...

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मुझसे शादी कर लो - 4 By Kishanlal Sharma

प्यार मर्द और औरत के बीच होता है।प्यार की लो या प्यार कि आग दोनो तरफ लगती है।लेकिन कभी प्यार एक तरफा भी होता है।मतलब औरत को आदमी से प्यार हो जाये और आदमी उसे प्यार न करता हो।ऐसा ही...

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छोटी सी शीतल By Rakesh Rakesh

नगरकोट ज्वाला जी के मंदिर के पास एक पहाड़ पर छोटा सा बहुत सुंदर गांव था। उस गांव में पार्वती अपनी पुत्री शीतल के साथ रहती थी। पार्वती का पति जुआरी शराबी अय्याश किस्म का पुरुष था। व...

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अपना आकाश - 21 - सही प्रतीत होने वाली कहानी By Dr. Suryapal Singh

अनुच्छेद- 21 सही प्रतीत होने वाली कहानीअपराह्न मंगल शहर जाने लगे तो भँवरी ने कहा, 'गेहूँ में डालने के लिए दवा ले लीजिएगा।' वह छोटी सी डेहरी में गेहूँ भर चुकी है। घुन से बचा...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

========== स्नेहिल नमस्कार मित्रो इस छोटे से जीवन में कहाँ किसी से बहस करने का समय है? कहाँ उलझने की ज़रूरत! जब हम किसी भी प्रकार की उलझन मे...

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खटाई अचार मे अच्छी लगती, रिश्तों में नहीं By Sushma Tiwari

रज़ाई में दुबके हुए स्मृति ने चाय खत्म की। प्याला बिंदु को ले जाने के लिए आवाज़ दी। माँ कहाँ है? पूछने पर उसने बताया कि वो छत पर धूप सेंक रही हैं। स्मृति ने घड़ी की तरफ देखा साढ़े...

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पर्दा हट गया By Sudhir Srivastava

कहानी पर्दा हट गया ----------------- अभी थोड़े दिन पहले ही सीमा को पदोन्नति देकर जनरल मैनेजर बना दिया गया था। अपने काम के प्रति जूननी और समर्पित सीमा न खुद लापरवाह रहती थी और न ही...

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दूसरा मौका By Rakesh Rakesh

शादी के सात साल तक विनय और दीपा जब मां-बाप नहीं बनते हैं, तो विनय अपनी पंसारी की दुकान की जगह खिलौने की दुकान खोल लेता है, ताकि रोज मासूम बच्चों से उसकी मुलाकात होती रहे। यह तरीका...

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मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 41 - अंतिम भाग By Chaya Agarwal

भाग 41आज शाम को पाँच बजे आरिज़ से मिलने का वक्त तय हुआ था। ठीक पाँच बजे चेतना फिज़ा की बीती हुई जिन्दगी से रु-ब-रू हुई। वह उस घर में आई थी जहाँ फिज़ा ने एक बरस गुजारा था। एक बड़े से हॉ...

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अपराजिता - जीवन की मुस्कराहट By DINESH KUMAR KEER

अपराजिता - जीवन की मुस्कराहटबड़े शहर से शादी करके आई अपराजिता जब से अपने ससुराल एक छोटे से गांव में आई तब से देख रही थी ससुराल में उसकी बुजुर्ग दादी सास का निरादर होता हुआ। ससुराल...

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रमा By kirti chaturvedi

आज बाबुल के अंगना से रमा की बेटी पूनम की विदाई हो रही थी। कन्यादान बेटी के चाचा और चाची ने किया जबकि उसी मंडप के सामने माता और पिता दोनों मौजूद थे। दरअसल ऐसा मां की ममता को नकारने...

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लक्ष्मी--अछत लड़की की प्रेमकथा By Kishanlal Sharma

ओहो,"डोर बेललगातार बज रही थी।आवाज सुनकर लीला उठते हुए बोली,"आ रही हूँ।"लीला पूजाघर से निकलकर दरवाजे पर आई थी।उसने दरवाजा खोला तो अपरिचित युवती को दरवाजे पर खड़े पाया था।लीला उस युवत...

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हमराही - 3 By Kishanlal Sharma

"भगवान राम हिंदुओ के आराध्य हैं।आदर्श पुरुष और सीता जैसी स्त्री दूसरी पैदा नही हो सकती।"मैने भी पढ़ा तो है""पूर्वज तो राम आपके भी है।""बात सही है।धर्म बदला है पूर्वज तो नही बदल सकते...

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सहारा By DINESH KUMAR KEER

माँ आप यहां पर ऐसे क्यों बैठी है, चाय बना लाऊं आपके लिए। नही कुछ नही सीमा..., बस ऐसे ही नींद नहीं आ रही थी, सासु - माँ जी बोली... माँ, स्वास्थ्य तो सही है ना आपका, दिखाइए... शरीर क...

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दुष्चक्र - 2 By Kishanlal Sharma

रिश्वत,भरस्टाचार,ऊपरी कमाई या गलत तरीके से कमाया पैसा आदमी को व्यसनों की तरफ अग्रसित करता है।शराब पीने की आदत,वेश्यागमन,जुआ आदि की लत ऐसे पैसे से ही पड़ जाती है।वह सर्विस में आया तब...

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गगन--तुम ही तुम हो मेरे जीवन मे - 6 By Kishanlal Sharma

लेकिन हमारे समय मे न टेलीफोन थे,न ही मोबाइल और सामाजिक प्रतिबंध भी तब ज्यादा थे।कई बार मन मे आता कि रिश्ता हो गया है तो अब एक बार मंगेतर को देखा जाए पर कैसे?ऐसे अवसर आये भीएक बार म...

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सीमांजली By DINESH KUMAR KEER

एक बार स्लीपर बस के सफ़र में मेरे पास की सीट पर बैठी लड़की ने मुझसे पूछा " हैलो, क्या आपके पास इस मोबाइल की सिम निकालने की पिन है ?" उसने अपने बटुए से एक फोन निकाला, वह नया सिम कार्...

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संजना - एक अनोखी दास्तान By DINESH KUMAR KEER

"कहाँ जा रही है, संजना बहू... ?" बाईक की चाबी उठाती हुई संजना से सास ने पूछा... "माँ की तरफ जा रही थी मम्मी"   "अभी तरसों ही तो गई थी"   "हाँ पर आज पापा की स्वास्थ्य सही...

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युगांतर - भाग 37 By Dr. Dilbag Singh Virk

हर काम की शुरुआत मुश्किल होती है और जब किसी काम की शुरुआत हो जाती है, तो रास्ता अपने आप बनना शुरू हो जाता है। स्मैक के आम होने से हर आदमी दुखी था। सबको डर सताता था कि कहीं उनके बच्...

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अनोखा मिलन By DINESH KUMAR KEER

शरारत की भी सीमा होती है... पता नहीं कोई हया लिहाज नहीं है इनमें... तीन वर्षीय अनीश को गोद में उठाए सीमा बड़बड़ाती हुई बालकनी से अंदर कमरे में घुसी अरे क्या हो गया... और ये इतना गुस्...

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गाय की बछिया By Rajesh Rajesh

रणधीर का संयुक्त परिवार गांव में सबसे बड़ा था। उसके परिवार में माता पिता अपनी छोटी बहन के अलावा दादा दादी ताऊ ताई उनके दो बेटे चाचा चाची उनका एक बेटा था। इतना बड़ा परिवार गांव के म...

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मुझसे शादी कर लो - 4 By Kishanlal Sharma

प्यार मर्द और औरत के बीच होता है।प्यार की लो या प्यार कि आग दोनो तरफ लगती है।लेकिन कभी प्यार एक तरफा भी होता है।मतलब औरत को आदमी से प्यार हो जाये और आदमी उसे प्यार न करता हो।ऐसा ही...

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छोटी सी शीतल By Rakesh Rakesh

नगरकोट ज्वाला जी के मंदिर के पास एक पहाड़ पर छोटा सा बहुत सुंदर गांव था। उस गांव में पार्वती अपनी पुत्री शीतल के साथ रहती थी। पार्वती का पति जुआरी शराबी अय्याश किस्म का पुरुष था। व...

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अपना आकाश - 21 - सही प्रतीत होने वाली कहानी By Dr. Suryapal Singh

अनुच्छेद- 21 सही प्रतीत होने वाली कहानीअपराह्न मंगल शहर जाने लगे तो भँवरी ने कहा, 'गेहूँ में डालने के लिए दवा ले लीजिएगा।' वह छोटी सी डेहरी में गेहूँ भर चुकी है। घुन से बचा...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

========== स्नेहिल नमस्कार मित्रो इस छोटे से जीवन में कहाँ किसी से बहस करने का समय है? कहाँ उलझने की ज़रूरत! जब हम किसी भी प्रकार की उलझन मे...

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खटाई अचार मे अच्छी लगती, रिश्तों में नहीं By Sushma Tiwari

रज़ाई में दुबके हुए स्मृति ने चाय खत्म की। प्याला बिंदु को ले जाने के लिए आवाज़ दी। माँ कहाँ है? पूछने पर उसने बताया कि वो छत पर धूप सेंक रही हैं। स्मृति ने घड़ी की तरफ देखा साढ़े...

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पर्दा हट गया By Sudhir Srivastava

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दूसरा मौका By Rakesh Rakesh

शादी के सात साल तक विनय और दीपा जब मां-बाप नहीं बनते हैं, तो विनय अपनी पंसारी की दुकान की जगह खिलौने की दुकान खोल लेता है, ताकि रोज मासूम बच्चों से उसकी मुलाकात होती रहे। यह तरीका...

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मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 41 - अंतिम भाग By Chaya Agarwal

भाग 41आज शाम को पाँच बजे आरिज़ से मिलने का वक्त तय हुआ था। ठीक पाँच बजे चेतना फिज़ा की बीती हुई जिन्दगी से रु-ब-रू हुई। वह उस घर में आई थी जहाँ फिज़ा ने एक बरस गुजारा था। एक बड़े से हॉ...

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अपराजिता - जीवन की मुस्कराहट By DINESH KUMAR KEER

अपराजिता - जीवन की मुस्कराहटबड़े शहर से शादी करके आई अपराजिता जब से अपने ससुराल एक छोटे से गांव में आई तब से देख रही थी ससुराल में उसकी बुजुर्ग दादी सास का निरादर होता हुआ। ससुराल...

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रमा By kirti chaturvedi

आज बाबुल के अंगना से रमा की बेटी पूनम की विदाई हो रही थी। कन्यादान बेटी के चाचा और चाची ने किया जबकि उसी मंडप के सामने माता और पिता दोनों मौजूद थे। दरअसल ऐसा मां की ममता को नकारने...

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लक्ष्मी--अछत लड़की की प्रेमकथा By Kishanlal Sharma

ओहो,"डोर बेललगातार बज रही थी।आवाज सुनकर लीला उठते हुए बोली,"आ रही हूँ।"लीला पूजाघर से निकलकर दरवाजे पर आई थी।उसने दरवाजा खोला तो अपरिचित युवती को दरवाजे पर खड़े पाया था।लीला उस युवत...

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"भगवान राम हिंदुओ के आराध्य हैं।आदर्श पुरुष और सीता जैसी स्त्री दूसरी पैदा नही हो सकती।"मैने भी पढ़ा तो है""पूर्वज तो राम आपके भी है।""बात सही है।धर्म बदला है पूर्वज तो नही बदल सकते...

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सहारा By DINESH KUMAR KEER

माँ आप यहां पर ऐसे क्यों बैठी है, चाय बना लाऊं आपके लिए। नही कुछ नही सीमा..., बस ऐसे ही नींद नहीं आ रही थी, सासु - माँ जी बोली... माँ, स्वास्थ्य तो सही है ना आपका, दिखाइए... शरीर क...

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दुष्चक्र - 2 By Kishanlal Sharma

रिश्वत,भरस्टाचार,ऊपरी कमाई या गलत तरीके से कमाया पैसा आदमी को व्यसनों की तरफ अग्रसित करता है।शराब पीने की आदत,वेश्यागमन,जुआ आदि की लत ऐसे पैसे से ही पड़ जाती है।वह सर्विस में आया तब...

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गगन--तुम ही तुम हो मेरे जीवन मे - 6 By Kishanlal Sharma

लेकिन हमारे समय मे न टेलीफोन थे,न ही मोबाइल और सामाजिक प्रतिबंध भी तब ज्यादा थे।कई बार मन मे आता कि रिश्ता हो गया है तो अब एक बार मंगेतर को देखा जाए पर कैसे?ऐसे अवसर आये भीएक बार म...

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सीमांजली By DINESH KUMAR KEER

एक बार स्लीपर बस के सफ़र में मेरे पास की सीट पर बैठी लड़की ने मुझसे पूछा " हैलो, क्या आपके पास इस मोबाइल की सिम निकालने की पिन है ?" उसने अपने बटुए से एक फोन निकाला, वह नया सिम कार्...

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संजना - एक अनोखी दास्तान By DINESH KUMAR KEER

"कहाँ जा रही है, संजना बहू... ?" बाईक की चाबी उठाती हुई संजना से सास ने पूछा... "माँ की तरफ जा रही थी मम्मी"   "अभी तरसों ही तो गई थी"   "हाँ पर आज पापा की स्वास्थ्य सही...

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युगांतर - भाग 37 By Dr. Dilbag Singh Virk

हर काम की शुरुआत मुश्किल होती है और जब किसी काम की शुरुआत हो जाती है, तो रास्ता अपने आप बनना शुरू हो जाता है। स्मैक के आम होने से हर आदमी दुखी था। सबको डर सताता था कि कहीं उनके बच्...

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अनोखा मिलन By DINESH KUMAR KEER

शरारत की भी सीमा होती है... पता नहीं कोई हया लिहाज नहीं है इनमें... तीन वर्षीय अनीश को गोद में उठाए सीमा बड़बड़ाती हुई बालकनी से अंदर कमरे में घुसी अरे क्या हो गया... और ये इतना गुस्...

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