hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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अपना आकाश - 9 - ई सब कब तक चली? By Dr. Suryapal Singh

अनुच्छेद- 9 ई सब कब तक चली?हटीपुरवा में इक्यावन घर हैं। ग्राम पंचायत में बारह पुरवे, दो बड़े शेष छोटे । यह अवध का गाँव ऊपरी सरयूपार का हिस्सा। भाभर-तराई को छोड़कर हर जगह नल गाड़कर...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

==================== स्नेही मित्रो सस्नेह नमस्कार एक नवीन दिवस का आरंभ, एक नवीन चिंतन का उदय हमें पर...

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युगांतर - भाग 35 By Dr. Dilbag Singh Virk

दुख आदमी को चिंतन करने पर मजबूर करता है। दुखी होकर आदमी अपनी उन गलतियों को याद करता है, जिसे करने से वह बच सकता था। दुख में वह उनके बारे में भी सोचता है, जिनके बारे में उनकी सोच ज्...

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मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 31 By Chaya Agarwal

भाग 31 तलाक के करीब तीन महीने बाद फिज़ा ने कोर्ट में केस दायर कर दिया था। वकील साहब के तजुर्बे और उस वक्त के हालात को देखते हुये ज़हेज, घरेलू हिँसा, अबार्शन का केस बना था। जिसके लिये...

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राजकुमारी कृष्णाकुमारी By DINESH KUMAR KEER

राजकुमारी कृष्णाकुमारी :- जिसके लिये तनी थीं तलवारें... यह हिन्दुस्तान के इतिहास के उस दौर की दास्तान है जब एक ओर जहां मुगल बादशाहों की शक्तियां ढलान पर थीं और देश के राजे-रजवाड़े अ...

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आम जिंदगी की खास कहानी By DINESH KUMAR KEER

एक अनोखी प्रेम कहानीगाँव के बच्चे नारायणी को काकी कहते हैं। पहले नारायणी कभी निराश नहीं दिखती थी। जब से उसका पति भूरा बढ़ई बीमार पड़ा है, तभी से वह खोई-खोई रहती है। पति की सेवा-सुश्र...

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गरीब की इज्जत - पार्ट 3 By Kishanlal Sharma

रोज की तरह उसे जंगल का अफसर बेसब्री से उसका इंतजार करता हुआ मिला।लाजो को देखते ही वह मुस्कराकर बोला"आज तो तुमने देर कर दी।कब से तुम्हारी राह देख रहा हूँ""क्यो/""तुम्हारा सुंदर मुखड़...

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गाँव की शादियां By DINESH KUMAR KEER

पहले गाँव में न टेंट हाऊस थे और न कैटरिंग। थी तो केवल सामाजिकता व व्यवहारिकता। गांव में जब कोई शादी होती तो घर के अड़ोस-पड़ोस से चारपाई आ जाती थी, हर घर से थरिया, लोटा, कलछुल, कड़ाही...

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विवाह - एक पवित्र बंधन By DINESH KUMAR KEER

विवाह - एक पवित्र बंधन   माँ मैंने दिनेश को छोड़ने का मानस बना लिया है, आपके और पापा के कहने पर मैंने यह विवाह तो कर लिया, पर मगर अब और नही निभा पाउंगी । सीमा अपनी माँ से बोल र...

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कन्यादान By DINESH KUMAR KEER

  "अरे वधू के माता - पिता कहाँ हैं भाई ? उनको भी तो बुलाओ स्टेज पर । सभी के फोटो हो गए हैं सिर्फ वधू के माता - पिता ही रहे हैं । "   मैं फोटो वाला था, वरमाला स्टेज पर सभी...

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पिता व पुत्र की कहानी By DINESH KUMAR KEER

पिता ने बेटे से कहा, "तुमने बहुत अच्छे नंबरों से ग्रेजुएशन पूरी की है। अब क्यूंकि तुम नौकरी पाने के लिए प्रयास कर रहे हो , मैं तुमको यह कार उपहार स्वरुप भेंट करना चाहता हूँ , यह का...

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एहसास रिश्तों का By DINESH KUMAR KEER

एहसास रिश्तों का   पिता बेटी के सर पर, हाथ रख कर बोला :- "मैं तेरे लिए ऐसा पति खोजकर लाऊंगा, जो तुझे बहुत सारा प्यार करे, तेरी भावनाओं का सम्मान करे, तेरे दुख सुख को समझ सके,...

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आने से उसके आए बहार By sudha jugran

“आने से उसके आए बहार” पावनी और रवीना सुबह की सैर पर थीं। बचपन की दोनों सहेलियां गप्पे मारती हुई निर्जन सड़क पर चली जा रहीं थीं। वे गप्पों में इतनी मशगूल थीं कि उन्हें हल्की बूंदा-बा...

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हिन्दी एक भाषा ही नहीं - संस्कृति है...! इसी तरह हिन्दू भी धर्म नही - सभ्यता है By Devendra Kumar Jaiswal

विवाह उपरांत जीवन साथी को छोड़ने के लिए 2 शब्दों का प्रयोग किया जाता है 1-Divorce (अंग्रेजी) 2-तलाक (उर्दू) कृपया हिन्दी का शब्द बताए...??तब मैं... 'जनसत्ता' में... नौकरी क...

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सुन्दर बिटिया By swapnil pande

उस वक़्त की दुनिया ही लड़को के मुनासिब थी,दादीजी की नाराज़ी भी तब जायज़ थीदाई माँ ने जब सफ़ेद&n...

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राव हम्मीर देव चौहान By DINESH KUMAR KEER

रणथम्भौर "रणतभँवर के शासक थे । ये पृथ्वीराज चौहान के वंशज थे। इनके पिता का नाम जैत्रसिंह था । ये इतिहास में ''हठी हम्मीर के नाम से प्रसिद्ध हुए हैं। जब हम्मीर वि॰सं॰ 1339 (...

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राणा सांगा By DINESH KUMAR KEER

बाबर को हिंदोस्तान का ताज पानीपत जितने से नही मिला बल्कि जब खानवा में उसकी तोपों के सामने सांगा के राजपूत पीछे हटे और फिर कुछ समय बाद सांगा को किसी अपने ने ही विष देकर मार दिया तो...

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आश्वस्ति By Dr. Suryapal Singh

शंकर प्रसाद अपना डेढ़ एकड़ खेत गोण्डा के रजिस्ट्री कार्यालय में रमेश प्रधान को लिखकर गांव नहीं लौटे। उनके चचेरे भाई सरजू उन्हें गांव चलने के लिए प्रेरित करते रहे पर उनका मन उदास था...

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माँ की ममता By DINESH KUMAR KEER

माँ की ममता   माँ... घर पहुँचते ही बेशक माँ से... कुछ काम ना हो लेकिन... हमारा पहला सवाल यही... होता है माँ किधर है और... माँ के दिखाई देते ही... दिल को सुकून मिल जाता है... &...

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धांधू By Dr. Suryapal Singh

बैसाख की रात का पिछला प्रहर। गुलाबी ठंड । गांव में उषा के आगमन तक बिछी चांदनी। इमरती दाल दरने बैठ गई। दरेती की आवाज़ से सुर मिलाते हुए गा उठी................ कुहू कुहू बोलइ ई कारी...

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सलमा का स्वप्न By Dr. Suryapal Singh

रामधीरज को जो भी मिल जाता उसका हाल चाल पूछते। खुश रहते पर बात करते समय कुछ ज्यादा ही बोल जाते। किसी ने उन्हें 'गप्पू' कह दिया। अब यह नाम चल पड़ा। गांव जवांर ही नहीं नाते-रि...

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अपना आकाश - 9 - ई सब कब तक चली? By Dr. Suryapal Singh

अनुच्छेद- 9 ई सब कब तक चली?हटीपुरवा में इक्यावन घर हैं। ग्राम पंचायत में बारह पुरवे, दो बड़े शेष छोटे । यह अवध का गाँव ऊपरी सरयूपार का हिस्सा। भाभर-तराई को छोड़कर हर जगह नल गाड़कर...

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==================== स्नेही मित्रो सस्नेह नमस्कार एक नवीन दिवस का आरंभ, एक नवीन चिंतन का उदय हमें पर...

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युगांतर - भाग 35 By Dr. Dilbag Singh Virk

दुख आदमी को चिंतन करने पर मजबूर करता है। दुखी होकर आदमी अपनी उन गलतियों को याद करता है, जिसे करने से वह बच सकता था। दुख में वह उनके बारे में भी सोचता है, जिनके बारे में उनकी सोच ज्...

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मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 31 By Chaya Agarwal

भाग 31 तलाक के करीब तीन महीने बाद फिज़ा ने कोर्ट में केस दायर कर दिया था। वकील साहब के तजुर्बे और उस वक्त के हालात को देखते हुये ज़हेज, घरेलू हिँसा, अबार्शन का केस बना था। जिसके लिये...

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राजकुमारी कृष्णाकुमारी By DINESH KUMAR KEER

राजकुमारी कृष्णाकुमारी :- जिसके लिये तनी थीं तलवारें... यह हिन्दुस्तान के इतिहास के उस दौर की दास्तान है जब एक ओर जहां मुगल बादशाहों की शक्तियां ढलान पर थीं और देश के राजे-रजवाड़े अ...

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आम जिंदगी की खास कहानी By DINESH KUMAR KEER

एक अनोखी प्रेम कहानीगाँव के बच्चे नारायणी को काकी कहते हैं। पहले नारायणी कभी निराश नहीं दिखती थी। जब से उसका पति भूरा बढ़ई बीमार पड़ा है, तभी से वह खोई-खोई रहती है। पति की सेवा-सुश्र...

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गरीब की इज्जत - पार्ट 3 By Kishanlal Sharma

रोज की तरह उसे जंगल का अफसर बेसब्री से उसका इंतजार करता हुआ मिला।लाजो को देखते ही वह मुस्कराकर बोला"आज तो तुमने देर कर दी।कब से तुम्हारी राह देख रहा हूँ""क्यो/""तुम्हारा सुंदर मुखड़...

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गाँव की शादियां By DINESH KUMAR KEER

पहले गाँव में न टेंट हाऊस थे और न कैटरिंग। थी तो केवल सामाजिकता व व्यवहारिकता। गांव में जब कोई शादी होती तो घर के अड़ोस-पड़ोस से चारपाई आ जाती थी, हर घर से थरिया, लोटा, कलछुल, कड़ाही...

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विवाह - एक पवित्र बंधन By DINESH KUMAR KEER

विवाह - एक पवित्र बंधन   माँ मैंने दिनेश को छोड़ने का मानस बना लिया है, आपके और पापा के कहने पर मैंने यह विवाह तो कर लिया, पर मगर अब और नही निभा पाउंगी । सीमा अपनी माँ से बोल र...

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कन्यादान By DINESH KUMAR KEER

  "अरे वधू के माता - पिता कहाँ हैं भाई ? उनको भी तो बुलाओ स्टेज पर । सभी के फोटो हो गए हैं सिर्फ वधू के माता - पिता ही रहे हैं । "   मैं फोटो वाला था, वरमाला स्टेज पर सभी...

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पिता व पुत्र की कहानी By DINESH KUMAR KEER

पिता ने बेटे से कहा, "तुमने बहुत अच्छे नंबरों से ग्रेजुएशन पूरी की है। अब क्यूंकि तुम नौकरी पाने के लिए प्रयास कर रहे हो , मैं तुमको यह कार उपहार स्वरुप भेंट करना चाहता हूँ , यह का...

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एहसास रिश्तों का By DINESH KUMAR KEER

एहसास रिश्तों का   पिता बेटी के सर पर, हाथ रख कर बोला :- "मैं तेरे लिए ऐसा पति खोजकर लाऊंगा, जो तुझे बहुत सारा प्यार करे, तेरी भावनाओं का सम्मान करे, तेरे दुख सुख को समझ सके,...

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आने से उसके आए बहार By sudha jugran

“आने से उसके आए बहार” पावनी और रवीना सुबह की सैर पर थीं। बचपन की दोनों सहेलियां गप्पे मारती हुई निर्जन सड़क पर चली जा रहीं थीं। वे गप्पों में इतनी मशगूल थीं कि उन्हें हल्की बूंदा-बा...

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हिन्दी एक भाषा ही नहीं - संस्कृति है...! इसी तरह हिन्दू भी धर्म नही - सभ्यता है By Devendra Kumar Jaiswal

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राव हम्मीर देव चौहान By DINESH KUMAR KEER

रणथम्भौर "रणतभँवर के शासक थे । ये पृथ्वीराज चौहान के वंशज थे। इनके पिता का नाम जैत्रसिंह था । ये इतिहास में ''हठी हम्मीर के नाम से प्रसिद्ध हुए हैं। जब हम्मीर वि॰सं॰ 1339 (...

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बाबर को हिंदोस्तान का ताज पानीपत जितने से नही मिला बल्कि जब खानवा में उसकी तोपों के सामने सांगा के राजपूत पीछे हटे और फिर कुछ समय बाद सांगा को किसी अपने ने ही विष देकर मार दिया तो...

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आश्वस्ति By Dr. Suryapal Singh

शंकर प्रसाद अपना डेढ़ एकड़ खेत गोण्डा के रजिस्ट्री कार्यालय में रमेश प्रधान को लिखकर गांव नहीं लौटे। उनके चचेरे भाई सरजू उन्हें गांव चलने के लिए प्रेरित करते रहे पर उनका मन उदास था...

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माँ की ममता By DINESH KUMAR KEER

माँ की ममता   माँ... घर पहुँचते ही बेशक माँ से... कुछ काम ना हो लेकिन... हमारा पहला सवाल यही... होता है माँ किधर है और... माँ के दिखाई देते ही... दिल को सुकून मिल जाता है... &...

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धांधू By Dr. Suryapal Singh

बैसाख की रात का पिछला प्रहर। गुलाबी ठंड । गांव में उषा के आगमन तक बिछी चांदनी। इमरती दाल दरने बैठ गई। दरेती की आवाज़ से सुर मिलाते हुए गा उठी................ कुहू कुहू बोलइ ई कारी...

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सलमा का स्वप्न By Dr. Suryapal Singh

रामधीरज को जो भी मिल जाता उसका हाल चाल पूछते। खुश रहते पर बात करते समय कुछ ज्यादा ही बोल जाते। किसी ने उन्हें 'गप्पू' कह दिया। अब यह नाम चल पड़ा। गांव जवांर ही नहीं नाते-रि...

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