hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • एक दुनिया अजनबी - 14

    एक दुनिया अजनबी 14- उसके गले तक आकर कुछ ठहर गया था, अटक गया था भीतर ही जैसे गले...

  • सुलझे...अनसुलझे - 19

    सुलझे...अनसुलझे भावों की दुनिया ----------------------- कहते है जब बुढ़ापा आता है...

  • सीमारेखा

    हर व्यक्ति की ज़िंदगी में एक मकसद होता है. बिना मकसद के ज़िन्दगी बेमानी है. ज़िन्दग...

एक दुनिया अजनबी - 14 By Pranava Bharti

एक दुनिया अजनबी 14- उसके गले तक आकर कुछ ठहर गया था, अटक गया था भीतर ही जैसे गले में किसी कठोर ग्रास को उसने ज़बरदस्ती भीतर धकेला था | विभा और भी असहज हो उठी, चाय के इंतज़ार में गैस र...

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सुलझे...अनसुलझे - 19 By Pragati Gupta

सुलझे...अनसुलझे भावों की दुनिया ----------------------- कहते है जब बुढ़ापा आता है तो व्यवहार बच्चों जैसा हो जाता है। कुछ हद्द तक यह कथन सच जान पड़ता है क्योंकि बुढ़ापे की ज़िद्द कुछ-कु...

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लहराता चाँद - 30 By Lata tejeswar renuka

लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 30 अनन्या नहाकर नाइटी पहन वाशरूम से बाहर आई। सिर टॉवल से ढँकी हुई थी। टेबल के सामने बैठ कर आईने को निहारने लगी। फिर बिंदी लगाकर गालों पर ड...

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सीमारेखा By Dr. Vandana Gupta

हर व्यक्ति की ज़िंदगी में एक मकसद होता है. बिना मकसद के ज़िन्दगी बेमानी है. ज़िन्दगी को जीना और उसे काटना दोनों अलग बातें हैं. ज़िन्दगी जब बोझ लगने लगे तो उसे अधिक देर तक ढोया नहीं जा...

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पुण्‍य By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- पुण्‍य आर.एन. सुनगरया, मुझे...

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आज़ाद परिंदा - मिस्ड कॉल By Mens HUB

नरेश एक सरकारी संस्थान में उच्च पद पर कार्यरत है और उसे इस पद पर काम करते हुए तकरीबन 9 वर्ष हो चुके है | उसका अभी तक का कार्य बेहतरीन रहा है लिहाज़ा प्रमोशन एवं कुछ अन्य अवार्ड्स भी...

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फेस बुक-फेक बुक By Dr Sandip Awasthi

डॉ सन्दीप अवस्थी वह बस से उतरी । रात के दो बजे थे और इस अनजान शहर में वह किसी को नही जानती थी। बस एक नाम था आयुष और जगह थी बड़ा बाजार। यही का उसने जिक्र किया था। वह उसका फेस बुक फ्र...

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बर्फीली रातों के गुलदस्ते By Jayanti Ranganathan

शीला शाम को जब लंबी सैर से वापस आई, सामने ही उसे राबर्ट नजर आ गया अपने कुत्ते जीरो के साथ। राबर्ट उसे देख ठिठक गया। शीला ने उसे अनदेखा करने की कोशिश की, आज जरा भी मन नहीं है उसका र...

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तीसरे लोग - 8 By Geetanjali Chatterjee

8. न्यूयॉर्क स्मारक के लिए अजनबी शहर नहीं था। उसने स्वयं को एड्स की रोकथाम के अनुसंधान में डुबो दिया | उनकी रिसर्च टीम रोज सोलह-सत्रा घंटे काम कर रही थी। चौबीस घंटों में से मुश्किल...

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बेनज़ीर - दरिया किनारे का ख्वाब - 12 By Pradeep Shrivastava

भाग - १२ ' जीवन, दुनिया की खूबसूरती देखने का आपका नजरिया क्या है?' 'अब नजरिया का क्या कहूं, मैं जल्द से जल्द सब कुछ बदलना, देखना, चाहती थी। तो मैं हर महीने कोई ना कोई ऐ...

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मिशन सिफर - 15 By Ramakant Sharma

15. राशिद पूरी तरह तंदुरुस्त हो चुका था। अब उसे कमजोरी भी महसूस नहीं हो रही थी। लेकिन, वह इसे जाहिर नहीं कर रहा था ताकि वह घर में ही रहकर आराम कर सके। नुसरत उसके लिए ऐसी चीजें बनाक...

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अपने-अपने कारागृह - 12 By Sudha Adesh

अपने-अपने कारागृह-11 हम सामान लेकर अभी बाहर निकले ही थे कि शैलेश और नंदिता 'वेलकम दीदी एवं जीजा जी 'का फ्लैग लेकर खड़े नजर आए । उन्हें देखते ही शैलेश और नंदिता ने एक साथ क...

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काला धन By राज कुमार कांदु

मैं घर से दूकान की तरफ जा रहा था । सुबह का खुशनुमा मौसम था । सडकों पर शोर शराबा लगभग नहीं होता है । अपनी धुन में चलते हुए मुझे किसी की बड़ी ही महीन सी आवाज सुनाई पड़ी ” अरे जनाब ! सु...

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इमली की चटनी में गुड़ की मिठास - 7 By Shivani Jaipur

भाग-7 चन्द्रेश ने लौटते समय उसकी कार में चलने का आग्रह किया।पहले तो शालिनी झिझकी पर फिर उसे लगा चन्द्रेश के साथ थोड़ा सा और वक्त बिताने को मिल रहा ये खूबसूरत मौका हाथ से जाने नहीं...

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चिराग़-गुल By Deepak sharma

चिराग़-गुल बहन की मृत्यु का समाचार मुझे टेलीफोन पर मिला. पत्नी और मैं उस समय एक विशेष पार्टी के लिए निकल रहे थे. पत्नी शीशे के सामने अपना अन्तिम निरीक्षण कर रही थी और मैं तैयार कबाब...

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कालचक्र By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

कालचक्र उस दिन अचानक आशीष का फोन आया। न जाने कितने समय बाद उसकी आवाज़ कान में पड़ी थी। ये मेरे इकलौते बेटे की आवाज़ थी... उस बेटे की, जिसे बनाने में हमने अपना पूरा जीवन ही लगा दिया...

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बिटवा आ गवा... लॉकडाउन By Sunita Bishnolia

पूनम की रात में जवान होने को आतुर चाँद को एकटक देखती रजनी के देखते ही देखते चाँद आसमान में अपनी आभा बिखरे चुका था। लंबे समय से पैदल चलने की वज़ह से रजनी का गौर वर्ण भी कांतिहीन...

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कच्ची डगर.... By Dr Vinita Rahurikar

आज खाना बनाते हुए सीमा के मन में विचारों की तरंगे उठ रही थी रह-रहकर। पिछले कई दिनों से वह देख रही थी उसकी किशोर वय बेटी श्वेता उसके कमरे में पैर रखते ही चौक पड़ती है। श्वेता का स्ट...

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लता सांध्य-गृह - 8 By Rama Sharma Manavi

पूर्व कथा जानने के लिए पिछले अध्याय अवश्य पढ़ें। आठवां अध्याय----------------- गतांक से आगे…. --------------- शोभिता की कक्ष साथी थीं विमलेश जी,पैंसठ वर्षीया, रिटायर्ड प...

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जगत बा By Neelam Kulshreshtha

जगत बा [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] कुछ बरस पहले मैंने अपने सरकारी घर के पीछे के कम्पाउंड में खुलने वाला दरवाज़ा खोला था, देखा वे हैं -बा, दो कपडों के लम्बे थैलों में वे अपनी कपड़े ठूंसे खड़ी...

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आ अब लौट चलें By Abdul Gaffar

आ अब लौट चलें। (कहानी)लेखक - अब्दुल ग़फ़्फ़ार उस समय मैं दिल्ली में पढ़ाई कर रहा था जब धर्मा के मरने की ख़बर मिली। उसे गेहुअन सांप ने डंस लिया था। धर्मा कोई मेरा सगा संबंधी तो नही...

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पत्थर की मूरत By राज कुमार कांदु

छमाही इम्तिहान के नतीजे घोषित हो चुके थे । कमल को सत्तर प्रतिशत अंक मिले थे । अपने इस प्रदर्शन से वह स्वयं ही काफी निराश था । लेकिन वह इससे भी ज्यादा परेशान था परिचित लोगों के अफ़सो...

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BOYS school WASHROOM - 10 By Akash Saxena "Ansh"

""सुनो प्रज्ञा मै समझता हूँ तुम्हे क्या महसूस हो रहा है और मै भी वही महसूस कर रहा हूँ जो तुम महसूस कर रही हो, लेकिन मेरी तरह तुम्हें भी ये समझना होगा की यश अब बच्चा नहीं रहा, वो जा...

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नई दिशा By Sudha Adesh

नई दिशा ‘ मेरी मृत्यु के पश्चात् मेरा शरीर दान कर दिया जाये ।’ अमित शंकर की इस कथन को सुनकर जहाँ सचिन तथा चेतना अवाक् रह गये वहीं उनकी पत्नी अमला ने रोना प्रारंभ कर दिया । उस स...

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मुझे पंख दे दो By Ila Singh

मुझे पंख दे दो।*************घड़ी की तरफ नजर गई तो चौंक उठी ,अरे साढ़े दस बज गए ;आशा नहीं आई अभी तक ,आसमान तो एकदम साफ है ,बारिश के कोई आसार भी नजर नहीं आ रहे ,हालांकि मौसम बारिश का...

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मिरगी By Deepak sharma

मिरगी उस निजी अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग का चार्ज लेने के कुछ ही दिनों बाद कुन्ती का केस मेरे पास आया था| “यह पर्ची यहीं के एक वार्ड बॉय की भतीजी की है, मैम|” उस दिन क...

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ठुल कुड़ी (बड़ा घर) By डा.कुसुम जोशी

#ठुल_कुड़ी (बड़ा घर) फिर उसने हमेशा कि तरह आमा से चिरौरी की "ठुल कुड़ी" दिखा दो आमा..परसों कॉलेज खुल जायेगा और वो शहर चली जायेगी", कितने सालों से वो चाहती थी कि पहाड़ी गांव...

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जर्जर आधार By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- जर्जर आधार...

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आपकी आराधना - 21 - अंतिम भाग By Pushpendra Kumar Patel

कमला ने एक बार फिर आराधना के पैर पकड़ लिये और रो -रो कर माफी माँगती रही। आराधना तो पत्थर की तरह कठोर हो चुकी थी, उसका मन अंकल और मनीष की यादों मे ही खो गया। वह कुछ बोलने की स्थिति म...

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चमड़े का अहाता By Deepak sharma

चमड़े का अहाता शहर की सबसे पुरानी हाइड-मारकिट हमारी थी. हमारा अहाता बहुत बड़ा था. हम चमड़े का व्यापार करते थे. मरे हुए जानवरों की खालें हम खरीदते और उन्हें चमड़ा बनाकर बेचते. हमारा काम...

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बच्चों का डर By रामगोपाल तिवारी

इन कहानियों की कहानी कहानी को समझने के लिए जीवन को समझना आवश्यक है। जीवन जितना कोमल और सख्त होता है, कहानी का रूप-स्वरूप भी करीब-करीब ऐसा ही होता है। कहानी पाठक को अपने से...

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द्वन्‍द्व By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- द्वन्‍द्व...

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तीन शराबी. By Shiv Shanker Gahlot

तीन शराबी लेखक - जी शिवशंकर दिल्ली के सरकारी दफ्तरों के बहुत सारे कमरे शाम 6 बजे के बाद मेकशिफ्ट बार में बदल जाते हैं । चपरासी पांच साढ़े पांच बजते-बजते अद्धा,...

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एक दुनिया अजनबी - 14 By Pranava Bharti

एक दुनिया अजनबी 14- उसके गले तक आकर कुछ ठहर गया था, अटक गया था भीतर ही जैसे गले में किसी कठोर ग्रास को उसने ज़बरदस्ती भीतर धकेला था | विभा और भी असहज हो उठी, चाय के इंतज़ार में गैस र...

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सुलझे...अनसुलझे - 19 By Pragati Gupta

सुलझे...अनसुलझे भावों की दुनिया ----------------------- कहते है जब बुढ़ापा आता है तो व्यवहार बच्चों जैसा हो जाता है। कुछ हद्द तक यह कथन सच जान पड़ता है क्योंकि बुढ़ापे की ज़िद्द कुछ-कु...

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लहराता चाँद - 30 By Lata tejeswar renuka

लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 30 अनन्या नहाकर नाइटी पहन वाशरूम से बाहर आई। सिर टॉवल से ढँकी हुई थी। टेबल के सामने बैठ कर आईने को निहारने लगी। फिर बिंदी लगाकर गालों पर ड...

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सीमारेखा By Dr. Vandana Gupta

हर व्यक्ति की ज़िंदगी में एक मकसद होता है. बिना मकसद के ज़िन्दगी बेमानी है. ज़िन्दगी को जीना और उसे काटना दोनों अलग बातें हैं. ज़िन्दगी जब बोझ लगने लगे तो उसे अधिक देर तक ढोया नहीं जा...

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पुण्‍य By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- पुण्‍य आर.एन. सुनगरया, मुझे...

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आज़ाद परिंदा - मिस्ड कॉल By Mens HUB

नरेश एक सरकारी संस्थान में उच्च पद पर कार्यरत है और उसे इस पद पर काम करते हुए तकरीबन 9 वर्ष हो चुके है | उसका अभी तक का कार्य बेहतरीन रहा है लिहाज़ा प्रमोशन एवं कुछ अन्य अवार्ड्स भी...

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फेस बुक-फेक बुक By Dr Sandip Awasthi

डॉ सन्दीप अवस्थी वह बस से उतरी । रात के दो बजे थे और इस अनजान शहर में वह किसी को नही जानती थी। बस एक नाम था आयुष और जगह थी बड़ा बाजार। यही का उसने जिक्र किया था। वह उसका फेस बुक फ्र...

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बर्फीली रातों के गुलदस्ते By Jayanti Ranganathan

शीला शाम को जब लंबी सैर से वापस आई, सामने ही उसे राबर्ट नजर आ गया अपने कुत्ते जीरो के साथ। राबर्ट उसे देख ठिठक गया। शीला ने उसे अनदेखा करने की कोशिश की, आज जरा भी मन नहीं है उसका र...

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तीसरे लोग - 8 By Geetanjali Chatterjee

8. न्यूयॉर्क स्मारक के लिए अजनबी शहर नहीं था। उसने स्वयं को एड्स की रोकथाम के अनुसंधान में डुबो दिया | उनकी रिसर्च टीम रोज सोलह-सत्रा घंटे काम कर रही थी। चौबीस घंटों में से मुश्किल...

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बेनज़ीर - दरिया किनारे का ख्वाब - 12 By Pradeep Shrivastava

भाग - १२ ' जीवन, दुनिया की खूबसूरती देखने का आपका नजरिया क्या है?' 'अब नजरिया का क्या कहूं, मैं जल्द से जल्द सब कुछ बदलना, देखना, चाहती थी। तो मैं हर महीने कोई ना कोई ऐ...

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मिशन सिफर - 15 By Ramakant Sharma

15. राशिद पूरी तरह तंदुरुस्त हो चुका था। अब उसे कमजोरी भी महसूस नहीं हो रही थी। लेकिन, वह इसे जाहिर नहीं कर रहा था ताकि वह घर में ही रहकर आराम कर सके। नुसरत उसके लिए ऐसी चीजें बनाक...

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अपने-अपने कारागृह - 12 By Sudha Adesh

अपने-अपने कारागृह-11 हम सामान लेकर अभी बाहर निकले ही थे कि शैलेश और नंदिता 'वेलकम दीदी एवं जीजा जी 'का फ्लैग लेकर खड़े नजर आए । उन्हें देखते ही शैलेश और नंदिता ने एक साथ क...

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काला धन By राज कुमार कांदु

मैं घर से दूकान की तरफ जा रहा था । सुबह का खुशनुमा मौसम था । सडकों पर शोर शराबा लगभग नहीं होता है । अपनी धुन में चलते हुए मुझे किसी की बड़ी ही महीन सी आवाज सुनाई पड़ी ” अरे जनाब ! सु...

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इमली की चटनी में गुड़ की मिठास - 7 By Shivani Jaipur

भाग-7 चन्द्रेश ने लौटते समय उसकी कार में चलने का आग्रह किया।पहले तो शालिनी झिझकी पर फिर उसे लगा चन्द्रेश के साथ थोड़ा सा और वक्त बिताने को मिल रहा ये खूबसूरत मौका हाथ से जाने नहीं...

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चिराग़-गुल By Deepak sharma

चिराग़-गुल बहन की मृत्यु का समाचार मुझे टेलीफोन पर मिला. पत्नी और मैं उस समय एक विशेष पार्टी के लिए निकल रहे थे. पत्नी शीशे के सामने अपना अन्तिम निरीक्षण कर रही थी और मैं तैयार कबाब...

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कालचक्र By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

कालचक्र उस दिन अचानक आशीष का फोन आया। न जाने कितने समय बाद उसकी आवाज़ कान में पड़ी थी। ये मेरे इकलौते बेटे की आवाज़ थी... उस बेटे की, जिसे बनाने में हमने अपना पूरा जीवन ही लगा दिया...

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बिटवा आ गवा... लॉकडाउन By Sunita Bishnolia

पूनम की रात में जवान होने को आतुर चाँद को एकटक देखती रजनी के देखते ही देखते चाँद आसमान में अपनी आभा बिखरे चुका था। लंबे समय से पैदल चलने की वज़ह से रजनी का गौर वर्ण भी कांतिहीन...

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कच्ची डगर.... By Dr Vinita Rahurikar

आज खाना बनाते हुए सीमा के मन में विचारों की तरंगे उठ रही थी रह-रहकर। पिछले कई दिनों से वह देख रही थी उसकी किशोर वय बेटी श्वेता उसके कमरे में पैर रखते ही चौक पड़ती है। श्वेता का स्ट...

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लता सांध्य-गृह - 8 By Rama Sharma Manavi

पूर्व कथा जानने के लिए पिछले अध्याय अवश्य पढ़ें। आठवां अध्याय----------------- गतांक से आगे…. --------------- शोभिता की कक्ष साथी थीं विमलेश जी,पैंसठ वर्षीया, रिटायर्ड प...

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जगत बा By Neelam Kulshreshtha

जगत बा [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] कुछ बरस पहले मैंने अपने सरकारी घर के पीछे के कम्पाउंड में खुलने वाला दरवाज़ा खोला था, देखा वे हैं -बा, दो कपडों के लम्बे थैलों में वे अपनी कपड़े ठूंसे खड़ी...

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आ अब लौट चलें By Abdul Gaffar

आ अब लौट चलें। (कहानी)लेखक - अब्दुल ग़फ़्फ़ार उस समय मैं दिल्ली में पढ़ाई कर रहा था जब धर्मा के मरने की ख़बर मिली। उसे गेहुअन सांप ने डंस लिया था। धर्मा कोई मेरा सगा संबंधी तो नही...

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पत्थर की मूरत By राज कुमार कांदु

छमाही इम्तिहान के नतीजे घोषित हो चुके थे । कमल को सत्तर प्रतिशत अंक मिले थे । अपने इस प्रदर्शन से वह स्वयं ही काफी निराश था । लेकिन वह इससे भी ज्यादा परेशान था परिचित लोगों के अफ़सो...

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नई दिशा By Sudha Adesh

नई दिशा ‘ मेरी मृत्यु के पश्चात् मेरा शरीर दान कर दिया जाये ।’ अमित शंकर की इस कथन को सुनकर जहाँ सचिन तथा चेतना अवाक् रह गये वहीं उनकी पत्नी अमला ने रोना प्रारंभ कर दिया । उस स...

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मुझे पंख दे दो।*************घड़ी की तरफ नजर गई तो चौंक उठी ,अरे साढ़े दस बज गए ;आशा नहीं आई अभी तक ,आसमान तो एकदम साफ है ,बारिश के कोई आसार भी नजर नहीं आ रहे ,हालांकि मौसम बारिश का...

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मिरगी उस निजी अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग का चार्ज लेने के कुछ ही दिनों बाद कुन्ती का केस मेरे पास आया था| “यह पर्ची यहीं के एक वार्ड बॉय की भतीजी की है, मैम|” उस दिन क...

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ठुल कुड़ी (बड़ा घर) By डा.कुसुम जोशी

#ठुल_कुड़ी (बड़ा घर) फिर उसने हमेशा कि तरह आमा से चिरौरी की "ठुल कुड़ी" दिखा दो आमा..परसों कॉलेज खुल जायेगा और वो शहर चली जायेगी", कितने सालों से वो चाहती थी कि पहाड़ी गांव...

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आपकी आराधना - 21 - अंतिम भाग By Pushpendra Kumar Patel

कमला ने एक बार फिर आराधना के पैर पकड़ लिये और रो -रो कर माफी माँगती रही। आराधना तो पत्थर की तरह कठोर हो चुकी थी, उसका मन अंकल और मनीष की यादों मे ही खो गया। वह कुछ बोलने की स्थिति म...

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चमड़े का अहाता By Deepak sharma

चमड़े का अहाता शहर की सबसे पुरानी हाइड-मारकिट हमारी थी. हमारा अहाता बहुत बड़ा था. हम चमड़े का व्यापार करते थे. मरे हुए जानवरों की खालें हम खरीदते और उन्हें चमड़ा बनाकर बेचते. हमारा काम...

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तीन शराबी. By Shiv Shanker Gahlot

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