hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


Languages
Categories
Featured Books
  • जननम - 4

    जननम अध्याय 4 उसने धीरे से उसके कंधे पर हाथ रखा। "कोई आपको ढूंढने नहीं भी आए तो...

  • महामाया - 20

    महामाया सुनील चतुर्वेदी अध्याय – बीस समाधि का वक्त नजदीक आता जा रहा था। समाधि स्...

  • आधी दुनिया का पूरा सच - 9

    आधी दुनिया का पूरा सच (उपन्यास) 9. हृदय में भय और विवशता तथा चेहरे पर कृत्रिम मु...

जननम - 4 By S Bhagyam Sharma

जननम अध्याय 4 उसने धीरे से उसके कंधे पर हाथ रखा। "कोई आपको ढूंढने नहीं भी आए तो भी आपको फिक्र करने की जरूरत नहीं।" वह अंग्रेजी में बोला। "पिछला समय याद नहीं है सोच कर फिक्र करने के...

Read Free

एक ही भूल, भाग- ३ By Saroj Prajapati

उसके बाद चाचा जी ने जो चारपाई पकड़ी तो साल भर बाद उनकी अर्थी ही घर से निकली। बेटा बहू चाची के पास ही अा गए थे। बहू व आस पड़ोस के तानों के कारण चाची एक चलती फिरती लाश ही रह गई थी। औ...

Read Free

विदा रात - 1 By Kishanlal Sharma

सर्दियों के मौसम की एक बेहद ठंडी रात।रात केे बारह बज चुके थे। बरखा के सास श्वसुर और ननद कब के अपने अपने कमरों में सो चुके थे।बरखा भी इस समय तक रोज़ सो जाती थी।लेकिन आज उसकी आँख...

Read Free

न उम्र की सीमा हो By seema singh

न उम्र की सीमा हो .................... ये वक्त जो ठहर हुआ है मुठ्ठी में फँसी रेत सा फिसलता जा रहा ..लाख जतन रोकने की पर वह है कि बहता जा रहा ...तुम्हारी याद के मुहाने पर आकर ठहर ग...

Read Free

मुआवजा-विवाह By Krishan Kumar Ashu

मुआवजा-विवाह अंधकार ने अपना फन फैलाया। अंधेरे का काला सर्प रेंगा और शाम के धुंधलके पर कुण्डली मारकर बैठ गया। इसी के साथ सूरज ने क्षितिज में मुंह छुपा लिया। शायद वह भी मीनू के दुख क...

Read Free

उर्वशी - 2 By Jyotsana Kapil

उर्वशी ज्योत्स्ना ‘ कपिल ‘ 2 प्रतिउत्तर में उसका हाथ आगे बढ़ा तो दीपंकर ने गर्मजोशी से उसका हाथ थाम लिया। " अद्वितीय सुंदरता और भावप्रवण अभिनय का ऐसा सम्मिश्रण कठिनाई से ही देखने को...

Read Free

बडी प्रतिमा - 6 By Sudha Trivedi

बडी प्रतिमा (6.) गीतू की तिकडी में जो प्यारी-सी अंजना थी, जिसे सब छोटी अंजना बुलाते थे, जो कुंवारी थी, जिसकी मां गवर्नमेंट हाई स्कूल की शिक्षिका थीं - उसके चार हजार रुपए नहीं मिल र...

Read Free

चाचाजी का अधूरा उपन्यास By Shushant Shupriy

चाचाजी का अधूरा उपन्यास सुशांत सुप्रिय चाचाजी हिंदी साहित्य में एक बड़ा नाम थे । उन्होंने दर्जनों कथा-संग्रह, काव्य-संग्रह व उपन्यास लिखे थे । उनकी आलोचनात्मक किताबों ने कई स्थापित...

Read Free

आधा आदमी - 14 By Rajesh Malik

आधा आदमी अध्‍याय-14 ‘‘अरे पहिले घूम तो लूँ फेर देखी जाईगी.‘‘ ‘‘जईसी तेरी मरजी.‘‘ जजमानी में मिलें बधाई के पैसे से बेटी अम्मा ने सभी के साथ-साथ मुझे भी बाँटा दिया। मैंने बाँटा लेकर...

Read Free

महामाया - 20 By Sunil Chaturvedi

महामाया सुनील चतुर्वेदी अध्याय – बीस समाधि का वक्त नजदीक आता जा रहा था। समाधि स्थल पर तीनों माताएँ पहुँच चुकी थी। वे आँख बंद किये जोर-जोर से ऊँ नमः शिवाय का जाप कर रही थी। अखिल, अन...

Read Free

होने से न होने तक - 35 By Sumati Saxena Lal

होने से न होने तक 35. जितनी आसानी से और जितनी जल्दी यश ने हॉ कर दी थी उसको ले कर मन में बाद तक कुछ चुभता रहा था। क्या यश मेरी तरफ से ही आग्रह किए जाने की प्रतीक्षा कर रहे थे ताकि क...

Read Free

केसरिया बालम - 2 By Hansa Deep

केसरिया बालम डॉ. हंसा दीप 2 बरगद की छाँव तले जिस दिन वह आने वाला था, सब दौड़ रहे थे इधर से उधर, घर वाले भी, घर के नौकर भी। योजनाबद्ध था सब कुछ, पहले पानी, फिर चाय-नाश्ता, उसके बाद...

Read Free

समंदर और सफेद गुलाब - 1 - 1 By Ajay Sharma

समंदर और सफेद गुलाब पहला दिन 1 शताब्दी टे्रन को मैंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया और मैट्रो टे्रन लेने के लिए मैट्रो स्टेशन की तरफ बढऩे लगा। ट्रॉली बैग को पहियों पर घसीटता...

Read Free

आधी दुनिया का पूरा सच - 9 By Dr kavita Tyagi

आधी दुनिया का पूरा सच (उपन्यास) 9. हृदय में भय और विवशता तथा चेहरे पर कृत्रिम मुस्कान लेकर आज साँवली का झुग्गी के उस प्रतिबंधित भाग में प्रवेश हुआ था, जिसमें झाँकना भी आज से कुछ दि...

Read Free

डरना मना है By Anju Sharma

पौ फटने के समय ही निकल जाता है बसंत घर से पर आज थोड़ा लेट हो गया! सड़क पर थोड़ी बहुत आवाजाही शुरू हो चुकी थी! शुक्र है कि झाड़ू लगना अभी शुरू नहीं हुई थी वरना उसकी किस्मत पर भी फिर...

Read Free

धरती तुम बदल गईं By Mita Das

धरती तुम बदल गईं शाम का धुंधलका और गहरा हो चला था । स्ट्रीट लाइटें ऑन हो चुकी थीं । रविवार की शाम थी, दूरदर्शन पर शाम की फिल्म चल रही थी । सारे कालोनी के लोग कड़कड़ाती ठण्ड में शाम प...

Read Free

सुहागिन या विधवा - 4 By Kishanlal Sharma

उसकी राधा के छोटे भाई की पत्नी बन जाने पर उसे गहरा सदमा लगा था।उसे एक ही बात कचोटती रहती।राधा ने इस निर्णय का विरोध क्यो नही किया?राधा की यादों को दिल से निकालने के लिए उसने शराब...

Read Free

किस्से कोरोना के By Heena_Pathan

नमस्कार पाठक मित्रों हम आपको किस्से कोरोना में आपको कोरोना से जुड़े किस्से बताएगे ! मानवता के ऊपर सबसे बड़े संकट के रुप में मंडरा रहे कोरोना महामारी को हराने के लिए डॉक्टर अचानक स...

Read Free

कहानी ‘शम्मा दुलदुल वाला By ramgopal bhavuk

कहानी ‘शम्मा दुलदुल वाला’ रामगोपाल भावुक शम्मा का पूरा नाम तो श्यामलाल धानुक है। लेकिन लोग उसे शम्मा बरार के नाम से पुकारते हैं। वह शादी-ब्याह में पैत्रिक सम्पति के रूप में प्राप्त...

Read Free

मानव का खोखला जिवन By रनजीत कुमार तिवारी

जिवन अनमोल है, यूं व्यर्थ न गवाइए।अपने कुछ पल मानवता में भी लगाइए।।धरा है पाप से सहमी,आओ मिलकर उद्धार करें।मातृभूमि की रक्षा करें,ऐसा मन में सब बिचार करें।।हवा हो गयी है दुषित, पेड...

Read Free

मॉरीशस किनारे.... By Dr Jaya Anand

आज साँची गंगा तलाव मे पाँव डाले विचारों की लहरों में डूबती उतराती जा रही थी ।गंगा तलाव मॉरीशस की वो जगह जहाँ पहुंच कर एक छोटा भारत दिखाई पड़ता है। बिल्कुल अपना सा ,वही अति सुंदर शि...

Read Free

खब्बू वीर By Priyan Sri

इस पावन भूमि भारत में समय-समय पर महापुरुषों ने जन्म लिया है। जो अपने चमत्कारों द्वारा इस नश्वर संसार में भी अमर हो जाते हैं और आने वाली पीढ़ियाँ उनकी गुण-गाथा गाती हैं...ऐसे ही एक...

Read Free

फिर मिलेंगे... कहानी - एक महामारी से लॉक डाउन तक - 11 By Sarvesh Saxena

शहर के शहर सन्नाटे में डूबे थे, हर तरफ एक सन्नाटे का शोर था वो लोगों के रोने का बिलखने का शोर था, नियति हंस रही थी मानव पर, दिन-रात प्रकृति को असंतुलित करने वाले मानव आज एक लाचार द...

Read Free

ग्रामीण बच्चियां और उनका बचपन By Pragya Chandna

मैं एक शिक्षक हूं। मेरी पोस्टिंग एक ग्रामीण इलाके में है। मेरा स्कूल को-एड है, जैसा कि अमूमन हर शासकीय स्कूल होता है। हमारे देश में हालांकि बाल-विवाह कानूनन अपराध है, पर अभी भी ग्...

Read Free

दाता By Poonam Singh

कहानी " दाता " "बच्चें सो गए क्या ?" पिता ने चिंतित स्वर में पूछा। " हाँ अभी अभी सोए हैं।" "समझ रहा हूँ.., भूख से नींद तो आई नहीं होगी तूने मार डपटकर सुला दिया होगा।" "अब हम लोग...

Read Free

गंगादेई By Pranava Bharti

गंगादेई --------- उम्र का एक पड़ाव पार कर लेने पर मनुष्य न जाने क्यों अपनी पिछली ज़िंदगी में झाँकता ज़रूर है,वह स्थिर रह ही नहीं पाता | वैसे ज़िंदगी का अटूट सत्य...

Read Free

सलमा सितारा जड़ी मेरी साड़ी By Geeta Shri

सलमा सितारा जड़ी मेरी साड़ी गीताश्री वह बार बार मुझसे टकरा रही थी। मैं उससे बचने की कोशिश करती हुई भीड़भाड़ में इधर उधर हो रही थी। जब जब पास से टकरा कर निकलती, उसकी साड़ी से कोई चम...

Read Free

पुराना पता By Deepak sharma

पुराना पता ‘इन दीज न्यू टाउन्ज वन कैन फाइन्ड द ओल्ड हाउजिस ओनली इन पीपल’ (‘इन नये शहरों में पुराने घर हमें केवल लोगों के भीतर ही मिल सकते हैं।’) इलियास कानेसी वह मेरा पुराना मकान ह...

Read Free

चक्रव्यूह. By Neelima Tikku

चक्रव्यूह बाहर मूसलाधार बारिश होने लगी थी, इसी के साथ ही रोड़ लाइट्स बंद हो गईं थीं। वह काफी समय से एयरपोर्ट रोड़ पर कार में बैठी छोटी बहन को फ़ोन लगा रही थी लेकिन उसका फ़ोन स्विच...

Read Free

विश्वासघात By Jyoti Prakash Rai

विश्वासघात मानवता एक बार फिर शर्मसार हुई है और इसका जिम्मेदार भी मानव प्राणी ही हुआ है वह मानव जो संसार में सबसे अधिक बुद्धिमान माना जाता है। जिसके उपयोग के लिए ईश्वर ने सुंदरता की...

Read Free

मज़बूर (पार्ट 2) By Shrikar Dixit

स्वाती दरबाजा खोलती है..राहुल :- रौशन सो रहा है जागा तो नहीं...स्वाती :- नहीं,सो ही रहा है..राहुल :- अच्छा,स्वाती :क्या कहा राजेश जी ने?राहुल :- ह्म्म, नंबर दिया है एक साहब का,कल...

Read Free

काश ! में समज पाता - 2 By Mahek Parwani

बस ये बात जैसे प्रणव कि माताजी को कांटे कि तरह चुभ सी गई । दिन-रात एक ही चिंता उसे सता रही थी , अगर बेटी आई तो इस घर का वंश आगे कैसे बढ़ेगा ? उन्होंने प्रणव के पिताजी , प्रणव और प्र...

Read Free

निकले बड़े बेआबरू होकर.. By Amit Singh

"निकले बड़े बेआबरू होकर... "कवि केदारनाथ सिंह ने कहा है कि “जाना” हिंदी की सबसे खतरनाक क्रिया है | लेकिन लोग जा रहे हैं | लोग ठीक वैसे ही जा रहे हैं, जैसे वे कुछ हप्तों, मह...

Read Free

बेटी और रोटी का रिश्ता By Kumar Gourav

गाँव में पेट्रोल डिजल का रोना नहीं है। उहाँ विकासवा आराम से चाय की टपरी पर सुर्ती मलता है । गाँव छोड़े सालों हो गये लेकिन गाँव हमें नहीं छोड़ रहा । पछियारी टोल का सारा खबर विकासवा फो...

Read Free

फ्रैंड रिक्वैस्ट By Pratibha

फ्रैंड रिक्वैस्ट मन पर दस्तक हुई .. मैंने धीरे से कपाट खोले .. गर्दन बाहर निकाली.. सामने देखा, इधर - उधर झाँका .. | कोई नहीं था .. माने प्रत्यक्ष कोई नहीं था ..पर कुछ अनुभव हो रहा...

Read Free

नव प्रभात By Rama Sharma Manavi

जिंदगी के आसमान में खुशियों के पंख लगाकर वह उन्मुक्त परिंदे की मानिंद उड़ान भर रही थी कि किस्मत ने अचानक उसके पंख काटकर उसे हकीकत के पथरीले उजड़े जमीन पर पटक दिया। नैना तीन भाइ...

Read Free

जननम - 4 By S Bhagyam Sharma

जननम अध्याय 4 उसने धीरे से उसके कंधे पर हाथ रखा। "कोई आपको ढूंढने नहीं भी आए तो भी आपको फिक्र करने की जरूरत नहीं।" वह अंग्रेजी में बोला। "पिछला समय याद नहीं है सोच कर फिक्र करने के...

Read Free

एक ही भूल, भाग- ३ By Saroj Prajapati

उसके बाद चाचा जी ने जो चारपाई पकड़ी तो साल भर बाद उनकी अर्थी ही घर से निकली। बेटा बहू चाची के पास ही अा गए थे। बहू व आस पड़ोस के तानों के कारण चाची एक चलती फिरती लाश ही रह गई थी। औ...

Read Free

विदा रात - 1 By Kishanlal Sharma

सर्दियों के मौसम की एक बेहद ठंडी रात।रात केे बारह बज चुके थे। बरखा के सास श्वसुर और ननद कब के अपने अपने कमरों में सो चुके थे।बरखा भी इस समय तक रोज़ सो जाती थी।लेकिन आज उसकी आँख...

Read Free

न उम्र की सीमा हो By seema singh

न उम्र की सीमा हो .................... ये वक्त जो ठहर हुआ है मुठ्ठी में फँसी रेत सा फिसलता जा रहा ..लाख जतन रोकने की पर वह है कि बहता जा रहा ...तुम्हारी याद के मुहाने पर आकर ठहर ग...

Read Free

मुआवजा-विवाह By Krishan Kumar Ashu

मुआवजा-विवाह अंधकार ने अपना फन फैलाया। अंधेरे का काला सर्प रेंगा और शाम के धुंधलके पर कुण्डली मारकर बैठ गया। इसी के साथ सूरज ने क्षितिज में मुंह छुपा लिया। शायद वह भी मीनू के दुख क...

Read Free

उर्वशी - 2 By Jyotsana Kapil

उर्वशी ज्योत्स्ना ‘ कपिल ‘ 2 प्रतिउत्तर में उसका हाथ आगे बढ़ा तो दीपंकर ने गर्मजोशी से उसका हाथ थाम लिया। " अद्वितीय सुंदरता और भावप्रवण अभिनय का ऐसा सम्मिश्रण कठिनाई से ही देखने को...

Read Free

बडी प्रतिमा - 6 By Sudha Trivedi

बडी प्रतिमा (6.) गीतू की तिकडी में जो प्यारी-सी अंजना थी, जिसे सब छोटी अंजना बुलाते थे, जो कुंवारी थी, जिसकी मां गवर्नमेंट हाई स्कूल की शिक्षिका थीं - उसके चार हजार रुपए नहीं मिल र...

Read Free

चाचाजी का अधूरा उपन्यास By Shushant Shupriy

चाचाजी का अधूरा उपन्यास सुशांत सुप्रिय चाचाजी हिंदी साहित्य में एक बड़ा नाम थे । उन्होंने दर्जनों कथा-संग्रह, काव्य-संग्रह व उपन्यास लिखे थे । उनकी आलोचनात्मक किताबों ने कई स्थापित...

Read Free

आधा आदमी - 14 By Rajesh Malik

आधा आदमी अध्‍याय-14 ‘‘अरे पहिले घूम तो लूँ फेर देखी जाईगी.‘‘ ‘‘जईसी तेरी मरजी.‘‘ जजमानी में मिलें बधाई के पैसे से बेटी अम्मा ने सभी के साथ-साथ मुझे भी बाँटा दिया। मैंने बाँटा लेकर...

Read Free

महामाया - 20 By Sunil Chaturvedi

महामाया सुनील चतुर्वेदी अध्याय – बीस समाधि का वक्त नजदीक आता जा रहा था। समाधि स्थल पर तीनों माताएँ पहुँच चुकी थी। वे आँख बंद किये जोर-जोर से ऊँ नमः शिवाय का जाप कर रही थी। अखिल, अन...

Read Free

होने से न होने तक - 35 By Sumati Saxena Lal

होने से न होने तक 35. जितनी आसानी से और जितनी जल्दी यश ने हॉ कर दी थी उसको ले कर मन में बाद तक कुछ चुभता रहा था। क्या यश मेरी तरफ से ही आग्रह किए जाने की प्रतीक्षा कर रहे थे ताकि क...

Read Free

केसरिया बालम - 2 By Hansa Deep

केसरिया बालम डॉ. हंसा दीप 2 बरगद की छाँव तले जिस दिन वह आने वाला था, सब दौड़ रहे थे इधर से उधर, घर वाले भी, घर के नौकर भी। योजनाबद्ध था सब कुछ, पहले पानी, फिर चाय-नाश्ता, उसके बाद...

Read Free

समंदर और सफेद गुलाब - 1 - 1 By Ajay Sharma

समंदर और सफेद गुलाब पहला दिन 1 शताब्दी टे्रन को मैंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया और मैट्रो टे्रन लेने के लिए मैट्रो स्टेशन की तरफ बढऩे लगा। ट्रॉली बैग को पहियों पर घसीटता...

Read Free

आधी दुनिया का पूरा सच - 9 By Dr kavita Tyagi

आधी दुनिया का पूरा सच (उपन्यास) 9. हृदय में भय और विवशता तथा चेहरे पर कृत्रिम मुस्कान लेकर आज साँवली का झुग्गी के उस प्रतिबंधित भाग में प्रवेश हुआ था, जिसमें झाँकना भी आज से कुछ दि...

Read Free

डरना मना है By Anju Sharma

पौ फटने के समय ही निकल जाता है बसंत घर से पर आज थोड़ा लेट हो गया! सड़क पर थोड़ी बहुत आवाजाही शुरू हो चुकी थी! शुक्र है कि झाड़ू लगना अभी शुरू नहीं हुई थी वरना उसकी किस्मत पर भी फिर...

Read Free

धरती तुम बदल गईं By Mita Das

धरती तुम बदल गईं शाम का धुंधलका और गहरा हो चला था । स्ट्रीट लाइटें ऑन हो चुकी थीं । रविवार की शाम थी, दूरदर्शन पर शाम की फिल्म चल रही थी । सारे कालोनी के लोग कड़कड़ाती ठण्ड में शाम प...

Read Free

सुहागिन या विधवा - 4 By Kishanlal Sharma

उसकी राधा के छोटे भाई की पत्नी बन जाने पर उसे गहरा सदमा लगा था।उसे एक ही बात कचोटती रहती।राधा ने इस निर्णय का विरोध क्यो नही किया?राधा की यादों को दिल से निकालने के लिए उसने शराब...

Read Free

किस्से कोरोना के By Heena_Pathan

नमस्कार पाठक मित्रों हम आपको किस्से कोरोना में आपको कोरोना से जुड़े किस्से बताएगे ! मानवता के ऊपर सबसे बड़े संकट के रुप में मंडरा रहे कोरोना महामारी को हराने के लिए डॉक्टर अचानक स...

Read Free

कहानी ‘शम्मा दुलदुल वाला By ramgopal bhavuk

कहानी ‘शम्मा दुलदुल वाला’ रामगोपाल भावुक शम्मा का पूरा नाम तो श्यामलाल धानुक है। लेकिन लोग उसे शम्मा बरार के नाम से पुकारते हैं। वह शादी-ब्याह में पैत्रिक सम्पति के रूप में प्राप्त...

Read Free

मानव का खोखला जिवन By रनजीत कुमार तिवारी

जिवन अनमोल है, यूं व्यर्थ न गवाइए।अपने कुछ पल मानवता में भी लगाइए।।धरा है पाप से सहमी,आओ मिलकर उद्धार करें।मातृभूमि की रक्षा करें,ऐसा मन में सब बिचार करें।।हवा हो गयी है दुषित, पेड...

Read Free

मॉरीशस किनारे.... By Dr Jaya Anand

आज साँची गंगा तलाव मे पाँव डाले विचारों की लहरों में डूबती उतराती जा रही थी ।गंगा तलाव मॉरीशस की वो जगह जहाँ पहुंच कर एक छोटा भारत दिखाई पड़ता है। बिल्कुल अपना सा ,वही अति सुंदर शि...

Read Free

खब्बू वीर By Priyan Sri

इस पावन भूमि भारत में समय-समय पर महापुरुषों ने जन्म लिया है। जो अपने चमत्कारों द्वारा इस नश्वर संसार में भी अमर हो जाते हैं और आने वाली पीढ़ियाँ उनकी गुण-गाथा गाती हैं...ऐसे ही एक...

Read Free

फिर मिलेंगे... कहानी - एक महामारी से लॉक डाउन तक - 11 By Sarvesh Saxena

शहर के शहर सन्नाटे में डूबे थे, हर तरफ एक सन्नाटे का शोर था वो लोगों के रोने का बिलखने का शोर था, नियति हंस रही थी मानव पर, दिन-रात प्रकृति को असंतुलित करने वाले मानव आज एक लाचार द...

Read Free

ग्रामीण बच्चियां और उनका बचपन By Pragya Chandna

मैं एक शिक्षक हूं। मेरी पोस्टिंग एक ग्रामीण इलाके में है। मेरा स्कूल को-एड है, जैसा कि अमूमन हर शासकीय स्कूल होता है। हमारे देश में हालांकि बाल-विवाह कानूनन अपराध है, पर अभी भी ग्...

Read Free

दाता By Poonam Singh

कहानी " दाता " "बच्चें सो गए क्या ?" पिता ने चिंतित स्वर में पूछा। " हाँ अभी अभी सोए हैं।" "समझ रहा हूँ.., भूख से नींद तो आई नहीं होगी तूने मार डपटकर सुला दिया होगा।" "अब हम लोग...

Read Free

गंगादेई By Pranava Bharti

गंगादेई --------- उम्र का एक पड़ाव पार कर लेने पर मनुष्य न जाने क्यों अपनी पिछली ज़िंदगी में झाँकता ज़रूर है,वह स्थिर रह ही नहीं पाता | वैसे ज़िंदगी का अटूट सत्य...

Read Free

सलमा सितारा जड़ी मेरी साड़ी By Geeta Shri

सलमा सितारा जड़ी मेरी साड़ी गीताश्री वह बार बार मुझसे टकरा रही थी। मैं उससे बचने की कोशिश करती हुई भीड़भाड़ में इधर उधर हो रही थी। जब जब पास से टकरा कर निकलती, उसकी साड़ी से कोई चम...

Read Free

पुराना पता By Deepak sharma

पुराना पता ‘इन दीज न्यू टाउन्ज वन कैन फाइन्ड द ओल्ड हाउजिस ओनली इन पीपल’ (‘इन नये शहरों में पुराने घर हमें केवल लोगों के भीतर ही मिल सकते हैं।’) इलियास कानेसी वह मेरा पुराना मकान ह...

Read Free

चक्रव्यूह. By Neelima Tikku

चक्रव्यूह बाहर मूसलाधार बारिश होने लगी थी, इसी के साथ ही रोड़ लाइट्स बंद हो गईं थीं। वह काफी समय से एयरपोर्ट रोड़ पर कार में बैठी छोटी बहन को फ़ोन लगा रही थी लेकिन उसका फ़ोन स्विच...

Read Free

विश्वासघात By Jyoti Prakash Rai

विश्वासघात मानवता एक बार फिर शर्मसार हुई है और इसका जिम्मेदार भी मानव प्राणी ही हुआ है वह मानव जो संसार में सबसे अधिक बुद्धिमान माना जाता है। जिसके उपयोग के लिए ईश्वर ने सुंदरता की...

Read Free

मज़बूर (पार्ट 2) By Shrikar Dixit

स्वाती दरबाजा खोलती है..राहुल :- रौशन सो रहा है जागा तो नहीं...स्वाती :- नहीं,सो ही रहा है..राहुल :- अच्छा,स्वाती :क्या कहा राजेश जी ने?राहुल :- ह्म्म, नंबर दिया है एक साहब का,कल...

Read Free

काश ! में समज पाता - 2 By Mahek Parwani

बस ये बात जैसे प्रणव कि माताजी को कांटे कि तरह चुभ सी गई । दिन-रात एक ही चिंता उसे सता रही थी , अगर बेटी आई तो इस घर का वंश आगे कैसे बढ़ेगा ? उन्होंने प्रणव के पिताजी , प्रणव और प्र...

Read Free

निकले बड़े बेआबरू होकर.. By Amit Singh

"निकले बड़े बेआबरू होकर... "कवि केदारनाथ सिंह ने कहा है कि “जाना” हिंदी की सबसे खतरनाक क्रिया है | लेकिन लोग जा रहे हैं | लोग ठीक वैसे ही जा रहे हैं, जैसे वे कुछ हप्तों, मह...

Read Free

बेटी और रोटी का रिश्ता By Kumar Gourav

गाँव में पेट्रोल डिजल का रोना नहीं है। उहाँ विकासवा आराम से चाय की टपरी पर सुर्ती मलता है । गाँव छोड़े सालों हो गये लेकिन गाँव हमें नहीं छोड़ रहा । पछियारी टोल का सारा खबर विकासवा फो...

Read Free

फ्रैंड रिक्वैस्ट By Pratibha

फ्रैंड रिक्वैस्ट मन पर दस्तक हुई .. मैंने धीरे से कपाट खोले .. गर्दन बाहर निकाली.. सामने देखा, इधर - उधर झाँका .. | कोई नहीं था .. माने प्रत्यक्ष कोई नहीं था ..पर कुछ अनुभव हो रहा...

Read Free

नव प्रभात By Rama Sharma Manavi

जिंदगी के आसमान में खुशियों के पंख लगाकर वह उन्मुक्त परिंदे की मानिंद उड़ान भर रही थी कि किस्मत ने अचानक उसके पंख काटकर उसे हकीकत के पथरीले उजड़े जमीन पर पटक दिया। नैना तीन भाइ...

Read Free