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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. Th...Read More


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  • जीवन के सप्त सोपान - 5

    जीवन के सप्त सोपान 5 ( सतशयी) -----...

  • सुनो...!!!

    सुनो...!!!! तुम बनारस हो जाओ, मैं उसमें समाहित रस हो जाऊंगी । तुम प्रेम मग्न कृष...

  • भारत - 4

    जय हिन्द'भारत' काव्य संग्रह के अंतर्गत भाग तीन में भारत की सगुण भक्ति धा...

जीवन के सप्त सोपान - 5 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

जीवन के सप्त सोपान 5 ( सतशयी) ------------------------------ अर्पण- स्नेह के अतुल्नीय स्वरुप,उभय अग्रजों के चरण कमलों में स...

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सुनो...!!! By ARUANDHATEE GARG मीठी

सुनो...!!!! तुम बनारस हो जाओ, मैं उसमें समाहित रस हो जाऊंगी । तुम प्रेम मग्न कृष्ण की बांसुरी हो जाओ, मैं उसकी मधुर ध्वनि में समाहित राधा हो जाऊंगी । तुम चौरासी घाट हो जाओ प्रिय, म...

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भारत - 4 By नन्दलाल सुथार राही

जय हिन्द'भारत' काव्य संग्रह के अंतर्गत भाग तीन में भारत की सगुण भक्ति धारा के प्रमुख एवं भारत की सांस्कृतिक धारा के सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रभु श्रीराम एवं श्री कृष्ण से सम्ब...

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आज रावण को अधजला ही रहने दोगे क्या..?? By ARUANDHATEE GARG मीठी

क्या ख्याल है बादलों...??? आज रावण को अधजला ही रहने दोगे क्या? बुराई पर अच्छाई की जीत का झूठा ढोंग करने वालों को , बुराई पर झूठी जीत भी नही दिलाओगे क्या? आज रावण को अधजला ही रहने द...

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में और मेरे अहसास - 43 By Dr Darshita Babubhai Shah

शरारत मुहब्बत बन गई है lशराफत इनायत बन गई है ll तुम्हारी याद मे लिखीं हुईं lदैनन्दिनी रवायत बन गई है ll ************************************* दिन तो गूजर जाता है lरात काटे नहीं कटत...

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मेरे शब्द मेरी पहचान - 12 By Shruti Sharma

आज की कविताएं1:-) वजह बन जाएँ 2:-) दोस्त नज़र आता हैआशा है आप सभी को ये पसंद आएंगी । उम्मीद करती हूँ आप लोग इसे पढने के बाद ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसे पहुँचाएंगे । आप सभी का ये...

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तुम बिन जिन्दगी (मेरी कवितायें) By निखिल ठाकुर

नाम जिन्दगी का क्या दें अब हम ...तन्हा ए पल जीये है यूं उम्र भर मैने...

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पिंजरे कि चिड़िया By Yayawargi (Divangi Joshi)

पाऊं मे जंजीर आज भी है जिसका नाम संस्कार हैये हमारी कोई सुरक्षा नहींये उनका अंहकार हैबेमतलबी सवाल तेरे जवाब बने बहस मेरे बोलना बना बदतमीजीऐसी एक चिड़िया कि कहानी"मुंह चलना बंध कर ।च...

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मोक्षधाम - 5 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

मोक्षधाम 5 (मिटा सके श्मशान क्याॽ) समर्पणः- इस धरा धाम के संरक्षण में, जिन्होंने अपना शास्वत जीवन- हर पल बिताया, उन्ही सात्विक-...

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खिमुली काव्य - खंड-1 By जयदीप पत्रिका

पहली कवितालिखता हूँ एक कविता लिखता हूँ एक कविता, कुछ लाइनों में, ऐ मेरे वतन, तेरे उन जवानों के लिए। जिन्होंने अपना सीना चीर दिया गोलियों से, और नहीं आने दी तेरे आंगन में कोई दरार।।...

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जीवन पथ By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

जीवन पथ है बड़ा अनोखाफिर भी मानव चलता जाए।कभी उजाला कभी अंधेराना जाने कब जीवन में आए।जीवन पथ पर चलते जानायही विडंबना है जीवन की ।घोर अंधेरा ऐसा छायाकाले बादल यू मंडराएजीवन पथ अब नज...

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समय की नब्ज पहिचानों - 4 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

समय की नब्ज पहिचानों 4 काव्य संकलन- समर्पण- समय के वे सभी हस्ताक्षर, जिन्होने समय की नब्ज को,...

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सरल नहीं था यह काम - 5 - अंतिम भाग By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

सरल नहीं था यह काम 5 काव्‍य संग्रह स्‍वतंत्र कुमार सक...

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बोलता आईना - 4 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

बोलता आईना 4 (काव्य संकलन) समर्पण- जिन्होंने अपने जीवन को, समय के आईने के समक्ष, खड़ाकर,उससे कुछ सीखने-...

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निर्माण कविता एवं अन्य रचनाएं By Abha Dave

1)निर्माण--------------कर रहा जग उन्नति चारों दिशाओं मेंआगे बढ़ रहे हैं कदम चाँद -तारों मेंविज्ञान ने कर ली है तरक्की हर पैमाने मेंआदमी भी मशीन बन गया अब तो इस जमाने मेंवहीं रोबोट...

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मेरा भारत लौटा दो - 11 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

मेरा भारत लौटा दो 11 काव्‍य संकलन वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्...

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Meri Shayari By MANISH SINGH

1. बिखर रहे थे सपने पंन्नो की शक्ल में चाहता था पकड़ लूं किसी को पर शायद लंबी छलांग लगाना मेरे बस में नहीं

2. जिंदगी एक बहुत ही सुहाना सफर है जिंदगी में नय नय लोग मिलते जाते हैं औ...

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कभी सोचा न था- भाग-२ By महेश रौतेला

कभी सोचा न था ( भाग-२)२२.जब भी गाया धुन अपनी थीजब भी गाया धुन अपनी थीजब भी सोचा, मन अपना थाजब भी देखा, दृष्टि साफ थीजब भी पूजा, भगवान पास था।मन में कोई दोष नहीं थादूर चला था लय नया...

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क्षणभर - भाग-२ By महेश रौतेला

क्षणभर (भाग-२)२४.इस वर्षइस वर्षविचार उखड़ेआँधियां चलींप्यार की दो-चार बातेन हुयीं,दो-चार छूट गयीं।उनसे हुयी मुलाकातयाद आयी,बीते समय की चिट्ठीफिर पढ़ ली,ईश्वर निर्मित चाहहमारे साथ हो...

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'बेरोजगार' : यथार्थवादी कविताओं का एक संग्रह By Prabhat Anand

#नींद "भगवान के लिए, बेकार! बेकार! का ये शोर बंद करो" ...वो अधेड़ युवक रात भर बड़बड़ाता है,सोये अपनी ख्वाहिशों की कब्र पे। #सपनें सपनें-जिनको पूरा होतेसोचने भर से,कभी रोमांच...

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हरियाली तीज - कविता By Abha Dave

कविताएं-------------1)हरियाली तीज-------------------हरियाली तीज आ गईसुहागन के मन को भा गईसावन की छटा निराली हैप्रियतम को भी भा गई ।रखती है सुहागन उपवासपिया रहे हमेशा उसके पासउसकी उ...

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जीवन के सप्त सोपान - 5 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

जीवन के सप्त सोपान 5 ( सतशयी) ------------------------------ अर्पण- स्नेह के अतुल्नीय स्वरुप,उभय अग्रजों के चरण कमलों में स...

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सुनो...!!! By ARUANDHATEE GARG मीठी

सुनो...!!!! तुम बनारस हो जाओ, मैं उसमें समाहित रस हो जाऊंगी । तुम प्रेम मग्न कृष्ण की बांसुरी हो जाओ, मैं उसकी मधुर ध्वनि में समाहित राधा हो जाऊंगी । तुम चौरासी घाट हो जाओ प्रिय, म...

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भारत - 4 By नन्दलाल सुथार राही

जय हिन्द'भारत' काव्य संग्रह के अंतर्गत भाग तीन में भारत की सगुण भक्ति धारा के प्रमुख एवं भारत की सांस्कृतिक धारा के सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रभु श्रीराम एवं श्री कृष्ण से सम्ब...

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आज रावण को अधजला ही रहने दोगे क्या..?? By ARUANDHATEE GARG मीठी

क्या ख्याल है बादलों...??? आज रावण को अधजला ही रहने दोगे क्या? बुराई पर अच्छाई की जीत का झूठा ढोंग करने वालों को , बुराई पर झूठी जीत भी नही दिलाओगे क्या? आज रावण को अधजला ही रहने द...

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में और मेरे अहसास - 43 By Dr Darshita Babubhai Shah

शरारत मुहब्बत बन गई है lशराफत इनायत बन गई है ll तुम्हारी याद मे लिखीं हुईं lदैनन्दिनी रवायत बन गई है ll ************************************* दिन तो गूजर जाता है lरात काटे नहीं कटत...

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मेरे शब्द मेरी पहचान - 12 By Shruti Sharma

आज की कविताएं1:-) वजह बन जाएँ 2:-) दोस्त नज़र आता हैआशा है आप सभी को ये पसंद आएंगी । उम्मीद करती हूँ आप लोग इसे पढने के बाद ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसे पहुँचाएंगे । आप सभी का ये...

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तुम बिन जिन्दगी (मेरी कवितायें) By निखिल ठाकुर

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पाऊं मे जंजीर आज भी है जिसका नाम संस्कार हैये हमारी कोई सुरक्षा नहींये उनका अंहकार हैबेमतलबी सवाल तेरे जवाब बने बहस मेरे बोलना बना बदतमीजीऐसी एक चिड़िया कि कहानी"मुंह चलना बंध कर ।च...

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मोक्षधाम - 5 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

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खिमुली काव्य - खंड-1 By जयदीप पत्रिका

पहली कवितालिखता हूँ एक कविता लिखता हूँ एक कविता, कुछ लाइनों में, ऐ मेरे वतन, तेरे उन जवानों के लिए। जिन्होंने अपना सीना चीर दिया गोलियों से, और नहीं आने दी तेरे आंगन में कोई दरार।।...

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जीवन पथ By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

जीवन पथ है बड़ा अनोखाफिर भी मानव चलता जाए।कभी उजाला कभी अंधेराना जाने कब जीवन में आए।जीवन पथ पर चलते जानायही विडंबना है जीवन की ।घोर अंधेरा ऐसा छायाकाले बादल यू मंडराएजीवन पथ अब नज...

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समय की नब्ज पहिचानों - 4 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

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1. बिखर रहे थे सपने पंन्नो की शक्ल में चाहता था पकड़ लूं किसी को पर शायद लंबी छलांग लगाना मेरे बस में नहीं

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कभी सोचा न था- भाग-२ By महेश रौतेला

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क्षणभर - भाग-२ By महेश रौतेला

क्षणभर (भाग-२)२४.इस वर्षइस वर्षविचार उखड़ेआँधियां चलींप्यार की दो-चार बातेन हुयीं,दो-चार छूट गयीं।उनसे हुयी मुलाकातयाद आयी,बीते समय की चिट्ठीफिर पढ़ ली,ईश्वर निर्मित चाहहमारे साथ हो...

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'बेरोजगार' : यथार्थवादी कविताओं का एक संग्रह By Prabhat Anand

#नींद "भगवान के लिए, बेकार! बेकार! का ये शोर बंद करो" ...वो अधेड़ युवक रात भर बड़बड़ाता है,सोये अपनी ख्वाहिशों की कब्र पे। #सपनें सपनें-जिनको पूरा होतेसोचने भर से,कभी रोमांच...

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हरियाली तीज - कविता By Abha Dave

कविताएं-------------1)हरियाली तीज-------------------हरियाली तीज आ गईसुहागन के मन को भा गईसावन की छटा निराली हैप्रियतम को भी भा गई ।रखती है सुहागन उपवासपिया रहे हमेशा उसके पासउसकी उ...

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