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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. Th...Read More


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मेरे शब्द मेरी पहचान - 10 By Shruti Sharma

? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ??? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ??आज की कविताएँ :--) 1.) मजहब - ए - दीदार 2.) कवि होना कोई आम नहीं? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ?✍? ✍? ✍? ✍?...

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करवट बदलता भारत - 3 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

’’करवट बदलता भारत’’ 3 काव्‍य संकलन- वेदराम प्रजापति...

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मेरा गांव By Anand Tripathi

मुझको शहर नहीं मेरा गांव चाहिए मुझको शहर नहीं है मेरा गांव चाहिए आम के बगीचे वाली छांव चाहिएमुझको शहर नहीं मेरा गांव चाहिएगर हो इलाज करना तो पत्तों को काट लूं गर एक आम पाऊं तो आपस...

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मेरी कविताएँ By SHAMIM MERCHANT

1. बातें बनानाबातें बनाना, हैं सबसे पसंदीदा काम,खूब लगता हैं सुहाना।हम बातें कब नहीं बनाते?हर पहली फुर्सत में,यही काम तो हैं करते।गलती छुपाने के लिए,हमने सीखा बातें बनाना,और दे डाल...

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में और मेरे अहसास - 37 By Dr Darshita Babubhai Shah

काग़ज़ पर लहू की सियाही से लिखीं हुईं lअनोखी भावनाओ को क़हती है कविताएं ll दिल के ज़ख्मों से बहती है कविताएं lआँख के अश्रुओ से क़हती है कविताएं ll काग़ज़ पर लहू की सियाही से लिखीं हु...

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योग और जीवन - योग से प्रारम्भ कर प्रथम पहर By Archana Singh

योग से प्रारम्भ कर प्रथम पहर (कविता) योग को शामिल कर जीवन में स्वस्थ शरीर की कामना कर। जीने की कला छुपी है इसमें, चित प्रसन्न होता है योग कर। घर ,पाठशाला या चाहे हो दफ्तर योग से...

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बेटी - 10 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

काव्य संकलन ‘‘बेटी’’ 10 (भ्रूण का आत्म कथन) वेदराम प्रजापति ‘‘मनमस्त’’ समर्पणः- माँ की जीवन-धरती के साथ आज के दुराघर्ष मानव चिंतन की भीषण भयाबहिता के बीच- बेटी बचा- बेटी पढ़ा क...

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कलम मेरी लिखती जाएँ - 8 By navita

✍️✍️✍️Kavya sangrah ✍️✍️✍️??कलम मेरी लिखती जाएँ??✍️✍️✍️???✍️✍️✍️???✍️✍️✍️✍️??प्यार का एहसास ??मोहब्बत मे वफ़ा वो सीखा गया जाते जाते वो हमे प्यार का एहसास करवा गया ,चले थे हम दोनों अ...

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वीर पंजाब की धरती By हेतराम भार्गव हिन्दी जुड़वाँ

*वीर पंजाब की धरती* महाकाव्य के दशम कृपाण (सर्ग): *"माच्छीवाडा़ से तलवंडी यात्रा चित्रण"* से चुनिंदा पद -?*जब गुरु गोविंद सिंह महाराज चमकोर युद्ध के बाद मछीवाड़ा जंगल में आए तब मछ...

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रोचक व ज्ञानवर्धक - बाल कविताएं By Archana Singh

बाल कविता- करनी व्यर्थ न जाईअच्छी करनी जो करें,कभी बुरा न उस संग होए।आओ सुनाऊं एक कहानी,तन-मन पुलकित होए।घने जंगल के बीच से,गुज़र रहा था वह लकड़हारा।तपती धूप में छांव तलाशता,...

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नि.र.स. - 6 - कलम के किरदार By Rajat Singhal

नि.र.स. - कलम के किरदार -------------------------------------------------------------------------------------------------- Dedicate to my pen --------------------------------------...

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मेरे हाइकु प्रयास By Meenakshi Dikshit

मेरे हाइकु प्रयास हाइकु, कविता का सबसे छोटा स्वरुप । मात्र सत्रह वर्णों में कहनी पूरी बात, बिम्ब के साथ । सीखने का यह प्रथम प्रयास । सत्रह वर्णों के पांच-सात-पांच का अनुशासन तो प...

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कोरोना काल में कविता से अलख जगाते मुक्तेश्वर - 2 By Mukteshwar Prasad Singh

(1) कोरोना काल में बाजार घर घर हैं बीमार कोरोना की ऐसी रफ्तार,बीच में अफवाहों का अजब गजब अवतार।कोरोना महामारी है,नहीं है की होती तकरा...

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मेरे अल्फ़ाज़ By ANANT KUMAR SHUKLA

मेरे अल्फ़ाज़ एक काव्य संग्रह अनंत कुमार शुक्ला लेखक के बारे मे अनंत कुमार शुक्ला का जन्म 26 सितंबर 2008 को मध्य प्रदेश के रीवा मे हुआ था। उनकी आयु 13 वर्ष है। उनका कवि...

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वो रेलगाड़ी का सफ़र!! जीवन का अनुपम प्रहर!! By Gautam Kothari sanatni

?️वो रेलगाड़ी का सफ़र️?️? जीवन का है अनुपम प्रहर?️~••~••~••~••~••~••~••~••~••~••~ये रचना रेलगाड़ी में मुसाफ़िर के रुप में सयोंग से मिले दो पात्रो जो अपनो के षड्यंत्रों का शिकार हुए है,...

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हाईकू By Alok Mishra

हाईकू हाईकू एक शब्दिक छंद है ।इसका तुकांत या अतुकांत होना उतना महत्व नहीं रखता जितना कि पूरे भाव का व्यक्त होना । छोटा छंद होने के बावजूद यह भाव व्यक्त करने का सशक्त माध्यम...

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इश्क By Vyas Dhara

" बन जाऊं जो में ...? " बन जाऊं अल्फाज अगर में ,तो क्या तू वो अल्फाज पढ़ पाएगा ? बन जाऊं मैं एक राज जो,तो क्या तू उससे दिल में छुपा पाएगा ? बन जााऊं...

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उमंग - संक्राति काल By DrAnamika

परशुराम का तेज~~~~~||||~~~~शस्त्र,शास्त्र दोनों बल हैं इससे मानव रचता है इतिहासमानवता जब पूजी गयी हुआ तम का ह्रासरक्षक बने परशुरामदधीचि की हड्डियों का करते नित्य अभिषेकहड्डी अमूर्त...

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मेरा भारत दिखा तुम्‍हें क्‍या? - 10 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

मेरा भारत दिखा तुम्‍हें क्‍या? 10 काव्‍य संकलन- मेरा भारत दिखा तुम्‍हें क्‍या? वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्‍त’’ समर्पण -- धरती के उन महा सपूतों, जिनके श्रम...

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मेरे शब्द मेरी पहचान - 10 By Shruti Sharma

? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ??? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ??आज की कविताएँ :--) 1.) मजहब - ए - दीदार 2.) कवि होना कोई आम नहीं? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ?✍? ✍? ✍? ✍?...

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करवट बदलता भारत - 3 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

’’करवट बदलता भारत’’ 3 काव्‍य संकलन- वेदराम प्रजापति...

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मेरा गांव By Anand Tripathi

मुझको शहर नहीं मेरा गांव चाहिए मुझको शहर नहीं है मेरा गांव चाहिए आम के बगीचे वाली छांव चाहिएमुझको शहर नहीं मेरा गांव चाहिएगर हो इलाज करना तो पत्तों को काट लूं गर एक आम पाऊं तो आपस...

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मेरी कविताएँ By SHAMIM MERCHANT

1. बातें बनानाबातें बनाना, हैं सबसे पसंदीदा काम,खूब लगता हैं सुहाना।हम बातें कब नहीं बनाते?हर पहली फुर्सत में,यही काम तो हैं करते।गलती छुपाने के लिए,हमने सीखा बातें बनाना,और दे डाल...

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में और मेरे अहसास - 37 By Dr Darshita Babubhai Shah

काग़ज़ पर लहू की सियाही से लिखीं हुईं lअनोखी भावनाओ को क़हती है कविताएं ll दिल के ज़ख्मों से बहती है कविताएं lआँख के अश्रुओ से क़हती है कविताएं ll काग़ज़ पर लहू की सियाही से लिखीं हु...

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योग और जीवन - योग से प्रारम्भ कर प्रथम पहर By Archana Singh

योग से प्रारम्भ कर प्रथम पहर (कविता) योग को शामिल कर जीवन में स्वस्थ शरीर की कामना कर। जीने की कला छुपी है इसमें, चित प्रसन्न होता है योग कर। घर ,पाठशाला या चाहे हो दफ्तर योग से...

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बेटी - 10 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

काव्य संकलन ‘‘बेटी’’ 10 (भ्रूण का आत्म कथन) वेदराम प्रजापति ‘‘मनमस्त’’ समर्पणः- माँ की जीवन-धरती के साथ आज के दुराघर्ष मानव चिंतन की भीषण भयाबहिता के बीच- बेटी बचा- बेटी पढ़ा क...

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कलम मेरी लिखती जाएँ - 8 By navita

✍️✍️✍️Kavya sangrah ✍️✍️✍️??कलम मेरी लिखती जाएँ??✍️✍️✍️???✍️✍️✍️???✍️✍️✍️✍️??प्यार का एहसास ??मोहब्बत मे वफ़ा वो सीखा गया जाते जाते वो हमे प्यार का एहसास करवा गया ,चले थे हम दोनों अ...

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वीर पंजाब की धरती By हेतराम भार्गव हिन्दी जुड़वाँ

*वीर पंजाब की धरती* महाकाव्य के दशम कृपाण (सर्ग): *"माच्छीवाडा़ से तलवंडी यात्रा चित्रण"* से चुनिंदा पद -?*जब गुरु गोविंद सिंह महाराज चमकोर युद्ध के बाद मछीवाड़ा जंगल में आए तब मछ...

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रोचक व ज्ञानवर्धक - बाल कविताएं By Archana Singh

बाल कविता- करनी व्यर्थ न जाईअच्छी करनी जो करें,कभी बुरा न उस संग होए।आओ सुनाऊं एक कहानी,तन-मन पुलकित होए।घने जंगल के बीच से,गुज़र रहा था वह लकड़हारा।तपती धूप में छांव तलाशता,...

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नि.र.स. - कलम के किरदार -------------------------------------------------------------------------------------------------- Dedicate to my pen --------------------------------------...

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मेरे हाइकु प्रयास By Meenakshi Dikshit

मेरे हाइकु प्रयास हाइकु, कविता का सबसे छोटा स्वरुप । मात्र सत्रह वर्णों में कहनी पूरी बात, बिम्ब के साथ । सीखने का यह प्रथम प्रयास । सत्रह वर्णों के पांच-सात-पांच का अनुशासन तो प...

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कोरोना काल में कविता से अलख जगाते मुक्तेश्वर - 2 By Mukteshwar Prasad Singh

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मेरे अल्फ़ाज़ By ANANT KUMAR SHUKLA

मेरे अल्फ़ाज़ एक काव्य संग्रह अनंत कुमार शुक्ला लेखक के बारे मे अनंत कुमार शुक्ला का जन्म 26 सितंबर 2008 को मध्य प्रदेश के रीवा मे हुआ था। उनकी आयु 13 वर्ष है। उनका कवि...

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वो रेलगाड़ी का सफ़र!! जीवन का अनुपम प्रहर!! By Gautam Kothari sanatni

?️वो रेलगाड़ी का सफ़र️?️? जीवन का है अनुपम प्रहर?️~••~••~••~••~••~••~••~••~••~••~ये रचना रेलगाड़ी में मुसाफ़िर के रुप में सयोंग से मिले दो पात्रो जो अपनो के षड्यंत्रों का शिकार हुए है,...

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हाईकू By Alok Mishra

हाईकू हाईकू एक शब्दिक छंद है ।इसका तुकांत या अतुकांत होना उतना महत्व नहीं रखता जितना कि पूरे भाव का व्यक्त होना । छोटा छंद होने के बावजूद यह भाव व्यक्त करने का सशक्त माध्यम...

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इश्क By Vyas Dhara

" बन जाऊं जो में ...? " बन जाऊं अल्फाज अगर में ,तो क्या तू वो अल्फाज पढ़ पाएगा ? बन जाऊं मैं एक राज जो,तो क्या तू उससे दिल में छुपा पाएगा ? बन जााऊं...

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उमंग - संक्राति काल By DrAnamika

परशुराम का तेज~~~~~||||~~~~शस्त्र,शास्त्र दोनों बल हैं इससे मानव रचता है इतिहासमानवता जब पूजी गयी हुआ तम का ह्रासरक्षक बने परशुरामदधीचि की हड्डियों का करते नित्य अभिषेकहड्डी अमूर्त...

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मेरा भारत दिखा तुम्‍हें क्‍या? - 10 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

मेरा भारत दिखा तुम्‍हें क्‍या? 10 काव्‍य संकलन- मेरा भारत दिखा तुम्‍हें क्‍या? वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्‍त’’ समर्पण -- धरती के उन महा सपूतों, जिनके श्रम...

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