hindi Best Poems Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. Th...Read More


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  • शायराना फिज़ा... 1 - कुछ अनकहे ज़ज्बात

    रहने दे मोहब्बत में डूबने को, ऐ परिंदे आसमाँ के...ये दरिया है नादान, बेमौत मारा...

  • आह्वान प्रेम का - 1

    आह्वान प्रेम का1. तेरी यादों को मैं कितना भुलाऊं,बेझिझक चली आती है चाहे मैं बुला...

  • POEM

    कुछ पल   कभी-कभी कुछ पल मन को, बहुत दूर ले जाते हैं परिचित सी मधुर आवाजों से, मी...

में और मेरे अहसास - 96 By Darshita Babubhai Shah

हुश्न की खूबसूरती आज जी भर के देखते हैं l नज़रे बचाके महफिल में ठहर के देखते हैं ll   किस्मत पर भरोसा है दीदार ए यार होगा l चलो थोड़ा सा और इंतजार कर के देखते हैं ll   का...

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शायराना फिज़ा... 1 - कुछ अनकहे ज़ज्बात By Utpal Tomar

रहने दे मोहब्बत में डूबने को, ऐ परिंदे आसमाँ के...ये दरिया है नादान, बेमौत मारा जाएगा || ~ याद आता है ~ मैं, तू और वो हंसी वक्त, याद आता है...मेरा मुस्कुराना, तेरा शर्मा जाना, याद...

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शब्दों की बारात By Preetam Gupta

~कोई ख्याल बचा कर रखो प्रीतम ~ इरादे उम्मीदों के, सख़्त लगते हो, तुम मुझे मेरा, बुरा वक्त लगते हो    होठों पर नज़र, नहीं जाती है क्या, माथा चूम कर, क्यू गले लगते हो.   यार लहज़ा ऐस...

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आह्वान प्रेम का - 1 By Choudhary SAchin Rosha

आह्वान प्रेम का1. तेरी यादों को मैं कितना भुलाऊं,बेझिझक चली आती है चाहे मैं बुलाऊं या न बुलाऊं और हाल दिल का तुझे मैं क्या बताऊं अब रहा नहीं जाता, तुझसे मिलने का बेसब्री से दिल चाह...

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POEM By Vishram Goswami

कुछ पल   कभी-कभी कुछ पल मन को, बहुत दूर ले जाते हैं परिचित सी मधुर आवाजों से, मीठा अहसास कराते है। दिल करता हैं यूं ही सैर करते, बहुत दूर निकल जाऊं मैं, भागम-भाग के दौर से, कही उन्...

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आज फिर मुझे नज़र आई वो... By Utpal Tomar

~उनसे बिछड़ना था~तन्हा होना था, सुकून पाना था खुद से मिलना था, सो उनसे बिछड़ना था lआवारा फिर ना था, गिर के संभालना था सबसे लड़ना था ,सो उनसे से बिछड़ना था l याद करना था, वह क्या था...

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अवध में राम आएँगे By Er.Vishal Dhusiya

1 फूलों से सजादो राहों को फूलों से सजा दो राहों को भगवान आएँगे फूलों से सजा दो राहों को भगवान आएँगे एकबार फिर इस धरतीपे प्रभु श्रीराम आएँगे एकबार फिर इस धरती पे प्रभु श्रीराम आएँगे...

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बेफिक्री लड़की By K T

1] अजीब सी लड़की..मैं हूं लड़की अजीब सी.....सुनती तो सबकी, मगर करती सिर्फ अपने मन की हूं..जब भी बारिश आती है, तो मैं सब कुछ भूल कर पूरे मन से भीगती हूं..तेज हवाओं में भी, झूम के चल...

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आंसू By Devansh

आंसू आंसू की बात करती है दुनिया कुछ लोग बिन आंसू रोते हैं...  अकेले में खुद को ही वो टोहते हैं।   टोहते है वो खुद को, वो देखे मन में रोते खुद को, अकेले में खुद को ही वो टोहते हैं।...

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गुलदस्ता - 19 By Madhavi Marathe

               ११८ कलियोंने हलकेसे फुलों को कहाँ बताओ तो जरा, कैसे दिख रही है दुनिया, तुम्हारे खिल जाने से क्या लोगों के चेहेरे खिल गए है ? तुम्हारी सुगंध से उनके आँगन महक उठे है ?...

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The Truth Of The World By Pawan Kumar Saini

The Truth Of The World Two wordsI do not remember when by adding some words in reverse I started giving them the form of poetry with my understanding.Whatever I have seen, felt, fe...

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माँ की ममता अपार By बैरागी दिलीप दास

माँ की ममता अपार,प्रेम की भेंट निरंतर।माँ ही है सबसे प्यारी,जननी, जीवन दातारी।जन्म से लेकर बड़े होने तक,माँ का सहारा है बचपन का ठिकाना।वो ही थामती है हमारा हाथ,चाहे गर्भ में हो या...

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मन में आशा के दीप जलाए रखना By Dr Yogendra Kumar Pandey

दीपावली यानी दीपों का त्यौहार। घरों में साफ-सफाई और रंगाई- पोताई के बाद चमकते घर आंगन, तोरण और बंदनवार से सजे द्वार, विविध रंगों से बनाई जाती रंगोलियां,धन की देवी लक्ष्मी जी के स्व...

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मुझ मैं बस मैं हूं, मैं हूं !!! By Makvana Bhavek

लोग कहते हैं मैं बहुत कोशिश करता हूं  लोग कहते हैं कि मैं सचमुच अजीब लगता हूँ  आप जानते हैं कि मेरा इरादा कोई नुकसान पहुंचाने का नहीं है  मैं बस खुद जैसा बनने की कोशिश कर रहा हूं ल...

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काव्यजीत - 6 By Kavya Soni

1.ये जो दर्द मीठा सा हैबेचैन से अहसास हैबहके से मेरे जज़्बात हैखुमारी उसके इश्क की हैप्यार नैन की चाहत उसका दीदार हैजो नज़रों के सामने वो आ जाएदिल ये पाए करार हैक्या ये ही प्यार है...

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मेरे अनुभव मेरे ऐहसास By Devjeet

️️ मेरे अनुभव मेरे एहसास सोचा है मैंने आज.क्यों न... कलम उठकर कर दूं इनका पर्दाफाश ️️बस इतना सा जान लो मुझको....दिल की क़लम से लिखते हैं अपने ज़ज्बात....चेहरे पर लिए फिरते हैं ढाई...

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मेरे शब्द मेरी पहचान - 19 By Shruti Sharma

---- कुछ कहना था जो रह गया ----* क्या कहना था पता नहीं पर कुछ कहना था जो रह गया ।समझना बाकी था अभी मेरा कुछ बताना था जो रह गया ।अभी तो जी भर के पढ़ा ही नहीं कुछ लिखना था जो रह गया...

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मेरे अल्फाज़ By Desai Pragati

1] प्रकृति प्रकृति को ख़रीद ने चला हे इंसान,जिसकी गोद में बड़ा हुवा उसीका भूल के अहेसान.कुदरत की दी गई चिज़ो पर हक जमाने चला हे,विपता के लिए फिर तैयार रहो जो होगा घमासान.कोई चाँद प...

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मुक्त हो जाना चाहा मैने By Suman Kumavat

हाँ.. मुक्त हो जाना चाहा मैने सारे स्नेह बंधनो से अपने ही बनाये तमाम घेरो से और तुम्हारे बनाये मर्यादा की चौखटों से मुक्त होकर उड़ जाना चाहती हूँ धुंए की तरह दूर आसमान के अनाम कोनो...

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में और मेरे अहसास - 96 By Darshita Babubhai Shah

हुश्न की खूबसूरती आज जी भर के देखते हैं l नज़रे बचाके महफिल में ठहर के देखते हैं ll   किस्मत पर भरोसा है दीदार ए यार होगा l चलो थोड़ा सा और इंतजार कर के देखते हैं ll   का...

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शायराना फिज़ा... 1 - कुछ अनकहे ज़ज्बात By Utpal Tomar

रहने दे मोहब्बत में डूबने को, ऐ परिंदे आसमाँ के...ये दरिया है नादान, बेमौत मारा जाएगा || ~ याद आता है ~ मैं, तू और वो हंसी वक्त, याद आता है...मेरा मुस्कुराना, तेरा शर्मा जाना, याद...

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शब्दों की बारात By Preetam Gupta

~कोई ख्याल बचा कर रखो प्रीतम ~ इरादे उम्मीदों के, सख़्त लगते हो, तुम मुझे मेरा, बुरा वक्त लगते हो    होठों पर नज़र, नहीं जाती है क्या, माथा चूम कर, क्यू गले लगते हो.   यार लहज़ा ऐस...

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आह्वान प्रेम का - 1 By Choudhary SAchin Rosha

आह्वान प्रेम का1. तेरी यादों को मैं कितना भुलाऊं,बेझिझक चली आती है चाहे मैं बुलाऊं या न बुलाऊं और हाल दिल का तुझे मैं क्या बताऊं अब रहा नहीं जाता, तुझसे मिलने का बेसब्री से दिल चाह...

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POEM By Vishram Goswami

कुछ पल   कभी-कभी कुछ पल मन को, बहुत दूर ले जाते हैं परिचित सी मधुर आवाजों से, मीठा अहसास कराते है। दिल करता हैं यूं ही सैर करते, बहुत दूर निकल जाऊं मैं, भागम-भाग के दौर से, कही उन्...

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आज फिर मुझे नज़र आई वो... By Utpal Tomar

~उनसे बिछड़ना था~तन्हा होना था, सुकून पाना था खुद से मिलना था, सो उनसे बिछड़ना था lआवारा फिर ना था, गिर के संभालना था सबसे लड़ना था ,सो उनसे से बिछड़ना था l याद करना था, वह क्या था...

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अवध में राम आएँगे By Er.Vishal Dhusiya

1 फूलों से सजादो राहों को फूलों से सजा दो राहों को भगवान आएँगे फूलों से सजा दो राहों को भगवान आएँगे एकबार फिर इस धरतीपे प्रभु श्रीराम आएँगे एकबार फिर इस धरती पे प्रभु श्रीराम आएँगे...

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बेफिक्री लड़की By K T

1] अजीब सी लड़की..मैं हूं लड़की अजीब सी.....सुनती तो सबकी, मगर करती सिर्फ अपने मन की हूं..जब भी बारिश आती है, तो मैं सब कुछ भूल कर पूरे मन से भीगती हूं..तेज हवाओं में भी, झूम के चल...

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आंसू By Devansh

आंसू आंसू की बात करती है दुनिया कुछ लोग बिन आंसू रोते हैं...  अकेले में खुद को ही वो टोहते हैं।   टोहते है वो खुद को, वो देखे मन में रोते खुद को, अकेले में खुद को ही वो टोहते हैं।...

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गुलदस्ता - 19 By Madhavi Marathe

               ११८ कलियोंने हलकेसे फुलों को कहाँ बताओ तो जरा, कैसे दिख रही है दुनिया, तुम्हारे खिल जाने से क्या लोगों के चेहेरे खिल गए है ? तुम्हारी सुगंध से उनके आँगन महक उठे है ?...

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The Truth Of The World By Pawan Kumar Saini

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माँ की ममता अपार By बैरागी दिलीप दास

माँ की ममता अपार,प्रेम की भेंट निरंतर।माँ ही है सबसे प्यारी,जननी, जीवन दातारी।जन्म से लेकर बड़े होने तक,माँ का सहारा है बचपन का ठिकाना।वो ही थामती है हमारा हाथ,चाहे गर्भ में हो या...

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मन में आशा के दीप जलाए रखना By Dr Yogendra Kumar Pandey

दीपावली यानी दीपों का त्यौहार। घरों में साफ-सफाई और रंगाई- पोताई के बाद चमकते घर आंगन, तोरण और बंदनवार से सजे द्वार, विविध रंगों से बनाई जाती रंगोलियां,धन की देवी लक्ष्मी जी के स्व...

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मुझ मैं बस मैं हूं, मैं हूं !!! By Makvana Bhavek

लोग कहते हैं मैं बहुत कोशिश करता हूं  लोग कहते हैं कि मैं सचमुच अजीब लगता हूँ  आप जानते हैं कि मेरा इरादा कोई नुकसान पहुंचाने का नहीं है  मैं बस खुद जैसा बनने की कोशिश कर रहा हूं ल...

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काव्यजीत - 6 By Kavya Soni

1.ये जो दर्द मीठा सा हैबेचैन से अहसास हैबहके से मेरे जज़्बात हैखुमारी उसके इश्क की हैप्यार नैन की चाहत उसका दीदार हैजो नज़रों के सामने वो आ जाएदिल ये पाए करार हैक्या ये ही प्यार है...

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मेरे अनुभव मेरे ऐहसास By Devjeet

️️ मेरे अनुभव मेरे एहसास सोचा है मैंने आज.क्यों न... कलम उठकर कर दूं इनका पर्दाफाश ️️बस इतना सा जान लो मुझको....दिल की क़लम से लिखते हैं अपने ज़ज्बात....चेहरे पर लिए फिरते हैं ढाई...

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मेरे शब्द मेरी पहचान - 19 By Shruti Sharma

---- कुछ कहना था जो रह गया ----* क्या कहना था पता नहीं पर कुछ कहना था जो रह गया ।समझना बाकी था अभी मेरा कुछ बताना था जो रह गया ।अभी तो जी भर के पढ़ा ही नहीं कुछ लिखना था जो रह गया...

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मेरे अल्फाज़ By Desai Pragati

1] प्रकृति प्रकृति को ख़रीद ने चला हे इंसान,जिसकी गोद में बड़ा हुवा उसीका भूल के अहेसान.कुदरत की दी गई चिज़ो पर हक जमाने चला हे,विपता के लिए फिर तैयार रहो जो होगा घमासान.कोई चाँद प...

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मुक्त हो जाना चाहा मैने By Suman Kumavat

हाँ.. मुक्त हो जाना चाहा मैने सारे स्नेह बंधनो से अपने ही बनाये तमाम घेरो से और तुम्हारे बनाये मर्यादा की चौखटों से मुक्त होकर उड़ जाना चाहती हूँ धुंए की तरह दूर आसमान के अनाम कोनो...

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