hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • काश तुम बनारस होती

    "काश तुम बनारस होती"     बनारस की गलियों से शुरू हुई दास्तां सुबह के साढ़े सात ब...

  • पहला प्यार

    पहला प्यार... यह वो एहसास होता है जो ज़िन्दगी में बस एक बार आता है, लेकिन उसकी य...

  • मां का आंचल

    सूरज की पहली किरण जैसे ही खिड़की से होकर अंदर आई, राधिका की नींद खुल गई। सामने क...

भिन्न-अभिन्न By Deepak sharma

समान लंबाई- चौड़ाई रखने के बावजूद भी वे दो परिसर आज भिन्न आभास देते हैं। मगर आज से सत्ताईस वर्ष पूर्व वे एक अभिन्न पहचान रखते थे : जुड़वां कोठियों के नाम से चिह्मित थे। प्रत्येक सद...

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काश तुम बनारस होती By Rishabh Sharma

"काश तुम बनारस होती"     बनारस की गलियों से शुरू हुई दास्तां सुबह के साढ़े सात बजे बनारस की गलियों में वही रोज़ का शोर था — दूध वाले की आवाज़, मंदिर की घंटियां, और मोहल्ले की औरतों...

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भूतिया सफर By Sunita

स्थान: बरेली का एक वीरान रेलवे स्टेशनसमय: रात 2:20 बजेघड़ी की टिक-टिक अब जैसे कान में सुराख़ कर रही थी।रात दो बजे के बाद का समय और वो स्टेशन — बरेली जंक्शन का पुराना प्लेटफॉर्म नंब...

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उफ्फ ये दाल! By Tanzilur rehman

शुक्र है यार, दाल तो गोश्त बन जाती।" जैसे ही वह लाउंज में दाखिल हुई, उसे अपनी सास की आवाज़ सुनाई दी। रफ़ाना की मुस्कान कम हो गई और उसका गुस्सा चरम पर पहुँच गया।"ये लोग दाल-चावल के...

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तेरा साथ भी, तेरा साया भी – धीरु और खुशबू की अधूरी दास्तां By Dhiru singh

धीरु सिंह, एक शांत लेकिन रहस्यमयी युवक, जिसकी आंखों में दर्द भी था और इरादों में कोई चुप्पी भी थी, छोटे से गांव रतनपुर में अपने दादी के साथ रहता था, मां-बाप की मौत बचपन में एक भयान...

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पहला प्यार By Anjali

पहला प्यार... यह वो एहसास होता है जो ज़िन्दगी में बस एक बार आता है, लेकिन उसकी यादें ताउम्र हमारे दिल में बसी रहती हैं। कुछ अधूरी, कुछ मासूम, कुछ बेहद खास।ये कहानी है रिया और आरव क...

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जलती हुई परछाई By Vivek Singh

️ जलती हुई परछाईलेखक: विवेक सिंहरात के दो बज चुके थे। बाहर सुनसान सन्नाटा पसरा था। मीनाक्षी ने बिस्तर पर करवट बदली तो अचानक उसकी नज़र कमरे की दीवार पर पड़ी।हल्की सी रोशनी में उसे अ...

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अभागी By Deepak sharma

अपने कमरे से सटी रसोई का वार्तालाप मैं सुन रहा था। “तुम्हारी रसोई में चुहिया बहुत आती है,नंदू,” घर में रसोई का काम नंदू के ज़िम्मे रहता, मां के नहीं। अपने आदेश भी नंदू...

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मां का आंचल By Anjali

सूरज की पहली किरण जैसे ही खिड़की से होकर अंदर आई, राधिका की नींद खुल गई। सामने की दीवार पर टंगी माँ की तस्वीर पर उसकी नजर गई। वो तस्वीर हर सुबह उसे एक नई ताकत देती थी, मानो माँ अब...

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चौपाल से कैफे तक का फासला By Rishabh Sharma

"चौपाल से कैफे तक का फासला" (हरियाणा का लड़का और दिल्ली की लड़की की वो बात जो अधूरी नहीं थी)   वीरेंद्र एक साधारण सा लड़का था — हरियाणा के झज्जर जिले से। घुटनों तक पजामा, सफेद कुर्...

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शापित हवेली का आखिरी योद्धा - धीरेंद्र और स्नेहा की कहानी By Dhiru singh

गर्मी की छुट्टियों में दस पुराने दोस्त—धीरेंद्र, स्नेहा, राज, विशाल, समीर, अमन, आदित्य, करण, नवीन और रोहित—ने प्लान बनाया कि वे शहर की भागदौड़ से दूर किसी शांत पहाड़ी इलाके में कुछ...

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चरख़ी By Deepak sharma

दीपक शर्मा   “एक्सक्यूज़ मी,” क्लास रूम के दरवाज़े पर नीति अपनी सहेली के साथ खड़ी थी, “मुझे आलोक के साथ बहुत ज़रूरी काम है…..” “यह कौन है?...

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जिंदगी के दुश्मन - एक साजिश, एक कुर्बानी By Dhiru singh

चार छायाएं बचपन से एक थीं – अनूप, आनंद, पवन और बबलू। उनकी हंसी, उनकी शरारतें, उनके खेल, उनके सपने – सब कुछ साझा था। जब भी कोई गिरता, बाकी तीन उसे उठाने के लिए जान की बाज़ी लगा देते...

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तेरे साथ, एक वर्दी का सपना By Rishabh Sharma

"तेरे साथ, एक वर्दी का सपना"   गाँव की छोटी सी लाइब्रेरी में हर दिन सुबह 6 बजे एक लड़का आता था — नाम था आकाश। गहरे रंग का, पतला, आंखों में मेहनत की लकीरें और हाथों में एक पुराना नो...

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भूतिया रास्ता By Sunita

हिमाचल प्रदेश – मंडी से सटे एक पहाड़ी क्षेत्ररात के 10:30 बजेविराट चौहान की जीप उस समय एक कच्चे, संकरे रास्ते पर चढ़ रही थी। सामने दूर तक अंधेरा पसरा हुआ था। मोबाइल नेटवर्क गायब था...

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You Are My Choice - 59 By Butterfly

Please rate and comment the episode. And do follow my Instagram account: @ _butterfly__here-----------------आकाश गाड़ी चला रहा था। काव्या बगल वाली सीट पर बैठी थी, और आकाश की माँ, र...

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क्या ऋतिका बचा पाएगी अपनी प्रेमी की जान – धीरु की कहानी By Dhiru singh

धीरु एक साहसी और ईमानदार फौजी था जिसने बचपन से ही देशभक्ति को अपना धर्म बना लिया था, उसके पिता भी सेना में थे और बचपन से ही उसने सीखा था कि देश पहले आता है, बाकी सब बाद में, वह हर...

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विजय और वो आम वाला बाग By Rishabh Sharma

"विजय और वो आम वाला बाग" विजय बम्बई का लड़का था — ऊंची बिल्डिंग में रहने वाला, चमकते जूते पहनने वाला और ‘थैंक यू’ बोलने वाला लड़का। लेकिन हर साल गर्मी की छुट्टियों में जब वो अपनी न...

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पेड़ से मीठे जामुन, पर पकड़ से तेज़ थे हम By Rishabh Sharma

“पेड़ से मीठे जामुन, पर पकड़ से तेज़ थे हम”   गर्मी की छुट्टियाँ चल रही थीं और पूरा गांव दिनभर छांव ढूंढता फिरता था। लेकिन हम चार लड़कों के लिए छांव नहीं, पेड़ के ऊपर की टहनी ज़रूर...

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घूंसे की ताकत: धीरु की वापसी By Dhiru singh

धीरु का स्वभाव बचपन से ही अलग था। गुस्से से भरा, मगर अन्याय के खिलाफ हमेशा खड़ा। कोई किसी कमज़ोर को सताए, तो धीरु सबसे पहले सामने आता। उसकी आँखों में आक्रोश जलता था और दिल में न्या...

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दुमछल्ला -समीक्षा By shelly

''दुमछल्ला'' निशांत जैन की लिखी एक कहानी है ...ये एक ऐसी किताब है जिसे कोई लोग खुद से रिलेट कर सकते हैं ..इस कहानी का मुख्य किरदार निर्मय है जो अपनी जिंदगी को अपने...

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धीरु का अधूरा सच्चा प्यार By Dhiru singh

धीरु एक शांत, गम्भीर स्वभाव का लड़का था, जो हमेशा दूसरों की मदद करने को तत्पर रहता था, लेकिन खुद के लिए कभी कुछ नहीं चाहता था, उसका चेहरा हमेशा मुस्कान से भरा होता था, लेकिन उस मुस्...

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मोहब्बत की अधूरी स्याही By Dhiru singh

धीरु एक सीधा-सच्चा लड़का था, जिसकी जिंदगी में बस दो ही चीजें अहम थीं — उसका सपना और उसका प्यार, मेघा। मेघा उसकी ज़िन्दगी की धड़कन थी, वह हर लम्हा मेघा के साथ जीना चाहता था। दोनों क...

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मित्रता और सफाई की सीख By Anita Tanwar

संजू और राजू बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे और एक ही क्लास में थे। दोनों की परीक्षा पास आ रही थी। एक दिन दोनों ने मिलकर तय किया कि वे साथ में पढ़ाई करेंगे ताकि...

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अधूरा प्यार, आखिरी बलिदान By Dhiru singh

भाग 1: प्यार की शुरुआतदिल्ली की तंग गलियों में रहने वाली आकांक्षा एक सीधी-सादी, पढ़ने-लिखने वाली लड़की थी। वह एक प्राइवेट कंपनी में काम करती थी और उसके सपनों में बस एक ही नाम था –...

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सिमरन, धीरू, सोनम और भूमि की अधूरी प्यार की कहानी By Dhiru singh

कहते हैं कि हर इंसान की ज़िंदगी में कोई न कोई ऐसा होता है जिसे वो चाहकर भी भुला नहीं पाता। Dhiru की ज़िंदगी में ऐसे चार नाम थे – Simran, Sonam, Bhumi, और एक अधूरा एहसास।Dhiru एक सी...

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रहस्यमय बॉक्सा By vaghasiya

जूनागढ़ के जंगलों के पास बसा एक छोटा सा गांव था — चिलावड़ी। गांव तो सीधा-सादा था, लेकिन उसके पास एक पुराना किला था, जो आज भी खड़ा था — आधे गिरे हुए पत्थर, जंग लगे फाटक और faded लिख...

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तानाजी मालुसरे By Real heros

तानाजी मालुसरे, शिवाजी के घनिष्ठ मित्र और वीर निष्ठावान मराठा सरदार थे। वे छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ हिंदवी स्वराज्य स्थापना के लिए सुभादार (किलेदार) की भूमिका निभाते थे। तानाजी...

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महाराणा प्रताप V S बहलोल खान By Real heros

बहलोल खान अकबर का बड़ा सिपहसालार था। जिस पर अकबर को बड़ा नाज़ था। उसने कभी कोई युद्ध नहीं हारा। नाश्ते में एक बकरा खाता था। दो शराब पिये मदमस्त हाथियों के बिच घुस कर सुंड पकड़कर धकेल...

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भूतबंगला 786 - काली रात की वापसी By Shailesh verma

शैली: थ्रिलर, हॉरर, रहस्य, एक्शन स्थान: बिहार–झारखंड बॉर्डर का वीरान गांव कालीझाड़ीमुख्य पात्र:राघव चौधरी – एक जासूस जो दिल्ली क्राइम ब्रांच छोड़ चुका हैचित्रा सिंह – पत्रकार जो सच...

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क्या यह सही था? By Vaibhav

क्या वह सही था?भीषण गर्मी का दौर चल रहा था। मैं नई-नई कोचिंग जॉइन कर ही रहा था। छुट्टियों के बाद पता चला कि जो पहले पढ़ाते थे, मतलब जिनसे हम छुट्टियों से पहले पढ़ रहे थे, वो कहीं औ...

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मैं जो कह न सकी By MINAKSHI

भाग 1: बचपन की खामोशीरेवा एक शांत स्वभाव की लड़की थी। वो बहुत कुछ महसूस करती थी, पर बोलती कम थी। उसे लगता था कि उसके मन की बातें कोई सुनता ही नहीं, या सुनकर भी समझना नहीं चाहता। उस...

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काली हवेली का शाप By Shailesh verma

शीर्षक: : एक प्रेम, एक हत्या, और एक अनसुलझा रहस्य"सारांश:यह कहानी है एक पुरानी हवेली की, जो वर्षों से वीरान है, पर उसके गलियारों में अब भी सिसकियों की आवाज़ आती है। यह कहानी है एक...

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काम होते गए ख़ुशी मिलती गई By Piyush Goel

एक कस्बें में एक  ग़रीब परिवार अपने इकलौते बेटे के साथ रहता था, उनकी पंसारी की एक छोटी सी दुकान थी.बेटा उनकी शादी के १५ साल बाद हुआ,बेटा बचपन से ही बड़ा होशियार था,१० वी और १२ वी क...

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मैंने उसी दिन सोच लिया था. By Piyush Goel

एक छोटे से कस्बें में, कस्बें से दूर एक धार्मिक परिवार रहता था, परिवार में सिर्फ चार लोग थे,माँ, पत्नी, बेटी और ख़ुद,एक छोटी सी कच्ची झोपड़ी में रहते थे, चारों ओर जंगल ही जंगल था.म...

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तमीज़ और तन्हाई के दरमियान By Rishabh Sharma

तमीज़ और तन्हाई के दरमियान   "हुज़ूर, मोहब्बत में लहज़ा भी वही रखिए, जो चाय में इलायची की तरह बस एहसास छोड़ जाए।" लखनऊ की शामें कुछ यूँ होती हैं जैसे किसी शायर की अधूरी ग़ज़ल — न ख...

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गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां - भाग 14 By Anarchy Short Story

बुद्ध की सिखावनभगवान् बुद्ध की धर्म-सभा में एक व्यक्ति प्रतिदिन जाया करता था और उनके प्रवचन सुना करता था। उसका यह क्रम एक महीने तक चला, लेकिन उसके जीवन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा...

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लोकतंत्र का प्रभाव By Rakesh Kaul

लोकतंत्र का प्रभाव  एक दफ़ा की बात है एक गाँव में तालाब के चारों ओर बहुत सारे घने दरख़्त थे | उन वृक्षों पर अनेक परिंदे, गिलहरियाँ, बंदर आदि रहा करते थे | उन सभी जीव-जंतुओं के हित आप...

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विधवा होने के लिए शादी By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

विधवा होने के लिए शादीविधवा होने के लिए शादी ऐसा अजब शीर्षक शायद ही अपने पहले कभी सुना हो या आपके विचार में भी नहीं आया होगा की कभी कलयुग में ऐसा भी हो सकता है पर अब हम विश्वास करन...

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अजनबी के साथ सुनहरा सफर…. By Piyush Goel

मैं एक कंपनी में कार्यरत था, जो मेरे घर से सिर्फ १० किलोमीटर दूर थी. बारिश और बिजली अपना रंग दिखा रही थी,११ बज चुके थे, कंपनी की लाइट बहुत देर से नहीं थी,सब काम ठप्प.सभी लोग परेशान...

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नेताजी की गुप्त फाइलें - ( अंतिम भाग ) By Shailesh verma

 — प्रस्तुत है — भारत की सबसे रहस्यमयी सच्चाई का अंतिम अध्याय:प्रस्तावना:इस अंतिम भाग में, हम उन अध्यायों को खोलते हैं जिनके बारे में दशकों तक चुप्पी छाई रही। नेताजी की कथित मृत्यु...

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वो आख़िरी ख़त: एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल कहानी By Pankaj Sharma

दिल्ली की हल्की ठंडी शामें यूं तो हर किसी को भीतर तक भिगो देती हैं, मगर उस दिन कुछ और ही बात थी। नवंबर का महीना अपनी विदाई की आहटें लिए खड़ा था। बादल उमड़े हुए थे, मानों किसी अनकही...

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बैठना और बोलना सीखें। By LM Sharma

बैठना और बोलना सीखें बैठना और बोलना एक कला है। यदि विद्यार्थी ने इस कला को जीवन के प्रारंभिक वर्षों में ही सीख लिया तो उसका जीवन सफल हो जाएगा।  बैठने और बोलने के तरीके से ही समझा ज...

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वो लास्ट ऑनलाइन 4 दिन पहले... By Rishabh Sharma

"वो लास्ट ऑनलाइन 4 दिन पहले..."   "तुम हर दिन मेरी मुस्कान की वजह बनते थे… अब तुम्हारी खामोशी मेरा सवाल बन गई है।" ये लाइन थी साक्षी की उस चैट की, जो उसने आर्यन को भेजी थी। लेकिन...

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चुटकुन की साइकिल By Chanchal Tapsyam

चुटकुन की साइकिल    जून मास की चिलचिलाती धूप में पछुआ बयार बह रही थी। सागर अपनी पत्नी ललता और अपने बारह वर्ष के लड़के चुटकुन (लोग प्यार से चुटकुन कहते थे उसका असली नाम चंदप्रकाश था...

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अनजान प्रोफ़ाइल से दिल तक By Rishabh Sharma

"अनजान प्रोफ़ाइल से दिल तक"   ️ अनजान प्रोफ़ाइल से दिल तक"तुमसे बात करके ऐसा लगता है जैसे मैं खुद से बात कर रही हूँ।" ये लाइन थी उसके आखिरी मैसेज की। सब कुछ शुरू हुआ था एक इंस्टाग्...

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अब बस... By Aarti w

भाग 1: मैं थक गई हूँमेरा नाम नीला है। उम्र 44 साल।शायद ज़िंदगी में कुछ भी ऐसा नहीं था जो मैंने अपने दम पर न किया हो। पति को अचानक गए अब दस साल होने को आए हैं। उस दिन से हर सुबह, हर...

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भिन्न-अभिन्न By Deepak sharma

समान लंबाई- चौड़ाई रखने के बावजूद भी वे दो परिसर आज भिन्न आभास देते हैं। मगर आज से सत्ताईस वर्ष पूर्व वे एक अभिन्न पहचान रखते थे : जुड़वां कोठियों के नाम से चिह्मित थे। प्रत्येक सद...

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काश तुम बनारस होती By Rishabh Sharma

"काश तुम बनारस होती"     बनारस की गलियों से शुरू हुई दास्तां सुबह के साढ़े सात बजे बनारस की गलियों में वही रोज़ का शोर था — दूध वाले की आवाज़, मंदिर की घंटियां, और मोहल्ले की औरतों...

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भूतिया सफर By Sunita

स्थान: बरेली का एक वीरान रेलवे स्टेशनसमय: रात 2:20 बजेघड़ी की टिक-टिक अब जैसे कान में सुराख़ कर रही थी।रात दो बजे के बाद का समय और वो स्टेशन — बरेली जंक्शन का पुराना प्लेटफॉर्म नंब...

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उफ्फ ये दाल! By Tanzilur rehman

शुक्र है यार, दाल तो गोश्त बन जाती।" जैसे ही वह लाउंज में दाखिल हुई, उसे अपनी सास की आवाज़ सुनाई दी। रफ़ाना की मुस्कान कम हो गई और उसका गुस्सा चरम पर पहुँच गया।"ये लोग दाल-चावल के...

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तेरा साथ भी, तेरा साया भी – धीरु और खुशबू की अधूरी दास्तां By Dhiru singh

धीरु सिंह, एक शांत लेकिन रहस्यमयी युवक, जिसकी आंखों में दर्द भी था और इरादों में कोई चुप्पी भी थी, छोटे से गांव रतनपुर में अपने दादी के साथ रहता था, मां-बाप की मौत बचपन में एक भयान...

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पहला प्यार By Anjali

पहला प्यार... यह वो एहसास होता है जो ज़िन्दगी में बस एक बार आता है, लेकिन उसकी यादें ताउम्र हमारे दिल में बसी रहती हैं। कुछ अधूरी, कुछ मासूम, कुछ बेहद खास।ये कहानी है रिया और आरव क...

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जलती हुई परछाई By Vivek Singh

️ जलती हुई परछाईलेखक: विवेक सिंहरात के दो बज चुके थे। बाहर सुनसान सन्नाटा पसरा था। मीनाक्षी ने बिस्तर पर करवट बदली तो अचानक उसकी नज़र कमरे की दीवार पर पड़ी।हल्की सी रोशनी में उसे अ...

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अभागी By Deepak sharma

अपने कमरे से सटी रसोई का वार्तालाप मैं सुन रहा था। “तुम्हारी रसोई में चुहिया बहुत आती है,नंदू,” घर में रसोई का काम नंदू के ज़िम्मे रहता, मां के नहीं। अपने आदेश भी नंदू...

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मां का आंचल By Anjali

सूरज की पहली किरण जैसे ही खिड़की से होकर अंदर आई, राधिका की नींद खुल गई। सामने की दीवार पर टंगी माँ की तस्वीर पर उसकी नजर गई। वो तस्वीर हर सुबह उसे एक नई ताकत देती थी, मानो माँ अब...

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चौपाल से कैफे तक का फासला By Rishabh Sharma

"चौपाल से कैफे तक का फासला" (हरियाणा का लड़का और दिल्ली की लड़की की वो बात जो अधूरी नहीं थी)   वीरेंद्र एक साधारण सा लड़का था — हरियाणा के झज्जर जिले से। घुटनों तक पजामा, सफेद कुर्...

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शापित हवेली का आखिरी योद्धा - धीरेंद्र और स्नेहा की कहानी By Dhiru singh

गर्मी की छुट्टियों में दस पुराने दोस्त—धीरेंद्र, स्नेहा, राज, विशाल, समीर, अमन, आदित्य, करण, नवीन और रोहित—ने प्लान बनाया कि वे शहर की भागदौड़ से दूर किसी शांत पहाड़ी इलाके में कुछ...

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चरख़ी By Deepak sharma

दीपक शर्मा   “एक्सक्यूज़ मी,” क्लास रूम के दरवाज़े पर नीति अपनी सहेली के साथ खड़ी थी, “मुझे आलोक के साथ बहुत ज़रूरी काम है…..” “यह कौन है?...

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जिंदगी के दुश्मन - एक साजिश, एक कुर्बानी By Dhiru singh

चार छायाएं बचपन से एक थीं – अनूप, आनंद, पवन और बबलू। उनकी हंसी, उनकी शरारतें, उनके खेल, उनके सपने – सब कुछ साझा था। जब भी कोई गिरता, बाकी तीन उसे उठाने के लिए जान की बाज़ी लगा देते...

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तेरे साथ, एक वर्दी का सपना By Rishabh Sharma

"तेरे साथ, एक वर्दी का सपना"   गाँव की छोटी सी लाइब्रेरी में हर दिन सुबह 6 बजे एक लड़का आता था — नाम था आकाश। गहरे रंग का, पतला, आंखों में मेहनत की लकीरें और हाथों में एक पुराना नो...

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भूतिया रास्ता By Sunita

हिमाचल प्रदेश – मंडी से सटे एक पहाड़ी क्षेत्ररात के 10:30 बजेविराट चौहान की जीप उस समय एक कच्चे, संकरे रास्ते पर चढ़ रही थी। सामने दूर तक अंधेरा पसरा हुआ था। मोबाइल नेटवर्क गायब था...

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You Are My Choice - 59 By Butterfly

Please rate and comment the episode. And do follow my Instagram account: @ _butterfly__here-----------------आकाश गाड़ी चला रहा था। काव्या बगल वाली सीट पर बैठी थी, और आकाश की माँ, र...

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क्या ऋतिका बचा पाएगी अपनी प्रेमी की जान – धीरु की कहानी By Dhiru singh

धीरु एक साहसी और ईमानदार फौजी था जिसने बचपन से ही देशभक्ति को अपना धर्म बना लिया था, उसके पिता भी सेना में थे और बचपन से ही उसने सीखा था कि देश पहले आता है, बाकी सब बाद में, वह हर...

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विजय और वो आम वाला बाग By Rishabh Sharma

"विजय और वो आम वाला बाग" विजय बम्बई का लड़का था — ऊंची बिल्डिंग में रहने वाला, चमकते जूते पहनने वाला और ‘थैंक यू’ बोलने वाला लड़का। लेकिन हर साल गर्मी की छुट्टियों में जब वो अपनी न...

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पेड़ से मीठे जामुन, पर पकड़ से तेज़ थे हम By Rishabh Sharma

“पेड़ से मीठे जामुन, पर पकड़ से तेज़ थे हम”   गर्मी की छुट्टियाँ चल रही थीं और पूरा गांव दिनभर छांव ढूंढता फिरता था। लेकिन हम चार लड़कों के लिए छांव नहीं, पेड़ के ऊपर की टहनी ज़रूर...

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घूंसे की ताकत: धीरु की वापसी By Dhiru singh

धीरु का स्वभाव बचपन से ही अलग था। गुस्से से भरा, मगर अन्याय के खिलाफ हमेशा खड़ा। कोई किसी कमज़ोर को सताए, तो धीरु सबसे पहले सामने आता। उसकी आँखों में आक्रोश जलता था और दिल में न्या...

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दुमछल्ला -समीक्षा By shelly

''दुमछल्ला'' निशांत जैन की लिखी एक कहानी है ...ये एक ऐसी किताब है जिसे कोई लोग खुद से रिलेट कर सकते हैं ..इस कहानी का मुख्य किरदार निर्मय है जो अपनी जिंदगी को अपने...

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धीरु का अधूरा सच्चा प्यार By Dhiru singh

धीरु एक शांत, गम्भीर स्वभाव का लड़का था, जो हमेशा दूसरों की मदद करने को तत्पर रहता था, लेकिन खुद के लिए कभी कुछ नहीं चाहता था, उसका चेहरा हमेशा मुस्कान से भरा होता था, लेकिन उस मुस्...

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मोहब्बत की अधूरी स्याही By Dhiru singh

धीरु एक सीधा-सच्चा लड़का था, जिसकी जिंदगी में बस दो ही चीजें अहम थीं — उसका सपना और उसका प्यार, मेघा। मेघा उसकी ज़िन्दगी की धड़कन थी, वह हर लम्हा मेघा के साथ जीना चाहता था। दोनों क...

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मित्रता और सफाई की सीख By Anita Tanwar

संजू और राजू बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे और एक ही क्लास में थे। दोनों की परीक्षा पास आ रही थी। एक दिन दोनों ने मिलकर तय किया कि वे साथ में पढ़ाई करेंगे ताकि...

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अधूरा प्यार, आखिरी बलिदान By Dhiru singh

भाग 1: प्यार की शुरुआतदिल्ली की तंग गलियों में रहने वाली आकांक्षा एक सीधी-सादी, पढ़ने-लिखने वाली लड़की थी। वह एक प्राइवेट कंपनी में काम करती थी और उसके सपनों में बस एक ही नाम था –...

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सिमरन, धीरू, सोनम और भूमि की अधूरी प्यार की कहानी By Dhiru singh

कहते हैं कि हर इंसान की ज़िंदगी में कोई न कोई ऐसा होता है जिसे वो चाहकर भी भुला नहीं पाता। Dhiru की ज़िंदगी में ऐसे चार नाम थे – Simran, Sonam, Bhumi, और एक अधूरा एहसास।Dhiru एक सी...

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रहस्यमय बॉक्सा By vaghasiya

जूनागढ़ के जंगलों के पास बसा एक छोटा सा गांव था — चिलावड़ी। गांव तो सीधा-सादा था, लेकिन उसके पास एक पुराना किला था, जो आज भी खड़ा था — आधे गिरे हुए पत्थर, जंग लगे फाटक और faded लिख...

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तानाजी मालुसरे By Real heros

तानाजी मालुसरे, शिवाजी के घनिष्ठ मित्र और वीर निष्ठावान मराठा सरदार थे। वे छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ हिंदवी स्वराज्य स्थापना के लिए सुभादार (किलेदार) की भूमिका निभाते थे। तानाजी...

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महाराणा प्रताप V S बहलोल खान By Real heros

बहलोल खान अकबर का बड़ा सिपहसालार था। जिस पर अकबर को बड़ा नाज़ था। उसने कभी कोई युद्ध नहीं हारा। नाश्ते में एक बकरा खाता था। दो शराब पिये मदमस्त हाथियों के बिच घुस कर सुंड पकड़कर धकेल...

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भूतबंगला 786 - काली रात की वापसी By Shailesh verma

शैली: थ्रिलर, हॉरर, रहस्य, एक्शन स्थान: बिहार–झारखंड बॉर्डर का वीरान गांव कालीझाड़ीमुख्य पात्र:राघव चौधरी – एक जासूस जो दिल्ली क्राइम ब्रांच छोड़ चुका हैचित्रा सिंह – पत्रकार जो सच...

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क्या यह सही था? By Vaibhav

क्या वह सही था?भीषण गर्मी का दौर चल रहा था। मैं नई-नई कोचिंग जॉइन कर ही रहा था। छुट्टियों के बाद पता चला कि जो पहले पढ़ाते थे, मतलब जिनसे हम छुट्टियों से पहले पढ़ रहे थे, वो कहीं औ...

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मैं जो कह न सकी By MINAKSHI

भाग 1: बचपन की खामोशीरेवा एक शांत स्वभाव की लड़की थी। वो बहुत कुछ महसूस करती थी, पर बोलती कम थी। उसे लगता था कि उसके मन की बातें कोई सुनता ही नहीं, या सुनकर भी समझना नहीं चाहता। उस...

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काली हवेली का शाप By Shailesh verma

शीर्षक: : एक प्रेम, एक हत्या, और एक अनसुलझा रहस्य"सारांश:यह कहानी है एक पुरानी हवेली की, जो वर्षों से वीरान है, पर उसके गलियारों में अब भी सिसकियों की आवाज़ आती है। यह कहानी है एक...

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काम होते गए ख़ुशी मिलती गई By Piyush Goel

एक कस्बें में एक  ग़रीब परिवार अपने इकलौते बेटे के साथ रहता था, उनकी पंसारी की एक छोटी सी दुकान थी.बेटा उनकी शादी के १५ साल बाद हुआ,बेटा बचपन से ही बड़ा होशियार था,१० वी और १२ वी क...

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मैंने उसी दिन सोच लिया था. By Piyush Goel

एक छोटे से कस्बें में, कस्बें से दूर एक धार्मिक परिवार रहता था, परिवार में सिर्फ चार लोग थे,माँ, पत्नी, बेटी और ख़ुद,एक छोटी सी कच्ची झोपड़ी में रहते थे, चारों ओर जंगल ही जंगल था.म...

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तमीज़ और तन्हाई के दरमियान By Rishabh Sharma

तमीज़ और तन्हाई के दरमियान   "हुज़ूर, मोहब्बत में लहज़ा भी वही रखिए, जो चाय में इलायची की तरह बस एहसास छोड़ जाए।" लखनऊ की शामें कुछ यूँ होती हैं जैसे किसी शायर की अधूरी ग़ज़ल — न ख...

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गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां - भाग 14 By Anarchy Short Story

बुद्ध की सिखावनभगवान् बुद्ध की धर्म-सभा में एक व्यक्ति प्रतिदिन जाया करता था और उनके प्रवचन सुना करता था। उसका यह क्रम एक महीने तक चला, लेकिन उसके जीवन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा...

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लोकतंत्र का प्रभाव By Rakesh Kaul

लोकतंत्र का प्रभाव  एक दफ़ा की बात है एक गाँव में तालाब के चारों ओर बहुत सारे घने दरख़्त थे | उन वृक्षों पर अनेक परिंदे, गिलहरियाँ, बंदर आदि रहा करते थे | उन सभी जीव-जंतुओं के हित आप...

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विधवा होने के लिए शादी By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

विधवा होने के लिए शादीविधवा होने के लिए शादी ऐसा अजब शीर्षक शायद ही अपने पहले कभी सुना हो या आपके विचार में भी नहीं आया होगा की कभी कलयुग में ऐसा भी हो सकता है पर अब हम विश्वास करन...

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अजनबी के साथ सुनहरा सफर…. By Piyush Goel

मैं एक कंपनी में कार्यरत था, जो मेरे घर से सिर्फ १० किलोमीटर दूर थी. बारिश और बिजली अपना रंग दिखा रही थी,११ बज चुके थे, कंपनी की लाइट बहुत देर से नहीं थी,सब काम ठप्प.सभी लोग परेशान...

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नेताजी की गुप्त फाइलें - ( अंतिम भाग ) By Shailesh verma

 — प्रस्तुत है — भारत की सबसे रहस्यमयी सच्चाई का अंतिम अध्याय:प्रस्तावना:इस अंतिम भाग में, हम उन अध्यायों को खोलते हैं जिनके बारे में दशकों तक चुप्पी छाई रही। नेताजी की कथित मृत्यु...

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वो आख़िरी ख़त: एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल कहानी By Pankaj Sharma

दिल्ली की हल्की ठंडी शामें यूं तो हर किसी को भीतर तक भिगो देती हैं, मगर उस दिन कुछ और ही बात थी। नवंबर का महीना अपनी विदाई की आहटें लिए खड़ा था। बादल उमड़े हुए थे, मानों किसी अनकही...

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बैठना और बोलना सीखें। By LM Sharma

बैठना और बोलना सीखें बैठना और बोलना एक कला है। यदि विद्यार्थी ने इस कला को जीवन के प्रारंभिक वर्षों में ही सीख लिया तो उसका जीवन सफल हो जाएगा।  बैठने और बोलने के तरीके से ही समझा ज...

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वो लास्ट ऑनलाइन 4 दिन पहले... By Rishabh Sharma

"वो लास्ट ऑनलाइन 4 दिन पहले..."   "तुम हर दिन मेरी मुस्कान की वजह बनते थे… अब तुम्हारी खामोशी मेरा सवाल बन गई है।" ये लाइन थी साक्षी की उस चैट की, जो उसने आर्यन को भेजी थी। लेकिन...

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चुटकुन की साइकिल By Chanchal Tapsyam

चुटकुन की साइकिल    जून मास की चिलचिलाती धूप में पछुआ बयार बह रही थी। सागर अपनी पत्नी ललता और अपने बारह वर्ष के लड़के चुटकुन (लोग प्यार से चुटकुन कहते थे उसका असली नाम चंदप्रकाश था...

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अनजान प्रोफ़ाइल से दिल तक By Rishabh Sharma

"अनजान प्रोफ़ाइल से दिल तक"   ️ अनजान प्रोफ़ाइल से दिल तक"तुमसे बात करके ऐसा लगता है जैसे मैं खुद से बात कर रही हूँ।" ये लाइन थी उसके आखिरी मैसेज की। सब कुछ शुरू हुआ था एक इंस्टाग्...

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अब बस... By Aarti w

भाग 1: मैं थक गई हूँमेरा नाम नीला है। उम्र 44 साल।शायद ज़िंदगी में कुछ भी ऐसा नहीं था जो मैंने अपने दम पर न किया हो। पति को अचानक गए अब दस साल होने को आए हैं। उस दिन से हर सुबह, हर...

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