Last Seen 4 Days Ago in Hindi Short Stories by Rishabh Sharma books and stories PDF | वो लास्ट ऑनलाइन 4 दिन पहले...

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वो लास्ट ऑनलाइन 4 दिन पहले...

"वो लास्ट ऑनलाइन 4 दिन पहले..."

 

📱 "तुम हर दिन मेरी मुस्कान की वजह बनते थे… अब तुम्हारी खामोशी मेरा सवाल बन गई है।"

ये लाइन थी साक्षी की उस चैट की, जो उसने आर्यन को भेजी थी।
लेकिन वो मेसेज आज भी 'Delivered' है… 'Seen' नहीं।


🌙 सब कुछ शुरू हुआ एक लॉकडाउन की रात से...
कोविड का टाइम था, सब कुछ बंद था। साक्षी का मन बहुत भारी था।
हर दिन एक जैसा लगता था — उदास, थका हुआ और खाली।
वो इंस्टाग्राम पर स्क्रॉल कर रही थी तभी एक स्टोरी आई —

“Feeling low. Anyone wanna talk?”
साक्षी ने पहली बार किसी अनजान को ‘Hi’ लिखा।
और जवाब आया — “Hello 🙂”

नाम था: AryanSingh_07
कोई डीपी नहीं, कोई fancy पोस्ट नहीं… लेकिन उसकी बातों में एक अजीब सी शांति थी।


💬 वो बातें… जो दिल को छू जाती थीं
रात की बात सुबह तक चलती,
और हर सुबह ‘🌞 गुड मॉर्निंग’ के साथ फिर से शुरुआत होती।
साक्षी अपनी छोटी-छोटी बातें,
कॉलेज के किस्से,
पुरानी टूटी दोस्तियां,
सब कुछ बताने लगी।

आर्यन बस सुनता रहा… ध्यान से, बिना टोक टाक के।

जब वो उदास होती, तो वो एक शेर भेज देता —

"खामोशियों में भी आवाज़ें होती हैं, बस सुनने वाला चाहिए होता है।"

❤️ धीरे-धीरे, साक्षी को उसकी आदत सी हो गई
वो लड़का, जिसे उसने कभी देखा नहीं,
जिसकी शक्ल तक नहीं पता…
लेकिन उसकी एक ‘Good Night 😊’ पर सुकून आ जाता।

साक्षी को यकीन नहीं था कि सोशल मीडिया पर कोई ऐसा भी हो सकता है —
जो बिना किसी मतलब के,
सिर्फ तुम्हारी बातों से जुड़ जाए।


🌧️ एक दिन बारिश हो रही थी, और साक्षी ने पूछ लिया...
"क्या हम कभी मिलेंगे?"

काफी देर तक जवाब नहीं आया…
फिर एक मैसेज:

"नहीं… क्योंकि हमारी बातें ज़्यादा खूबसूरत हैं, असली दुनिया से।"
साक्षी चुप हो गई।

उसे एहसास हुआ — शायद वो कोई बहुत बड़ा दर्द लेकर जी रहा है,
जो दिखाना नहीं चाहता।


💔 और फिर… एक दिन कुछ बदल गया।
आर्यन ऑनलाइन नहीं आया।

पहले दिन, साक्षी ने सोचा —
शायद बिजी होगा।

दूसरे दिन —
शायद नेट नहीं है।

तीसरे दिन —
उसने 5 मेसेज भेजे,
"तुम ठीक हो?"
"गायब क्यों हो गए?"
"प्लीज़ रिप्लाई करो…"

पर चैट वही थी… 'Last seen: 4 days ago'


📵 चौथे दिन... आया एक आखिरी मैसेज
"सॉरी… मैं अब और नहीं रह सकता। तुम्हें बहुत संभालना होगा, अपने बिना भी।"
बस।

ना कोई डिटेल,
ना सफाई,
ना अलविदा।

साक्षी की आंखें छलक गईं।
उसे लगा जैसे किसी ने दिल से कुछ चुरा लिया हो।


🕯️ आज… दो साल हो गए हैं
आर्यन की प्रोफ़ाइल अब भी वैसी ही है —
साइलेंट, बिना डीपी, बिना पोस्ट।

साक्षी अब भी कभी-कभी उस चैट को खोलती है,
पढ़ती है वो मेसेज जो उसने भेजे थे —
और आज भी ‘Seen’ का इंतज़ार करती है।


🌼 लेकिन अब उसे शिकायत नहीं
क्योंकि कुछ लोग ज़िंदगी में आते हैं,
ताकि हमें ये सिखा सकें —
कि बिना मिले भी,
किसी को सच्चा महसूस किया जा सकता है।

और कुछ रिश्ते…
अधूरे ही अच्छे लगते हैं। 💔