hero in Hindi Classic Stories by Saurabh kumar Thakur books and stories PDF | हीरो

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हीरो

बात है,बिहार के एक ऐसे जिला जहाँ नक्सली हमले होते रहते हैं,और ज्यादा नक्सली वहीं होते हैं । उस जिले में बारह दोस्त रहते थे,पहले का नाम सौरभ,दूसरे का नाम चंदन,तीसरे का नाम गोलू,चौथे का नाम आदर्श,पाँचवे का नाम उज्जवल,छठे का नाम राजीव,सातवें का नाम रतन,आँठवे का नाम जितेश,नवे मा नाम प्रिन्स,दसवे का नाम आदित्य,ग्यारहवे का नाम अमन और बारहवे का नाम इरफ़ान था ।
सभी दोस्त एक ही स्कूल में और एक ही क्लास में पढ़ते थे ।अगर किसी के बीच कोई झगड़ा होता,तो वे नही बात करते,और दो मिनट में ही सुलह हो जाती थी ।यानी उनकी दोस्ती काफी अच्छी थी ।
एक बार की बात है,सभी दोस्त कहीं से आ रहे थे,रात के करीब ग्यारह बज रहा था ।रास्ते में किसी के चीखने की आवाज आई,वे उस दिशा में गए जिस दिशा से आवाज आई थी ।वहाँ पर जब वे पहुँचे तो देखे:-की कुछ गुंडे एक औरत को बड़ी बेरहमी से मार रहे हैं । सौरभ यह सब देख ना सका,और वो पास जाकर एक घुस्सा मारा,और वह गुंडा गिर गया । कुछ गुंडे सौरभ को और उसके साथियों को पकड़ लिए और अपने अड्डे पर ले गए ।
सौरभ डरपोक नही था,वह हौंसला बनाए रखता था और दिमाग से काम लेता था ।वह था चौदह साल का ही । वह वहाँ डरा नही,रात को सभी सो गए,तो सौरभ चुपचाप बाहर निकलना चाहा । लेकिन बाहर दो लोग खड़े थे,और पहरा दे रहे थे । सौरभ डर गया,पर उसे याद आ गया,की उसे दोस्तों को भी बचाना है । वह वह एक छोटा सा पत्थर का टुकड़ा लेकर बाहर फेंका । एक आदमी सुना,और दूसरे को बोला:-बे बाहर कुछ आवाज हुई है,देखो तो क्या गिरा है ?दूसरा आदमी बाहर देखने गया,तब तक सौरभ पहले आदमी के सर पर पत्थर दे मारा । वह आदमी जैसे ही पीछे मुड़ा,सौरभ पैर लगा कर उसे गिरा दिया । उस व्यक्ति के सर में चोट लगा,और वह बेहोश हो गया । सौरभ आगे बढ़ा तो अचानक आगे वो दूसरा आदमी मिल गया,सौरभ उसके सर पर भी पत्थर दे मारा,वह आदमी भी बेहोश हो गया । कुछ देर बाद सौरभ वहाँ से बाहर निकल चुका था । कुछ देर चलने के बाद रोड आ गई,सौरभ एक गाड़ी वाले को रुकाया,और उसके साथ पुलिस स्टेशन गया । वहाँ पर सारा बात पुलिस को बता दिया,पुलिस गुंडों को अड्डे पर छापा मारी,और वे गुंडे लोग पकड़े गए । पुलिस से सौरभ को पता चला,की वे गुंडे बहुत जुर्म कर चुके है । और उसने उन गुंडों को पकड़वाकर बहुत अच्छा काम किया है । और अपने दोस्तों को भी बचाया है,और वह वास्तविक हीरो है ।

लेखक परिचय
नाम-सौरभ कुमार ठाकुर
पिता-राम विनोद ठाकुर
माता-कामिनी देवी
ग्राम-रतनपुरा,डाकघर-गिद्धा,थाना-सरैया,जिला-मुजफ्फरपुर,राज्य-बिहार,भारत,पिन कोड- 843106
ईमेल- saurabhkumarlekhak@gmail.com
लेखन कार्य प्रारंभ- 01 जनवरी 2018 से अब तक
लेखन शैली-काव्य और गद्य (कहानी,क8विता,लघुकथा और लेख विशेषकर)
सम्मान-सौहार्द भूषण,प्रेम भूषण,फणीश्वरनाथ रेणु सम्मान,दो सम्मान पत्र,साहित्य रत्न,सास्वत रत्न,और अटल काव्य सम्मान एवं काव्य और गद्य में बहुत सारी साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मान ।
भारत के कई राज्य जैसे राजस्थान, मध्यप्रदेश , गुजरात,हिमाचल प्रदेश, बिहार, उत्तरप्रदेश इत्यादी राज्यों के अखबारों एवं पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 250 रचनाएँ प्रकाशित । केवल भारत ही नहीं अमेरिका के हम हिन्दुस्तानी अखबार में 5 रचनाएँ प्रकाशित । एवं कनाडा के हिंदी एब्रॉड अखबार मे 1 रचना प्रकाशित । 1 साझा काव्य संग्रह "नारी शक्ती" प्रकाशित ।

उम्र- 14 साल