Accident in Hindi Moral Stories by Jyoti Prakash Rai books and stories PDF | दुर्घटना 

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दुर्घटना 

हम अभी रस्ते पर निकले ही थे कि एक कार तेजी से आगे कि ओर निकली उसकी गति इतनी अधिक थी की मेरी आँखे ठीक से देख भी नहीं पायी और वह कार आँखों से ओझल हो गयी, मै दोस्तों के साथ अपनी - अपनी साइकिल से चले जा रहे थे थोड़ी दूर जाने के बाद अचानक एक शोर जैसी आवाज सुनाई देने लगी और हम लोग भी तेज गति से वहाँ पहुंचने के लिए चलने लगे चलते - चलते ही हमने सुना कि कोई आदमी और उसका परिवार एक सड़क दुर्घटना में काल के गाल में समा गए ! जैसे ही हम लोग वहाँ पहुंचे तो देखा कि ये तो वही कार थी जो अभी - अभी हमें पीछे छोड़ कर तेजी आगे कि ओर निकली थी ! कुछ ही पल बीते थे कि एक बच्चे के सिसकने कि आवाज आई और सभी झट-पट उसे उठाये और नजदीकी अस्पताल के लिए ले जाने लगे इतने में बच्चा रोने लगा लोग किसी तरह उसे अस्पताल ले गए और इलाज के लिए भर्ती करा दिए ! कार में सवार पूरा परिवार इस तरह बिखरा पड़ा था मानो इन्हे तरीका ही नहीं पता हो और हो भी क्या सकता था जब उनमे साँस ही नहीं थी, किसी व्यक्ति ने पुलिस को फोन कर इस दुर्घटना कि जानकारी दी और आने के लिए कहा इतने में ही कुछ लोग पीछे से दूसरी कार ले कर वहाँ पहुंचे आते ही ये सब देख उनके आँखों से मानो आंसुओं कि जलधारा निकलने लगी और वो फूट-फूट कर रोने लगे लोगों ने समझाया - बुझाया और फिर दुर्घटना कि पूरी जानकारी दी और एक बच्चे को अस्पताल में होने कि खबर भी बताई! तभी वहाँ पुलिस कि दो गाड़िया आ पहुंची और शिनाख्त करने के लिए सभी को दूर हटा दिया, दरोगा साहब जाँच में वहाँ मौजूद लोगों से दुर्घटना के बारे में पूछने लगे, सभी लोग एक के बाद एक कहने लगे कि हमने तो गाड़ी कि तेज आवाज और टक्कर कि आवाज सुनी तो दौड़ कर पहुंचे हैं तभी वहाँ खड़ा एक दस वर्ष का लड़का सामने आया और बोला साहब मै सड़क के किनारे ही था जब ये सब हुआ लेकिन मै जेल नहीं जाना चाहता हूँ, दरोगा जी बोले नहीं बीटा तुम्हे कोई जेल नहीं ले जायेगा तुम बताओ - कैसे हुआ ये सब ? लड़का बोला गाड़ी बहुत ही तेज से आ रही थी और अचानक से एक कुत्ता सामने सड़क पार करने के लिए आ गया चालक ने उसे बचाने के चक्कर में गाड़ी मेरी ओर घुमाई और मुझे देख फिर उस तरफ गाड़ी घुमाई इतने में सामने वाले पेड़ में गाड़ी भिड़ गयी और सब चकना - चूर हो गया

दूसरी कार से आये लोगों में से एक व्यक्ति ने कहा ' मै हमेशा दीपक को तेज रफ़्तार से गाड़ी चलाने और गाड़ी चलाते समय दोस्तों से मस्ती करने से मना करता था लेकिन मेरी उसने कभी भी नहीं सुनी जिसका नतीजा आज अपने सामने हैं ' वह व्यक्ति उसका पिता था जो अपने बेटे के जाने पर बिना किसी गलती के भी अपने आपको ही कोस रहा था ! छोटा भाई प्रदीप रोते-रोते कहने लगा 'यदि इंसान समझदारी से काम नहीं करेगा तो खुद तो भुगतेगा ही औरो को भी नुकसान पहुचायेगा' जो यहाँ इस वक्त हमारे सामने हैं ! दीपक के परिवार में उसकी पत्नी और बड़े बेटे की मौत हो चुकी थी और छोटा लड़का अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहा था !

थोड़ी देर की मस्ती इंसान की जिंदगी खतरों के बीच ला कर खड़ी कर देती हैं जिसे इंसान पहले नहीं समझ पाता और तब पश्चाताप करता हैं जब सब कुछ ख़त्म हो चुका होता हैं, जब आप रस्ते में छल रहे हों तो कृपया कर के सावधानी बरतें और अपने को बचाये और अपने परिवार को भी बचाएं , इसलिए हमेशा यातायात नियमो का पालन करें और नशा कर के गाड़ी न चलाएं!

यदि आप सुरक्षित हैं तो ही आपका परिवार सुरक्षित हैं और खुशियों का आना - जाना होता है अन्यथा फिर किसी न किसी मोड़ पर टक्कर होने की संभावना बन ही जाती है !