Article - Pakadua Shadi - Forced Marriage in Hindi Moral Stories by S Sinha books and stories PDF | आलेख - पकडुआ शादी ( Forced Marriage )

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आलेख - पकडुआ शादी ( Forced Marriage )

आलेख - पकडुआ शादी ( Forced Marriage )

शायद मध्य एशिया और अफ्रीका के कुछ देशों - मॉल्डोवा , चेचेन्या , क्रिग्रीज़स्तान , रवांडा , इथिओपिया , केन्या आदि देशों में आपने लड़की अगवा कर शादी करने के बारे में सुना हो . कदाचित आपने यह न सुना हो कि अपने देश में कुछ जगहों पर लड़कों को अगवा कर उसे अपनी लड़की से जबरन शादी करवा देते हैं . ऐसी शादी को पकडुआ शादी या जबरिया शादी कहते हैं जो खास कर बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में होती आयी हैं और वह भी खास कर एक या दो जातियों में यह ज्यादा पाया जाता है .


दहेज़ विरोधी कानून होने के बावजूद दहेज़ प्रथा धड़ल्ले से देश के अनेक प्रांतों में अभी भी किसी न किसी रूप में चल रही है . इसी भारी भरकम दहेज़ के कोप से बचने के लिए बिहार और यू .पी . में पकडुआ शादी के मामले देखने को मिलते हैं . दहेज़ के खिलाफ 80 के दशक में एक ग्रुप उभर कर आया जो दहेज़ के प्रति अधिक लालची लोगों के विवाह योग्य लड़कों को अगवा करता था . यह ग्रुप उन परिवार के लड़कों को अगवा कर अपनी लड़की से जबरन शादी करने पर मजबूर कर देता . यह ग्रुप अच्छे दहेज़ की उम्मदी लगाए उन परिवारों के लड़कों को निशाना बनाता था जो डॉक्टर , इंजीनियर , प्रशासनिक सेवा या अन्य अच्छी नौकरी में होते थे या जिनके चयन हो चुके थे और शीघ्र ही उनकी नौकरी लगती .


खास कर वैसे लोग जो दहेज़ देने में सक्षम नहीं हैं बंदूक की नोक पर ऐसे विवाह योग्य लड़कों को अगवा कर अपनी बेटियों से शादी करवाते हैं और फिर कन्या के साथ उसे उनके घर छोड़ आते हैं . और साथ में लड़के वालों को यह भी चेतावनी देते हैं कि अगर उनकी लड़कियों के साथ बुरा बर्ताव हुआ तो उसके नतीजे भी उनके लिए बुरे होंगे .


25 फ़रवरी 2014 के अलजजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना में कार्यरत एक बिहारी युवक छुट्टियों में घर आया था . वह पूर्वी बिहार के एक स्टेशन पर अपना रिटर्न टिकट ले रहा था उस समय अचानक चार नकाबपोश बंदूकधारी उसे अगवा कर कार में ले गए और सहरसा के एक सजे धजे मंडप में जबरन उसकी शादी अपनी लड़की से करा दी .


एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 2010 में बख्तियारपुर के एक 18 वर्षीय युवक जब ट्यूशन से लौट रहा था तब उसको अगवा कर उसकी शादी एक मंदिर में किसी लड़की से करा दी गयी . शादी के बाद लड़के को पत्नी के साथ उसके घर पहुँचा दिया गया और कहा गया कि लड़की को तंग करने पर पूरा परिवार का खात्मा कर दिया जायेगा . हालांकि यह शादी ज्यादा दिन टिक नहीं सकी थी क्योंक पुलिस ने अगवा करने वाले को पकड़ लिया था . पर इस तरह की पकडुआ शादी सफल भी होती है . एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार के ही पूर्णियां में पकडुआ शादी की एक जोड़ी 25 साल से ख़ुशी से साथ रह रहे हैं . अक्सर लोग भय और मजबूरी से बाद में हालत से समझौता कर लेते हैं क्योंकि वे पुलिस और कोर्ट के चक्कर में नहीं पड़ना चाहते हैं . लड़के वाले के मन में दहेज़ विरोधी कानून को ले कर भी भय रहता है .


कुछ मामलों में अगवा कर लड़के लड़की को एक कमरे में बंद कर कुछ दिनों तक रखते हैं ताकि दोनों में सेक्स हो और उसके बाद शादी के लिए मजबूर करते हैं .


बिहार आर्थिक रूप से पिछड़ा राज्य है और शिक्षा के मामले में भी हालत उतनी अच्छी नहीं हैं . जातिवाद और भ्रष्टाचार काफी है , उद्योग धंधे भी बहुत कम हैं .2011 की जनगणना के अनुसार प्रति 1000 पुरुष पर 918 महिलायें थीं जबकि बर्थ रेशियो के अनुसार प्रति 1000 लड़कों पर 751 लड़कियां थीं .


अच्छी बात यह है कि धीरे धीरे लोगों में शिक्षा के साथ जागरूकता बढ़ रही है . मिडिया के प्रसार से ऐसी वारदातें नजर में आने लगी हैं और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज होने लगे हैं . एक रिपोर्ट के अनुसार 2009 में 1339 शिकायतें दर्ज हुई थीं जबकि 2013 में 2529 . 2018 फ़रवरी में इंडियन एक्सप्रेस के एक लेख के अनुसार बिहार में 2014 में 2526 , 2015 में 3000 , 2016 में 3070 और 2017 में 3400 लड़कों को पकडुआ शादी के लिए अगवा किया गया था . DNA के ही फ़रवरी 2018 के एक रिपोर्ट के अनुसार गत नवंबर तक बिहार में अपहरण के मामलों में 40 % से ज्यादा पकडुआ शादी के चलते हुए हैं .


अब पुलिस भी ज्यादा सक्रिय हो गयी है इसलिए अगवा करने वाले ग्रुप की संख्या में भी कमी आयी है और समझा जाता है कि वे अन्य धंधों में लग गए हैं . पर पकडुआ शादी अभी भी पूरी तरह बंद नहीं हुई है , इसकी एक वजह दहेज़ प्रथा भी है .