Mystery of the town - 1 in Hindi Thriller by Akshay Kumar books and stories PDF | मिस्ट्री ऑफ दा टाउन - 1

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मिस्ट्री ऑफ दा टाउन - 1

S01E01
तुम मुझ पर यक़ीन क्यों नहीं करते हो ?
हाँ मैं मानती हूं वो मेरे सौतेले भैया थे,पर प्यार तो हम में सगे जितना ही था...माँ बाबा के गुजर जाने के बाद उन्होंने ही मेरे लिए सब कुछ किया और तुम मुझ पर ही शक कर रहे हो?
देखो नैना,में तुम्हें इतना नहीं जानता पर निखिल
मेरा भी दोस्त था..उसके ग़ायब होने का मुझे भी दुःख है पर जो भी तुमने बताया उसकी छानवीन तो करनी पड़ेगी ना, तभी हम कुछ पता कर पाएंगे और रही बात शक की तो वो तो हम सब पर ही करते हैं..पुलिस का काम ही ये है,अब चाहे तुमने हमे फ़ोन करके यहाँ घर पर बुलाया हो..अच्छा छोड़ो शुरू से बताओ क्या हुआ था क्या देखा तुमने?

मैं भैया के यहाँ कल रात ही आई थी,उनका मूंड थोड़ा ठीक नहीं लग रहा था मैने पूछा भी उनसे पर उन्होंने कहा सब ठीक है...सुबह 4 से 5 बजे के बीच मैने कुछ आवाज़ सुनी हल्का-हल्का अँधेरा हो रहा था तब मैं उठी देखने के लिए की क्या है ? तो आवाज़ गेराज से आ रही थी..मैने सोचा भैया होंगे गाड़ी बगैरा ठीक कर रहे होंगे !

पर वहाँ तो कुछ और ही हो रहा था, 2 आदमी थे जिन्होंने काला सूट पहना हुआ था उनके हाथ में एक बैग था और भैया के हाथ में भी एक बैग था !
वो आपस में कुछ बहस कह रहे थे, अब मैने बोला क्या हुआ भैया ?तो भैया मुझसे कहने लगे अंदर जाओ नैना...इतने में वो दो लोग भैया को जबरदस्ती पकड़ने लगे !!

अब ये देखकर मैने उन्हें बचाने की कोशिश की पर उन्होंने मुझे पीछे की तरफ़ धक्का दिया जिससे मेरा माथा पीछे दीवार पर टकरा गया और मैं बेहोश हो गई और जब होश आया..तो वो लोग वहाँ से भैया को ले जा चुके थे,उसके बाद मैने आपको फ़ोन किया !!

अच्छा तो तुम्हारे हिसाब से ये हुआ ?हाँ और क्या
यही हुआ था कितनी बार बताऊं..आप ये फ़ालतू की बातों को छोड़िए ओर भैया को ढूंढ़िए
नैना हमें पता है हमें क्या करना है, अच्छा ये बताओ
उनका चेहरा तो देखा होगा ?
नहीं देख पाई अँधेरा था मैं दूर खड़ी थी..
अच्छा उन बैग्स में क्या था?
मुझे नहीं पता..बस मैने भैया को उनसे लड़ते हुए देखा,
जब वो तुम्हारे भैया को पकड़ कर ले जा रहे थे तब तुमने शोर क्यों नहीं मचाया?
कैसे फ़ालतू के सवाल कर रहे हो तुम "सरल" तुम तो जानते हो यहाँ आस-पास कम लोग रहते हैं..देखो कॉल मी सर मैं तुम्हारे भाई का दोस्त था ना कि तुम्हारा, "हाँ मुझे पता है कैसे दोस्त थे, जिसने काम के टाइम पर अपने ही दोस्त की मदद नहीं की"...और "जिसकी वज़ह से उसकी ख़ुद की वाइफ मारी गई वैसे इंसान हो तुम"!

शट अप नैना बहुत बोल चुकी तुम,फ़िलाल मुझे मेरा काम करने दो और हां ये गेराज यूज़ मत करना यहाँ थोड़ी देर में फोरेंसिक टीम आने वाली है..तुम्हारा वयां मैने ले लिया है अब मैं इसे अपने तऱीके से हैंडल करूँगा !!!

To be continue...