Safar ka Ant - 10 in Hindi Travel stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | सफर का अंत - 10

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सफर का अंत - 10

अरे वाह प्रिया वाकई यहा बहुत ही खूब सूरत जगह है. प्लीज मेरि फोटोस क्लिक कर लो प्लीज.

अरे जरुर अम्रिता ये भी कोई पूछ ने वाली बात है. लाओ मे फोटोस क्लिक कर लेती हू. ऐसे घूम कर खडे रहो तो.

हा ये इसमे लेलो. और ये वाला पोज और नेक्स्ट ये वाला.

अरे अरे... अम्रिता संभाल कर बाबा गिर जाओगी तुम. वहा उस साइट जाकर उस बडे से पत्थर पे बैठो ओके.

हा ठीक है एक बार वहा कोशिश कर लेते है. चलो फिर एक ये वाला पोज लो. ओके हो गई बताओ तो कैसे आये.

हा ये लो देखो अब और बताओ की कैसे आये ठीक है. मेने सभी फोटोस अलग अलग ऐंगल से लिए है.

वाउव यार सही मे सभी फोटोस काफी अच्छी आई है. चलो अब तुम्हारी फोटोस क्लिक कर ले ती हू रुको.

अरे अम्रिता सुनो वो कौन आ रहा है. ज़रा ध्यान से देखो तो.

कौन है प्रिया मुझे तो नही दिखा. अरे हा अब दिखा. वैसे वो भी हमारी तरह घुम आया होगा. है ना चलो उससे जाकर पूछते है.

हा चलो जाते है. लगता है वो हमारी तरफ ही आ रहा है. वैसे इतनी तेज़ी से भाग कर क्यू आ रहा है. जैसे कुच हुआ हो.

अम्रिता मुझे तो कुच गड़बड़ लग रही है. वरना वो आदमी ऐसे भाग कर नही आता.

एक मिनट प्रिया आने दो उसको और पूछते है. आखिर ये ऐसे भाग कर क्यू आ रहा है.

अरे रुको रुको सांस लो पहले ब्रिद. अब बताओ की तुम ऐसे भाग कर क्यू आ रहे हो. हुआ क्या है कोई दिक्कत है क्या.

अरे मे तुम लोगो के पास आ रहा था. ताकी तुम लोगो लो बता सकू की यहा पे बहुत बडा खतरा है. आप जल्दी से चलिए वापस. प्लीज जल्दी करिये.

अरे लेकिन आप है कौन. और आपको कैसे पता की है यहा पे कोई खतरा है.

अरे ये सब मे आप लोगो को बाद मे बता दूंगा. ठीक है अभी जल्दी करो और चलो. प्लीज हरि अप.

प्रिया चलो अगर ये कह रहे है. तो कुच बात तो होगी ही. वैसे भी अक्सर खुबसूरत जगहों मे ही भयानकता रह्ती है.

अच्छा कमाल है जब मे बता रही थी की यहा पे खतरा है. तो मेरि बात नही मानी और इनकी मान ली. क्या बात है.

प्रिया सुनो तुम्हारी बात इस लिए नही मानी. क्यू की मे इस जगह पे पेहली बार आई हू. और इस जगह के बारे मे ज्यादा सुना भी नही है. सो इस लिए तुम्हारी बातो पर ज्यदा ध्यान नही दिया. लेकिन ये व्यक्ति इतने तेज़ी से भाग कर आये हमारे पास तो मुझे लगा की कोई तो बात होगी. अब चलो भी कुच भी हो उससे पहले.

अरे आप लोग बाते कम करिये और जल्दी चलिए. वो चुड़ैल आई इससे पहले.

कुच देर बाद...

हा तो अब बताईए. सबसे पहले अपना नाम बताईए. बाई द वे मेरा नाम अम्रिता है.

हा तो मेरा रुद्र है. और हाल मे ही टीवी पे इसी जगह की खबर आई है. की कल ही दो लडके मार दिये गए इस खंडर मे.

और मैडम आप अपना नाम बताईए तो. आप क्यू चुप है.

जी बिल्कुल मेरा नाम है प्रिया. और मे इससे कब से यही बता रहा थी की वहा जाना ठीक नही है. लेकिन इस ने मेरि बात नहो मानी. फिर मेने इसको रहने दिया और इसके साथ साथ चलती रही. बिना कुच बोले छाले.

ठीक तो अब मेरि बात ध्यान से सुनो. जब तक इस जगह का निवारण नही हो जाता तब तक यहा पे आना मत ठीक है.

ठीक है नही आयेंगे लेकिन इसका निवारण कब होगा यार कितने साल हो गया है. इस पायल वाली चुड़ैल को ऐसे ही घुम ते हुए. लाचार सी बे सहार सी. इसको इंसाफ तो मिलना चाहिये.

मिस्स प्रिया आप ये बात तो आपने सही बोली क्यू की ये दो लोग थे. मरने वाले और मारने वाले चार थे. लेकिन बुरी बात ये है. की वो चुड़ैल ना सिर्फ उनको नुक्सान नही कर रही जिन्होने उनकी ह्त्या की बल्कि सबको नुक्सान पहुंचा रही है. ये तो गलत है ना.

हा रुद्र जी बात तो आपकी भी सही है. लेकिन हमे ना कीसि जानिते बाबा की जरूरत है. जोकी इस चुड़ैल की प्रॉब्लम को दूर कर सके.

हा फिर चलो ये काम हम ही कर देते है. क्यू की अभी तक कीसि ने भी ऐक्शन नही लिया है. सो अब हम लेले ते है ऐक्शन.

जरुर क्यू नही चलो फिर चले. एक प्रॉब्लम की जड को उखाड़ फेक ते है.

इस मिशन का नाम होगा ( भुत भगाओ मिशन ). अरे वाह क्या बात है. ग्रेट चलो फिर. सबसे पहले बाबा को ढूंड ते है.

आगे जान्ने के लिए पढते रहे सफर का अंत और जुडे रहे मेरे साथ