Aangan ki Chandni - 4 in Hindi Motivational Stories by Sabreen FA books and stories PDF | आँगन की चाँदनी - 4

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आँगन की चाँदनी - 4

राहुल:यह बात तो आप सही कह रही है आपकी उंगुलियों में जादू है जो भी पकाती है बहोत ही टेस्टी होता है, लेकिन आरोहि भी टेस्टी बनाती है,
मैं एक और लेलू,,,?

आरुषि: एक ज़्यादा नही,
फिर वो आरोहि की तरफ मुड़ कर बोली, तुम ऐसा करो पकौड़े की प्लेट बाहर ले कर जाओ तुम्हारे जीजू को पकौड़े बहोत पसंद है वो खुश हो जाएंगे।

राहुल बीच मे बोलते हुए, भाभी आप उन्हें क्यों तकलीफ दे रही है मैं ले जाता हु और हा भैया ने कहा था मीठी चटनी बनवा लेना आप जल्दी से चटनी बना ले, वो प्लेट उठा कर बाहर जाने लगा।,

आरोहि उसे पीछे से आवाज़ देती हुए, अरे ट्रे में तो रखने दीजिये, आरोहि ने ट्रे उठायी प्लेट उसके हाथ से लेकर ट्रे में रखी और साथ चटनी भी रखदी,

राहुल:अच्छा तो यह कहिये आप दोनों ने चटनी पहेली ही बना ली थी,

आरुषि: आरोहि को पसंद है.
उसके बोलने से पहले ही आरोहि बोल पड़ी,प्लीज अब यह मत कहना हम दोनों का टेस्ट कितना मिलता है।

राहुल हंसा और एक नज़र आरोहि पर डालते हुए बोला, आप कहती है तो नही कहूंगा वरना मेरा इरादा कुछ ऐसा ही था।

आरुषि: राहुल यही खड़े रहोगे या जाओगे भी।

जा रहा हु भाभी वो ट्रे उठा कर किचन से बाहर चला गया।
आरुषि: बहोत मज़ाकिया लड़का है इस साथ रहो तो वक़्त का पता ही नही चलता है, वो चाय की ट्रे आरोहि की तरफ बढ़ते हुए बोली तुम बाहर चलो मैं आती हु।

आरोहि: नही, साथ मे चलते है।

दोनो बहने एक साथ बरामदे में आई राहुल पैर फैला कर बड़े मजे से पकौड़े खाने में मस्त था,
रोहित वहां बैठे उसे खाते हुए देख रहे थे।

यह देख कर आरुषि बोली, क्या सारे पकौड़े अकेले खाने का इरादा है।

राहुल मासूम से चेहरा बनाते हुए बोला भाभी इसमे मेरी कोई गलती नही है मैं भैया से कब से खाने के लिए कह रहा हु वही आप दोनों का इंतज़ार कर रहे थे तो मैं क्या करता।

वो सीधा हो कर बैठ गया, आरोहि और आरुषि भी बैठ गयी चाय के साथ ग्राम गर्म पकौड़े वो चारों मज़े ले कर खा रहे थे, और सब लोग मिल कर आरोहि की जम कर तारीफ भी कर रहे थे, इसके बाद देर तक वो सभी हस्ते मुस्कुराते गप्पे मरते बैठे बातें करते रहे।

अगली सुबह

आरोहि तयार हो कर मार्किट के लिए निकल रही थी तो राहुल कमरे से निकल आया उसके पास खड़े होते हुए बोला, जा रही है,,,?

आरोहि अपना दुप्पटा ठीक करते हुए बोली हु,,,

राहुल: जाने की इतनी भी क्या जल्दी है कुछ दिन और ठहर जाओ।

आरोहि ने हैरानी के साथ अपनी नज़ारे ऊपर की ओर बोली,
आप क्या समझ रहे मैं अपने घर जा रही हु।
राहुल:हा
आरोहि: लेकिन मैं तो मार्किट जा रही हु।
वो हस्ते हुए बोला ओह,,,
आरोहि: इसमे हसने वाली क्या बात है,,,?
राहुल: नही कुछ नही।
आरोहि: ठीक है फिर मैं निकलती हु, वो एक कदम आगे बढ़ी तभी, राहुल ने पीछे से आवाज़ दी।
आरोहि रुको मैं भी आता हूं।
आरोहि: मैं तो कुछ खरीदने के लिए जा रही हु आप मेरे साथ चल कर क्या करेंगे,,?

राहुल:मुझे अभी याद आया मुझे भी कुछ खरीदना है आप पांच मिनट रुकिए मैं कपडे बदल कर आता हूं, वो तेज़ी से मुड़ा और सीढ़ियों से भागता हुआ अपने रूम मर चला गया।

आरोहि को खड़ी देख कर आरुषि उसके पास आ कर बोली, तुम कभी तक गयी नही,,,,?

मैं जा रही थी दी लेकिन राहुल कहने लगे उन्हें भी कुछ खरीदना है कर मेरे साथ चल रहे है।

यह तो अच्छा है अगर राहुल तुम्हारे साथ जाएगा तो मुझे भी इतमीनान रहेगा।
आरुषि बात ही कर रही थी तभी सफ़ेद शर्ट बुलु जीन्स पहने राहुल अपने बालों को सेट करते हुए नीचे आया,
वो इतना अट्रैक्टिव लग रहा था कि आरोहि की नज़रे उस पर से हट ही नही रही थी।
उसकी नज़रे खुद पर ही जमी पाकर राहुल शरारती अंदाज़ में उससे बोला देख लिए पांच मिनट से एक सेकंड भी ज़्यादा नही लिया है तब भी आपकी नज़रे मुझ पर ही जमी है।

उसकी बात सुन कर आरोहि हड़बड़ा गयी,

राहुल आरूषि से बोला भाभी हम निकलते है।
आरुषि उसके सर पर हाथ फेरते हुए बोली, ठीक संभल कर जाओ।

कार में बैठ कर जाते हुए आरोहि खामोश बैठी खिड़की के बाहर देख रही थी,
राहुल बात शुरू करते हुए बोला, आरोहि आपको अपने लिए कपड़े लेने है,,,,?

आरोहि: नही।

अच्छा तो मेकअप का सामान ले है,?? वो गेस करता हुआ बोला

आरोहि: वो भी नही।

फिर आप ही बताये क्या खरीदने जा रही है,,,,,????

आरोहि अकड़ते हुए बोली जब खरीदूंगी तब देख लेना।

ठीक है मैं ज़बरदस्ती नही करूँगा, आपको नही बताना तो मत बताये।

उसके बाद एआहुल कुछ नही बोला, मार्किट पहोंच कर वो आरोहि से बोला आपको किस तरफ जाना है,,?

आरोहि: ज्वैलरी की दुकान पर जाना है।

अच्छा तो आपको ज्वैलरी में कुछ खरीदना है,,?
आरोहि: नही वहां जा कर खाना खाना है।
कितने बे तुके सवाल करते ही आप ज्वैलरी शॉप में तो इंसान ज्वैलरी लेने ही जायेगा न।

अच्छा सॉरी बाबा वो कान पकड़ कर उससे माफी मांगते हुए बोला,
आरोहि सुनो

आरोहि पीछे मुड़ी तो राहुल बोला, आप ज्वेलरी खरीदिये तब तक मैं अपनी शॉपिंग पूरी कर लेता हूं आप यही रहिगा मैं ज़्यादा वक़्त नही लगाऊंगा।

ठीक है आरोहि अंदर चली गयी।
बहोत सारी चीजें देखने के बाद आरोहि को एक खूबसूरत इयरिंग्स पसंद आये उसे खरीदने के बाद वो काउंटर पर खड़े शख्स के पास जा कर बोली,
सुनिए भैया क्या आप इसे पैक करदेंगे मुझे गिफ्ट करना है।

ओके मैडम।
लीजिये मैडम।

आरोहि उस आदमी के शुक्रिया करके बाहर आ गयी।
राहुल अभी तक वापस नही आया था उसने सोचा अकेली ही चली जाए लेकिन फिर खयाल आया कहि दी नाराज़ न हो जाये इसीलिए वह वही खड़ी राहुल का इंतज़ार करने लगी।
ज्वैलरी शॉप में कस्टमर आ जा रहे थे वह खड़े रहने में उसे अच्छा नही लग रहा था वो थोड़ा हट कर सड़क के पास आ कर खड़ी हो गयी।
सड़क पर आने जाने वाले लोग उसे देख रहे थे लेकिन वो वहां से हट भी नही सकती थी क्योंकि राहुल ने उसे वही रुकने के लिए कहा था।

हेलो, किसी ने उसे पीछे से कहा।
आरोहि ने पीछे मुड़ कर देखा तो रंगीन शर्ट और जीन्स पहने एक लड़का उसे बुरी तरह घूर रहा था।

किसी का इंतज़ार कर रही ही अगर वो नही आया तो क्या हुआ हम भी कुछ बुरे नही है,,,,,,,,,,,
इसके आगे वो कुछ बोल पाता इससे पहले ही एक झन्नाटे डर थप्पड़ आरोहि ने उसके गाल पर जड़ दिया,
और घूरते हुए बोली अगर तुम यह थप्पड़ अपने गाल पर नही अपने ज़मीर पर महसूस करोगे तो अगली बार किसी अकेली लड़की को देख कर उसे छेड़ने की कोशिश नही करोगे।
वो उससे बोल ही रही थी कि तभी राहुल हाथ मे थैले लिए हुए आरोहि की तरफ ही आ रहा था उसने आरोहि को थप्पड़ मारते हुए भी देखा था जब तक वो आरोहि के पास आया वो आदमी भीड़ का फायदा उठा कर वहा से गायब हो गया।

राहुल उसके पीछे जाने लगा,
आरोहि उसका हाथ पकड़ कर रोकते हुए,राहुल छोड़िए जाने दीजिए।

राहुल गुस्से से बोला मैं उसे सबक सिखाये हुए कैसे जाने दु, यह मुझ से नही होगा।

आरोहि उसे समझते हुए बोली , देखिए लोग देख रहे है यहा से चलिए और बात खत्म कीजिये।

आरोहि कार की तरफ बड़ी तो राहुल भी उसके पीछे चलने लगा।
धीरे धीरे राहुल के चेहरे से सख्ती गयेब हो गयी वो मुस्कुराते हुए आरोहि से बोला आपकी तारीफ करने का मन कर रहा है।

आरोहि: क्यों,,,?
राहुल: आज आपने जो हिम्मत दिखाई है उसके लिए तारीफ तो होनी ही चाहिए।
आरोहि: ओह इसलिए..........वैसे मुझे लगता है अब औरत के अंदर हौसला और अपनी हिफाजत करने की हिम्मत होनी चाहिए, जो वाहियात लड़के लड़कियों को छेड़ने की हिम्मत करते है ना उनके साथ हर लड़की को वही करना चाहिए जो आज मैं ने की हु।

राहुल: वैसे आज कल लड़कियों के साथ जो छेड़ छाड़ के मामले हो रहे है इस मे ज़्यादातर गलती लड़कियों की है।

आरोहि गुस्से से उसका जवाब देती हुई, आप का मतलब है खुद लड़किया यह चाहती हक़ी कि लड़के उन्हें छेड़े,,,,,??

राहुल उसे समझते हुए अरे यार ऐसा नही है मेरे कहने का मतलब है अगर लड़किया उन लड़कों का डट कर सामना कर जैसा आज आपने किया है तो उन लड़कों की हिम्मत ही नही होगी कि वो लड़कियों को छेड़े।

आरोहि सही कहा आपने अब जब लडकिया मज़दूर से ले कर पायलट तक बन सकती है तो उन्हें डरना नही चाहिए।

राहुल आरोहि के चेहरे के निहारते हुए बोला वैसे मैं आपको कोमल और छुई मुई लड़की समझता था आप तो झांसी की रानी निकली।

आरोहि हस्ते हुए बोली ककभी कभी लोगों को समझाने के लिए झांसी बनना पड़ता है।

जब वो दोने घर पहोंचे तो देखा कि आरूषि उनका इंतज़ार कर रही थी।
उनको देख कर वो फौरन उठ कर गयी और पानी ले कर आई, पानी पीने के बाद आरोहि ने गिफ्ट निकला और आरूषि की तरफ बढ़ाते हुए बोली जन्म दिन मुबारक हो दी।

आरुषि चोंकते हुए आज मेरा जन्मदिन है,,,?

आरोहि हस्ते हुए आपको याद ही कब रहता है हर बार मैं ही आपको याद दिलाती हु,

आरुषि उसे गले लगाते हुए ऊपर वाले ने मुझे कितनी प्यारी बहन दी है, मेरी प्यारी गुड़िया।

उन्ही बातें खत्म होने के बाद राहुल बोला, आरोहि यह तो गलत बात है आप मुझे तो बात ही सकती थी आई भाभी का जन्मदिन है।

आरोहि: यह कोई बताने वाली बात थी आपको खुद ही याद रखना चाहिए था।

राहुल:ठीक है अपना टाइम आएगा ।
आरोहि उसकी बात पर खिलखिला कर हस दी।

राहुल अपने बैग से एक गिफ्ट निकलते हुए बोला भाभी मिझे नही पता था आज आपका जन्मदिन है मुझे यह साड़ी पसंद आई तो आपके लिए ले लिया था अगर पता होता तो कोई अच्छा सा गिफ्ट लता।

आरुषि: तोहफा तोहफा होता है तोहफे की कीमत नही सामने वाले कि छुपी मोहब्बत को देखना चाहिए।

फिर वो आरोहि की तरफ एक बॉक्स बढ़ाते हुए बोला यह घड़ी आपके लिए।

आरोहि अपने बाल पीछे करते हुए बोली यह किस खुशी में हमारा तो जन्मदिन भी नही है।

राहुल:यह तो हमारी दोस्ती की खुशी में है।

आरोहि:लेकिन मैं,,,,,,,,,,,,,,,,

वो आगे कुछ बोल पाती उससे पहले ही आरुषि बोली लेलो इतने प्यार लाया है तुम्हारे लिये।

आरोहि ने बॉक्स लेलिया अरब जब इसे खोल कर देखा तो उसमें एक बहोत ही खूबसूरत घड़ी थी।

राहुल उसे प्यार से देखते हुए बोला कैसी ही,,,,?
आरोहि मुस्कुरा कर बहोत ही प्यारी है।

वैसे आरोहि आपको नही लगता हम दोनों की पसंद एक जैसी है।

आरोहि अकड़ते हुए नही, बिल्कुल भी नही।

राहुल टेढ़ा मुस्कुराते हुए ज़रा ध्यान से सोचना तुम्हारी न हाँ में बदल जाएगी।

आरोहि हस्ते हुए बोली,अच्छा जी इसमे सोचने वाली क्या बात है वैसे भी हम लड़कियों का टेस्ट इतना बुरा भी नही है,,

यह सुनते ही राहुल के चेहरे की हसी गयेब होगयी, आपकर कहने का मतलब क्या है मैं अच्छा नही हु।

आरोहि:आप इस बात का जो भी मतलब निकले।

यह सुन का राहुल उठकर वह से चला गया।

उसके जाने के बाद आरुषि बोली कुछ तो गड़बड़ है, आरोहि कहि इसका दिल तुम पर तो नही आ गया।

©"साबरीन"