Silent Love - 16 in Hindi Love Stories by prashant sharma ashk books and stories PDF | खामोश प्यार - भाग 16

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खामोश प्यार - भाग 16

कुछ देर तक मानव वहीं बैठा रहा और फिर उठकर अपने घर की ओर चल दिया। जेनी भी भाई जॉली के साथ अपने घर पहुंच गई थी। वो अपने कमरे में चली गई थी और जॉली गाने सुनते हुए कुछ खाना बना रहा था। खाना बन जाने के बाद दो से तीन जेनी को आवाज दी, परंतु जेनी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो उसके कमरे की ओर चला गया। कमरे में जाकर उसने देखा जेनी ख्यालों में गुम थी।

उसने जेनी के कंधे पर हाथ रखा और कहा- जेनी, जेनी ? कहां गुम हो ? मैंने तुम्हे तीन बार आवाज दी तुमने कोई रिप्लाई नहीं दिया।

जेनी ने खुद को संभालते हुए कहा- अरे कुछ नहीं जॉली, मैं बस ऐसे ही कुछ सोच रही थी।

जॉली ने सवाल किया- क्या सोच रही थी मेरी प्यारी सिस्टर ?

जेनी ने जॉली के सवाल का जवाब देते हुए कहा- अरे ऐसे ही कुछ खास नहीं। तुम तो से बताओ आज खाना बनाने का तुम्हारा टर्न था, तुमने क्या बनाया है ?

जॉली ने कहा- खुद आकर देख लो।

फिर दोनों कमरे से बाहर आ गए और डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाना खाने लगे। खाना खाते हुए भी जेनी खामोश ही थी और कुछ सोच रही थी। जॉली ने इस बात को नोटिस कर लिया था। जॉली ने अचानक से जेनी से कहा- मानव के बारे में सोच रही हो ?

जेनी ने एक बार फिर खुद को संभाला और कहा- क्या ? मैं... मैं... उसके बारे में क्यों सोचूंगी ?

जॉली ने फिर कहा- वैसे वो अच्छा लड़का है। श्लोक बता रहा था उसके बारे में। पर आजकल कुछ परेशान है, क्यों यह उसे भी नहीं पता।

जेनी ने कहा- मैंने भी उससे पूछा था, पर उसने बताया नहीं।

जॉली ने कहा- हां वो तो जब तुम पार्क में उसके साथ बैठी थी मैं तभी समझ गया था। क्या तुम उसे पसंद करती हो ?

जॉली के इस तरह से सीधा सवाल करने से जेनी कुछ हड़बड़ा गई थी पर उसने फिर खुद को थोड़ा संभालते हुए कहा- नहीं...नहीं... ऐसी कोई बात नहीं है मैं तो बस ऐसे ही उससे पूछ रही थी कि उसे क्या परेशानी है।

जेनी उसकी परेशानी है वो खुद सॉल्व कर लेगा, तुम क्यों उसके बारे में इतना सोच रही हो। जॉली ने कहा।

जेनी ने जॉली की बात का कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि जॉली इस बात को समझ गया था कि जेनी मानव को पसंद करने लगी है। इसके बाद भी उसने जेनी से कुछ नहीं कहा था।

दूसरी ओर मानव रात का खाना खाने के बाद अपने कमरे में पहुंच गया था। कुछ देर स्टडी करने के बाद वो अपने बेड पर आ गया था। कायरा ने भी रात का खाना खाया और अपने बेड पर आ गई थी। खाना खाने से पहले ही वो अपनी स्टडी को कम्पलीट कर चुकी थी। बेड पर लेटते ही दोनों ने अपने मोबाइल उठाए और हमेशा की तरह एक-दूसरे को ऑनलाइन शो होते हुए देख रहे थे। आज भी मानव और कायरा में से किसी ने भी एक-दूसरे को कोई मैंसेज नहीं किया था।

अगले दिन एक बार फिर सभी कॉलेज में मिले। इस बार जेनी मानव के ठीक बगल वाली सीट पर आकर बैठ गई थी। जॉली ने जेनी को मानव के पास बैठे देखा तो उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई थी। जेनी ने भी जॉली को देखा पर देखकर उसे इग्नोर कर दिया था। जेनी जहां मानव की ओर आकर्षित हो रही थी, वहीं जॉली की नजर कायरा पर टिकी हुई थी। क्लास खत्म हुई और सभी रोज की तरह कैंटिन में मिले। इस बार जॉली स्नेहा के साथ पहले से टेबल पर बैठा था। कायरा आई और उसने स्नेहा के पास जॉली को बैठे देखा तो वो वापस जाने लगी, तभी स्नेहा ने उसे आवाज देकर बुला लिया।

कायरा आकर स्नेहा के साथ बैठ गई थी। तभी मानव भी श्लोक के साथ कैटिंन में आकर बैठ गया था। मानव की नजर कायरा पर थी और कायरा भी चोरी छिपे नजरों से मानव को ही देख रही थी। यह बात श्लोक ने नोटिस की और मानव से कहा- देख भाई पहल तो करना ही होगी। ऐसे कब तक तुम दोनों एक-दूसरे को देखते रहोगे। इससे अच्छा है कि आपस में बात कर लो। कम से कम ये तो पता चल जाएगा कि उसके दिल में तेरे लिए कुछ है या नहीं। वैसे तो मुझे पक्का पता है कि वो भी तुझे पसंद करती है। 

श्लोक की बात सुनने के बाद मानव ने कहा- यार तू उस दिन डिबेट में था ना। उसने क्या कहा था- कि उसे ऐसे प्यार पर यकीन नहीं है।

श्लोक ने लगभग अपने सिर को पिछते हुए कहा- अरे ओ महा मानव। कौन सी दुनिया में जी रहा है तू। वो डिबेट थी। उसमें तो एक पक्ष में और एक को विपक्ष में बोलना ही था। वो एक प्रतियोगिता थी, कोई जिंदगी नहीं। उसने क्या तुझसे कहा है ऐसा कि वो प्यार पर यकीन नहीं करती। अरे मेरे भोले दोस्त उसकी आंखे, उसके हाव-भाव सब यही बताते हैं कि वो तुझे पसंद करती है। उस डिबेट को भूल जा और जाकर उससे बात कर।

मानव ने फिर से कहा- पर अगर उसने डिबेट में जो कहा वहीं सच हुआ तो ?

श्लोक ने कहा- तो का तो मुझे पता नहीं पर अगर तू नहीं बोलेगा तो कोई और बोल देगा। फिर तू सोचता रहेगा कि काश मैंने उसे अपने दिल की बात कह दी होती। इसलिए बाद में काश कहने से अच्छा है आज अपना दिल उसके सामने खोल दे।

मानव ने श्लोक की बात का कोई जवाब नहीं दिया और वो कायरा को देखने लगा। कायरा और मानव की नजर एक पल के लिए मिली और कायरा ने अपनी नजरें नीचे कर ली थी।

इधर जॉली ने कायरा से कहा- कायरा क्या हम दोस्त बन सकते हैं ?

कायरा ने फिर कहा- मेरा जवाब आज भी वहीं है जो कल था।

इस बीच स्नेहा ने कहा- अरे यार दोस्त बनने में क्या हर्ज है तुझे, वो तुझे कोई प्रपोज तो कर नहीं रहा है जो तू इतने भाव खा रही है।

स्नेहा की बात सुनते ही कायरा को गुस्सा आ गया और उसने जोर से स्नेहा को डांटते हुए कहा- स्नेहा तू बोलने से पहले कुछ सोचती भी है या नहीं। बस मुंह में आया और बोल दिया। और दोस्ती करना या ना करना यह मेरा निर्णय है। तेरे कहने से मैं किसी से भी दोस्ती नहीं कर लूंगी। मुझे लगा कि कोई मेरी दोस्ती के लायक है तो ही मैं दोस्ती करूंगी।

कायरा की बात को सुनते हुए जॉली ने कहा- कायरा मैं जानता हूं कि यह निर्णय तुम्हारा है, पर यकीन मानो मैं सिर्फ दोस्ती करना चाहता हूं। इससे आगे बढ़ने का मेरा कोई इरादा नहीं है। मैं जानता हूं कि तुम एक लड़की हो ऐसे में तुम्हारे लिए हर किसी पर यकीन करना मुश्किल होता है, पर मैं तुम्हें यकीन दिलाता हूं कि मैं अपनी लिमिट को हमेशा याद रखूंगा। एक दोस्त के नाते हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा।

कायरा ने जॉली की बात सुनी और फिर ओके कह दिया।

जॉली ने कायरा की ओर हाथ बढ़ाते हुए कहा- फ्रेंड ?

कायरा ने कुछ देर के लिए सोचा और फिर जॉली से हाथ मिला लिया।