Internet wala love - 56 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | इंटरनेट वाला लव - 56

Featured Books
  • Horror House

    शहेर  लगभग पाँच किलोमीटर दूर एक पुराना, जर्जर मकान था।लोग उस...

  • वरदान - 2

    दिन ढल रहा था और महल की ओर जाने वाले मार्ग पर हल्की धूप बिखर...

  • राघवी से रागिनी (भाग 5)

     बाहर लगे सार्वजनिक हेण्डपम्प से पानी भरकर लौटने के बाद मंजी...

  • कुछ तो कमी थी

    तुम चाहते थे मैं दूर चली जाऊं ।जा रही हूं कभी न वापस आने के...

  • धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 53

    साहिल देखता है कि पूरा कमरा मोमबत्तियों की रोशनी से जगमगा रह...

Categories
Share

इंटरनेट वाला लव - 56

हेल्लो में ना आप की बेटी जिस कंपनी में काम करती है. उस कंपनी का ऑनर बोल रहा हु. दरअसल आप की बेटी का या नी भूमि का एक्सीडेंट हो गया है. तो आप को आना पड़ेगा.


अरे लेकिन ऐसे कैसे एक्सीडेंट हो गया वो अभी कोन से हॉस्पिटल में है. और वो ठीक तो है ना.


आंटी जी वो बिल्कुल ठीक है. बस आप रिक्शा लेकर आजाइए. चार रस्ते पर जो मिनी हर्ट वाला हॉस्पिटल है ना वहा एडमिट किया है.


जी हम आ रहे हैं. आप उन का खयाल रखना ठीक है.


कुछ देर बाद...


कहा है मेरी बेटी भूमि.. बेटा भूमि मेरी बच्ची तू ठीक तो है ना.


रिलैक्स मम्मा में ठीक हूं. आप शांत हो जाओ पहले. और यह बैठो.


और और ये तो तुम्हारी दोस्त है ना. इसको कैसे लगी.


हा मम्मा ये मेरे साथ थी तो इसको भी लग गई. मेरे से ज्यादा तो इसको लगी है. वैसे समीर सर अन्नू के परिवार वालों को इनफॉर्म किया की नही.


जी मेने उनको पहले से ही इनफॉर्म कर के रखा है. वो आते ही होंगे.


अरे अन्नू बेटा ये ये कैसे हुआ तुझे इतनी चोट कैसे लगी. ठीक तो है ना.


हा मां में ठीक हु. डॉक्टर ने कहा है. कुछ दिनों ठीक हो जाऊंगी ऐसा.


भगवान का लाख लाख शुक्र है कि सब ठीक है. वरना न जानें मेरी बेटी को क्या हो जाता.


अरे आंटी हम को के होते हुए हमारे एंप्लॉयज को कुछ हो सकता है क्या. सवाल ही पैदा नहीं होता. और अब तो ये हमारे एंप्लॉयज नही पर परिवार का हिस्सा बन गई है. दोनो की दोनो.


आप लोगो का जितना शुक्रिया अदा करे उतना कम है. सच में आप दोनो ने भगवान बन कर हमारी बच्चियों कि जाने बचाई है. आपका बहुत बहुत धन्यवाद.


और आप हम बार बार धन्यवाद बोल कर हमे शर्मिंदा कर रहे है. आप दोनो आंटीया अब कुछ नहीं बोलेंगी ठीक है.


ठीक है बेटा नहीं बोलेंगे. लेकिन सच में आज के ज़माने में इतना कुछ कोन करता है किसी के लिए. वो भी एक कंपनी का मालिक के रूप में.


अरे आंटी ज़माना नया है. तो सोच भी तो नई रहेगी ना. और फिर हमारी तो दुनिया ही अलग है जब इस दुनिया के लोग सब अपनी अपनी मशलो में सुलझे हुए रहते है. है तब हम खुद की दुनिया में मस्त रहते हैं. पूछ लो आपकी इन दोनों बेटियों को आप दोनो.


ठीक है पूछ लेंगे. पर आप कबसे खड़े बैठ जाइए ना.


कुछ दिन बाद...


नई सुबह...


गुड मॉर्निंग मम्मा क्या कर रहे हो. नाश्ता बना दिया क्या.


हा बेटा बन गया है बस कुछ देर और ठहर जा नाश्ता करके जा. पूरा दिन ऐसे गुजार देता है मेरा बच्चा आ जरा सा नाश्ता कर ले चल आजा.


ठीक है मम्मा लगाओ प्लेट फिर और क्या. कर लेते हैं नाश्ता और क्या फिर.


वैसे हितेश बेटा आस्था नहीं नजर नहीं आ रही है. क्या हुआ है. उसको जरा देख कर जाना ठीक है.


हा मम्मा देख कर जाऊंगा. ठीक है.


पढ़ना जारी रखे...