Tum hi to ho - 10 in Hindi Love Stories by Queen of Night books and stories PDF | Tum hi to ho - 10

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Tum hi to ho - 10

शुभम ऑफिस पोहच जाता है
वो अपने कैबिन में जाते ही उसका सेक्रेटरी वहा आता है
शुभम कहता की दिग्विजय अंकल आने वाले हैं
और वो सिद्धि का भी नाम बताते हुए कहता है
की अगर वो आए तो सबसे पहले मुझे बताना
राघव को तो समझ ही नहीं आता उसने सही सुना मतलब जो बॉस आज तक किसी लड़की की तरफ देखते भी नहीं आज वो उसे कीसी लड़की के बारे में बता रहा है
शुभम देखता है कि राघव अपने ही ख़यालों मै है
वो गुस्से से उसे कहता है
लगता है तुम्हें अब नौकरी की जरूरत नहीं है जो मेरी बाते अनसुनी कर रहे हो
राघव अचानक से अपने ख़यालों से बाहर आता है
सॉरी सर केह कर कैबिन से जाने लगता है

थोड़ी देर बाद एक गाड़ी ऑफिस के आगे आके रुकती है
जिस में से दिग्विजय जी उतरते है वो ऑफिस के अंदर जा ही रहें होते है की एक लड़की उनसे टकरा जाती है
वो लड़की उनसे सॉरी कहती है
जब दिग्विजय उसका चेहरा देखते है तो वो कहते हैं तुम यहाँ
वो ल़डकि कोइ और नहीं सिद्धि होतीं हैं सिद्धि भी उन्हें पहचान जाती है
वो उनसे कहती है अरे अंकल आप सॉरी आपको लगी तो नहीं
दिग्विजय अंकल तो उसे देख बहोत खुश होते है वो जल्दी से कहते है नहीं बेटा पर तुम यहाँ
अंकल इंटरव्यू के लिए आयी हूं
आप आशिर्वाद दीजिए की मेरी जॉब लग जाये
ये सुन के दिग्विजय जी का खुशी का ठिकाना नहीं रेहता फिर वो कहते है जरूर बेटा यहा तुम्हारी जॉब लग जायेगी यही प्रार्थना करता हू
तभी वहां राघव आता हैं औऱ दिग्विजय जी से कहता है
सर आप चलिए बॉस ने आपको कैबिन आने को कहा है
सिद्धि को कुछ समझ नहीं आता
तभी राघव उसे देखता है कहता है
आप कोण
तो सिद्धि कहती है

My name is siddhi raut में यहां इंटरव्यू के लिए आयी हूं
जैसे ही वो ये नाम सुनता है उसे अपने बॉस की बात याद आती है
वो सिद्धि से कहता है
ठीक है
फिर दिग्विजय जी भी उसे best of luck कहते हैं
थोड़ी ही देर में वो शुभ की कैबिन में पोहच जाते हैं
जैसे दरवाजा खुलता है
दिग्विजय जी को देख शुभ खड़ा होता है उनकी और आके उनके पर छुएं
उन्हें बैठने के लिए बोल राघव को पानी चाय लाने को बोलता है
तभी राघव कहता है सर वो लडकी आगयी
शुभ समझ जाता है वो किस की बात कर रहा है
पर उसे पता नहीं क्यु राघव का वो लडकी बुलाना बिल्कुल पसंद नहीं आता है
वो स्ट्रिक्ट होकर कहता है
ये वो लडकी क्या होता है
Mam कहके पुकारे वर्ना खुद का नाम भूल जाओगे.
मुझे माफ करना इतनी देर बाद स्टोरी डाल रहीं हु कुछ काम की वजहों से नहीं हो पा रहा है
 
में इस पर जैसे ही वो ये नाम सुनता है उसे अपने बॉस की बात याद आती है
वो सिद्धि से कहता है
ठीक है
फिर दिग्विजय जी भी उसे best of luck कहते हैं
थोड़ी ही देर में वो शुभ की कैबिन में पोहच जाते हैं
जैसे दरवाजा खुलता है
दिग्विजय जी को देख शुभ खड़ा होता है उनकी और आके उनके पर छुएं
उन्हें बैठने के लिए बोल राघव को पानी चाय लाने को बोलता है
तभी राघव कहता है सर वो लडकी आगयी
शुभ समझ जाता है वो किस की बात कर रहा है
पर उसे पता नहीं क्यु राघव का वो लडकी बुलाना बिल्कुल पसंद नहीं आता है
वो स्ट्रिक्ट होकर कहता है
ये वो लडकी क्या होता है
Mam कहके पुकारे वर्ना खुद का नाम भूल जाओगे.
 
 
कुछ personal issue है i hope की आप समझोगे. ये कहानी में complete जरूर करूंगी.
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