Apradh hi Apradh - 3 in Hindi Crime Stories by S Bhagyam Sharma books and stories PDF | अपराध ही अपराध - भाग 3

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अपराध ही अपराध - भाग 3

अध्याय 3

 

पिछला सारांश-

‘कार्तिका इंडस्ट्रीज’ संस्था के इंटरव्यू के लिए गए साइकोलॉजी मे पोस्ट डिग्री तक पढ़ें धनंजयन। ‘यह काम ‘रिस्क’ वाला है। उनके हिस्सेदारी से उसको जीवन पर विपत्ति आ सकती है….’ऐसा कहकर तुम नौकरी करने को राजी हो पूछा।

धनंजयन के सहमति के बाद उसको रहने के लिए अपार्टमेंट, ड्राइवर और एक कार के साथ 3 लाख रुपए वेतन के कहकर संस्थापक कृष्णा राज की लड़की कार्तिका के कहते ही उसे एक सुखद आघात हुआ-

सुखद आघात से धीरे-धीरे धनंजय बाहर आया तो मुझे 3 लाख रुपए वेतन जिस पर वह विश्वास ना कर सकने के कारण कभी कार्तिक को कभी कृष्णा राज जी को देखने लगा।

“क्या हुआ धनंजय क्यों ऐसा देख रहे हो?” कृष्णा राज ने पूछा।

“3 लाख रुपए वेतन, उसके अलावा रहने के लिए अपार्टमेंट और ड्राइवर समेत कार। मैं विश्वास नहीं कर पा रहा हूं सर…. कोई तीस हजार वेतन, ‘कुछ अलाउंस’ छोटी रकम मिलेगी ऐसा ही मैंने सोचा था।”

“ फिर, तुम विश्वास नहीं कर पा रहे हो?”

“थोड़ा ऐसा ही है सर?”

“विश्वास करो…. हम जो असाइनमेंट दे रहे हैं उसे तुम पूरा करते-करते तुम्हें और भी कई लाभ मिलेगा।”

 “थैंक यू सर…. आपका पहला ‘असाइनमेंट’ यह एक करोड रुपए वह तिरुपति के दान पेटी में डालना है…. यह क्या ! कोई ‘असाइनमेंट’ है? आप यह नहीं कर सकते?” धनंजयन ने पूछा।

बेटी कार्तिका को कृष्णराज ने देखा।

“आप रवाना होइए अप्पा…मैं जवाब देती हूं,” कार्तिका बोली।

अगले ही कुछ क्षणों में मेडिकल सहायक आकर उनके ‘व्हीलचेयर’ को धकेलते हुए वहां से ले गए, तो तुरंत ही दो गरम-गरम चाय की प्यालियां आई।

“आप लीजिए धना….’ कार्तिका इंडस्ट्रीज’ के बारे में आप क्या-क्या जानते हैं?” उसने पूछा।

“गूगल में जाकर मैंने देखा मैडम।

महीना 100 करोड़ रूपया से ऊपर व्यापार होता है। सालाना, 1500 करोड रुपए से ऊपर। कई बार बेस्ट बिजनेसमैन अवार्ड से लेकर ‘अन्ट्रेप्रनुरण अवार्ड’ से लेकर कई अवार्ड और सम्मान आपके पापा कृष्णा राज को मिले हैं।

“इस वर्ष 2000 करोड रुपए टारगेट रखा है। कुल 1,600 लोग लोग यहां काम कर रहे हैं। चेन्नई, गोवा, सेलेम और तिरुनेलवेली प्रदेशों में उनकी शाखाएं हैं।”

“गुड…आपको बहुत कुछ मालूम है, इस समय ना मालूम होने वाले कुछ बातें भी हैं।”

“बोलिएगा मैडम मैं जान लेता हूं।”

“पापा के एक ‘बिजनेस पार्टनर’ है। उनका नाम दामोदरन….”थोड़ी देर रुक कर उसने धनंजयन को घूर कर देखा।

फिर धीरे से,”इस दामोदर का विवेक नाम का एक लड़का है। वह मुझसे शादी करना चाहता है।” कार्तिका बोली।

धनंजयन सीधी होकर बैठा।

“यह विवेक एक बड़ा बदमाश और दुष्ट है। स्टार होटल में पीकर लड़ाई झगड़ा करने के, उस पर कई मुकदमे दर्ज हैं । यही नहीं , वह पीकर कार चलाते हुए प्लेटफॉर्म में सो रहे कई लोगों पर गाड़ी चलाने से वे मर गए।”

“मालूम है मैडम यह न्यूज़ में भी आया था।”

“ऐसे लड़के विवेक के लिए मुझे  मांग रहे थे दामोदरन। अप्पा ने मना कर दिया। तब से हमारा समय ठीक नहीं है।”

“समझा। उसके लिए आपके दान पेटी में रुपए डालने को रोकने का क्या संबंध है ?”

“हमारे, बिजनेस में दामोदरन, का 50% हिस्सा है। उस हक से दामोदरन हमारे अप्पा के पर्सनल विषयों पर भी अपनी टांग अड़ा रहें हैं।”

“दान पेटी में पैसे डालने के बारे में उन्हें पता हो तभी तो वह कुछ कर सकते हैं?”

“उनको मालूम हुए बिना अभी तक हम कुछ भी कर नहीं पाए। इस कार्यालय में फैक्ट्री में यही नहीं मेरे घर में भी उनके आदमी जासूसी करते हैं। अभी मैं आपसे बात कर रही हूं वह भी इस समय दामोदरन को पता चल गया होगा।”

“क्या कह रहे हो मैडम…मुझे तो यह कुछ तेलुगू मसाले वाले पिक्चर जैसे लग रहा है।”

“हमारी जिंदगी इससे भी बुरी है धनंजयन। रिश्तेदार बोलने को हमारा कोई नहीं। कानून पुलिस वकील इन सबमें हम नहीं जा सकते। कुछ दोस्त हमारी मदद करने के लिए आगे आए उसके बाद दामोदरन उनके पीछे पड़ गए।”

“बहुत ही आश्चर्य हो रहा है। करोड़ों करोड़ों रुपए रखने वाले आपकी यह दशा यह सोच कर मुझे सदमा लग रहा है। हां, कानून पुलिस वकील के पास आप जा नहीं सकते बोला ना…ऐसा क्यों? उनको भी यह दामोदरन ने मना कर रखा हैं?”

“नहीं इससे ऊपर आप कुछ मत पूछिए। पूछोगे तो मैं कुछ नहीं बता पाऊंगी। अब बोलिए आपको इस काम में आने की सहमति है?”

“क्या है मैडम आप भी…. वेतन सहूलियत सब के बारे में बात करके फिर अभी सहमति है क्या पूछ रही हों?”

“अभी मैंने अपनी समस्याओं के बारे में बताया है। अभी पूछना ही ठीक है?”

“आप कह रहें हैं वह ठीक है…अच्छा इस दामोदरन क्या-क्या कर सकता है?”

“ऐसा सुनकर एक करोड़ रुपयों के साथ एक रवाना हुआ था। वह वापस नहीं आया” कार्तिका बोली।

“क्या कह रही हो मैडम…रूपयों के साथ वह भाग गया क्या?”

“मालूम नहीं।”

“क्या मालूम नहीं है करके साधारण ढंग से बोल रहे हो? पुलिस में कंप्लेंट नहीं किया?”

आगे पढ़िए.…