Do Dilo ka Milan - 10 in Hindi Love Stories by Lokesh Dangi books and stories PDF | दो दिलों का मिलन - भाग 10

Featured Books
  • The Omniverse - Part 6

    அடோனாயின் கடந்த காலம்அடோனா திரும்பி தனது தோற்றத்தின் ஒரு மறை...

  • The Omniverse - Part 5

    (Destruction Cube) அழித்த பிறகு,ஆதியன் (Aethion) பேய்கள் மற்...

  • The Omniverse - Part 4

    தீமையின் எழுச்சி – படையெடுப்பு தொடங்குகிறதுதற்போது, டீமன்களு...

  • அக்னியை ஆளும் மலரவள் - 12

     மலரியின் அக்கா, ஸ்வேதா வருவதைப் பார்த்து, “நீயே வந்துட்ட, எ...

  • அக்னியை ஆளும் மலரவள் - 11

    “நீ கோபப்படுற அளவுக்கு இந்த ஃபைலில் அப்படி என்ன இருக்கு?” என...

Categories
Share

दो दिलों का मिलन - भाग 10



ब्लैकवुड फैक्ट्री की ओर बढ़ते कदम

लोकेश के दिमाग में केवल मुस्कान का चेहरा घूम रहा था। वह किसी भी कीमत पर उसे वापस लाना चाहता था। आदित्य के साथ, वह ब्लैकवुड फैक्ट्री की ओर बढ़ा। रास्ता लंबा और अंधेरा था, लेकिन लोकेश की आँखों में एक अजीब सा आत्मविश्वास था। उसे अब इस बात की परवाह नहीं थी कि वह कहाँ जा रहा था, बस एक ही सोच थी—मुस्कान को बचाना है।

वह जैसे ही फैक्ट्री के पास पहुँचा, उसकी नज़रें हर कोने में इधर-उधर दौड़ रही थीं। फैक्ट्री का माहौल बेहद डरावना था। खंडहर में तब्दील हो चुकी इमारत की हर दीवार पर दरारें और मुरझाए पौधे थे। चारों ओर सन्नाटा था, बस हवा की आवाज़ सुनाई दे रही थी।

"लोकेश, तुम ठीक हो?" आदित्य ने धीरे से पूछा, जबकि वह भी थोड़ा डरा हुआ था।

लोकेश ने बिना जवाब दिए फैक्ट्री के अंदर जाने का इशारा किया। दोनों धीरे-धीरे अंदर घुसे।

मुस्कान का नाम पुकारते हुए

फैक्ट्री के भीतर, अंधेरे में केवल एक छोटी सी लाइट जल रही थी। लोकेश ने मुस्कान का नाम पुकारा, "मुस्कान!" उसकी आवाज़ में तड़प और उम्मीद दोनों थे।

"मुस्कान!" आदित्य भी घबराया हुआ था।

एक हल्की सी आवाज आई, "लोकेश..."

लोकेश ने तुरंत अपनी आँखों से अंधेरे को छानते हुए आवाज़ की दिशा में कदम बढ़ाए। और फिर, अचानक, उसे मुस्कान का चेहरा दिखाई दिया—वह एक दीवार के पास खड़ी थी, उसकी आँखों में डर और उम्मीद थी।

"मुस्कान!" लोकेश की आवाज़ में राहत थी, लेकिन साथ ही एक गहरी चिंता भी। उसने मुस्कान की ओर दौड़ते हुए कहा, "तुम ठीक हो?"

मुस्कान ने सिर झुका लिया, जैसे वह कुछ छिपा रही हो। "लोकेश, मुझे माफ़ करना..."

लोकेश ने मुस्कान को करीब से देखा और उसकी आँखों में गहरी तकलीफ देखी। उसने धीरे से मुस्कान के चेहरे को छुआ। "तुमने मुझसे क्यों कुछ नहीं कहा, मुस्कान?"

मुस्कान ने धीरे से कहा, "मैं डर गई थी, लोकेश। मुझे लगा था कि तुम मुझे छोड़ दोगे।"

"मैं कभी तुम्हें नहीं छोड़ सकता, मुस्कान," लोकेश ने उसकी आँखों में गहराई से देखा। "तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।"

प्रेम का एहसास

मुस्कान ने उसकी आँखों में देखा, और धीरे से कहा, "क्या तुम सच में मुझे कभी नहीं छोड़ोगे?" उसकी आवाज़ में एक हल्की सी तड़प थी।

लोकेश ने मुस्कान की उंगलियाँ थामीं और फिर से कहा, "तुम मुझे छोड़ने की बात क्यों कर रही हो? मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा। चाहे दुनिया कुछ भी कहे, मैं तुम्हारा साथ कभी नहीं छोड़ सकता।"

मुस्कान की आँखों में आंसू थे, लेकिन इस बार वे खुशी के थे। वह लोकेश के करीब आई और धीरे से कहा, "तुम मेरे लिए सब कुछ हो, लोकेश।"

लोकेश ने मुस्कान को अपने क़रीब खींच लिया और उसका चेहरा अपनी छाती से लगा लिया। "मैंने तुमसे कभी कुछ नहीं पूछा, मुस्कान। बस तुम हमेशा मेरे पास रहो, यही मेरी सबसे बड़ी ख्वाहिश है।"

वह दोनों वहीं खड़े थे, एक-दूसरे में खोए हुए। उनके बीच कोई शब्द नहीं था, लेकिन उनकी आँखों में एक गहरी समझ थी—यह प्रेम था, जो सब कुछ पार कर जाता है।

एक नई शुरुआत

लेकिन तभी, एक आवाज़ ने दोनों को जगा दिया।

"तुम लोग प्यार के गीत गा रहे हो, लेकिन यह जगह तुम्हारे लिए खतरनाक हो सकती है।"

लोकेश और मुस्कान दोनों चौंक गए और पीछे मुड़े। सामने एक अजनबी खड़ा था। उसकी आँखों में एक रहस्यमय चमक थी, और उसकी आवाज़ में एक डर था।

"तुम कौन हो?" लोकेश ने गुस्से से पूछा।

"मैं वही हूँ, जिसने तुम्हारी मुस्कान को यहाँ बुलाया। लेकिन अब तुम दोनों यहाँ से भाग जाओ। यह जगह तुम्हारे लिए नहीं है।" अजनबी की आँखों में एक गहरी सच्चाई थी।

लोकेश ने मुस्कान को अपने पास खींच लिया और कहा, "हम यहाँ से जा रहे हैं, लेकिन तुम हमें बताओ कि यह क्या हो रहा है?"

अजनबी ने एक लंबी साँस ली और कहा, "तुम दोनों को यह रहस्य जल्द ही समझ में आएगा। लेकिन फिलहाल, तुम्हें यहाँ से तुरंत निकलना होगा।"

लोकेश और मुस्कान ने एक दूसरे को देखा और फिर बिना किसी शब्द के बाहर निकलने का फैसला किया। जैसे ही वे फैक्ट्री से बाहर निकले, उनके बीच एक नई शुरुआत हो रही थी।

"अब हमें किसी भी चीज़ से डरने की जरूरत नहीं है," लोकेश ने मुस्कान के हाथ को अपनी ज़ोर से पकड़ा।

"तुम सही कह रहे हो, लोकेश। हम दोनों मिलकर किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं।" मुस्कान ने कहा।

यह एक नई शुरुआत थी—न सिर्फ़ उनके रिश्ते के लिए, बल्कि उनके जीवन के लिए भी। अब उन्हें किसी भी चुनौती का सामना करने से डर नहीं था, क्योंकि उनका प्यार उन्हें हर मुश्किल से पार कर सकता था।

आगे क्या होगा?

1. क्या वह अजनबी सच बोल रहा था?


2. क्या मुस्कान और लोकेश अपनी जिंदगी को फिर से नए तरीके से शुरू कर पाएंगे?


3. क्या यह प्रेम कहानी और भी गहरी चुनौती का सामना करेगी?