Sazisho Ka Silsila - 4 in Hindi Thriller by Aarti Garval books and stories PDF | साजिशो का सिलसिला - 4

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साजिशो का सिलसिला - 4

अर्जुन सिंह का शक अब पूरी तरह से अजय राठौड़ पर था। पिछले कुछ दिनों में जो सुराग मिले थे, वे इस बात की ओर इशारा कर रहे थे कि नैना कपूर की हत्या के पीछे कोई व्यक्तिगत रंजिश हो सकती थी, और अजय राठौड़ उसका प्रमुख संदिग्ध था। लेकिन क्या सिर्फ एक प्रोड्यूसर से इस हत्या की उम्मीद की जा सकती थी, या फिर इस साजिश के और भी गहरे कारण थे?

अर्जुन ने अजय राठौड़ को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया। वह जानता था कि इस वक्त अजय की घबराहट अधिक थी, और उसे सच्चाई उगलवाने का यही सही समय था। जब अजय पुलिस स्टेशन पहुंचा, तो अर्जुन ने उसे सीधे तौर पर पूछा,

"आपने नैना को क्यों मारा?"

अजय ने जोर से हंसते हुए कहा, "क्या बकवास कर रहे हो, अर्जुन? मैं उसे मारने की सोच भी नहीं सकता!"

"तो फिर क्यों बार-बार तुमने उसके साथ धमकी भरे संदेश भेजे थे? तुम्हारा नाम उसके कॉल रिकॉर्ड्स में क्यों बार-बार आ रहा था?"

अजय थोड़ी देर चुप रहा। फिर उसने कहा, "यह सब सिर्फ अफवाह है। नैना को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाना मेरी सोच से बाहर है। हां, हमारी बातें हुई थीं, लेकिन सिर्फ काम से संबंधित।"

अर्जुन ने अजय के खिलाफ कुछ और गहरे सुराग खोले। उसे पता चला कि अजय राठौड़ का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड था। वह कई बार धोखाधड़ी और हेराफेरी के मामलों में फंसा था, और फिल्म इंडस्ट्री में अपनी धाक जमाने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकता था। अजय का नाम कई ऐसे मामले में भी आया था, जहां उसने अभिनेत्री या कलाकारों को करियर बनाने का लालच देकर उनका शोषण किया था।

"तुम्हें क्या लगता है, कि अगर तुम उसे साइन करवा सकते थे, तो नैना तुम्हारा करियर बना सकती थी?" अर्जुन ने पूछा।

अजय अब बुरी तरह से घबराया हुआ था। वह जानता था कि अब बचना मुश्किल है।

"नहीं! तुम कुछ नहीं समझ रहे हो," अजय ने बेतहाशा कहा। "मुझे उससे बदला लेना था, लेकिन मैं उसे मारने का ख्याल कभी नहीं सोच सकता था। यह नहीं कर सकता मैं!"

अर्जुन ने एक और दिमागी पलटवाप किया। वह अब अजय को अकेला नहीं मान सकता था। क्या अजय के साथ कोई और व्यक्ति इस हत्या में शामिल था? क्या यह एक बड़े साजिश का हिस्सा था, जिसमें कोई और भी हाथ था?

वह फिर से नैना के करीबी लोगों का जांचने लगा। उसने संध्या वर्मा और रोहित मल्होत्रा की गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया। क्या इन दोनों के साथ अजय की मिलीभगत हो सकती थी?

अर्जुन ने संध्या से पूछताछ की, "क्या तुम्हारे और अजय के बीच कभी कोई सहयोग हुआ था?"

संध्या ने गहरी सांस ली, "मुझे नहीं पता था कि अजय के मन में क्या था, लेकिन वह हमेशा नैना को लेकर बहुत जुनूनी था। हां, हम कभी-कभी एक-दूसरे से बात करते थे, लेकिन इस हद तक नहीं कि वह कुछ इस तरह का कदम उठाता।"

लेकिन अर्जुन को संध्या की आवाज़ में झूठ का एहसास हो रहा था। वह बहुत घबराई हुई थी। अर्जुन को लगा कि वह कुछ छिपा रही है।

फिर उसने रोहित से पूछा, "तुम्हारे और अजय के बीच क्या रिश्ता था?"

रोहित का चेहरा उतर गया। "वह बस एक पुराना दोस्त था, और हां, नैना के साथ हमारी फिल्में एक साथ थीं। मगर यह सब बहुत सामान्य था।"

अर्जुन ने मामले को सुलझाने के लिए और गहराई से सोचने की कोशिश की। क्या यह मामला सिर्फ एक व्यक्तिगत रंजिश थी, या फिर नैना का मर्डर किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था?

अर्जुन के पास एक नया सुराग था—अजय और संध्या के बीच कई बार संपर्क था, जो अब अर्जुन की नजरों में और संदिग्ध बन चुका था। क्या इन दोनों का गठबंधन नैना के लिए खतरनाक था?

अर्जुन ने एक योजना बनाई। वह संध्या को फिर से दबाव में लाकर सच्चाई जानने की कोशिश करेगा, क्योंकि उसे विश्वास था कि यही कड़ी होगी जो इस मामले का राज खोल सकती है।

अर्जुन को समझ में आ गया था कि यह मामला उतना सरल नहीं था जितना उसने पहले सोचा था। अब उसे संध्या और अजय के रिश्ते को और गहराई से देखना होगा। क्या अजय ने अकेले नैना को मारा, या फिर संध्या और रोहित का भी इसमें हाथ था?

अर्जुन ने केस की दिशा बदलते हुए नई योजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया।