TOOTE HUE DILON KA ASHPATAAL - 15 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | टूटे हुए दिलों का अश्पताल - 15

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टूटे हुए दिलों का अश्पताल - 15

एपिसोड 15: अनजान साए और धुंधली यादें

रात गहरी हो चुकी थी। अस्पताल की गलियों में अजीब-सी खामोशी थी। कभी-कभी किसी मशीन की बीप-बीप की आवाज़ उस खामोशी को तोड़ देती थी। ऑपरेशन थिएटर की लाल बत्ती अब भी जल रही थी। मगर दूसरी तरफ, वार्ड नंबर 14 में एक रहस्यमयी लड़की अब भी बेहोश पड़ी थी, जिसकी कलाई पर "A" लिखा हुआ था।

भावेश की बेचैनी और उसके इरादे

भावेश अपनी जेब में हाथ डाले उस लड़की को देख रहा था। उसके होंठों पर हल्की मुस्कान थी, लेकिन उसकी आँखों में अजीब-सी चमक थी, जैसे वह किसी बड़े राज़ को अपने भीतर छिपाए बैठा हो।

"तो ये वही लड़की है...?" उसने बुदबुदाते हुए कहा।

तभी आदित्य कमरे में आया। उसने भावेश को देखा और सीधा उसकी ओर बढ़ा।

"तुम यहाँ क्या कर रहे हो?"

भावेश मुस्कुराया, "बस देख रहा था। यह लड़की कौन है?"

"यह तुम्हें जानने की ज़रूरत नहीं," आदित्य ने सख्ती से कहा।

"ओह, अब भी वैसे ही गुस्से में रहते हो?" भावेश ने ठंडी हँसी हँसते हुए कहा।

"जो भी है, मैं इसे संभाल लूँगा। तुम सिर्फ अपने काम से मतलब रखो," आदित्य ने दो टूक कहा।

भावेश एक पल के लिए चुप रहा, फिर धीरे से बोला, "क्या तुम जानते हो कि इस लड़की का अतीत क्या है?"

आदित्य की भौहें तन गईं। "तुम क्या कहना चाहते हो?"

भावेश हल्के से मुस्कुराया और वार्ड से बाहर चला गया।

लड़की को होश आया

तभी नर्स दौड़ते हुए आई, "सर, पेशेंट को होश आ गया है!"

आदित्य तेजी से लड़की के पास पहुँचा। लड़की ने धीरे-धीरे आँखें खोलीं। उसकी साँसें तेज थीं, जैसे कोई बुरा सपना देख रही हो।

"आराम से... आप सेफ हैं," आदित्य ने कहा।

लड़की ने आदित्य को देखा। उसकी आँखों में डर था।

"आपका नाम क्या है?" आदित्य ने पूछा।

लड़की ने हल्के से अपने होंठ खोले और कहा, "रिया..."

आदित्य और नर्स एक-दूसरे की ओर देखने लगे।

"आपको क्या हुआ था? क्या आपको एक्सीडेंट के बारे में कुछ याद है?"

रिया की आँखों में आँसू आ गए। "नहीं... मुझे कुछ याद नहीं... बस एक धुंधली तस्वीर है... कोई पीछा कर रहा था... और फिर... सब अंधेरा हो गया।"

भावेश का रहस्यमयी अतीत

रिया का नाम सुनते ही भावेश के चेहरे पर हल्का-सा बदलाव आया। उसने अपनी मुट्ठी कस ली और अस्पताल के गलियारे में तेज़ी से चलता चला गया। उसके दिमाग में पुरानी यादें घूम रही थीं।

Flashback:
करीब दो साल पहले, एक पार्टी में भावेश और रिया की मुलाकात हुई थी। रिया बहुत खुशमिज़ाज और चुलबुली लड़की थी, लेकिन उसके पास एक अजीब-सा डर था। वह हमेशा किसी से छिपती रहती थी, जैसे कोई उसका पीछा कर रहा हो।

"क्या तुम मुझसे कुछ छिपा रही हो, रिया?" भावेश ने उससे पूछा था।

रिया ने सिर झुका लिया था, "मेरा अतीत बहुत उलझा हुआ है, भावेश। मुझे नहीं पता कि मैं किस पर भरोसा करूँ और किस पर नहीं।"

"मैं तुम्हारे साथ हूँ, कोई तुम्हें नुकसान नहीं पहुँचा सकता," भावेश ने वादा किया था।

मगर कुछ ही दिनों बाद, रिया अचानक गायब हो गई थी। भावेश ने उसे बहुत खोजा, मगर वह कहीं नहीं मिली।

अब, इतने सालों बाद, वह अस्पताल के एक बेड पर मिली थी—और सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि उसे कुछ याद नहीं था।

"क्या सच में उसे कुछ याद नहीं, या वह कुछ छिपा रही है?" भावेश ने खुद से सवाल किया।

रिया की उलझन

दूसरी तरफ, रिया अपने अतीत को याद करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसके दिमाग में बस धुंधली तस्वीरें थीं।

"कोई मुझे क्यों मारना चाहता था?" उसने खुद से पूछा।

आदित्य ने उसकी तरफ देखा और कहा, "जब तक तुम्हारी याददाश्त वापस नहीं आ जाती, तुम यहाँ सेफ हो।"

"मगर डॉक्टर, अगर मेरी यादें वापस ही नहीं आईं तो?" रिया की आँखों में डर था।

"हम कोशिश करेंगे," आदित्य ने भरोसा दिलाया।

आगे क्या होगा?

क्या रिया की याददाश्त लौटेगी?

भावेश का असली मकसद क्या है?

क्या सच में कोई रिया को मारना चाहता था?


(जारी है...)