टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 35
पिछले एपिसोड में:
भावेश जेल में होते हुए भी अस्पताल में अपनी साजिशों को अंजाम दे रहा था। एक बच्चे और नर्स को ज़हर दिया गया, और अब सबकी नजरें इस बात पर थीं कि अगला शिकार कौन होगा?
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अस्पताल में डर का माहौल
रात के दो बजे।
अस्पताल के गलियारे अंधेरे में डूबे हुए थे। नाइट शिफ्ट पर तैनात नर्सें डरी हुई थीं। डॉक्टर भी सतर्क हो चुके थे। हर किसी को लग रहा था कि भावेश का कोई न कोई आदमी अस्पताल के अंदर ही है।
आदित्य और अर्जुन सिक्योरिटी ऑफिस में बैठे सीसीटीवी फुटेज देख रहे थे।
"रुको!" अर्जुन ने स्क्रीन की ओर इशारा किया।
एक व्यक्ति नर्सिंग रूम में दाखिल हो रहा था।
"ये कौन है?"
कैमरा थोड़ा धुंधला था, लेकिन जैसे ही वह व्यक्ति रोशनी में आया, आदित्य और अर्जुन दोनों सन्न रह गए।
"डॉ. संजय?"
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डॉ. संजय – अस्पताल का गद्दार?
डॉ. संजय अस्पताल में काफी समय से काम कर रहे थे। वे आदित्य और अर्जुन के सीनियर थे। लेकिन फुटेज में उनकी हरकतें संदिग्ध लग रही थीं।
आदित्य ने तुरंत एक्शन लिया।
"हमें अभी डॉ. संजय से बात करनी होगी!"
जब वे उनके केबिन पहुंचे, तो वह खाली था।
"कहीं वो भाग तो नहीं गए?" अर्जुन ने घबराकर कहा।
तभी एक नर्स दौड़ते हुए आई, "डॉ. संजय पिछले एक घंटे से किसी से फोन पर बात कर रहे थे और फिर अचानक चले गए।"
आदित्य ने तुरंत सिक्योरिटी को अलर्ट किया, "अस्पताल के हर एग्जिट को लॉक कर दो! कोई बाहर नहीं जाएगा!"
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भागते-भागते पकड़ा गया...
डॉ. संजय पार्किंग लॉट में खड़े थे।
उनके हाथ में एक बैग था, जिसमें कई दवाइयाँ और कुछ दस्तावेज़ थे।
"डॉ. संजय!"
आदित्य और अर्जुन उनके सामने खड़े थे।
"तुम लोग यहां क्या कर रहे हो?" डॉ. संजय ने कहा, उनकी आवाज़ कांप रही थी।
"हमें सब पता चल चुका है। तुम ही भावेश के आदमी हो!"
डॉ. संजय ने बैग को कसकर पकड़ लिया, जैसे कोई राज़ छिपाने की कोशिश कर रहे हों।
"ये गलतफहमी है, डॉक्टर आदित्य..."
लेकिन तभी सिक्योरिटी गार्ड आ गए।
डॉ. संजय ने भागने की कोशिश की, लेकिन अर्जुन ने उनका रास्ता रोक लिया।
"अब तुम्हें हमारे सारे सवालों के जवाब देने होंगे!"
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सच का पर्दाफाश
डॉ. संजय को सिक्योरिटी रूम में लाया गया।
"अब बताओ, तुम ये सब क्यों कर रहे थे?" आदित्य ने गुस्से से पूछा।
डॉ. संजय ने गहरी सांस ली।
"मुझे मजबूर किया गया था..."
"किसने?" अर्जुन ने पूछा।
"भावेश ने।"
"क्या?"
डॉ. संजय ने आगे बताया, "भावेश मेरे परिवार को मारने की धमकी दे रहा था। उसने मुझसे कहा कि अगर मैंने उसकी मदद नहीं की, तो वह मेरी बेटी को उठा लेगा। मुझे मजबूरी में अस्पताल में ज़हर मिलाना पड़ा।"
आदित्य और अर्जुन एक-दूसरे को देखने लगे।
"तो क्या यह सब सिर्फ तुम्हारी मजबूरी थी? या फिर तुम्हारे इरादे भी खराब थे?"
डॉ. संजय की आँखों में आंसू थे, "नहीं, मैं मजबूर था। लेकिन अब मैं सच बताने को तैयार हूँ।"
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भावेश का असली प्लान
डॉ. संजय ने बताया कि भावेश ने अस्पताल में ज़हर फैलाने का प्लान बनाया था ताकि आदित्य को फंसाया जा सके।
"भावेश चाहता था कि तुम पर हत्या का इल्जाम लगे, डॉक्टर आदित्य।"
"लेकिन क्यों?"
"क्योंकि वह तुमसे बदला लेना चाहता है।"
आदित्य की आँखों में गुस्सा भर आया।
"अब बहुत हो चुका। अगर भावेश लड़ाई चाहता है, तो अब मैं उसका पूरा खेल खत्म कर दूंगा!"
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अगला कदम?
अब सबकी नजरें भावेश पर थीं।
आदित्य और अर्जुन ने पुलिस से संपर्क किया, ताकि भावेश के खिलाफ नए सबूत दिए जा सकें।
लेकिन तभी अस्पताल के बाहर एक गाड़ी आकर रुकी।
गाड़ी से एक आदमी उतरा।
"ये कौन है?" अर्जुन ने फुसफुसाते हुए पूछा।
आदित्य की नजरें गाड़ी पर टिक गईं।
"अब असली खेल शुरू होने वाला है..."
क्या भावेश का राज़ अब खुलकर सामने आएगा?
क्या आदित्य और अर्जुन उसे हमेशा के लिए रोक पाएंगे?
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