Ek Musafir Ek Hasina - 38 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 38

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एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 38

38

बुरा

 

अब सर्वेश बोलने लगा तो गृहमंत्री  बोले,  “25  दिसंबर  को  बलराज  की भी मौत हुई  थी ।“  यह सुनकर अश्विन  चौंकते  हुए बोला,  “ओह!!! अब समझा, सम्राट  उसी  दिन आपको क्यों मारना  चाहता है ।“  अब कुछ देर और  उन सभी से बातचीत करकर  अश्विन  आवास  से निकल  गया ।

 

अनुज कोमल  के साथ  रेस्ट्रा मेरीगोल्ड  पहुँच  चुका  है । आज कोमल ने काले  रंग की वन पीस  ड्रेस  पहनी  हुई   है । अनुज भी  जीन्स  और फॉर्मल शर्ट  में  बहुत हैंडसम लग रहा है ।  अब कोमल  और अनुज  टेबल  नंबर  11  के पास  पहुँचे  तो  उसके मम्मी-पापा  और भाई  के साथ-साथ कोमल  के चाचा चाची  और उनके बच्चे  भी बैठे  हुए है । कोमल  ने अपने पापा से गले मिलते हुए उन्हें  घड़ी  दी तो वह उसे प्यार करते हुए  बोले, “ बेटा  गिफ्ट  की क्या  ज़रूरत  थी ।“ “नहीं पापा, गिफ्ट तो बनता है ।“ यह अनुज  की आवाज़  है । उन्होंने उसे भी प्यार से  गले  लगाते  हुए थैंक्स  कहा । अब सभी  बैठकर  आपस  में  बातचीत  करने  लगें क्योंकि दिनेश  ने पहले ही खाने  का आर्डर  दे दिया है । अनुज ने देखा कि  दिल्ली के पॉश  एरिया  में  बना यह एक ओपन  रेस्ट्रा  है, जहाँ  पर सभी इलीट  क्लास  के लोग बैठे  हुए हैं । एक अंग्रेज़ी   गाना चल रहा है और हल्की  रंग-बिरंगी  रोशनी  में  आसपास  लगे  पेड़-पौधे  बड़े  ही सुंदर  प्रतीत  हो रहें  हैं । अब कोमल  की चाची  के लड़के  ध्रुव  ने अनुज का ध्यान खींचते  हुए पूछा,

 

“जीजू,  क्या वो सीरियल किलर  पकड़ा  गया ।“

 

उसने ड्रिंक का गिलास  हाथ में  लेते  हुए कहा, “तलाश  ज़ारी  है।“ अब कोमल  की मम्मी ने उसे झिड़क  दिया, “ यहाँ काम  की बातें  करने नहीं आये हैं, समझे ।“

 

“अरे!! ताई  जी आई  मैं क्रिमिनल  साईकोलॉजी में  ग्रेजुएशन  कर रहा हूँ, इसीलिए पूछ लिया । उसने लापरहवाही  से कहा तो  कोमल  के पापा  अजीत  बोले,  “अरे!! भाई जानना  तो मैं भी चाहता हूँ कि पुलिस  क्या कर रही  है ?” 

 

“पुलिस  अपना  काम  कर रही  है, बहुत जल्द  कोई न्यूज़ सुनने को   मिलेगी ।“ उसने ड्रिंक  के घूँट  पीते  हुए कोमल  की तरफ देखा  जो उसे ही घूर  रही है, इसलिए  उसने खुद  ही बात को बदलते  हुए  कहा, यह सब तो चलता ही रहता है, आज के मौके पर  हमें  कोई और बात  करनी चाहिए ।“ अब  उनकी बातों  का रुख  कहीं ओर मुड़  गया पर अनुज ने  महसूस  किया कि कोमल और उसकी मम्मी  को छोड़कर  सभी उसके काम पर बड़ा  गर्व करते है ।  “कभी कोमल भी इन्हीं   लोगों में  शामिल  थीं पर अब देखो!....... ।“ अनुज ने मन  ही मन  मायूसी  से कहा ।

 

अब कोमल  की मम्मी और कोमल वैटर  के लाए   डिनर  को सभी को  सर्व कर रहें  है ।  कोमल ने अनुज की प्लेट  में  डिशेस  डालते  हुए धीरे  से पूछा, “तुम नॉनवेज  तो नहीं  खाना  चाहते  न, क्योंकि  यहाँ सभी वेज  है ।“ उसने ना  में  सिर  हिला दिया तो वह उसे देखकर  मुस्कुराने  लगी । अभी  वो लोग  गपशप  मारते  हुए डिनर  का आनंद  ही ले रहें  है कि  अनुज की नज़र  अपने  से कुछ दूर  एक टेबल पर गई  जहाँ  माया  की मम्मी रोमा किसी  का इंतज़ार  कर   रही है । “यह यहाँ  क्या कर रही है, कहीं इसने मुझे देख लिया तो यहाँ से ज़रूर  भाग  जाएगी ।“ यह सोचते  हुए उसने अपनी  पीठ रोमा की  तरफ  कर ली और खुद  जल्दी से उसको मैसेज  करने लगा,  जिसको  उसने रोमा के पीछे  लगाया हुआ है,

 

“कहाँ हो तुम, अजय ?”

 

“सर मैं  रोमा  के पीछे  वाली टेबल   पर  हूँ, आपको भी देख पा  रहा हूँ ।“

 

“गुड !! यह जिससे भी मिले, तुम उसकी फोटो  खींच  लेना ।“

 

“सर  तीन-चार  दिन से तो यह मॉल  के अलावा  कहीं  नहीं गई, क्या पता आज  किसी  से मिले ।“

 

“ठीक है, अपना  काम  करते  रहो ।“

 

“यह फ़ोन पर क्यों लगे हुए  हो?” कोमल  ने उसे टोका  तो उसने मोबाइल  जेब में  रखते हुए  कहा, “कुछ नहीं, बस यूँ  ही ।“

 

रोमा  ने भी अपने  फ़ोन  पर एक नंबर डायल  किया और फिर फ़ोन लेकर  वाशरूम  की तरफ चली  गई , उसके पीछे-पीछे  अजय  भी चला  गया ।  अब वह वाशरूम के बाहर  एक कोने में खड़ीं होकर  बोली,

 

“कहाँ  रह गए तुम?”

 

“मैंने तुम्हें  कहा था न, मेरे घर पर  ही डिनर  करते हैं,  अब देखो  क्या हो गया ।“ उस आदमी  ने चिल्लाते  हुए कहा ।

 

“तुम कहना   क्या चाहते हो?”

 

“इंस्पेक्टर  अनुज अपनी फैमिली  के साथ डिनर  कर रहा है, अब निकलो,  यहाँ  से।“

 

“ओके !! ओके !!! मैं  निकलती हूँ पर तुम कहाँ  हो?”

 

“मैं  पार्किंग  में  हूँ,  मैंने थोड़ी देर पहले  उसे अपनी  बीवी  के साथ  अंदर  घुसते देखा था,  इसीलिए  निकलो  अपनी गाड़ी  में निकलो यहाँ से, मैं  तुम्हारी  गाड़ी  का पीछा  करता हूँ ।“ यह कहकर उस आदमी ने फ़ोन रख दिया और रोमा  वाशरूम  में  फ्रेश होकर आई और  जल्दी  से वहाँ  से  निकलने  लगी । उसके पीछे-पीछे  अजय  भी जाने  लगा कि  तभी अनुज ने कानों  में   थप्पड़  की आवाज  पड़ी  तो उसके साथ सभी वहाँ  बैठे लोग उस तरफ देखने लगे  जहाँ से आवाज  आई  है।  अनुज ने देखा कि  रोमा  ने अजय  के मुँह  पर थप्पड़  जड़  दिया है और अब उस पर चिल्ला रही है,

 

“तुझे शर्म  नहीं आती,  यू  आर  यंगर  डेन  मी,  एंड यू  आर  फॉलोविंग  मी।“  तभी रेस्ट्रा  का  मैनेजर  भी आ  जाता है।

 

“क्या हुआ मैडम?”

 

“यह इडियट  तीन-चार दिन  से  मुझे फॉलो  कर रहा है और आज भी मेरे  पीछे-पीछे  यहाँ तक आ गया।“ वह गुस्से से बोली।

 

“यह ज़रूर  कोई चोर  होगा?” मैनेजर  ने उसका कॉलर  पकड़  लिया। 

 

“22  साल का अजय  अनुज  का खबरी  था, उसे तो यह काम करने  के लिए अनुज ने  पैसे  दिए थें।“ अब अजय ने अपना कॉलर  छुड़ाते  हुए कहा,

 

“मैडम  को गलतफहमी  हुई  है, मैं इनका पीछा  क्यों करूँगा।“ 

 

“बेटा  शक्ल से तुम चोर  ही लग  रहें हो, अभी पुलिस  को कॉल  करकर तुम्हें  जेल  की हवा  खिला  ही दूँ ताकि  अगली बार  तुम  किसी  का पीछा करने लायक ना रहो। अब अजय अनुज की तरफ  देखने  लगा तो रोमा अनजान बनने का नाटक करने लगी कि जैसे उसे पता ही नहीं अनुज यहाँ हो, “हाँ हाँ करिए फ़ोन।“ रोमा बोली ।  अनुज के  गले  में  खाना  ही अटक गया।  कोमल ने उसे धीरे से कहा,  “तुम गलती से भी वहाँ  मत चले  जाना, इस दुनिया  में  और भी पुलिसवाले हैं, समझे।“ अनुज ने भी हाँ  में  सिर  हिलाया पर उसे डर  है कि  अजय  की  पोल  खुल गई  तो रोमा  सिंघल  कमिश्नर  तक भी जा सकती है और फिर उसके बाद  जो होगा वह बुरे से भी बुरा है।