Ek Musafir Ek Hasina - 47 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 47

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एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 47

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कहानी

 

अब अनुज ने कोमल  को एकटक घूरते  हुए पूछा,  “क्या तुम्हारे  पापा और भाई को पता है कि  तुम  यतिन से जमीन  खरीदने  आई   हुई  होl” कोमल ने ना  में  सिर  हिलाया तो अश्विन  की गुस्से में त्योरियाँ  चढ़  गईl  अब अश्विन ने फिर दहाड़ते हुए यतिन और उस्मान  से पूछा, “सच बता रहे हो  या नहीl” उस्मान ने  डरते  हुए जवाब  दिया, “ सर  हमने  यह जगह  अवैध  रूप  से हथिया  ली थी और हम इसको  जल्द से  जल्द बेचकर  फारिग  होना चाहते थेI” “यह जगह किसकी है?”  अश्विन ने सख्ती से  पूछा तो उस्मान डरते हुए बोला,  “गजेंद्र  चौहान I”  यह सुनकर  अश्विन  और अनुज  सकते में  आ गएI अश्विन  ने एक ज़ोरदार  चाटा उस्मान के मुँह पर जमाते  हुए कहा,  “कमीने!! बाकी  का खर्चापानी  तुम दोनों  को जेल  में  मिलेगाI” अब वहाँ  अनुज के बुलाने  पर यश  और विवेक   भी आ चुके  हैंI “यश  दोनों  को लेकर  जाओ  और गजेंद्र   को भी पुलिस  स्टेशन बुलाकर  इनका मसला हल करोI” अनुज  के मुँह से यह सुनकर उन दोनों ने वहीं  कियाI  उनके सबके जाते  ही अनुज  कोमल  पर चिल्लाते  हुए बोला,

 

“तुम्हें  पता है, यह गजेन्द्र चौहान  कौन है?”  कोमल   के मुँह  से आवाज  नहीं निकली तो अश्विन  बोल  पड़ा,  “कोमल  इस शहर  में  जितनी   भी   दूध  की डेरी  और तबेले  देख रही हो,  वह  इस चौहान  के हैंI कहने को  डेरी  वाला  है, मगर देखा जाए  तो एक नंबर  का फर्स्ट  क्लॉस  गुंडा  है और इसका  इतना  सिक्का  चलता है कि  सरकार  भी इसे  कुछ  कहने से हिचकती है  क्योंकि एक बहुत बड़ा  वोट  बैंक  इसके  हवाले  से आता  है इसीलिए  पुलिस  भी इसके किसी  मामले  से दूर ही रहना पसंद करती है और  ये दोनों बेवकूफ़ उसकी ज़मीन को हथियाकर  बैठे  थें, कल को उस  चौहान  को पता चलता तो वह इनके साथ जो करता सो करता पर  तुम्हें और तुम्हारे  खानदान को दिन में  तारे  दिखा देता,  फिर तब तुम्हें  एहसास  होता कि  इससे  अच्छा  तो पुलिसवाले  की बीवी ही  रहती क्योंकि  फिर तब  गजेंद्र  अनुज का  थोड़ा  लिहाज़  तो कर लेताI” कोमल  ने  यह सुना  तो  वह खुद  को बहुत  शर्मिंदा  महसूस  करने लगी I  अब अनुज उसे  सख्ती से बोला,

 

“एक बात कान खोलकर  सुन लो, जब  तक मेरे  साथ हो, तब तक इस बिज़नेस  को भूल  जाओ, समझी, जो काम  करती आई  हो वही  करोI” कोमल  ने अनुज को घूरा  तो वह  फिर बोला,  “कोमल मुझे मजबूर  मत करो कि   मैं तुम्हारी  इस हरकत  के बारे में  तुम्हारे  पापा  और भाई को बता दूँI” “ ओके!!!” कोमल ने मुँह  नीचा  करते हुए कहाI

 

“कोमल  अनुज  सही कह  रहा है, तुम्हें  इस तरह किसी  अनजान  के साथ नहीं घूमना  नहीं चाहिए था, तुम्हें पता है ना,  तुम ऐसे  शहर  में  रहती  हो जो क्राइम  की दौड़  में  तीसरे  नंबर पर हैI” 

 

“ठीक है,  मैं समझ  गईI” उसने अब मुँह  बनाते  हुए कहा तो अनुज  ने अश्विन  को जाने के लिए कहा और वह  खुद  कैब  लेकर  कोमल  को घर ले जाने लगाI  अब कैब  के अनुज  की सोसाइटी  के बाहर  रुकते  ही कोमल ने  गुस्सा  करते हुए  कहा,  “मुझे अभी और अपनी मम्मी  के घर रहना  थाI” “जी नहीं, अपने  घर रहो,  मैं रात को  पुलिस स्टेशन से  लौटते वक्त तुम्हारा सामान तुम्हारी मम्मी के घर से  लेता आऊँगाI “अब अनुज  की जलती नज़रों  की तपिश  का एहसास  करते हुए उसने  उसे कुछ  कहना  ठीक नहीं समझा और चुपचाप  सोसाइटी  के अंदर जाने लगी  और अनुज  ने कैब ड्राईवर को पुलिस  स्टेशन  चलने के लिए कहाI

 

 

सर्वेश  वर्मा गृहमंत्री के साथ बैठा  हुआ कल यानी 25  दिसंबर के  बारे  में  बात कर रहा है,

 

“निर्मल  तुम्हें   क्या लगता  है कल मुझे ध्यानचंद  स्टेडियम  जाना चाहिए?”

 

 

“अगर  नहीं गए तो  ओप्पोसिशन  वाले हंगामा  मचाएंगे, मीडिया  सवाल  करेंगी और   फिर  जनता भी हमें  झूठा समझेगीI”

 

“पर अगर  वो सम्राट   अपनी चाल  में  कामयाब  हो गया तो.....  उसने मुझ पर हमला  किया तो....???”

 

“ऐसी  धमकी  तो पहले  भी मिल चुकी  है, कभी कुछ हुआ क्या और फिर इतनी ज़बरदस्त  सिक्योरिटी है कि  परिंदा भी पर नहीं मार सकता तो फिर यह सम्राट क्या चीज है I”

 

“सर्वेश ने अब  अपनी  आँखें  बंद  कर ली और कुछ सोचते  हुए कहा,  “मैं सोच  रहा था कि  सम्राट से बैठकर  बात  कर ली जाएI”

 

“उसके लिए  बहुत देर हो चुकी  है, अब तो वो बस पकड़ा  जाए और फिर हमारे  देश का सोना वापिस  आ जायेगाI “

 

“और सम्राट  के  साथ क्या करेंगे?”

 

“जेल में  डाल  देंगें, कोर्ट  केस चलता रहेगाI” निर्मल  सिंह  ने बड़े  आराम से जवाब  दियाI

 

“तो क्या उसका एनकाउंटर  नहीं करना है?”

 

“नहीं!!! उसके  ज़रिये  हमें  देश  और विदेश  के बहुत से राज़ पता चल सकते हैं I”  सिंह गंभीर  हैI

 

“मुझे तो  लगा कि  राणा  उसका एनकाउंटर  कर देगाI”

 

“सर्वेश  वो लड़का चाहता  तो यही है कि  उसे एनकाउंटर  की खुली छूट  मिले पर सरकार  को अपना  फायदा  भी देखना  है हालाँकि  पहले हमारा  प्लान  था तो यही कि  गोल्ड का पता  लगते  ही उसे  मार देना पर अब हम उसे जेल  में  मेहमान  बनाकर रखेंगेI”

 

“पर मैंने  उसे राणा  की आँखों  में  एक आग देखी  है जो सम्राट को जलाकर  राख  कर देगीI”

 

“हमें  हमारा  सोना  चाहिए बसI” निर्मल  सिंह  ने यह कहकर  बात वहीँ  खत्म  कर  दी और सर्वेश  एक गहरी  सोच  में  डूब  गयाI

 

 

रात  को डिनर  के समय  अनुज ने कोमल के मुरझाए  चेहरे  की तरफ देखकर कहा,  “अगर  तुम कुछ छोटे  से शुरू करना  चाहती हो तो मैं कुछ  मदद कर सकता हूँI” कोमल  ने चहकते  हुए उसे देखा तो वह बोला,  “सोसाइटी  के पटेल भाई अपनी शॉप  किराए  पर देना  चाहते हैं अगर  तुम्हारा  मन  है तो वहाँ  से सामान  बेचना  शुरू  करोI” अब उसने ख़ुशी  से उसके चेहरे  पर किस करते हुए  कहा, “थैंक्स”I फिर बड़े प्यार से उसके मुँह  में  कोफ्ते  से भरा  चमच्च  डालने लगी और अनुज उसे मुस्कुराता  देखकर खुश  हो गया और उसने   भी  प्यार से कोमल  के हाथ को चूम  लियाI 

 

 

अब अश्विन  पुलिस  हेड कॉर्टर   में  सभी को एक  बार और कल के प्लान के बारे में  पूरी  मुस्तैदी से बता रहा है, उसने सर्वेश  की सिक्योरिटी के  लिए कमांडो  की एक स्पेशल  टीम  बुलाई  हैI अब जब सबकुछ फाइनल  हो चुका  तो अश्विन  पूरे  विश्वास  के साथ गाड़ी  अपने  घर की तरफ दौड़ाने  लगाI उसे पता है कि  आज की रात  उसे जागकर  गुज़ारनी  है क्योंकि  वह सम्राट  को मारकर चैन  की नींद  सोना  चाहता  है क्योंकि  पिछले तीन साल  से वह ठीक से  नहीं सोया है इसलिए  कल डूबते सूरज के साथ सम्राट  की कहानी  भी खत्म  होने वाली हैI