2015 की सर्दियां थीं, जब चंडीगढ़ की हल्की धुंध और ठंडी हवाएं हर किसी को अपनी आगोश में ले रही थीं। सुखना लेक के किनारे पेड़ों की पत्तियां हवा में हल्के-हल्के नाच रही थीं, और दूर से किसी कॉफी शॉप की खुशबू हवा में तैर रही थी। कुल्लू की वादियों में, ब्यास नदी के किनारे, सुबह की पहली किरणें पत्तों पर ओस की बूंदों को चमका रही थीं। इन दो अलग-अलग शहरों में, चार जवान दिल अपनी-अपनी जिंदगी की राहों पर चल रहे थे, अनजान कि उनकी कहानियां एक दिन सच्चे प्यार की ऐसी दास्तान बनेंगी, जो उनके दिलों को हमेशा के लिए बदल देगी।चंडीगढ़ के एक कॉलेज के पास, एक छोटा सा किताबों का स्टॉल था, जहां राहुल अक्सर पुरानी किताबों के बीच समय बिताता। मंडी के एक छोटे से गांव से आया राहुल, इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ आया था। उसका सपना था अपने परिवार को गरीबी से निकालना। उसी स्टॉल पर एक दिन रिद्धिमा आई। शिमला की रहने वाली रिद्धिमा, लिटरेचर की स्टूडेंट, किताबों की दीवानी थी। वह एक पुरानी किताब के पन्ने पलट रही थी, जब राहुल ने हिम्मत करके पूछा, “यह किताब अच्छी है?” रिद्धिमा की हंसी और उसकी आंखों की चमक ने राहुल को बांध लिया। बातों का सिलसिला शुरू हुआ, और धीरे-धीरे, सुखना लेक के किनारे टहलते हुए, सेक्टर 17 की कॉफी शॉप्स में, उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई। राहुल रिद्धिमा के लिए उसकी पसंदीदा मॉमोज लाता। रिद्धिमा, जो हमेशा हंसती रहती, राहुल के साथ और खिल उठती। उनका प्यार सादा था, जैसे चंडीगढ़ की सर्दियां—ठंडा, शांत, और गहरा।उसी समय, कुल्लू की हरी-भरी वादियों में, रोहित और पलक की जिंदगी एक-दूसरे से टकराई। रोहित, कांगड़ा का रहने वाला, कुल्लू के एक मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर बनने का सपना लिए पढ़ रहा था। पलक, बिलासपुर की रहने वाली, उसी कॉलेज में नर्सिंग की स्टूडेंट थी। उनकी मुलाकात एक मेडिकल कैंप में हुई, जहां पलक बच्चों को दवाइयां बांट रही थी। रोहित ने उसकी निस्वार्थ सेवा और उसकी मुस्कान को देखा, और उसका दिल धड़क उठा। पलक को रोहित की शांत स्वभाव और उसकी आंखों में छिपा दर्द पसंद आया। दोनों अक्सर कुल्लू के पास एक छोटे से ढाबे पर बैठकर चाय पीते। रोहित अपनी जिंदगी के छोटे-छोटे किस्से सुनाता, और पलक अपनी हंसी से उसका मन हल्का कर देती। उनका प्यार था जैसे ब्यास नदी का बहाव—शांत, लेकिन गहराई से भरा हुआ। 2018 तक, दोनों जोड़ों का प्यार और गहरा हो गया। राहुल और रिद्धिमा अब एक-दूसरे के बिना अधूरे से लगते। चंडीगढ़ की हर गली उनकी यादों से भरी थी। रोहित और पलक भी एक-दूसरे के लिए जीने-मरने की कसमें खा चुके थे। लेकिन जिंदगी ने उनके लिए अलग रास्ते चुने।राहुल की पढ़ाई पूरी हो गई, और उसे शिमला में एक अच्छी नौकरी मिल गई। रिद्धिमा को अपने पिता की बीमारी की वजह से चंडीगढ़ में ही रुकना पड़ा। दोनों ने कोशिश की कि उनका रिश्ता लंबी दूरी में टिका रहे। लेकिन फोन कॉल्स कम होने लगे, और छोटी-छोटी बातें बहस में बदलने लगीं। एक रात, रिद्धिमा ने रोते हुए कहा, “राहुल, शायद हमारा साथ इतना ही था।” राहुल चुप रहा। उसका दिल टूट गया, लेकिन उसने रिद्धिमा को आजाद कर दिया। दोनों अलग हो गए, बिना किसी नाराजगी के, सिर्फ एक गहरे दर्द के साथ।रोहित को अपनी मेडिकल ट्रेनिंग के लिए दिल्ली जाना पड़ा। पलक का परिवार उसकी शादी के लिए दबाव डाल रहा था। पलक ने रोहित से कहा, “मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकती, लेकिन अपने परिवार को दुखी करना भी गलत होगा।” रोहित ने उसकी मजबूरी समझी। उसने पलक को गले लगाया और कहा, “तुम जहां भी रहो, खुश रहो।” दोनों की आंखों में आंसू थे, लेकिन दिल में एक-दूसरे के लिए सिर्फ प्यार था। इस तरह, उनका रिश्ता भी खत्म हो गया। 2019 में, जिंदगी ने फिर से अपने रंग दिखाए। शिमला में एक एनजीओ के लिए काम करते हुए, राहुल की मुलाकात पलक से हुई। पलक अब एक नर्स थी और उस एनजीओ में मेडिकल कैंप में मदद कर रही थी। राहुल को पलक की सादगी और उसकी मुस्कान ने फिर से दिल जीत लिया। पलक को राहुल की मेहनत और उसकी गहरी बातें पसंद आईं। दोनों धीरे-धीरे करीब आए। एक बार शिमला के रिज पर टहलते हुए, पलक ने कहा, “तुम्हारे साथ समय जैसे रुक सा जाता है।” राहुल ने उसका हाथ थामा और बोला, “शायद जिंदगी ने हमें एक मौका और दिया है।” उनका प्यार फिर से जागा, गहरा और सच्चा। पलक को राहुल के अतीत के बारे में कुछ नहीं पता था, और न ही राहुल को पलक के। दोनों ने अपने पुराने दर्द को दिल में दफन रखा।इधर, रोहित, जो अब चंडीगढ़ में एक अस्पताल में डॉक्टर बन चुका था, की मुलाकात रिद्धिमा से एक कविता पाठ के कार्यक्रम में हुई। रिद्धिमा अब चंडीगढ़ में एक स्कूल में टीचर थी। रोहित को रिद्धिमा की जिंदादिली और उसकी कविताओं में छिपी गहराई ने छू लिया। रिद्धिमा को रोहित की शांति और उसकी आंखों में छिपा दर्द भाया। दोनों अक्सर चंडीगढ़ के सेक्टर 17 में एक छोटे से कैफे में मिलते, जहां रिद्धिमा अपनी कविताएं पढ़ती, और रोहित चुपके से उसे निहारता। उनका प्यार भी सच्चा था, जैसे दो घायल आत्माएं एक-दूसरे को सहारा दे रही हों। रिद्धिमा ने रोहित को अपने अतीत के बारे में कभी नहीं बताया, और रोहित ने भी अपनी पुरानी यादें रिद्धिमा से छिपा रखीं। 2021 में, पुराने प्यार का साया फिर से उनके दिलों पर पड़ा। राहुल और रिद्धिमा की मुलाकात चंडीगढ़ के एक चैरिटी इवेंट में हुई। राहुल ने रिद्धिमा को देखा, जो अकेले एक स्टॉल पर किताबें देख रही थी। उसकी मुस्कान वही थी, जिसके लिए वह मॉमोज लाया करता था। रिद्धिमा ने भी राहुल को देखा। उसका दिल धक से रह गया। दोनों ने एक-दूसरे से बात की। रिद्धिमा ने कहा, “राहुल, तुम वही हो न? हमेशा दूसरों की फिक्र करने वाले।” राहुल ने हंसकर कहा, “और तुम? अभी भी किताबों में खो जाती हो?” दोनों हंसे, लेकिन उनकी आंखों में आंसू थे। रिद्धिमा को नहीं पता था कि राहुल अब पलक के साथ है, और राहुल को नहीं पता था कि रिद्धिमा रोहित के साथ। दोनों ने अपने वर्तमान को छिपाया, सिर्फ पुरानी यादें ताजा कीं।उसी साल, कुल्लू में एक मेडिकल कैंप में रोहित और पलक की मुलाकात हुई। पलक ने रोहित को देखा और कहा, “डॉक्टर साहब, अभी भी इतने गंभीर?” रोहित ने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा, “तुम तो नहीं बदली, पलक।” दोनों ने पुराने ढाबे की बात की, उन चाय के प्यालों की, जिनमें उनका प्यार पनपा था। लेकिन दोनों ने अपने वर्तमान के बारे में एक शब्द नहीं कहा। पलक को नहीं पता था कि रोहित रिद्धिमा के साथ है, और रोहित को नहीं पता था कि पलक राहुल के साथ। दोनों के दिलों में एक दर्द था, लेकिन उन्होंने उसे छिपा लिया।चारों के दिलों में अब एक तूफान उठ रहा था। राहुल को रिद्धिमा की यादें सता रही थीं, लेकिन पलक का साथ छोड़ना उसे गलत लगता था। रिद्धिमा को राहुल की बातें याद आ रही थीं, लेकिन रोहित का प्यार उसे बांधे हुए था। रोहित को पलक की सादगी फिर से खींच रही थी, लेकिन रिद्धिमा की हंसी उसे छोड़ने नहीं दे रही थी। पलक को रोहित की आंखों में वही पुराना प्यार दिख रहा था, लेकिन राहुल की ईमानदारी उसे रोक रही थी। कोई भी अपने वर्तमान साथी को यह नहीं बता पा रहा था कि उनके दिल में क्या चल रहा है। रातें जागकर, आंसुओं में बीत रही थीं। राहुल एक रात शिमला के रिज पर बैठा, रिद्धिमा की एक पुरानी तस्वीर देखकर रोया। रिद्धिमा ने अपनी डायरी में राहुल के लिए एक कविता लिखी और उसे फाड़ दिया। रोहित ने पलक को लिखा एक पुराना पत्र पढ़ा और आंसुओं में डूब गया। पलक ने रोहित की एक पुरानी तस्वीर को गले लगाकर रात बिताई। 2022 में, दोनों जोड़ों ने अपने पुराने प्यार से आखिरी बार मिलने का फैसला किया। राहुल और रिद्धिमा चंडीगढ़ के एक पुराने कैफे में मिले। राहुल ने कहा, “रिद्धिमा, तुम मेरे लिए हमेशा खास रहोगी। लेकिन अब मेरी जिंदगी में कोई और है।” रिद्धिमा ने आंसुओं के साथ कहा, “राहुल, तुम मेरे पहले प्यार थे। लेकिन अब मेरा दिल किसी और का है।” दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया, और बिना अपने वर्तमान साथी का नाम बताए, विदा ली।रोहित और पलक कुल्लू के उसी ढाबे पर मिले। पलक ने कहा, “रोहित, तुम मेरे लिए हमेशा वही रहोगे। लेकिन अब मेरी जिंदगी बदल चुकी है।” रोहित ने कहा, “पलक, तुम मेरे दिल का हिस्सा हो। लेकिन अब मेरे साथ कोई और है।” दोनों ने आंसुओं के साथ एक-दूसरे को अलविदा कहा, बिना यह जाने कि दूसरा किसके साथ है।चारों ने अपने-अपने रास्ते चुने। राहुल और पलक ने एक-दूसरे का हाथ थामा, रिद्धिमा और रोहित ने भी। लेकिन उनके दिलों में अपने पुराने प्यार की यादें हमेशा रहीं। चंडीगढ़ का सुखना लेक, शिमला की रिज, कुल्लू की वादियां—ये सब उनकी कहानियों के गवाह बने। यह कहानी थी सच्चे प्यार की, जो कभी हार नहीं मानता, भले ही वह अधूरा रह जाए। उनके आंसुओं में प्यार था, दर्द था, और एक समझ थी कि सच्चा प्यार हमेशा दिल में रहता है, चाहे जिंदगी कितने ही मोड़ ले।...