एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था जिसका नाम दीपक था। दीपक स्वभाव से बहुत विनम्र ओर बुद्धिमान बच्चा था, अपने नाम की तरह ही सबके जीवन में प्रकाश फैलाने की कोशिश करता था। दीपक बेहद ईमानदार और नैतिक था। वह हर किसी की मदद करता, सच्चाई का पालन करता, और कभी किसी को तकलीफ नहीं देता था वह हमेशा सत्य बोलता था।
गाँव के लोग अक्सर दीपक की ईमानदारी का मज़ाक उड़ाते थे। वे कहते, "देखो, दीपक से बस अपना काम कराओ और फिर भगादो । यह कभी ना नहीं कहता।" कुछ लोग उसकी इस ईमानदारी का फायदा उठाते और फिर पीठ पीछे उसका मज़ाक बनाते।
एक दिन गाँव में एक बड़ा संकट आया। नदी में बाढ़ आ गई, और उस बाढ मे कई लोग फंस गए। गाँव के अधिकांश लोग अपने परिवार को बचाने में लगे थे, लेकिन दीपक ने सबकी चिंता करते हुए उन लोगों की मदद करने का फैसला किया, जो लोग गाँव के बीच बाढ मे फंसे हुए थे। उसने अपनी छोटी सी नाव ली और बिना किसी स्वार्थ के सबको बचाने में जुट गया।
जब वह एक परिवार को बचाकर किनारे पर लाया, तो उस परिवार के मुखिया ने कहा, "दीपक, तुम पागल हो। ये लोग तुम्हारा मज़ाक उड़ाते हैं, और तुम फिर भी उनकी जान बचाने में लगे हो?"
दीपक मुस्कुराया और कहा, "अगर मैंने इन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया, तो मैं भी उन्हीं जैसा बन जाऊँगा। मेरा विश्वास है कि सही काम करना ही मेरी ताकत है। अगर मेरी नैतिकता टूट गई, तो मैं दीपक नहीं रहूँगा, केवल एक और साधारण व्यक्ति बन जाऊँगा।"
धीरे-धीरे गाँव के लोग देख रहे थे कि दीपक ने कितने लोगों की जान बचाई। जिन लोगों ने दीपक की ईमानदारी का मजाक उड़ाया था, वे खुद को शर्मिंदा महसूस करने लगे। उन्होंने महसूस किया कि दीपक ने अपनी नैतिकता और मानवीयता से पूरे गाँव की बाढ़ मे भी सभी कि सहायता की है।
बाढ़ खत्म होने के बाद गाँव के बुजुर्गों ने एक पंचायत बुलाई। उन्होंने कहा, "हमने दीपक का मज़ाक उड़ाया, लेकिन आज हमें समझ में आया कि नैतिकता क्या होती है। दीपक ने हमें दिखाया कि ईमानदारी और सच्चाई से बड़ा कोई गुण नहीं होता है।" दीपक जैसे बच्चे ही बडे होकर अपने माता-पिता ओर देश का नाम रोशन करते हैं,
निष्कर्ष:
कहानी खत्म होने के बाद सभी लोगों के मन में एक सवाल था की...
"अगर दीपक जैसा हर व्यक्ति नैतिकता छोड़ दे, तो समाज का क्या होगा? क्या बिना नैतिकता के हम एक बेहतर दुनिया या समाज की कल्पना कर सकते हैं???"बिना नैतिकता के लोगो कै मन में किसी के प्रती प्रेम होगा???
इस तरह, कहानी यह सिखाती है कि नैतिकता ही असली गुण है भले ही हर कोई इसे न समझे, लेकिन नैतिकता वह प्रकाश है, जो अंधकार में भी रोशनी का मार्ग दिखाती है, नैतिकता से ही लोगो मे प्रेम की भावना विकसित होती है, नैतिकता से ही मानवता विकसित होती है।
क्या आप भी दीपक जैसा बन्ना पसंद करोगे???
_______Vibhama...