राजू एक 13 साल का लड़का था जो उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में रहता था। उसके पापा एक बढ़ई (carpenter) थे, जो लकड़ियों से फर्नीचर बनाकर रोज़ी-रोटी चलाते थे। माँ घर पर रहती थीं, और गाँव की औरतों के कपड़े सिलने का काम करती थीं। पैसे बहुत कम थे, लेकिन इज़्ज़त और प्यार से भरा घर था।राजू को बचपन से ही जानवरों से बहुत लगाव था। वो गाय, कुत्ते, बकरी से लेकर मोर तक — सबका दोस्त था। गाँव वाले अक्सर हँसते थे कि “ये लड़का इंसानों से कम, जानवरों से ज़्यादा प्यार करता है।” लेकिन राजू को इससे फर्क नहीं पड़ता था। उसके सपनों की एक अलग ही दुनिया थी।एक दिन खेत में काम करने के बाद, वो थका-हारा अपने फेवरेट आम के पेड़ के नीचे बैठा था। तभी उसे एक घायल मोर दिखाई दिया। उसके पंख टूटे हुए थे और वो उड़ नहीं पा रहा था।राजू ने उसे गोदी में उठाया, पानी पिलाया और घर ले गया। माँ ने पहले तो मना किया — “घर में खाने को नहीं है, तू जानवर ले आया?”पर राजू की जिद और आंखों की मासूमियत देखकर माँ मान गईं।अगले 20 दिन राजू ने मोर की सेवा की — दवा लगाई, खाना खिलाया, और उसका ध्यान रखा जैसे छोटा बच्चा। जब मोर ठीक होकर उड़ने लगा, तो राजू की आंखें भर आईं।मोर उड़ गया, लेकिन एक पंख छोड़ गया — एक सुनहरा, चमकीला मोर का पंख।राजू ने उस पंख को संभालकर अपनी कॉपी में चिपका लिया और खुद से वादा किया,> “एक दिन मैं ऐसा आश्रय बनाऊंगा जहाँ कोई जानवर भूखा या घायल ना रहे। मैं उनका दोस्त नहीं, रक्षक बनूंगा।”✨ सपनों की शुरुआत:गाँव के स्कूल में सीमित पढ़ाई थी, लेकिन राजू ने YouTube, किताबें और मोबाइल से ज्ञान लेना शुरू किया। दिन में खेत, रात में सीखना — बस यही चल रहा था। Trading, blogging, drawing, content creation — जहाँ से भी पैसे की उम्मीद दिखी, वहाँ मेहनत शुरू की।धीरे-धीरे Rajoo ने freelancing से पैसे कमाने शुरू किए। कुछ साल बाद, उसने 15 गायों के साथ एक छोटा गौशाला खोला, जहाँ वो गायों की सेवा करता था।उसका नाम हुआ — "मोरे का सपना"।लोग मदद करने लगे, गाँव के लोग जो पहले हँसते थे, अब इज्ज़त से देखते थे।आज राजू 25 साल का है — एक सफल इंसान, जिसने Ram Mandir के पास एक ऐसा Animal Ashram बनाया है, जहाँ 100+ जानवर रहते हैं, और हर हफ्ते सैकड़ों लोग दर्शन और दान के लिए आते हैं।एक बोर्ड पर लिखा है:> “इस मंदिर का निर्माण एक पंख ने किया, लेकिन उड़ान मेरे सपनों ने भरी।”सपने छोटे हों या बड़े — उनकी शुरुआत दिल से होती है, जेब से नहीं।जानवरों से प्यार एक कमजोरी नहीं, सबसे बड़ी इंसानियत है।अगर आपके अंदर इरादा, प्लान और धैर्य है — तो कोई भी सपना सच्चाई बन सकता है।सपने छोटे हों या बड़े — उनकी शुरुआत दिल से होती है, जेब से नहीं।जानवरों से प्यार एक कमजोरी नहीं, सबसे बड़ी इंसानियत है।अगर आपके अंदर इरादा, प्लान और धैर्य है — तो कोई भी सपना सच्चाई बन सकता है।