The Masked Killer in Hindi Detective stories by Anand books and stories PDF | The Masked Killer

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The Masked Killer


यह रात्रि का समय था। वडोदरा में स्थित ज्ञानमंथन कॉलेज अँधेरे में डूबा हुआ था। यह शहर का जाना माना कॉलेज था और शहर की भीड़-भाड़ से दूर स्थित था। यह प्रौद्योगिकी और प्रबंधन पाठ्यक्रमों के लिए शीर्ष कॉलेजों में शमिल था।

लीना रात के खाने के बाद कॉलेज में स्थित मैदान में टहल रही थी और अपनी मां से फोन पर बात कर रही थी। कुछ देर बाद वह हॉस्टल में अपने कमरे पर लौट रही थी।

वह हॉस्टल के गेट पर पहुंचने ही वाली थी कि अचानक लाइट चली गई। उसने अपने फोन की टॉर्च जलाई और धीरे-धीरे चलने लगी। अचानक उसे अपने पीछे कदमों की आहट सुनाई दी। वह पीछे मुड़ी लेकिन वहां कोई नहीं था।

वह चलती रही लेकिन उसे फिर से अपने पीछे कदमों की आहट सुनाई दी। अब उसे डर लगने लगा।वह फिर पीछे मुड़ी लेकिन वहाँ कुछ नहीं था।

वह फिर गेट की ओर जाने के लिए मुड़ी लेकिन तभी पीछे से किसी ने उसे पकड़ लिया और उसका मुंह दबा लिया।

यह एक नकाबपोश व्यक्ति था जिसने अपना मुंह काले नकाब से ढका हुआ था और केवल उसकी आंखें ही दिखाई दे रही थीं और उसकी आँखों में बहुत गुस्सा था।

वह उसे एक अँधेरे कोने में ले गया और उसके कान में फुसफुसाया: "remember your sins."

फिर उसने धारदार चाकू से उसका गला रेत दिया और उसे मार डाला। लीना जमीन पर गिर पड़ी और नकाबपोश अंधेरे में गायब हो गया।

**********

अगले दिन सूरज उग आया। रूद्र उठा और कॉलेज जाने के लिए तैयार हो गया। वह ज्ञानमंथन कॉलेज में इंजीनियरिंग का छात्र था।

आप सभी रुद्र को पहले से ही जानते हैं कि वह एक तेज दिमाग वाला लड़का है जिसमें तकनीकी कौशल बहुत अच्छा है।

उसने हाल ही में दो मामले सुलझाए थे। 

पहला मामला भेड़िया मानव का था, जो शिमला के निकट धारानगर कस्बे में हुई कई हत्याओं के पीछे था।
दूसरा मामला गोवा के कीर्तिनगर में स्थित एक भूतिया हवेली से संबंधित था।

रूद्र तैयार होकर कॉलेज जा रहा था और कुछ देर बाद वहाँ पहुँच गया। उसके कॉलेज में पुलिस की जीप थी। यह देखकर वह हैरान रह गया।

वह तुरंत कॉलेज के अंदर पहुंचा और कुछ अन्य छात्रों से कॉलेज में हुई घटना के बारे में पूछा।वह यह खबर सुनकर स्तब्ध रह गया और उस स्थान के पास पहुंचा जहां जांच चल रही थी।

**********

रुद्र घटनास्थल पर पहुंचा। जमीन पर एक लाश पड़ी थी। वह लड़की को जानता था। वह लीना थी और वह उससे तीन साल सीनियर थी और उसकी डिग्री पूरी होने वाली थी। 

उसकी लाश देखकर वह स्तब्ध रह गया और सोचने लगा कि आखिर उसकी हत्या किसने की होगी?उसने ऐसा क्या किया था कि उसे यह सब सहना पड़ा? क्योंकि शव को देखने के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि जिसने उसकी हत्या की है, वह उससे बहुत नफरत करता था।

इंस्पेक्टर सुधीर जांच के लिए वहां मौजूद थे और रूद्र के  पिता के मित्र होने के नाते वह रुद्र को अच्छी तरह जानते थे तथा उसकी क्षमताओं से परिचित थे। रुद्र उनके पास पहुंचा और बातचीत करने लगा।

रूद्र: नमस्ते अंकल, कैसे हैं आप? 

सुधीर: नमस्ते रुद्र,मैं ठीक हूं,तुम कैसे हो?

रूद्र: मैं भी ठीक हूँ। आप इस मामले के बारे में क्या सोचते हैं?

सुधीर: किसी ने उसे बेरहमी से मार डाला है।ऐसा लगता है कि उसके और हत्यारे के बीच कुछ रंजिश थी।

रुद्र: लाश की हालत देखकर मैं भी यही सोच रहा हूँ।

सुधीर: चलो, अब मैं शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज रहा हूँ। 

रूद्र: क्या पता चला कि हत्यारा बाहरी था या अंदरूनी?

सुधीर: नहीं, उसने कोई सुराग या निशान नहीं छोड़ा है।

रूद्र: ठीक है अंकल, अगर आपको कुछ पता चले तो मुझे जरूर बताइएगा। शायद मैं मदद कर सकूँ।

सुधीर : बिलकुल।

फिर वे अलविदा कहते हैं और रुद्र कक्षा में पहुंच जाता है।

**********

अगले दिन कॉलेज में हत्या का मुद्दा गरम था।सभी इसके बारे में बात कर रहे थे। रूद्र भी अपने दोस्तों के साथ बैठा था। यह पांच दोस्तों का समूह था। रूद्र के अलावा वहां साहिल, रवि, रूही और दिशा भी थे। वे सभी अच्छे दोस्त थे और हमेशा एक-दूसरे के लिए तैयार रहते थे। इस समय वे भी लीना की हत्या के बारे में भी बात कर रहे थे।

रूही: लीना को किसने मारा होगा?

साहिल: अभी तो क्या कह सकते है? पुलिस जांच तो कर ही रही है।

दिशा: हाँ, अब पुलिस ही इसके बारे में बताएगी।

रवि: क्या हुआ रुद्र? तुम बोल क्यों नहीं रहे हो? कहाँ खो गए हो?

रूद्र: कुछ नहीं यार, मैं हत्यारे के बारे में सोच रहा था।उसने बहुत क्रूर तरीके से उसकी हत्या कर दी है।पता नहीं उनके बीच ये नफरत का क्या रिश्ता था।

दिशा: क्या पता कोई चोर घुस आया हो और उसे अकेला देखकर उसने उस पर हमला कर दिया।

रुद्र: यार, लेकिन चोर ऐसी क्रूरता क्यों दिखाएगा?

साहिल: हो सकता है लीना ने उसे पहचान लिया हो और इसलिए उसने लीना को मार दिया हो।

रुद्र सोच में पड़ गया कि क्या ऐसा हो सकता था?

शव की हालत देखकर ऐसा नहीं लग रहा था।
रूद्र फिर सोचने लगा।

**********

आज ज्ञानमंथन में सुबह से ही काफी चहल पहल का माहौल था।एक सॉफ्टवेयर कंपनी ने इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया था। यह छात्रों के लिए अपनी डिग्री पूरी करने से पहले अच्छी नौकरी पाने का एक शानदार अवसर था।उनमें से अधिकांश इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे।शाम तक साक्षात्कार से पहले के दो राउंड पूरे हो चुके थे और अब साक्षात्कार शुरू हो गए।कॉलेज में देर हो जाने वाली थी।

रॉबिन बहुत खुश था क्योंकि उसने पहले दो राउंड पास कर लिए थे।अब वह अंतिम दौर के लिए कड़ी मेहनत कर रहा था।कई छात्रों ने साक्षात्कार दे दिया था और कुछ अभी बाकी थे।कुछ समय बाद साक्षात्कार पूरे हो गए और रॉबिन ने भी साक्षात्कार दिया।वह खुश और आश्वस्त था क्योंकि उसका साक्षात्कार बहुत अच्छा था।अब सभी को अंतिम परिणाम का इंतजार था।

रॉबिन को टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस हुई इसलिए वह इसका उपयोग करने के लिए अपने कॉलेज के मुख्य ब्लॉक में गया। अब वह अकेला था क्योंकि सभी लोग कॉलेज के दूसरे हिस्से में प्लेसमेंट ड्राइव में व्यस्त थे। 

वह टॉयलेट का उपयोग कर चुका था और अब हाथ धोने के लिए बेसिन पर गया।लेकिन वहां शीशा देखकर उसकी आंखें डर गईं क्योंकि वहां कुछ लिखा था : 

" remember your sins "

और फिर अगले ही पल एक नकाबपोश व्यक्ति उसके पीछे आया और उसे बचाव का कोई मौका दिए बिना एक तेज चाकू से उसका गला काट दिया।

कंपनी द्वारा नौकरी के लिए रोबिन का चयन होने पर उसके नाम की घोषणा की गई। लेकिन रॉबिन उसका नाम सुनने के लिए वहां नहीं था। 

कैसे हो सकता था जब वह इस दुनिया में ही नहीं था। 

**********

जब रॉबिन वापस नहीं आया तो साथी छात्रों ने उसकी खोज शुरू की। अंततः उन्हें टॉयलेट में उसका मृत शरीर मिलता है।

उसका शव और शीशे पर लिखा संदेश देखकर सभी भयभीत हो गए।विशेषकर उसके दोस्त करण, गिरीश और शीना बहुत दुखी और भयभीत थे।यह उनका दूसरा दोस्त था जिसकी हत्या हुई। क्योंकि लीना भी उनकी सबसे अच्छी दोस्त थी।

शीना: हमारे कॉलेज में ये क्या हो रहा है? हमारे दोस्तों की हत्या क्यों की गई? 

गिरीश: हां, यह समझ से बाहर है कि हमारे दोस्तों की ही हत्या क्यों की गई? 

करण: दर्पण पर लिखा संदेश भी कुछ कह रहा है।

शीना: क्या किसी को हमारे राज के बारे में पता है?

करण: धीरे बोलो शीना, अगर किसी ने सुन लिया तो यह बुरा होगा।

इस दौरान किसी ने पुलिस को फोन कर दिया और कुछ देर में पुलिस वहां पहुंच गई।पुलिस ने जांच शुरू की और अन्य छात्रों से भी पूछताछ की, लेकिन प्लेसमेंट प्रक्रिया में व्यस्त होने के कारण कोई भी कुछ नहीं बता पाया।अंततः पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और वापस लौट गई।

इंस्पेक्टर सुधीर परेशान थे क्योंकि यह दूसरी हत्या थी और कोई सुराग नहीं था।

उसने अगले दिन रुद्र से बात करने का निर्णय लिया।

**********

एक अँधेरे कमरे में:

एक नकाबपोश व्यक्ति कुर्सी पर बैठा था और उसके हाथ में एक लड़की की फोटो थी तथा वह उससे बात कर रहा था। 

नकाबपोश: मैंने उनमें से दो को मार दिया है। जल्द ही बाकी को भी उनके पापों का दंड मिलेगा।तुम्हारा बदला पूरा होगा।

और वह हंसने लगा। एक भयानक हंसी।

कॉलेज में: 

अगले दिन रॉबिन की हत्या की खबर सुर्खियों में थी।रुद्र और उसके दोस्त भी हैरान थे कि उनके कॉलेज में ये क्या हो रहा है।वे सब बातें कर रहे थे तभी रूद्र को फोन आया।

वह इंस्पेक्टर सुधीर था। उन्होंने रुद्र को पिछली घटना के बारे में सब कुछ बताया और कहा:

सुधीर: हत्यारे को पकड़ने के लिए तुम्हारी मदद की ज़रूरत पड़ेगी क्योंकि मुझे लगता है कि वह कॉलेज का ही कोई आदमी है। शायद कोई छात्र या कोई अन्य व्यक्ति।मैं वहां पूरे समय उपस्थित नहीं रह पाऊंगा इसलिए तुम कुछ जानने का प्रयास करो जिससे हत्यारे को जल्दी पकड सके।

रूद्र: ठीक है अंकल, मैं अपनी पूरी कोशिश करूंगा।
उसके बाद रुद्र अपनी कक्षा में चला गया।

**********

अब रुद्र ने अपनी जांच शुरू की। उसने सबसे पहले लीना और रॉबिन के बारे में जानकारी जुटाई।यह पांच लोगों का समूह था और अन्य सदस्य गिरीश, करण और शीना थे।वे सभी बुद्धिमान और होशियार थे, लेकिन वे अमीर परिवारों से थे, इसलिए वे कुछ बिगड़ैल किस्म के थे।वे अन्य छात्रों और जूनियरों को परेशान करना पसंद करते थे।

अंततः रुद्र ने उनसे बात करने का विचार किया।वह उन्हें पहले से जानता था क्योंकि वे जूनियर्स की रैगिंग करते थे और उन्होंने रुद्र के साथ भी ऐसा किया था। लेकिन रुद्र भी एक बहादुर लड़का था इसलिए उसने उन्हें ज्यादा हावी नहीं होने दिया। 

रुद्र को दर्पण पर लिखे संदेश के बारे में भी पता था इसलिए वह समझ गया कि उन्होंने अतीत में कुछ अनुचित किया था और इस वजह से उन्हें निशाना बनाया गया।वह उनके पास पहुंचा और बातचीत करने लगा।

रुद्र: गिरीश सर, मैं कुछ पूछना चाहता हूँ।

गिरीश: क्या हो गया?

रूद्र: आपके दो दोस्तों की हत्या हो गई और आईने पर लिखा वो संदेश। मुझे लगता है कि आप लोगों के पास अतीत का कोई रहस्य है।

गिरीश: तुम कौन होते हो हमसे पूछने वाले? क्या तुम हमसे सीनियर हो या तुम पुलिस में हो?या दो मामले सुलझा के खुद को बहुत बड़ा जासूस समझ रहे हो?

रूद्र: मैं ऐसा नहीं कह रहा लेकिन मैं आप सबकी मदद करना चाहता हूँ क्योंकि मुझे लगता है कि आप सब को निशाना बनाया जाएगा और जल्दी ही पुलिस भी ये सवाल पूछेगी।

शीना: जो होगा हम देख लेंगे तुम इससे दूर रहो।

रुद्र को समझ में आ गया कि उनसे बात करने का कोई फायदा नहीं है, इसलिए वह वापस लौट आया। लेकिन अब वे सभी परेशान थे क्योंकि वे जानते थे कि रुद्र गलत नहीं था।

**********

रूद्र अब उनके अतीत को उजागर करने की कोशिश कर रहा था क्योंकि वह जानता था कि इसका उत्तर केवल उनके अतीत में ही मिलेगा।उसने इस मामले में अपने दोस्तों से भी मदद मांगी और वे तैयार थे।

पुलिस गिरीश, करण और शीना से भी पूछताछ करने की कोशिश कर रही थी लेकिन वे कुछ भी नहीं बता रहे थे और बिना किसी सबूत के उनसे सख्ती से पूछताछ करना संभव नहीं था।

एक दिन क्लास खत्म हो चुकी थी और रुद्र अपने दोस्तों के साथ कुछ प्रोजेक्ट वर्क के लिए कॉलेज मे रुका हुआ था। उस समय केवल कुछ ही छात्र मौजूद थे। रूद्र और उसका दोस्त साहिल टॉयलेट पर गए थे और जब वे लौट रहे थे, तो उन्होंने कुछ फुसफुसाहट सुनी। वे एक कक्षा के पास से गुजर रहे थे। गिरीश, करण और शीना वहाँ थे और वे बात कर रहे थे। रूद्र और साहिल उनकी बातें सुनने लगे।

शीना: भूमिका तो मर गई थी ना। क्या यह हत्यारा उसका कोई जानने वाला हो सकता है?

गिरीश: उसका छोटा भाई शोभित अभी भी इसी कॉलेज की दूसरी शाखा में है,जो यहाँ के निकट है।

करण : उसका एक प्रेमी रोनित भी था जो उसी क्लास में है।

शीना: क्या उन दोनों में से कोई हत्यारा हो सकता है?

गिरीश: कुछ समझ नहीं आ रहा, होने को कुछ भी हो सकता है पर हमें सावधान रहना होगा।

और उन्होंने अपनी बातचीत जारी रखी। अब रुद्र और साहिल के पास आगे बढ़ने का रास्ता था।

*********

ढाई साल पहले:

भूमिका एक होनहार छात्रा थी और रॉबिन और लीना के समूह से जूनियर थी। ये लोग अन्य छात्रों की रैगिंग करते थे।

भूमिका भी उन में से एक थी, जिनकी रैगिंग की गई थी।लेकिन एक दिन जब हद पार हो गई तो उसने उनका विरोध किया, तब से वे उसे अपना दुश्मन मानने लगे और उसके लिए और भी परेशानियां खड़ी करने लगे।

वह उनके व्यवहार से बहुत दुखी थी। उसने उनकी शिकायत भी की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
एक रात कॉलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रम था और सभी लोग उसका आनंद ले रहे थे।भूमिका को सिर में दर्द हो रहा था इसलिए वह अपने दोस्तों,रोनित,और अपने भाई शोभित को यह बताकर हॉस्टल के कमरे में लौट रही थी। 

शीना और उसके दोस्तों ने उसे अकेला देखा और उसका पीछा करना शुरू कर दिया। वे उसे कॉलेज के पिछ्ले सुनसान हिस्से में एक निर्माणाधीन इमारत में ले गए।

शीना: तो तुम अब हमारा विरोध करोगी?

गिरीश: तुम यहाँ अकेली हो, अब क्या करोगी?

वे सब उस पर हँस रहे थे और उसे डराने लगे।

भूमिका: प्लीज मुझे छोड़ दो। मैं तुम्हारे खिलाफ कुछ नहीं करूंगी।

लीना: तुम कर भी क्या पाओगी? तुम पर कौन विश्वास करेगा? हम तुम्हें इतना डरा देंगे कि तुम कुछ करने से पहले कई बार सोचोगी।

वे सब हंसने लगे। अचानक भूमिका भागने लगी और वह ऊपरी मंजिल पर पहुंच गयी।वे सब भी उसके पीछे दौड़े।

इस भाग दौड़ में भूमिका का संतुलन बिगड़ गया और वह जमीन पर गिर गई और उसकी सांसें रुक गईं। वह मर चुकी थी।

वे सभी पांचों यह देखकर भयभीत थे क्योंकि उन्होंने ये सब नहीं सोचा था।उन्होंने इस पर चुप रहने का निर्णय लिया और कार्यक्रम में वापस लौट आये।

लेकिन उन्हें नहीं पता था कि एक जोड़ी आँखें उन्हें देख चुकी हैं।


*********
वर्तमान समय :

"कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब उसकी रूममेट स्वाति कमरे में पहुंची तो उसने देखा कि भूमिका वहां नहीं है, तब उसने मुझे और शोभित को फ़ोन किया।" 

रोनित ने यह बात रुद्र को बताई।रुद्र, रोनित से बात करने गया था।

रोनित: फिर उसकी खोज शुरू की गई और वह कॉलेज के पीछे निर्माणाधीन इमारत के पास मिली और वह मर चुकी थी।पुलिस ने मामले की जांच की लेकिन कुछ पता नहीं चला।हालांकि अधिकांश लोगों को संदेह था कि इसके पीछे रॉबिन और उसका समूह है, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं था।

रुद्र: हा, वैसे कॉलेज में जिस तरह की उनकी छवि है,इस हिसाब से इन लोगों पर विश्वास नहीं किया जा सकता।

रोनित: हा, ये लोग अच्छे नहीं हैं। हो सकता है कि उसकी मौत के पीछे इन्हीं का हाथ हो।

रुद्र: ठीक है। अभी मैं शोभित से मिलूंगा। शायद वो कुछ बता सके।

इसके बाद रुद्र ने शोभित को फोन किया और उससे मिलने का अनुरोध किया।वे कैंटीन में मिले।

शोभित: तुम क्या जानना चाहते हो?वैसे भी ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि इसके पीछे रॉबिन और उसके दोस्त हैं, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है।

रुद्र: हाँ रोनित ने मुझे बताया था। लेकिन फिर भी मैं उस रात की बातें जानना चाहता हूँ।

शोभित: हम उस रात सांस्कृतिक समारोह में थे और वह सिरदर्द के कारण छात्रावास लौट आई थी, लेकिन हमें उसकी मृत्यु के बारे में तब पता चला जब उसकी रूममेट छात्रावास पहुंची और उसने पाया कि भूमिका वहां नहीं थी।

यह बताते हुए शोभित भावुक हो गया।

शोभित: वह एक नेक दिल लड़की थी रुद्र। वह हमेशा दूसरों की मदद करती थी। हॉस्टल में चौकीदार, कॉलेज में माली, कैंटीन बॉय,जाने कितने ऐसे लोग थे जिनकी उसने मदद की थी।

रुद्र ने उसे सांत्वना दी और कहा कि वह सच्चाई उजागर करने का प्रयास करेगा।

अब रुद्र के पास दो संदिग्ध थे - रोनित और शोभित, क्योंकि वे भूमिका के करीबी थे।

क्या वे इन हत्याओं के पीछे थे?

हो तो सकते थे।

**********

रूद्र को एक बार स्वाति से मिलने की जरूरत महसूस हुई। क्योंकि उसे लगा कि कभी-कभी लड़कियां अपनी सबसे अच्छी दोस्त के साथ कुछ बातें या राज साझा करती हैं। इसलिए उसे लगा कि स्वाति ज्यादा बता सकती है।

स्वाति ने रुद्र से मिलने का अनुरोध स्वीकार कर लिया।वे कैंटीन में थे और बातें कर रहे थे।

रुद्र: आने के लिए धन्यवाद।मैं भूमिका के बारे में कुछ बात करना चाहता हूं।मैं आपकी राय भी जानना चाहता हूं कि क्या रोनित या शोभित या शायद दोनों ही हत्यारे हो सकते हैं?

स्वाति: मुझे पता है और रोनित और शोभित ने मुझे इसके बारे में बताया है।

भूमिका एक अच्छी लड़की थी और दूसरों की बहुत मदद करती थी। वह मुझसे अधिकतर बातें साझा करती थी।वह गरीब और अमीर में कोई अंतर नहीं करती थी।आपको इस कॉलेज में ऐसे कई लोग मिलेंगे जो उसकी प्रशंसा करेंगे।मिहिर नाम का लड़का जो इस कैंटीन में हेल्पर के तौर पर काम करता है, उसकी भी वह मदद करती थी और वह उसे अपना छोटा भाई मानती थी।छात्रावास के चौकीदार का नाम संतोष है,वह उसे भी बड़ा भाई मानती थी।वह माली काका को भी बहुत सम्मान देती थी।हॉस्टल में जाने कितनी लड़कियाँ के लिए वह बड़ी बहन थी।

रोनित और शोभित उसके करीबी थे, इसलिए हो सकता है कि वे इन हत्याओं के पीछे हों या नहीं भी हो सकते हैं।

बाकी और किसी का उससे कोई करीबी रिश्ता नहीं था तो उनका तो मैं कुछ नहीं बोल सकती।क्योंकि जो व्यक्ति रक्त संबंधी या करीबी नहीं है, उसके लिए कोई भी इस प्रकार का जोखिम नहीं उठाएगा। फिर भी आजकल जो ना हो जाए वही कम है।

रुद्र: हाँ तुम सही हो।खैर, मैं सच सामने लाने की पूरी कोशिश करूंगा।

उसके बाद स्वाति हॉस्टल लौट आई।

स्वाति से मिलने के बाद रुद्र अब और अधिक उलझन में था क्योंकि उसकी संदिग्धों की सूची बढ़ गई थी।

**********

गिरीश कॉलेज स्थित कोर्ट में बास्केटबॉल का अभ्यास कर रहा था।वह इसका बहुत अच्छा खिलाड़ी था। रात के 11 बज चुके थे लेकिन वह अभी भी वहीं था। वह अभ्यास कर रहा था लेकिन उसका ध्यान केवल आजकल हो रही घटनाओं पर था।

वह, शीना और करण समझ गए थे कि यह सब भूमिका की मौत के कारण हो रहा है और कोई उसकी मौत का बदला ले रहा है।

यह सब सोचते हुए वह भूल गया कि देर हो रही है।अचानक उसे याद आया और वह वहाँ से जाने लगा।
कॉलेज का यह हिस्सा छात्रावास से दूर स्थित था और इस समय सुनसान था।अचानक उसका फ़ोन बजा और वह रुक कर देखने लगा।वह शीना थी।

उसने बस इसे उठा लिया कि अचानक उसके गले को पीछे से किसी ने एक रस्सी में जकड़ लिया।फोन जमीन पर गिर गया और शीना की आवाज आई।

हत्यारे ने रस्सी कस दी और उसके कान में फुसफुसाया 

" Remember your sin"

और अगले ही पल गिरीश की मौत हो गई।शीना ने कुछ आवाजें सुनीं और वह समझ गई कि उनमें से एक और मर चुका है।उसने जल्दी से करण को फोन किया और उसे सारी बात बताई।फिर वे कुछ अन्य लोगों के साथ बास्केटबॉल कोर्ट की ओर दौड़े।

लेकिन बीच रास्ते में उन्हें गिरीश का शव मिला। अब वे दुखी और भयभीत थे।उन्होंने पुलिस और रुद्र को बुलाने का निर्णय लिया।वे समझ गए कि अतीत उन्हें नहीं छोड़ेगा, उन्हें उसका सामना करना होगा।

***********

रात में पुलिस आई और मामले की जांच की, लेकिन कोई सबूत नहीं मिला, इसलिए अंत में शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

रुद्र और सुधीर निराश थे क्योंकि हत्याएं जारी थीं और हत्यारे तक पहुंचने के लिए कोई सुराग नहीं था।रुद्र ने सुधीर को अपनी अब तक की जांच के बारे में बताया।

सुधीर: मुझे लगता है कि हमें उसके करीबी लोगों के अलावा दूसरों से भी बात करनी चाहिए।

रूद्र: मुझे भी ऐसा लगता है।

सुधीर: ठीक है फिर मिहिर, संतोष और माली को बुला लेते हैं।

तीनों को बुलाया जाता है।सबसे पहले वे मिहिर से बात करते हैं।

सुधीर: मैंने सुना है कि भूमिका तुम्हें छोटा भाई मानती थी। हमें उसके और उसकी मृत्यु के बारे में बताओ जो भी जानते हो।

मिहिर : जी सर,वह सभी के प्रति बहुत दयालु थीं और मुझे अपना छोटा भाई मानती थीं। वे पढ़ाई और अन्य समस्याओं में मेरी मदद करती थी।जैसा सुना है उनकी मौत उस रात 11:30 बजे करीब हुई थी।मैंने यह भी सुना है कि रॉबिन और उसके दोस्तों का इसमें हाथ था क्योंकि वह उनसे डरती नहीं थी और उनका विरोध करती थी।

रूद्र: ठीक है आप जा सकते हैं।

उसके बाद माली को बुलाया गया और वही बात पूछी गई।

माली: भूमिका बेटी सबको बहुत मान देती थी।सुना था कि उस रात 11-12 बजे के आस-पास उसकी मौत हुई थी।दुश्मनी उसकी किसी से नहीं थी फिर भी ऐसा क्यूँ हुआ समझ नहीं आया।

उसके बाद संतोष को बुलाया गया।

संतोष: हाँ सर, वह मेरी छोटी बहन की तरह थी।बहुत मान देती थी और मदद भी करती थी।कोई भी उसका दुश्मन नहीं था लेकिन फिर भी रॉबिन और उसके दोस्त उसे पसंद नहीं करते थे क्योंकि उसने उनकी रैगिंग के तरीके का विरोध किया था।पुलिस का कहना था कि उसकी मौत रात 11-12 बजे हुई।आत्महत्या या हत्या, यह पता नहीं चल सका।

इसके बाद उन तीनों को वापस भेज दिया गया। 

रुद्र और सुधीर अब और अधिक उलझन में थे क्योंकि उन्हें कोई भी सुराग नहीं मिला था।

**********

रूद्र अपने घर पर अपने कमरे में था। अगले दिन उसके कॉलेज में एक सांस्कृतिक समारोह था जो देर रात तक चलने वाला था।

लेकिन रुद्र सिर्फ़ हत्यारे और उन घटनाओं के बारे में सोच रहा था। वह कुछ जानकारी निकालने के लिए अपनी सारी जांच याद कर रहा था। लेकिन अब तक इसका कोई फायदा नहीं हुआ।

अचानक उसे कुछ याद आया और वह हैरान हो गया। उसने खुद से पूछा कि क्या ऐसा हो सकता था?
हो तो सकता था।

उसने सुधीर को फ़ोन किया और सारी बात बताई और उन्होंने हत्यारे को पकड़ने की योजना बनाई।उसने अपने दोस्तों को भी फोन करके कॉलेज और समारोह के दौरान संदिग्ध पर नजर रखने को कहा।

कॉलेज में समारोह रात्रि 8 बजे शुरू हुआ। सभी खुश थे और समारोह का आनंद ले रहे थे।अब देर हो चुकी थी और लगभग 11 बज चुके थे। शीना का फोन बज उठा और वह दूसरों से अलग आई। 

वह फोन पर बात कर रही थी और टहल रही थी। उसने ध्यान नहीं दिया और वह एक अंधेरी जगह पर पहुंच गई। नकाबपोश व्यक्ति उसका पीछा कर रहा था।

उसने अचानक शीना को पकड़ लिया और उसके कान में फुसफुसाया :" remember your sin "

और फिर अगले ही पल इंस्पेक्टर सुधीर और रुद्र ने उसे शीना को मारने से रोक दिया और उसे पकड़ लिया।वह रुद्र के बनाये जाल में फँस गया।

रूद्र: तुम्हारा खेल ख़त्म हो गया मिहिर।

ऐसा कहकर रुद्र ने मिहिर का मुखौटा उतार दिया। 
वहां बहुत से छात्र एकत्र हो गए और वे हत्यारे की पहचान देखकर आश्चर्यचकित हो गए।

मिहिर: तुम्हें इसके बारे में कैसे पता चला?

रूद्र: जब हम तुमसे, संतोष और माली काका से पूछताछ कर रहे थे,तब ही मुझे समझ जाना चाहिए था कि ये तुम हो। लेकिन मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया। लेकिन जब मैंने घर पर इसके बारे में सोचा तो मुझे पता चला कि यह तुम थे।

मिहिर: लेकिन कैसे?

रूद्र: याद है, तुमने कहा था कि भूमिका की मृत्यु लगभग 11:30 बजे हुई थी।कोई और इतना सटीक समय नहीं बता पाया।इसका मतलब है कि तुम वहां मौजूद थे।

अब मिहिर भावुक हो गया था।

मिहिर: हाँ, मैंने वह घटना देखी थी।मैं कैंटीन के लिए कुछ सामान खरीदकर कॉलेज लौट रहा था।तभी मैंने उसे इमारत की ऊपरी मंजिल से गिरते देखा। मैंने वहां शीना और उसके दोस्तों को भी देखा।इन लोगों ने उसे मरी हुई हालत में छोड़ दिया। लेकिन उसमें कुछ साँसें बची रहीं।मैंने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वह चली गई थी। मेरी बहन चली गई थी। हम सगे भाई-बहन नहीं थे लेकिन वह हमेशा मुझे अपना छोटा भाई मानती थी।मैंने उससे कहा कि मैं उसकी मौत का बदला लूंगा लेकिन वह इतनी महान थी कि उसने उस हालत में भी मुझसे कहा कि बदला लेना अच्छी बात नहीं है। इससे कई लोगों की जिंदगी बर्बाद हो सकती है।मैंने अपने पिता को इस बारे में बताया लेकिन उन्होंने मना कर दिया और कहा कि ये पांचों धनी परिवार से हैं और इन्हें कुछ नहीं होगा।मैंने उनकी आज्ञा का पालन किया, लेकिन मेरा हृदय शांत नहीं हुआ और अंततः मुझे उसकी मौत का बदला लेने का साहस मिला।मैंने लीना, रॉबिन और गिरीश की हत्या कर दी थी तथा शीना और करण की भी हत्या करने ही वाला था। क्योंकि वे इसके हकदार थे।वे हत्यारे थे।हो सकता है कि प्रत्यक्ष रूप से नहीं, लेकिन उन्होंने ही यह स्थिति पैदा की।रुद्र बीच में आ गया नहीं तो मेरा बदला पूरा हो जाता।

सुधीर: मैं समझ सकता हूं लेकिन कानून हाथ में लेना ठीक नहीं था।ये पांचों बहुत गलत हैं लेकिन फिर भी मैं तुम्हें नहीं छोड़ सकता बेटा।

मिहिर: कोई बात नहीं सर! मुझे इसमें कोई समस्या नहीं है लेकिन मुझे दुख रहेगा कि मैं अपना बदला पूरा नहीं कर सका।

रुद्र: कोई चिंता नहीं, इन दोनों को भी उनके अपराध के लिए गिरफ्तार किया जाएगा और हम उन्हें उचित सजा दिलवाने की कोशिश करेंगे।

इसके बाद मिहिर, शीना और करण को गिरफ्तार कर लिया गया।शीना और करण बहुत अधिक अपराध बोध में थे इसलिए उन्होंने अपने पिछले अपराध को स्वीकार कर लिया।

मामला सुलझ गया।लेकिन इस बार रुद्र खुश नहीं था, क्योंकि वो जानता था कि ये पांचों उस सजा के हकदार थे।वह मिहिर को गिरफ्तार देखकर भी खुश नहीं था।
लेकिन अब क्या हो सकता था?

वह भारी कदमो से अपने घर की ओर जाने लगा।

नोट: इस कहानी में दर्शाए गए पात्र और घटनाएँ काल्पनिक हैं। किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई भी समानता मात्र एक संयोग है और लेखक का ऐसा कोई इरादा नहीं है।



समाप्त

Written By :
Anand Kumar Sharma