युवराज और नियति की कहाँनी
ये दोनों एक ही कॉलेज मे पढ़ते थे जब स्कूल खतम हुवे तभी से मे ये कसम खाके ही कॉलेज मे दाखिल हुआ था की जाहे कुछ भी हो जाये मे प्यार नही करूँगा मे लड़की नाम की मुसीबत जान बुच कर अपने जिवन मे नही लाऊंगा मे पूरी की पूरी कॉलेज लाइफ सिंगल ही निकालूँगा ऐसे कई सारे मेरे कठोर सिद्धांत के साथ मेने कॉलेज लाइफ मे इंट्री ली और ये सिद्धांत तीन सेमिस्टर तक चल भी सके मतलब डेढ साल तक मेने इसका पालन किया । उसके बाद क्या होता है आप आगे जानेंगे।
कॉलेज मे एक सीधा साधा लड़का बन के कॉलेज लाइफ बिताने की सोच रखने वाला मे मेरे जिवन मे एक दिन मेडम जी की इंट्री हो ही गई उसका नाम नियति था लेकिन मे उसे प्यार से नियु बुलाता था हा...हा....अभी तो देर है अभी तो दोस्ती और प्यार होना बाकी था उसके बाद नियु और युवी की कहाँनी शुरू होने वाली थी ।
पहले साल मे हम दोनों एक दूसरे को बिल्कुल भी नही जानते थे लेकिन नियु मुझे हमेशा देखती रहती और वो इतना ज्यादा मुझे देखे जाती की क्या ही बताउ उसकी और मेरी नजर ना मिल जाये इस लिये मे उसे इग्नोर करने की कोशिस करता रेहता था एक बार कॉलेज के पहले सेमिस्टर एक्सम हुवे तब उसका सीट नंबर मेरी बेंच से थोड़ी ही दूर सामने आया लेकिन वो पीछे मूड मूड के मुझे ही देखती रहती थी उसे मेरी हर एक चीज पसंद आती थी जब मे क्लास मे प्रेसन्शनटेशन देता ता जब प्रोफेसर सवाल पूछते तो मे सवाल का जवाब देता था ये सब कुछ उसे बहुत ही अच्छा लगता था मे क्या ही करता कितना इग्नोर करता ये नियु तो धीरे धीरे मेरे सिंगल रेहने के सारे सिद्धांत की वाट लगा रही थी लेकिन फिर भी मन को मक्कम करके मेने उसे तीन सेमिस्टर तक तो बात बिल्कुल भी नही की वो अपने एक तरफे एहसास से ही मुझे प्यार करती रही मुझसे दोस्ती करती रही वो मेरे ही आस पास रहती थी लेकिन बात करने मे वो भी डरती थी और मे भी लेकिन हमारी आँखे बहुत ही शरारती थी उन्हे तो बिल्कुल भी डर नही था बहुत ही इशारों से बाते होती थी।
मे उससे बात नही करता वो भी मुझसे बात नही करती लेकिन मेरा दिल भी कितना पागल था ये प्यार तुमसे करता था पर सामने जब तुम आती हो कुछ केहने से ये पागल डरता ता था ओ मेरे साजन....... ओ मेरे साजन........
हमारी ये एक तरफी फीलिंग बिना बात किये ही आँखों से बात करने वाली रोज बरोज की शरारती हरकते हमे बहुत ही ख़ुशी देती थी, "" नियु के ही शब्दो मे हम इसे सुनते है , " हाये....रबा कहा से आया है ये लड़का जिसकी एक जलक देखने के लिये मुझे क्लास मे कही दूर पीछे वाली बेंच पर बैठना पड़ रहा है और ये पागल मुझे इग्नोर करने के लिये हमेशा आगे वाली बेंच पर बैठे जाता है लेकिन कब तक बचेगा वो मुझसे एक ना एक दिन तो उसे मे पाहि लुंगी मुझे पता है की युवी मुझे जान बुच कर ही इग्नोर करने की कोशिस करता है लेकिन फिर भी मेने उसकी नजर को पकड़ लिया है उसकी आँखे कभी भी झूठ नही बोल सकती उसका चेहरा भले ही मुझे इग्नोर करने की कोशिस मे लगा हुआ हो लेकिन आँखों से केसे बचोगे। वेसे मे भी उसकी तरह बात करने से बहुत ही डरती थी मतलब की उसे देखते ही सब कुछ गायब हो जाता था जब मे घर पे होती थी तब अकेले ही आईने मे देख कर खुद से बातें करती की आज भले ही मेरी उससे बात ना हो पाई लेकिन कल मे पक्का उससे बात करूँगी और हम दोनों दोस्त बन जायेंगे लेकिन फिर सोचती हु की मेने ही उसको पटाने का ठेका थोड़ी ना ले रखा है वो भी तो कुछ करे मुझसे बात कर ने की कोशिस करे मेरे दिमांग मे तो बस युवी ही चलता रहता था और घर मे भी मुझे मेरा क्लास ही दिखता था और इस क्लास मे मेरा ही राज चलता था मे बहुत ही बोलती थी और युवी चुप चाप मेरी बाते सुनता था लेकिन काश मेरा ये हवा महेल् रियल लाइफ मे भी टिक पाता यहाँ तो मे जैसे ही अगले दिन कॉलेज मे जाती और युवी को देखती तो बस उसे देखती ही रहती और मेरा ये सपनो का हवा महेल् टूट के दिल के किसी कोने मे बिखर जाता मुझे किसी का भी डर नही था मे तो सिर्फ युवी को ही देखती रहती थी मुझे किसी का डर नही था लेकिन मेरा सूकून तो पेहली बेंच पर ही था बस ऐसे ही मे युवी को क्लास मे देखे रही थी मेरी नजर सिर्फ और सिर्फ युवी को देखने मे ही थी उससे नजरे हटा नहीं पा रही थी लेकिन उतने मे ही सामने हवा मे से एक जोर से खीच के उड़ता हुआ एक चोक आया और मेरे सिर पर आके लगा ये चोक प्रोफेसर ने मुझे मारा था क्युकी मेरा ध्यान क्लास मे नही कही और ही था ये देख कर क्लास मे सभी हसने लगे और युवी भी हसने लगा कही ना कही इस हरकत की वजसे युवी को पता चल ही गया था की नियु मुझे ही देख रही होगी इस लिये प्रोफेसर ने उसे चोक दूर से मारा लेकिन हसने की बात ये थी की प्रोफेसर ने चोक खीच कर मुझे मारा और बोला की मेडम जी अपनी सपनो की दुनिया से कृपा करके बहार निकलो और क्लास मे वास्तविक दुनिया मे ध्यान दो ये सुनके तो मुझे भी बहुत हसी आने लगी और मे भी खुल के हसने लगी हाये..... रबा मेरा एक तरफ प्यार..... पता नही आगे क्या क्या करवाएगा मुझसे.....???
अब युवी की और से ," लेकिन अब मुझे भी कही ना कही नियु से बात करनी ही थी उसकी एक तरफी फीलिंग क्या है वो मुझे जान नी थी आखिर है कोन ये सुंदर लड़की जिसने मेरे सारे सिधांतो को पल भर मे ही खतम कर दिया उसने बिना बात किये बिना कुछ किये दोस्ती का एक ऐसा बीज मेरे दिल के किसी कोने मे बो दिया था जो बाद मे एक प्यार का सुंदर फूलों से हरा भरा एक पेड बनने ही वाला था मुझे ये पता ही था लेकिन अब मे उससे बात करने के बहाने ढूंढ ने लगा था मुझे उसे से बात करना ही था क्युकी क्लास मे उसकी प्यारी सी शरारत से मुझे पता चल ही गाय था की अब तो मुझे हिम्मत करके बात कर ही लेनी चाहिए लेकिन ये इतना भी आसान नही था ।
नियु के दिल की धड़कन की आवाज जो बिना बताये ही मुझे सुनाई दे रही थी ।
"मिलने को तुझसे बहाने करू तु मुस्कुराये वजा मे बनू, सामने जब तुम आवो तो सब कुछ भूल जाऊँ फिर भी नजरो से सब कुछ बया मे करू । " क्या यही एक तरफा प्यार होता है ??
चलो दोस्तो चलता हूँ अगले पार्ट मे हम नियु और युवी की प्यार भरी कहाँनी जानेगे ......तब तक के लिये अपना ख्याल रखना अलविदा ।