अनजाने रास्ते ,
समीरा की स्कूटी सड़क पर दौड़ रही थी, लेकिन उसके दिमाग में विचारों का तूफान था। क्या जो हुआ वह सही था? क्या उसे दानिश से इतनी जल्दी कोई लगाव महसूस करना चाहिए था?
उसकी सांसें हल्की-हल्की तेज थीं, और दिल अब भी उस लम्हे की धड़कन को महसूस कर रहा था जब दानिश ने उसे देखा था। उसकी आँखों में जो रहस्य था, वो समीरा को अंदर तक महसूस हुआ था।
"क्या यह महज इत्तेफाक था?"
उसने खुद से सवाल किया। लेकिन क्या यह सिर्फ इत्तेफाक था कि उसकी स्कूटी ठीक उसी वक्त बंद हुई जब दानिश वहाँ था? और फिर, उसकी मदद की पेशकश... क्या यह महज संयोग था या कुछ और?
जैसे ही वह अपने घर की गली में पहुँची, उसने गहरी सांस ली और स्कूटी पार्क की। उसका मन अब भी बेचैन था।
कमरे में जाकर वह बिस्तर पर गिर पड़ी। उसका दिल अब भी उसी पल को दोहरा रहा था—दानिश की गहरी आँखें, उसकी रहस्यमयी मुस्कान, और वो पल जब सब कुछ थम सा गया था।
"मैं क्यों उसके बारे में सोच रही हूँ?"
वह खुद को समझाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन दिल और दिमाग की यह जंग उसे उलझाए जा रही थी।
तभी उसका फोन बजा।
उसने अनमने ढंग से फोन उठाया और स्क्रीन पर देखा—एक अनजान नंबर।
उसके दिल की धड़कन बढ़ गई।
क्या यह वही था, जिसका उसे अंदेशा था?
क्या यह दानिश था?
उसने धीरे से कॉल रिसीव की…
"हैलो?" उसने धीमी आवाज़ में कहा।
कुछ सेकंड तक खामोशी रही, फिर एक गहरी, ठहरी हुई आवाज़ उभरी—
"समीरा…"
वह आवाज़… तो !
उसके हाथ काँप गए।
"तुमने जो किया वो गलत किया"
और फोन कट गया।
समीरा की आँखें फैल गईं। उसे समझ नहीं आया कि दानिश ने ऐसा क्यों कहा उसकी बात में कोई भाव नहीं था इसलिए समीरा कुछ समझ नहीं पाइ |
काली दुनिया का अंधेरा
अस्पताल का कमरा
अकिता अस्पताल के बिस्तर पर लेटी थी। उसके शरीर में कमजोरी थी, लेकिन नींद उसकी आँखों में धीरे-धीरे उतर रही थी। दवाइयों का असर उसे एक दूसरी ही दुनिया में खींच रहा था। उसकी बंद पलकों के पीछे एक सपना आकार लेने लगा—एक ऐसा सपना, जो एक दर्दनाक कहानी के रूप में उभर रहा था।
बारिश की रात
बाहर हल्की-हल्की बारिश हो रही थी। ठंडी हवा के झोंके सड़कों पर बह रहे थे, और शहर की स्ट्रीट लाइट्स उनकी रोशनी को गीली सड़क पर बिखेर रही थीं। एक लड़का और लड़की, दोनों सड़क के किनारे खड़े थे। उनके ऊपर एक काले रंग का छाता तना हुआ था। लड़की ने हल्के गुलाबी रंग की ड्रेस पहनी थी, जिसकी किनारी पर पानी की बूंदें मोतियों की तरह चमक रही थीं। उसकी आँखों में एक अजीब-सी नमी थी, मानो कोई छुपा हुआ दर्द वहाँ बस गया हो।
लड़के ने काले रंग की जैकेट पहन रखी थी। उसकी आँखें गहरी थीं, जैसे किसी गहरे राज़ को छुपा रही हों।
लड़की ने हल्की मुस्कान के साथ कहा, "तुम जानते हो ना, बारिश मुझे कितनी पसंद है?"
लड़के ने हल्की हँसी में जवाब दिया, "हाँ, और मुझे भी, जब तुम इसके साथ होती हो।"
उनके बीच एक खामोश मोहब्बत थी—बिना शब्दों के, लेकिन बहुत गहरी। लड़की उसकी बाँहों में थी, और लड़का उसे इस तरह देख रहा था जैसे वो उसकी पूरी दुनिया हो। लेकिन तभी, दूर से आती एक कार की आवाज़ ने इस सुकून को तोड़ दिया।
काली कार और अनजान लोग
एक काली कार सड़क के किनारे आकर रुकी। कार की खिड़की धीरे-धीरे नीचे हुई, और अंदर बैठे कुछ लोग लड़के को इशारे से बुलाने लगे। उनका चेहरा छाया में था, लेकिन उनकी उपस्थिति ही डरावनी लग रही थी।
लड़के की आँखों का रंग बदल गया। उसकी नज़रों में अब पहले जैसा सुकून नहीं था। उसकी पकड़ लड़की के हाथ से ढीली होने लगी। उसने धीरे से अपने हाथों को अलग किया और कार की तरफ बढ़ने लगा।
लड़की ने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया, "रुको! ये लोग कौन हैं? तुम कहाँ जा रहे हो?" उसकी आवाज़ में बेचैनी थी।
लड़के ने उसकी आँखों में देखा, जैसे कुछ कहना चाहता हो, लेकिन फिर उसने गहरी साँस ली और कहा,
"मुझे जाना होगा। आज से हम अलग हैं। मैं काली दुनिया से ताल्लुक रखता हूँ।"
लड़की का दिल धड़क उठा। "क्या मतलब है तुम्हारा? तुम मुझसे दूर नहीं जा सकते!"
लड़के ने दर्द भरी नज़रों से उसकी तरफ देखा और फिर एक गहरी उदासी के साथ कहा, "मैं पहले ही बहुत दूर जा चुका हूँ। तुम मेरी दुनिया का हिस्सा नहीं हो सकती। ये प्यार हमें कहीं नहीं ले जाएगा।"
लड़की की आँखों में आँसू छलक आए। उसकी आवाज़ काँप उठी, "अगर तुम्हें जाना ही था तो मुझे प्यार क्यों किया?"
लड़का चुप रहा। उसने कोई जवाब नहीं दिया। बस मुड़कर कार की तरफ बढ़ने लगा।
एक पल, और सब खत्म
लड़की के दिल में हलचल मच गई। वो अपने आँसू पोंछते हुए उसकी ओर भागी। "रुको! मैं तुम्हें नहीं खो सकती!"
लेकिन लड़का अब कार के पास पहुँच चुका था।
लड़की ने हिम्मत जुटाई और आगे बढ़ी। वो सड़क पार करने लगी, लेकिन तभी…
एक तेज़ रफ़्तार ट्रक अचानक प्रकट हुआ। लड़की कुछ समझ पाती, उससे पहले ही…
"धड़ाम!"
हर चीज़ एक पल में खत्म हो गई।
सपना या हकीकत?
अकिता के दिल की धड़कन तेज़ हो गई। सपना अचानक धुंधला होने लगा। उसकी आँखें झटके से खुल गईं। वो अस्पताल के कमरे में थी। उसकी साँसें तेज़ चल रही थीं, और उसका शरीर पसीने से भीग चुका था।
उसने गहरी साँस ली और अपने चारों ओर देखा। सब कुछ शांत था। लेकिन उसका दिल अब भी तेज़ धड़क रहा था।
क्या वो सिर्फ एक सपना था? या कोई पुरानी याद, जो बार-बार उसके सामने आ रही थी?
लेकिन एक बात तय थी—वो सपना जितना दर्दनाक था, उतना ही सच्चा भी लगता था।
अकिता की बेचैनी
अकिता के हाथ काँप रहे थे। उसने अपनी हथेलियाँ कसकर भींच लीं, लेकिन दिल की धड़कनों को काबू में नहीं ला पाई। उसका पूरा शरीर अब भी उस सपने के एहसास में डूबा हुआ था।
उसने धीरे-धीरे करवट बदली और कमरे में चारों ओर नजर डाली। अस्पताल का सफेद कमरा, वो धीमी-धीमी बीप की आवाज़ जो मॉनिटर से आ रही थी, और खिड़की से झांकती हल्की चांदनी—सब कुछ शांत था। लेकिन उसके अंदर एक तूफान उठ रहा था।
"यह सपना था...
उसके मन में सवाल गूंजा। सपने की हर छवि इतनी साफ थी कि उसे लगा जैसे वो सच में वहाँ थी। बारिश, काली कार, वो रहस्यमयी लड़का, और फिर... वो हादसा।
उसने अपने सिर को दोनों हाथों से थाम लिया। "कौन था वो?" उसकी साँसें तेज़ हो गईं।