Baazi Kisi Ne Pyar Mein Jiti Ya Hari - 2 in Hindi Fiction Stories by S Sinha books and stories PDF | बाजी किसी ने प्यार की जीती या हारी - 2

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बाजी किसी ने प्यार की जीती या हारी - 2

Part 2 -   बाजी किसी  ने प्यार की जीती या हारी  


नोट - पिछले अंक में आपने कि अमित और रीना दोनों स्कूल के फाइनल एग्जाम दे चुके थे , अब आगे पढ़ें  …. 


कुछ दिनों के बाद स्कूल की परंपरा के अनुसार ट्वेल्फ्थ क्लास के स्टूडेंट्स की विदाई का दिन था    .इस समारोह का आयोजन इलेवंथ क्लास के स्टूडेंट्स करते थे   . उस दिन स्कूल का हॉल सजा था   .  टेबल पर भिन्न भिन्न प्रकार के स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक्स रखे थे   . म्यूजिक सिस्टम में धीमी आवाज में कभी बॉलीवुड सांग्स या म्यूजिक बजते तो कभी  ABBA के इंग्लिश गाने या अन्य धुनें बज रही थीं   . यहाँ भी  रीना और अमित ने एक साथ डांस किया था  . 


अब रीना और अमित दोनों को एग्जाम के परिणाम की प्रतीक्षा थी   . वे दोनों आगे की पढ़ाई का प्रोग्राम एक दूसरे से डिसकस करते   . दोनों के पेपर अच्छे गए थे और उन्हें अच्छे रिजल्ट की आशा थी   .


 रीना ने कहा “ मुझे पूरी उम्मीद है हर बार की तरह इस बार भी तुम्हारा रिजल्ट बहुत अच्छा होगा  . फिर आगे के लिए कुछ तो सोचा होगा  . “ 


“ सोचा तो बहुत कुछ है पर एक बार रिजल्ट तो आ जाने दो  . “  अमित बोला 


“ फिर भी तुमने कुछ तो मन में सोच रखा होगा  . और तुम्हारे मम्मी पापा ने भी तुम्हारे बारे में कुछ सोच रखा होगा  . “


“ मम्मी पापा तो मुझे इंजीनियरिंग पढ़ने के लिए कह रहे हैं  . उनका कहना है कि  IIT या किसी अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने के बाद चार साल में ही सैटल कर जाऊंगा पर  …. “ 


“ पर क्या ? “ बीच में बात काटते हुए रीना ने पूछा 


“ मैं सिविल सर्विसेज की सोच रहा हूँ  . “ 


“ ख्याल तो बहुत अच्छा है , आई ए एस या आई पी एस का रुतबा अलग ही होता है  . “ 


“ पर मैं  आई ए एस या आई पी एस नहीं बनना चाहता हूँ  . “ 


“ फिर सिविल सर्विसेज की क्यों सोच रहे हो ? “ 


“  आई ए एस या आई पी एस को मैंने अक्सर  नेताओं की फाइल ढोते या जी हजूरी करते देखा है  . अगर मैं कम्पीट कर सका और अच्छा रैंक आया तब मैं इंडियन फॉरेन सर्विसेज ज्वाइन करूंगा  . “ 


“ वाह बहुत अच्छा सोचा है तुमने , बेस्ट ऑफ़ लक  . “ 


“ अब तुम बताओ , आगे की पढ़ाई के बारे में तुमने क्या सोचा है  . “ 


“ यार , मैं तो एवरेज स्टूडेंट हूँ  . जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ कर संतोष कर लूंगी  . “ 


अमित ने कहा “ नो , मैं नहीं मानता  . सपने ऊंचे देखो और प्रयास करती रहो  . हमारे भूतपूर्व राष्ट्रपति कलाम साहब भी कहा करते थे  . “ 


“ अच्छा अब हमलोग मुंगेरी लाल के सपने देखना छोड़ कर हक़ीक़त पर आएं तो बेहतर है  . आज के लिए इतना ही काफी है  . “ 


“ ठीक है , अब हक़ीक़त पर आते हैं  . आई लव यू रीना  . “ 


“ आई लव यू टू  . पर  सपनों को साकार करने के लिए हमें कुछ और इंतजार करना होगा  .लेट अस कंप्लीट आवर स्टडी फर्स्ट  .  “


“ मैडम ने बिल्कुल सही फरमाया है  . तब हम दोनों एक ही प्लेटफार्म पर हैं  . बस कुछ दिनों का इंतजार है  .  “ 


“ अरे बाबा , अब मुंह में अंगुली डाल कर बोलवाना चाहते हो  .  चलो अब घर चलें  . “ 


दो महीने के अंदर  बोर्ड एग्जाम का रिजल्ट भी आ गया   .  रीना और अमित दोनों का रिजल्ट आ गया था  .  रीना की आशा के अनुसार अमित को बहुत अच्छे अंक मिले थे  . उसको राज्य में दूसरा स्थान मिला था  . रीना का भी रिजल्ट अच्छा था , अपने शहर में रीना का तीसरा  स्थान था  . दोनों ने एक दूसरे को मिल कर के बधाई दी  . 


अमित ने  IIT में कंपीट किया था  . उस  के माता पिता उसे आई आई टी दिल्ली  भेजना चाहते  थे पर अमित ने साथ में CUET ( कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट ) भी अच्छे स्कोर से कंपीट किया था  . इसके अतिरिक्त अमित ने  दिल्ली यूनिवर्सिटी के CSAS ( कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम ) के अंतर्गत सेंट स्टीफन कॉलेज दिल्ली को अपनी चॉइस में सेलेक्ट कर रखा था  .  वह स्टीफन से B . Sc ( Hon ) करना चाहता था  . अमित की माँ अमित की इच्छा के विरुद्ध नहीं थी पर उसके पापा नहीं मान रहे थे  . उनका कहना था कि एक निश्चित करियर छोड़ कर अनिश्चित की ओर जाना बेवकूफी है  . मैंने लोगों को तीन तीन साल सिविल सर्विसेज में बर्बाद करने के बाद फिर दफ्तर में बाबूगिरी करते देखा है  . 


अमित की माँ ने कहा “ क्यों बेटे को इस तरह हतोत्साहित करते हैं ? इसका इतना मन है और उसे इतना आत्मविश्वास है तब इसे एक मौका अवश्य मिलना चाहिए  . “ 


माँ बेटे दोनों के बहुत समझाने के बाद अमित के पापा किसी तरह इसके लिए तैयार हुए  . अमित ने पापा को भरोसा दिलाया कि वह बहुत मेहनत करेगा सिविल सर्विसेज में कंपीट करने की उम्मीद रखता है  ,आई ए एस या आई पी एस नहीं बन सका तो  कम से कम एलाइड सर्विसेज में जरूर अपनी जगह बना लेगा  .  


उधर रीना को पहले से ही पता था कि अमित इंजीनियरिंग  के करियर  में नहीं जाने वाला है   . रीना ने दिल्ली कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग में कंप्यूटर साइंस में एडमिशन लिया  जबकि अमित ने सेंत स्टीफेंस ज्वाइन किया . दोनों अब  दिल्ली में थे  . वे आपस में संपर्क में थे और बीच बीचमें कभी    मिलते जुलते भी थे हालांकि अपनी अपनी पढ़ाई में व्यस्त रहने के चलते दोनों का मिलना जुलना कम हो गया था   . 


रीना अक्सर लम्बी छुट्टियों में अपने घर चली जाती थी पर अमित ज्यादातर दिल्ली में ही रह जाता था  . वह अपनी सिविल सर्विसेज के लिए अतिरिक्त पढ़ाई या कोचिंग लिया करता था  . अगर घर जाता भी तो एक सप्ताह के अंदर ही लौट आता था  . अमित की प्राथमिकता इंडियन फॉरेन सर्विसेज थी इसलिए वह अन्य भाषाएँ भी सीख रहा था जिसमें उर्दू भी था  .   


देखते देखते दोनों को दिल्ली आये तीन साल बीत गए   . रीना फाइनल ईयर इंजीनियरिंग में थी . अमित ने रीना से कहा “  अगले सप्ताह मैं सिविल सर्विसेज के प्रीलिम्स एग्जाम में बैठने जा रहा हूँ  . अगर क्वालीफाई न भी किया तब कम से कम कुछ एक्सपीरियंस तो हो ही जायेगा  .  .  “ 


“ गुड आइडिया   . पर प्रिलिम्स में तुम्हारे क्वालीफाई  नहीं करने का प्रश्न ही नहीं उठता है  .  “ 


“  अच्छा देखा जायेगा , फिलहाल एक सप्ताह तक मैं बहुत बिजी रहूंगा सो तब तक के लिए गुड बाय  . “ 


“ ओके , बेस्ट ऑफ़ लक  . गुड बाय  . “


जब एक सप्ताह के बाद अमित का प्रीलिम्स समाप्त हुआ रीना ने उसे  फोन कर के पूछा “ होप तुम्हारा प्रीलिम्स बहुत अच्छा हुआ होगा  . “ 


“ हाँ , मैं  तो यही उम्मीद करता हूँ , आगे भगवान की मर्जी  . “ 


“ रिजल्ट कब तक आएगा ? “ 


“  आमतौर पर करीब तीन सप्ताह के बाद आ जाता है  . “ 


तीन सप्ताह के बाद अमित के प्रीलिम्स का रिजल्ट भी आ गया  . अमित प्रीलिम्स में क़्वालीफाई कर गया था  . रीना को अमित ने यह सूचना दी तब वह बहुत खुश हुई और उसने बधाई  देते हुए पूछा “ तब अब मेन एग्जाम की तैयारी में लगना  होगा  . वह कब तक होगा ? “ 


“ लगभग तीन महीने बाद होना चाहिए  . नॉर्मली सितम्बर - अक्टूबर में होता है  . “ 


“ चलो अभी से मेन्स के लिए एडवांस में  हार्दिक शुभकामनाएं  . “ 


“ थैंक्स पर मेन्स बहुत टफ होता है  . “  अमित ने कहा 


“ मुझे तुम पर पूरा भरोसा है तुम मेन्स भी निकाल लोगे  . “ 


“ कोशिश तो करता रहूंगा , कुछ दिनों तक और बहुत बिजी रहूंगा  . “ 


“ मुझसे न बात करने का या न मिलने का अच्छा बहाना मिल गया तुम्हें  . “  रीना ने कहा 


“ ऐसा नहीं सोचना  . क्या तुम नहीं चाहोगी कि मैं मेन्स में भी अच्छा कर पाऊं ? “ 


“ ऐसा तुमने  सोच भी कैसे लिया  ? “ 


“ सॉरी , मेरा वह मतलब नहीं था  . चलो आइसक्रीम खा कर मूड फ्रेश करते हैं  . “ 

 

क्रमशः  

नोट - यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है